जिनको लगता है शिक्षकों की कोई भूमिका नहीं है तो कुछ तथ्य रखता हूं की शिक्षक ने अपने कार्य के साथ साथ क्या क्या किया- देश में जितनी जनगणना हुई उसके लिए कोई कर्मचारी नही था 80% कर्मचारी की जगह शिक्षकों ने ही काम किया है। आज देश की आबादी की रफ्तार कंट्रोल हुई क्योंकि परिवार नियोजन के प्रचार प्रसार में शिक्षकों की भूमिका महत्वपूर्ण थी। देश पोलियो मुक्त घोषित हुआ, जिसकी 80% जिम्मेदारी शिक्षकों ने निभाई। देश में जो चुनाव निर्बाध हो जा रहे है उसके पीछे भी शिक्षक की भूमिका महत्वपूर्ण हैं। देश की निरक्षरता की दर कम करने के पीछे इन्ही शिक्षकों का योगदान है। प्रौढ़ शिक्षा का अभियान इन्ही शिक्षकों ने चलवाया संचारी रोको को कंट्रोल करने में भी इनका महत्वपूर्ण योगदान है। बच्चों के कुपोषण की दर कम करने में भी इनका योगदान है। देश में शिशु मृत्यु दर कम हुई उसमे भी शिक्षकों का योगदान है। बाढ़ या कोई भी प्राकृतिक आपदा हो उसे संभालने में भी इनका महत्वपूर्ण योगदान है। कोरोना में जब सब मौत के डर से घरों में छिपे थे तो यही शिक्षक घर घर जा कर जांच किए है दवा पहुचाई है। हेल्पलाइन से आपका हाल जान कर आपको हिम्मत देने वाले यही शिक्षक थे। जितने भी सेंटर थे उसकी देखभाल में यही शिक्षक थे। लोग भूखे न मरे इसलिए यही शिक्षक बैठ कर राशन बंटवाए है। मेला हो या धार्मिक उत्सव पुलिस के साथ मिल कर यही शिक्षक व्यवस्था बनाते हैं। अब क्या क्या बताएं समाज में शिक्षकों के।प्रति दुर्भाव भर दिया गया है । खैर...... जो भी कार्य गिनाए हैं इनमे से कोई भी कार्य शिक्षक का नही है। आपका अनुज विवेकानंद संथापक एवम अध्यक्ष टीचर्स सेल्फ केयर टीम उत्तर प्रदश
जिनको लगता है शिक्षकों की कोई भूमिका नहीं है तो कुछ तथ्य रखता हूं की शिक्षक ने अपने कार्य के साथ साथ क्या क्या किया- देश में जितनी जनगणना हुई उसके लिए कोई कर्मचारी नही था 80% कर्मचारी की जगह शिक्षकों ने ही काम किया है। आज देश की आबादी की रफ्तार कंट्रोल हुई क्योंकि परिवार नियोजन के प्रचार प्रसार में शिक्षकों की भूमिका महत्वपूर्ण थी। देश पोलियो मुक्त घोषित हुआ, जिसकी 80% जिम्मेदारी शिक्षकों ने निभाई। देश में जो चुनाव निर्बाध हो जा रहे है उसके पीछे भी शिक्षक की भूमिका महत्वपूर्ण हैं। देश की निरक्षरता की दर कम करने के पीछे इन्ही शिक्षकों का योगदान है। प्रौढ़ शिक्षा का अभियान इन्ही शिक्षकों ने चलवाया संचारी रोको को कंट्रोल करने में भी इनका महत्वपूर्ण योगदान है। बच्चों के कुपोषण की दर कम करने में भी इनका योगदान है। देश में शिशु मृत्यु दर कम हुई उसमे भी शिक्षकों का योगदान है। बाढ़ या कोई भी प्राकृतिक आपदा हो उसे संभालने में भी इनका महत्वपूर्ण योगदान है। कोरोना में जब सब मौत