संत रविदास जी ने कहा है कि:- रैदास हमारो रामजी, दशरथ सुत नाहिं। राम हमारे मंही रहे, बिसब कुटुम्ब मांही।। संत रैदास जी ने साफ कहा है कि मेरा राम दशरथ पुत्र राम नहीं है बल्कि मेरा राम तो मेरे भीतर है जो कि पूरे विश्व कुटुम्ब में छाया हुआ है यानी प्रकृति को ही राम कहा है।
ईस संसार मे जोभी गुरु(गोड मैसेंजर)बने हुये हैं सब परमात्मा की आङ मे खुद कोही चमकाते हैं चेलों की कमाई पर संसार के सुख भोगते हैं और ब्रैन वाश करके चेलों को ताजीवन गुलाम बनाकर उनपर राज करते हैं।क्या कल्याण होगा मन घङंत ग्रंथ शास्त्रों की कहानी और चुटकुले सुनकर ?? परम गुरु तो परमात्मा(नि:शब्द) ही है वह बिमारी का ज्ञान नहीं देता बिना किसी भी तरह के भेद भाव के मनुष्य ही नहीं समस्त चराचर के शुन्य ,तत्त्व ,अतत्व,सजीव निर्जीव पिंड ब्रह्मंड जोभी उसकी शरण मे आजाये उसे निरबन्ध करके प्रकर्ति के माया जाल से मुक्त कर देते हैं। शरीर व मन से अनुभव में आनेवाले सब शुन्य से उत्पन्न होकर शुन्य में ही समाजाते हैं। सजीव या निर्जीव --जीव अवस्था ही है जो ऐक दूसरे पर आधारित हैं अर्थात सब परजीवी।आत्मनिर्भर कोई नहीं।जीव अवस्था द्वैत तथा अद्वैत वाली होती है पर आत्मिक अवस्था द्वैत अद्वैत से पार की अवस्था है। समरस,भेदभाव रहित, अजर,अमर,अखन्ड, अविनाशी, अजन्मा, विदेही, सर्व व्यापक, सर्व समर्थ,अकर्ता, सबका आधार सर्जन विसर्जन से परे,निर्लिप्त, निर्मोही अवस्था है। *नि: शब्द* ही ऐसा हैअन्य कोई नहीं। सावधान परमात्मा स्वयं परम गुरु है उसके लिए किसी मनुष्य देवी देवता पीर पैगम्बर अवतार को गुरु बना वो गे तो जबरदस्त धोका खाओगे। जितना जल्दी हो सके मन से इस तरह के गुरूवों को त्याग दें इसी में आपका कल्याण है नहीं तो गुरु महिमा पढा पढा कर तथा मन घङंत कहानी किस्से चुटकुले सुना कर जीवन का अमुल्य समय बर्बाद करके परमात्मा से बहुत दूर कर देंगे
तुम लोगों को ब्राह्मणों द्वारा रचित ऊंचनीच छूआछूत, पाखण्ड, मूर्ति पूजा, कर्मकांड, हवन यज्ञ सही लगते हैं और काल्पनिक कहानियों के पात्रों को भगवान बनाकर लोगों को बेवकूफ बना रखा है। एक हजार साल से पंडे लोग धर्म के ठेकेदार बनकर मंदिरों से अरबों रुपए कमा रहें हैं, कथावाचक बनकर करोड़ों रुपए कमा रहें हैं। धर्म को धंधा बना रखा है ब्राह्मणों ने और समाज के एक बड़े वर्ग को जो कि बौद्ध धर्मी था उसको तेरहवीं सदी ईस्वी से अछूत बना दिया है। लेकिन तुम लोगों दलित, पिछड़े वर्गों संत जिन्होंने हमेशा दया,करूणा, प्रेम, शील, समाधी और समानता की बात की, ऊंचनीच छूआछूत जाति व्यवस्था, वर्ण व्यवस्था का विरोध किया वे तुमको पाखंडी लग रहें