के डर से घरों में छिपे थे तो यही शिक्षक घर घर जा कर जांच किए है दवा पहुचाई है। हेल्पलाइन से आपका हाल जान कर आपको हिम्मत देने वाले यही शिक्षक थे। जितने भी सेंटर थे उसकी देखभाल में यही शिक्षक थे। लोग भूखे न मरे इसलिए यही शिक्षक बैठ कर राशन बंटवाए है। मेला हो या धार्मिक उत्सव पुलिस के साथ मिल कर यही शिक्षक व्यवस्था बनाते हैं। अब क्या क्या बताएं समाज में शिक्षकों के।प्रति दुर्भाव भर दिया गया है । खैर...... जो भी कार्य गिनाए हैं इनमे से कोई भी कार्य शिक्षक का नही है। आपका अनुज विवेकानंद संथापक एवम अध्यक्ष टीचर्स सेल्फ केयर टीम उत्तर प्रदश
Sab private schl me apne bachho ko isliye padhwate hain kyuki unka bachha private school me light saaf Pani ki vyawastha hoti hai. Govt schl me light nhi ati. Ap 1 hour bina fan wale room me baith k apne bachhe ko pdha k dekhna. Samajh a jayga ki ap kitna pdha sakte ho aur apka bachha kitna pdh sakta hai garmi mein. Dusri bat private schl k tchr ko pdhane k alawa aur koi kam nhi hota Primary tchr ko mid day meal, BLO, parchi banwana, parivar survey, tikakaran, govt ki scheme, board exam duty jaise 75 kam hote hain Usk bad bolte hain ki sarkari schl me padhayi nhi hoti. Pdhayi kaha se hogi jb 75 kam honge..
@@PavanKaushal09 क्या चुटिया तर्क दिया है...भाई जुलाई, अगस्त, सितंबर, में सबसे ज्यादा गर्मी....उसके बाद अक्टूबर, नवंबर, दिसंबर, जनवरी, फरवरी, मार्च में ठंड....कौन सा फैन आपके लिए चाहिए अंग्रेज़
@@Sandeepsingh-ps6xj mar April adha may me garmi padne lagti hai. Usk bad pura July August September tk achhi umas wali garmi padhti hai. Kya itne mahine tk bina light k dhang se pdhayi ho sakti hai. Aisi kon si bank hai jaha fan AC aur genrator n lga ho.
इनकी मांगे कभी खत्म नहीं होंगी ये सब गुरूजी नेता जी बन गये है बिलकुल सरकारी स्कूल में पढ़ाई नहीं होती है कम्पोजिट खा रहे है गरीब बच्चों की हाय इन्हे जीने नहीं देगी, इनके खुद के बच्चे फर्स्ट क्लास स्कूल में जाते है, ये सब समाजवादी पार्टी में जाने वाले है,
365 din me se 120+ holiday hota h teachers ka. baaki mahine me 2 half day or exam ke din bhi half-day hi hota h.. or kitni chhuti chahiye inko. 5 ghante ke school me 2-3 ghante padata h 1 teacher. gjb moz hori😅😅😅
To jaake mantri ko bol na pahle ki apne bachche bharat me padhaye videsh me nahi, ilaaj bharat me karayen videsh me nahi. Chaudhary ban Raha idhar. Tab choch kyu band ho jaati hai tere jaiso ki ? Waha bolne me fat ti hai kya ?
इन सभी अध्यापकों की माँग ने ये बात क्लीयर कर दी ये लोग स्कूल में देर से और जल्दी वापस आना और स्कूल नहीं भी जाते हैं क्यों की आज तक कोई दिक्कत नहीं थी अब अचानक से इनको इतनी समस्या हो गयी बाबा जी ये नियम बहुत सही किया हम बाबा जी के साथ है primary school में गरीब के बच्चे पड़ते हैं उनका भला ऐसे ही होगा। मैं बीजेपी के साथ हुँ वोट भी दूंगा अगर ये नियम लागू होता है
*उपभोक्तओं को नोचकर 40 लाख कमाकर 4 लाख की इनकम दिखाकर tax की चोरी करने वाले,पढ़ाई लिखाई के समय पढ़ाई न करके सिटियाबाजी करने और साइकिल की छुछि बेंचकर पट्टी खाने वाले,खलिहर बैठने वाले निकम्मों,फुंचडी,चोट्टों :मास्टर को बेईमान मत बोलना!* कभी सुने हो कि किसी शिक्षक के घर कालाधन पकड़ा गया?शिक्षक अगर घर बनवाया या मकान,दुकान या प्लाट या गाड़ी घोड़ा खरीदा भी तो अपनी मेहनत की कमाई से या फिर बैंक से लोन लेकर।पता कर लेना हर शिक्षक लोन के बोझ तले है और सम्मान व स्वाभिमान से जी रहा है।यही तुम निकम्मों को अखर रहा है। जबकि तुम लोग जरा सी भी सख्ती पर शटर गिराकर अंडरग्राउंड हो जाते हो।।---- *अपनी बहन या बेटी की अगर शादी करनी हो तो सबसे पहले मुंह उठाकर जीजा व दामाद बनाने के लिए मास्टर ही ढूंढते हो जिससे तुम्हारी बहन बेटी आराम से चौड़ियाकर जीवन जी सके।और दिन भर Tv में आंखे फोड़ सके।और गाली दोगे शिक्षकों को!* 😡😡😡😡 पहले जमाने वाले मास्टर मत समझना! *पहले छेड़ेंगे नहीं और बाद में अगर अपमानजनक टिप्पणी पूरे शिक्षक समाज को लेकर किये तो जबान हलक से नोच लेंगे।*😡😡😡😡 नोट--- उक्त पोस्ट उन मानसिक रूप से विकलांग,जाहिल निकम्मे चोट्टों के लिए है जो शिक्षकों की परिस्थिति व व्यवहारिक मूलभूत मांगे जाने व समझे बिना एकतरफा सिर्फ बुराई कर रहे हैं।बाकी अन्य लोग अन्यथा मत लेना।और ले भी लोगे तो कौन सा तुम्हारे वहां हम शिक्षक मांगने जाते हैं जो नहीं मिलेगा।। ---
जिनको लगता है शिक्षकों की कोई भूमिका नहीं है तो कुछ तथ्य रखता हूं की शिक्षक ने अपने कार्य के साथ साथ क्या क्या किया- देश में जितनी जनगणना हुई उसके लिए कोई कर्मचारी नही था 80% कर्मचारी की जगह शिक्षकों ने ही काम किया है। आज देश की आबादी की रफ्तार कंट्रोल हुई क्योंकि परिवार नियोजन के प्रचार प्रसार में शिक्षकों की भूमिका महत्वपूर्ण थी। देश पोलियो मुक्त घोषित हुआ, जिसकी 80% जिम्मेदारी शिक्षकों ने निभाई। देश में जो चुनाव निर्बाध हो जा रहे है उसके पीछे भी शिक्षक की भूमिका महत्वपूर्ण हैं। देश की निरक्षरता की दर कम करने के पीछे इन्ही शिक्षकों का योगदान है। प्रौढ़ शिक्षा का अभियान इन्ही शिक्षकों ने चलवाया संचारी रोको को कंट्रोल करने में भी इनका महत्वपूर्ण योगदान है। बच्चों के कुपोषण की दर कम करने में भी इनका योगदान है। देश में शिशु मृत्यु दर कम हुई उसमे भी शिक्षकों का योगदान है। बाढ़ या कोई भी प्राकृतिक आपदा हो उसे संभालने में भी इनका महत्वपूर्ण योगदान है। कोरोना में जब सब मौत के डर से घरों में छिपे थे तो यही शिक्षक घर घर जा कर जांच किए है दवा पहुचाई है। हेल्पलाइन से आपका हाल जान कर आपको हिम्मत देने वाले यही शिक्षक थे। जितने भी सेंटर थे उसकी देखभाल में यही शिक्षक थे। लोग भूखे न मरे इसलिए यही शिक्षक बैठ कर राशन बंटवाए है। मेला हो या धार्मिक उत्सव पुलिस के साथ मिल कर यही शिक्षक व्यवस्था बनाते हैं। अब क्या क्या बताएं समाज में शिक्षकों के।प्रति दुर्भाव भर दिया गया है । खैर...... जो भी कार्य गिनाए हैं इनमे से कोई भी कार्य शिक्षक का नही है। आपका अनुज विवेकानंद संथापक एवम अध्यक्ष टीचर्स सेल्फ केयर टीम उत्तर प्रदश