हैं। राज रानी लोग भी शिष्य थे रविदास जी के। तुलसी दास ने कितनी गालियां दी है दलित पिछड़ों को और ब्राह्मण को जन्म से सर्वश्रेष्ठ बताया है और उनको पूजनीय बताया है चाहे वो कितना भी मक्कार, धुर्त और अमानवीय क्यों न हो। गोरख, रैदास और कबीर ने भगवान बुद्ध के मार्ग को ही अपनी वाणियों से लोगों तक पहुंचाया है।। संत रैदास की आज छ सौ साल पहले इतनी आधुनिक सोच थी जिन्होंने जाति व्यवस्था और वर्ण व्यवस्था का विरोध किया। मंदिर, मस्जिद, मूर्ति पूजा का विरोध किया। वे कहते हैं:- का मथुरा का द्वारिका,का काशी हरिद्वार। रैदास खोजा दिल आपणा तऊ मिला दिलदार।। मस्जिद सुं कछु घिन नाहीं, मंदिर सु नाहीं प्यार। दोनों मंही अल्लाह राम नाहीं, कहे रैदास चमार।। और श्रम करने हेतु कहते हैं:- श्रम को ईश्वर जान कर, जो पूजे दिन रैन। रैदास तिन्हहिं संसार में, मिले सदा सुख चैन।। गुलामी के बारे में कहते हैं:- पराधीनता पाप है, जान लेउ रे मीत। रैदास दास पराधीन सों, कौन करे रे प्रीत।। जाति और वर्ण व्यवस्था पर कहते हैं:- जाति जाति में जाति है, ज्यों केतन के पात। रैदास मानुष ना जुड़ सके, जब तक जाति ना जात।। जन्म जात मत पूछिए, का जात अरू पात। रैदास पूत सब प्रभू के, कोई नहीं जात कुजात।। जन्म जात के कारणे, होत ना कोउ नीच। नर कुं नीच करि डारि है, ओछे करम की कीच।। वर्ण व्यवस्था पर कहते हैं:- रैदास एक ही बुंद से, भयो सब विस्तार। मूरख हैं जो करत हैं, वरण अवरण विचार।। ब्राह्मणों की जन्म जात श्रेष्ठता को नकारते हुए कहते हैं :- ब्राह्मण मत पूजिए, जो होवै गुणहीन। पूजिए चरण चाण्डाल के, जो होवै गुण प्रवीण।। हिन्दू मुस्लिम पर कहते हैं:- तुर्कन सुं कर दोस्ती, हिंदुअन सुं कर प्रीत। दोनों मंही कछु भेद नाहिं, दोनो अपने मीत।।
Super singer ❤ satsaheb ❤ satsaheb ❤❤
बहुत बढ़िया बाणी हे सा राम जी राम
kya bat h awaj ati sunder ji
राम राम जी धन्यवाद
Satsaheb
जबरदस्त वाणी वाह बुधराम जी
राम राम जी धन्यवाद
बहुत बढ़िया बुधराम जी बहुत बढ़िया गुरु महिमा के भजन के लिए
राम राम जी धन्यवाद आपका
शिरोमणि संत रविदास जी की जय बुद्धा राम जी गायक लख लख वार वंदना जियो हजारों वर्ष
राम राम जी बहुत बहुत धन्यवाद जी आपका
Sat saheb ji 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
श्री श्री 1008 श्री संत शिरोमणि गुरु रविदास जी महाराज के चरणों में प्रणाम भजन गाने वाले महाराज को भी धन्यवाद गुरुदेव का आशीर्वाद हरदान बना रहे
बहुत शानदार बढ़िया रविदास जी की
संत साहेब जी
राम राम जी धन्यवाद आपका( नया साल आपके जीवन मे खुशियां लेकर आए
सन्त श्री रविदास जी की जय हो....