कोई पढ़ाना ही नहीं चाहता है, सब यही चाहते हैं कि छुट्टी बढ़ा दिया जाए, वेतन बढ़ा दिया जाए, काम कम कर दिया जाए, सुविधा बढ़े, महंगाई भत्ता बढ़े। पहले कहेंगे बेरोजगारी है, बहाली नहीं हो रही है। नौकरी मिलने पर सरकार हमारी मांग नही मान रही है। ये क्यों नहीं कहते कि काम नहीं करेगें और वेतन बढ़ा बढ़ा कर मिले।
Sarkari sikshak k hi bachhe kyu pde apki responsibility kya bs Comment krne bhr ki h ap b apne bachho ka najdik k primary school me admission kraye aur jis prakar private school me bachhe ki hr choti bat ka dhyan rkhte h gvmt. School me rkhe kyu change nhi aayega sari responsibility kya teacher ki hi h apki kuch nhi ek phl ap b kijiye
शिक्षा मित्रों और अनुदेशकों का नियमितीकरण भी करें यह भी मांग शामिल है शिक्षकों के पास तो 14 कल है 1 साल का मेडिकल है लेकिन शिक्षामित्र के पास 11 cl है 11 महीने का मानदेय कोई भी मेडिकल सुविधा नहीं दी जाती क्या शिक्षामित्र अनुदेशक बीमार नहीं होता क्या
सारी समस्या शिक्षकों के ही साथ है और किसी विभाग के कर्मचारी के साथ नहीं ।।आज अधिकांश के पास बाइक है 30 सल पहले ज्यादातर अध्यापकों के पास साईकिल हुआ करती थी तब लोग समय से विद्यालय पहुँच जाते हे और तब वेतन मुश्किल से तिन हजार हुआ करता था ।।
यदि टेबलेट हैंग हुआ और इंटरनेट वीक हुआ तो टीचर एब्सेंट हो गया l किसी विभाग में केवल 14 cl में साल भर कार्य अब तक नहीं हुआ l फिर टीचर के साथ इतना अन्याय क्यों !
Garmi aur thand ki chhutiya milti hy unke bare me nhi bolo ge. Kendriya vidyalay se tulana karte hy. Tum log kendriya vidyalay ki trh pdane lgo to garib janta ki bhut badi samasya khatm jo jay. apne bacho ko private me pdate hy. Enke liye compulsory hona chahiye ki enke bache sarkari school me hi pdenge. Enko suvidha kendriya vidyalay wali chahiye enko kendriya vidyalay ke sare benifit pta hy pr wha ke टीचर कितनी मेहनत करते हैं बच्चों को पढ़ने में. उनकी अटेंडेंस बायोमेट्रिक लगती है वो लेट से नहीं आसकते. हकीकत यह है की हर आदमी केंद्रीय विद्यालय में अपने बच्चों को पढ़ना चाहता है वहीं उत्तर प्रदेश के सरकारीस्कूलों में अपने बच्चों को कोई नहींपढ़ना चाहता है क्योंकि इन्हें पढ़ना लिखना है नहीं. सरकार से अच्छी सैलरी लेकर अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल में भेजना है.
garmi main 2 mahina air exam ke time kaun sa work karte ho salary adhi ho jaye sari mang kam ho jayegi bank wale jaisa kam karna pade to sari problem dur ho jayegi
@@upwale583bhai humein 25 din ka off milta hai garmi mein aur 15 din ka off milta hai sardi mein. Jisme Sunday & other leave cut kr de to 40 mein se 7 day to inhi ka hota bacha 33 day ka leave. Ab mujhe batao ki aisa kon sa vibhag hai jiska office Village mein hota hai jbki sare school dur village me hote hain jaha light hi nhi aati. Mar & April, Mid May, July, Aug, Sept tk k itne mahine garmi me tchr kam karta hai. Village mein light a gyi to thik n to 6 hour kaise guzarte hain wo tumhe pta nhi hoga. Hmare yha hr private school ki trh inverter ya genrator nhi hote..