जय हो बुधराम जी
राम राम जी धन्यवाद
Sat Saheb g
Wa sa Man ko santi mil gai Sun k
राम राम जी धन्यवाद
Sant ravidas ji ke charanon Mein Koti Koti pranam
Jay ho gurudev ravidas ji ki Jay ho
संत रविदास जी ने कहा है कि:-
रैदास हमारो रामजी, दशरथ सुत नाहिं।
राम हमारे मंही रहे, बिसब कुटुम्ब मांही।।
संत रैदास जी ने साफ कहा है कि मेरा राम दशरथ पुत्र राम नहीं है बल्कि मेरा राम तो मेरे भीतर है जो कि पूरे विश्व कुटुम्ब में छाया हुआ है यानी प्रकृति को ही राम कहा है।
झजंरजझ़ररझंझ़रझंझ़झ़ततझंझझझजथजथथजथजथथथजतजथंथं के
Vah Santo vah
Jai satgúru Ravidas mahraj ji
राम राम जी धन्यवाद आपका
जय हो बावजी अमर होजयाऔ बहुत ही सुन्दर भजन बाणी जिऔ संता न सत सत नमन 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
राम राम जी धन्यवाद
बहुत ही बढिया धन्यवाद है आप को राधे कृष्णा राधे कृष्णा सरदार शहर से
जय गूरु रोईदाश महाराज 💙💙💙💙💙💙💙🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Budaram ji ram ram Mahavira Ki taraf se Rambagh
Ye bhajan sunke man ko shaanti hoti
राम राम जी धन्यवाद आपका🙏🙏
वाह सा जोर दार ह वाणी
राम राम जी धन्यवाद
बुधराम जी खोडा जी बहुत सुन्दर आवाज
Jai baba ladhunath ji jai baba kirapanath ji jai baba lumanath ji
सत साहेब जय गुरुदेव
राम राम जी धन्यवाद
वाह जी वाह संतो
राम राम जी धन्यवाद
🙏👌 अति सुन्दर वाणी
संत श्री शिरोमणि गुरु रविदास महाराज कि जय हो
Jay rvidas
सत साहेब
राम राम जी धन्यवाद आपका( नया साल आपके जीवन मे खुशियां लेकर आए
Shri shri Ravidas ji 1008
vah ji vah! bhut hi nice bhajn
राम राम जी धन्यवाद
सुपर सुन्दर शानदार
काबिलेतारिफ बाणी, सुपरहिट, गायकी,
जय गुरू रविदास जी
राम राम जी धन्यवाद
हरीॐ बहुत ही अच्छी वाणी
राम राम जी धन्यवाद
kya bat h ji aap bi naice bolte ho ji
राम राम जी बहुत बहुत धन्यवाद जी आपका
Nice video
राम राम जी धन्यवाद आपका🙏🙏
Good bhajan bolo satguru Dev Ji ki jay
राम राम जी राम राम धन्यवाद
@@MRSONI_MUSIC ê
Jai Guru Ravidass Ji Dhan Guru dev Ji
🌹🙏।। हरि ओम।।🙏🌹
Super song
राम राम जी धन्यवाद आपका🙏🙏
जय जय जय श्री महाराज रविदास जी अपनी दया मुझ पर और सभी सत्संग प्रेमी पर बनाये रखना जय गुरु देव 🙏🙏
Sunder vani
Ram ram ram ram ram🙏
Mon Nagaland se
श्लोक में भी हेराफेरी है
वाह वाह वाह जी
राम राम जी धन्यवाद
Jai Shri krishna jai Shri rade rade 🍇🍇🍇🍇🍇🍎🍎🍎🍎🍎🍒🍒🍒🍒🍒🥦🥦🥦🥦🥦🍓🍓🍓🍓🍓🍌🍌🍌🍌🍌🥝🥝🥝🥝🥝🥥🥥🥥🥬🥬🥬🍉🍉🍉🍉🍉
राम राम जी धन्यवाद आपका
जय हो
राम राम,
Ram ji maharaj
रमता राम रमता राम रमता राम सुंदर भजन
राम राम जी धन्यवाद
Very Very nice
राम राम जी धन्यवाद
Jay gurudev ji❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
Sat Sahib ji
धन्यवाद जी राम राम🙏🙏🙏🙏🙏
इसी राग पर भजन सुनाए
जोरदार शानदार है
@@bhooraramrangi685 bilkul Shi likha h aapne
जय श्याम शत स्वागत जय गुरु देव
राम राम जी धन्यवाद
जय गुरु देव जी
राम राम जी धन्यवाद
👏👏
ईस संसार मे जोभी गुरु(गोड मैसेंजर)बने हुये हैं सब परमात्मा की आङ मे खुद कोही चमकाते हैं चेलों की कमाई पर संसार के सुख भोगते हैं और ब्रैन वाश करके चेलों को ताजीवन गुलाम बनाकर उनपर राज करते हैं।क्या कल्याण होगा मन घङंत ग्रंथ शास्त्रों की कहानी और चुटकुले सुनकर ??