सब काम करेंगे लेकिन पढ़ाएंगे नहीं। देर से आना, जल्दी जाना, धरना देना, विरोध प्रदर्शन करना, पुतला जलाना, हड़ताल करना, रैली निकालना, चापलूसी करना, गप्पे मारना, मोबाइल पर घंटो बातें करना, नेतागीरी करना ।
इनसे पूछिये कि गाड़ी रोज खराब होती है, परिवारजनों की मृत्यु रोजाना होती है, आदमी रोज बीमार पड़ता है | जब डिजिटल हाजिरी की बात आयी तभी इनकी सारी समस्याएं उत्पन्न हो गई हैं। इसका मतलब है कि यह स्कूल नियमित रूप से जाते ही नहीं हैं।
Sabse jyada chhutti in logon ki hi hoti hai .garmi chhutti ,sardi ki chhutti saath mai har ek tyohaar ki chhutti, sunday ki chhutti,. Aur kitni chhutti lena chahte hai Sarkaar inko ghar baithe salary de de????
Chhuttiya to bahut hai lekin kya unke kaam par dhyan diya hai. Sarkari teachers ko election duty, polio ki duty, khana banavane ki duty, school rangawane ki duty, fal lane aur na jane kitane kaam hai kya private school me teachers ye sare kaam karata hai. Jab shikshako se itane kaam karwaye jayenge to padhayenge kab? Kai jagaho par to aisi condition hai ki barsat me paani ghutano tak aa jata hai to waha padhayenge kaise? Shikshak online attendance se nahi dar raha hai balki wo apni maange bata raha hai jo pichhle 10 salo se kar rahe hai
Digital attendance से अध्यापकों की पोल् खुल गयी इनके खुद के बच्चे प्राइवेट स्कूलो में पढ़ते होंगे। इस विभाग क बराबर किसी विभाग में सरकारीछुट्टियां नहीं मिलती होंगे। टीचर होते हुये अपनी खेतीवारी खुद संभालते हैं।
जिनको लगता है शिक्षकों की कोई भूमिका नहीं है तो कुछ तथ्य रखता हूं की शिक्षक ने अपने कार्य के साथ साथ क्या क्या किया- देश में जितनी जनगणना हुई उसके लिए कोई कर्मचारी नही था 80% कर्मचारी की जगह शिक्षकों ने ही काम किया है। आज देश की आबादी की रफ्तार कंट्रोल हुई क्योंकि परिवार नियोजन के प्रचार प्रसार में शिक्षकों की भूमिका महत्वपूर्ण थी। देश पोलियो मुक्त घोषित हुआ, जिसकी 80% जिम्मेदारी शिक्षकों ने निभाई। देश में जो चुनाव निर्बाध हो जा रहे है उसके पीछे भी शिक्षक की भूमिका महत्वपूर्ण हैं। देश की निरक्षरता की दर कम करने के पीछे इन्ही शिक्षकों का योगदान है। प्रौढ़ शिक्षा का अभियान इन्ही शिक्षकों ने चलवाया संचारी रोको को कंट्रोल करने में भी इनका महत्वपूर्ण योगदान है। बच्चों के कुपोषण की दर कम करने में भी इनका योगदान है। देश में शिशु मृत्यु दर कम हुई उसमे भी शिक्षकों का योगदान है। बाढ़ या कोई भी प्राकृतिक आपदा हो उसे संभालने में भी इनका महत्वपूर्ण योगदान है। कोरोना में जब सब मौत के डर से घरों में छिपे थे तो यही शिक्षक घर घर जा कर जांच किए है दवा पहुचाई है। हेल्पलाइन से आपका हाल जान कर आपको हिम्मत देने वाले यही शिक्षक थे। जितने भी सेंटर थे उसकी देखभाल में यही शिक्षक थे। लोग भूखे न मरे इसलिए यही शिक्षक बैठ कर राशन बंटवाए है। मेला हो या धार्मिक उत्सव पुलिस के साथ मिल कर यही शिक्षक व्यवस्था बनाते हैं। अब क्या क्या बताएं समाज में शिक्षकों के।प्रति दुर्भाव भर दिया गया है । खैर...... जो भी कार्य गिनाए हैं इनमे से कोई भी कार्य शिक्षक का नही है। आपका अनुज विवेकानंद संथापक एवम अध्यक्ष टीचर्स सेल्फ केयर टीम उत्तर प्रदश
@@ShaileshKumar-h8e6j मेरे बच्चों को क्या आप पढ़ाने आते हैं प्राइमरी स्कूल में जो कक्षा 5 तक होता है उसमें मैं एकल टीचर हूं। नगर क्षेत्र में टीचर ही नहीं है अकाल पड़ा है । फिफ्थ तक क्या अकेली टीचर पढ़ा सकती है और इतने काम कर सकती है? अब टीचर की छुट्टियां हर विभाग से कम है।
आधार बेस बायोमेट्रिक लगनी आवश्यक है, सरकारी विद्यालयों के बच्चे ही क्यों पीछे हैं, यदि शिक्षक से सहानुभूति है तो केवल 10 सरकारी विद्यालय में घूम कर देख लें सहानुभूति ख़त्म हो जाएगी।
बर्खास्त कीजिए इन कामचोर शिक्षकों को इन्होंने शिक्षा व्यवस्था का मजाक बनाकर रख दिया है नयी भर्ती निकाली जाए ताकि युवाओं को रोजगार मिले इनसे कहीं अधिक योग्य युवा तैयार हैं शिक्षक बनने के लिए और वे डिजिटल ज्ञान से भी परिपूर्ण हैं
अभी प्राइवेट जाब करो गे तो ईयल डियल न गाडी खराब न तबीयत खराब होगा सब सही रहे और टाईम से आओगे सरकार सबसे पहले इन लोग का सेलरी ही कम कर देना चाहिए या जितने टिचर है सब को नौकरी सै निकाल कर नया लोग को रखे सब सही हो जाऐगा
Tumhari mansikta se hi tumhi jaise log se desh aur garib hota ja raha hai.. Tumhare samne Petrolium gas ko hi dekh lo 400 ki jagah 1200 me le rahe ho na aise hi aur dekhoge aur Irshiya karte raho..😊😊😊 Tumhe job na mile to aur ko bhi na mile 😅😅😅 Tumhare jaise hi log Is desh ko age le jayge...
Ekdum sahi kaha bhai aapne.teacher ko padhaane Diya jayega tab na padhayega.padhane ke alava sare kam karvaye jaate hain,abhi teacheron ki duty kanwad yatriyon ki sewa me laga diya gaya hai .mere 3.5 year ki job me 2 saal meri duty anya jagah lagai gai,keval 1.5 saal hi school mein Raha .Jab kisi baat ko puri tarah se naa jante ho to suni sunai bato par comment nahin karte.
जिनको लगता है शिक्षकों की कोई भूमिका नहीं है तो कुछ तथ्य रखता हूं की शिक्षक ने अपने कार्य के साथ साथ क्या क्या किया- देश में जितनी जनगणना हुई उसके लिए कोई कर्मचारी नही था 80% कर्मचारी की जगह शिक्षकों ने ही काम किया है। आज देश की आबादी की रफ्तार कंट्रोल हुई क्योंकि परिवार नियोजन के प्रचार प्रसार में शिक्षकों की भूमिका महत्वपूर्ण थी। देश पोलियो मुक्त घोषित हुआ, जिसकी 80% जिम्मेदारी शिक्षकों ने निभाई। देश में जो चुनाव निर्बाध हो जा रहे है उसके पीछे भी शिक्षक की भूमिका महत्वपूर्ण हैं। देश की निरक्षरता की दर कम करने के पीछे इन्ही शिक्षकों का योगदान है। प्रौढ़ शिक्षा का अभियान इन्ही शिक्षकों ने चलवाया संचारी रोको को कंट्रोल करने में भी इनका महत्वपूर्ण योगदान है। बच्चों के कुपोषण की दर कम करने में भी इनका योगदान है। देश में शिशु मृत्यु दर कम हुई उसमे भी शिक्षकों का योगदान है। बाढ़ या कोई भी प्राकृतिक आपदा हो उसे संभालने में भी इनका महत्वपूर्ण योगदान है। कोरोना में जब सब मौत के डर से घरों में छिपे थे तो यही शिक्षक घर घर जा कर जांच किए है दवा पहुचाई है। हेल्पलाइन से आपका हाल जान कर आपको हिम्मत देने वाले यही शिक्षक थे। जितने भी सेंटर थे उसकी देखभाल में यही शिक्षक थे। लोग भूखे न मरे इसलिए यही शिक्षक बैठ कर राशन बंटवाए है। मेला हो या धार्मिक उत्सव पुलिस के साथ मिल कर यही शिक्षक व्यवस्था बनाते हैं। अब क्या क्या बताएं समाज में शिक्षकों के।प्रति दुर्भाव भर दिया गया है । खैर...... जो भी कार्य गिनाए हैं इनमे से कोई भी कार्य शिक्षक का नही है। आपका अनुज विवेकानंद संथापक एवम अध्यक्ष टीचर्स सेल्फ केयर टीम उत्तर प्रदश
Aree mere gadha Bhai ..... chhuttiyan toh Navodaya vidyalaya or kendriya vidyalaya me bhi milti hain...or EL bhi milti hai unhe .....Ham log ko kyu nahi
Iske pahle kabhi itne bade roop me teacher ne road, weather, other works ki baat kyo nahi ki ..pahle road kharab hone ke baad bhi offline register me sahi time par school pahuch jate the..kyoki register me time bhi mention karna hota hai..but online hote hi road, weather sab problem aa gayi.. ye baat samajh ke bahar hai .