परम गुरु तो परमात्मा(नि:शब्द) ही है वह बिमारी का ज्ञान नहीं देता बिना किसी भी तरह के भेद भाव के मनुष्य ही नहीं समस्त चराचर के शुन्य ,तत्त्व ,अतत्व,सजीव निर्जीव पिंड ब्रह्मंड जोभी उसकी शरण मे आजाये उसे निरबन्ध करके प्रकर्ति के माया जाल से मुक्त कर देते हैं।
शरीर व मन से अनुभव में आनेवाले सब शुन्य से उत्पन्न होकर शुन्य में ही समाजाते हैं। सजीव या निर्जीव --जीव अवस्था ही है जो ऐक दूसरे पर आधारित हैं अर्थात सब परजीवी।आत्मनिर्भर कोई नहीं।जीव अवस्था द्वैत तथा अद्वैत वाली होती है पर आत्मिक अवस्था द्वैत अद्वैत से पार की अवस्था है।
समरस,भेदभाव रहित, अजर,अमर,अखन्ड, अविनाशी, अजन्मा, विदेही, सर्व व्यापक, सर्व समर्थ,अकर्ता, सबका आधार सर्जन विसर्जन से परे,निर्लिप्त, निर्मोही अवस्था है। *नि: शब्द* ही ऐसा हैअन्य कोई नहीं।
सावधान परमात्मा स्वयं परम गुरु है उसके लिए किसी मनुष्य देवी देवता पीर पैगम्बर अवतार को गुरु बना वो गे तो जबरदस्त धोका खाओगे। जितना जल्दी हो सके मन से इस तरह के गुरूवों को त्याग दें इसी में आपका कल्याण है नहीं तो गुरु महिमा पढा पढा कर तथा मन घङंत कहानी किस्से चुटकुले सुना कर जीवन का अमुल्य समय बर्बाद करके परमात्मा से बहुत दूर कर देंगे
राम राम जी धन्यवाद
तुम लोगों को ब्राह्मणों द्वारा रचित ऊंचनीच छूआछूत, पाखण्ड, मूर्ति पूजा, कर्मकांड, हवन यज्ञ सही लगते हैं और काल्पनिक कहानियों के पात्रों को भगवान बनाकर लोगों को बेवकूफ बना रखा है। एक हजार साल से पंडे लोग धर्म के ठेकेदार बनकर मंदिरों से अरबों रुपए कमा रहें हैं, कथावाचक बनकर करोड़ों रुपए कमा रहें हैं। धर्म को धंधा बना रखा है ब्राह्मणों ने और समाज के एक बड़े वर्ग को जो कि बौद्ध धर्मी था उसको तेरहवीं सदी ईस्वी से अछूत बना दिया है। लेकिन तुम लोगों दलित, पिछड़े वर्गों संत जिन्होंने हमेशा दया,करूणा, प्रेम, शील, समाधी और समानता की बात की, ऊंचनीच छूआछूत जाति व्यवस्था, वर्ण व्यवस्था का विरोध किया वे तुमको पाखंडी लग रहें हैं। राज रानी लोग भी शिष्य थे रविदास जी के। तुलसी दास ने कितनी गालियां दी है दलित पिछड़ों को और ब्राह्मण को जन्म से सर्वश्रेष्ठ बताया है और उनको पूजनीय बताया है चाहे वो कितना भी मक्कार, धुर्त और अमानवीय क्यों न हो। गोरख, रैदास और कबीर ने भगवान बुद्ध के मार्ग को ही अपनी वाणियों से लोगों तक पहुंचाया है।।
संत रैदास की आज छ सौ साल पहले इतनी आधुनिक सोच थी जिन्होंने जाति व्यवस्था और वर्ण व्यवस्था का विरोध किया। मंदिर, मस्जिद, मूर्ति पूजा का विरोध किया।
वे कहते हैं:-
का मथुरा का द्वारिका,का काशी हरिद्वार।
रैदास खोजा दिल आपणा तऊ मिला दिलदार।।
मस्जिद सुं कछु घिन नाहीं, मंदिर सु नाहीं प्यार।
दोनों मंही अल्लाह राम नाहीं, कहे रैदास चमार।।
और श्रम करने हेतु कहते हैं:-
श्रम को ईश्वर जान कर, जो पूजे दिन रैन।
रैदास तिन्हहिं संसार में, मिले सदा सुख चैन।।
गुलामी के बारे में कहते हैं:-
पराधीनता पाप है, जान लेउ रे मीत।
रैदास दास पराधीन सों, कौन करे रे प्रीत।।
जाति और वर्ण व्यवस्था पर कहते हैं:-
जाति जाति में जाति है, ज्यों केतन के पात।
रैदास मानुष ना जुड़ सके, जब तक जाति ना जात।।
जन्म जात मत पूछिए, का जात अरू पात।
रैदास पूत सब प्रभू के, कोई नहीं जात कुजात।।
जन्म जात के कारणे, होत ना कोउ नीच।
नर कुं नीच करि डारि है, ओछे करम की कीच।।
वर्ण व्यवस्था पर कहते हैं:-
रैदास एक ही बुंद से, भयो सब विस्तार।
मूरख हैं जो करत हैं, वरण अवरण विचार।।
ब्राह्मणों की जन्म जात श्रेष्ठता को नकारते हुए कहते हैं :-
ब्राह्मण मत पूजिए, जो होवै गुणहीन।
पूजिए चरण चाण्डाल के, जो होवै गुण प्रवीण।।
हिन्दू मुस्लिम पर कहते हैं:-
तुर्कन सुं कर दोस्ती, हिंदुअन सुं कर प्रीत।
दोनों मंही कछु भेद नाहिं, दोनो अपने मीत।।
Very nice
राम राम जी राम राम धन्यवाद
बहुतबहुतबडीयाजीवोशनताजयहो
राम राम जी धन्यवाद आपका🙏🙏
Good
राम राम जी बहुत बहुत धन्यवाद जी आपका
जय सतगुरु साहेब
राम राम जी धन्यवाद
Konsi kitab me ye vani he jarur batana jay ho 🙏 Maharaj Jay ho 🙏 super vani 👌👌🙏🙏
ॐॐॐॐॐ
राम राम जी धन्यवाद आपका
@@MRSONI_MUSIC राम राम जी
हरे संतो
राम राम जी धन्यवाद
Jai guru Ravidass ji
राम राम जी धन्यवाद
❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
Ram ram Ji
राम राम जी धन्यवाद
❤❤❤🎉🎉🎉🎉😂😂😂
Jay shree ram
❤❤❤❤
Sat saheb ji
राम राम जी धन्यवाद
संतो ने मेरा प्रणाम है
राम राम जी राम राम धन्यवाद
data ki jay ho
राम राम जी धन्यवाद
आपकी आवाज बहुत ही सुन्दर है
😊😊
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Santan ko Mera Pranam hai
राम राम जी धन्यवाद
❤❤😂😂🎉🎉😢😮😅😊
Parmod
Kk
Ram
Ramji
राम राम जी बहुत बहुत धन्यवाद जी आपका
@@MRSONI_MUSIC य
जय श्री राम
RadhaSwami ji
बहुत बहुत धन्यवाद जी राम राम
Ram ji Maharaj
धन्यवाद जी राम राम
जय हो संत रविदास जी की वा बुधाराम जी
🙏🙏🙏🙏🏽
कृपया इस भजन को लिखित में भेजो
राम राम जी धन्यवाद आपका🙏🙏
श्रीनाथ जी गुरु जी को आदेश 3
राम राम जी धन्यवाद
Nice
राम राम जी राम राम धन्यवाद
Amar ho jao the
🥰🥰❤️❤️🤣🤣🤣
Lokeshsingh
एक बात पर अटल रहना चाहिए। जब निचा ऊंचा नहीं तो ऊंचे घर में अभिमान व नीचे घर में सलाम क्यों??
👌👌👌👌👌✌✌✌
राम राम जी धन्यवाद
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देशी भजन गायक भेराराम बरवड़ डबोई
Har ki haat ne dunia ko dubodia ji pujari lekebethgea
नीचा घर का मतलब?
चन्द्र
राम राम जी धन्यवाद आपका