Agar sirf 6 ghante school me nahi de sakte toh aap se kya ummeed ki jaa sakti hai behtar hoga ki aap log Ghar me hi raho aapki jagah naye log aane k liye tayyar hai. Don't worry. Aap 8 baje se adha ghanta pahle kyun naa aa jao jaruri hai ki 5min baad hi aaoge Gajab ka bahana hai
Deri hone par bhi vetan na Kara jaye. Bachche tuition jakar padhai kar lenge. Online attendance bandh kiya jaye. Hum par anushasan na thopa jaye. Ham anushasan sikhate hai.
@@bablisonkar6825 तो क्या अभी तक आप ने नौकरी घर बैठ के की स्कूल नहीं गई और अगर गईं होंगी तो कभी टाइम से स्कूल नहीं पहुंची होंगी स्कूल दूर बहुत हैं रोड भी खराब हैं।
Inki duty 12 hrs ki kar di jay aur uske baad inko half day ki CL lene ki suvidha de di jaye Sabhi bahaanebajon ko barkhast karke nayee bharti lai jaye aur jo candidate Sarkar ki in sarton ko poora karen wahi bharti kiye jaaye
Ab Wo 25+15=40 day's H,jisme 6 7 Sunday or 3 4 festival hote H,kbhi kbhi like previous year balganna duty/family servey of Village/ward etc work mil jata H,ek ek time pr Kai Kai paper work manage krne hote H
Sarkari school me teachers ki sankhya aur private me teachers ki sankhya dekhi h aapne ,pri chaparasi se lekar aaya tak sab ko alag kam diya jata h ,teachers kewal padhate h ,aur sarkari me ye sab kam teachers krte h ,kanhi kanhi 1 teacher 400 bachche dekhte hue bhi sab kerta h
टीचर छोटे छोटे बच्चों को भी ऑनलाइन क्वेश्चन ढूंढने के लिए कह देते हैं यह कौन सा तरीका है जब टीचर खुद नहीं बताया तो बच्चे ऑनलाइन कैसे ढूंढेंगे छोटे छोटे बच्चों को भी बता देते हैं
विभागीय घूंस भी आनलाईन हो।
अनुकरणीय आप जैसे गुरु ही भारत नवनिर्माण करेंगे...
Good job👍
Bio metric se attendance lagao
inke bachche kaha padhte h is ka bhi survey hona chahiye Yogi ji tab sachchayi saamne aa jayegi
Sbse phle online attendance sachivalaya, District, Block ke aadhikariyon pr Lagu ho fir school me
यह तो फर्जी आदमी है किसका इंटरव्यू le रहे हो तुम😂😂😂😂😂
Thanks adhyksh ji 💐
kuch na suno inko
inko bahar karke
private teachers
ko rakh
lo
vo sab kar lenge
inka dimag theek
ho jayega ........
पूरे भारत में सभी सरकारी कर्मचारियों की डिजीटल हाजरी करनी चाहिए,,
Bjp it cell ka dalal
जिनको लगता है शिक्षकों की कोई भूमिका नहीं है तो कुछ तथ्य रखता हूं की शिक्षक ने अपने कार्य के साथ साथ क्या क्या किया-
देश में जितनी जनगणना हुई उसके लिए कोई कर्मचारी नही था 80% कर्मचारी की जगह शिक्षकों ने ही काम किया है।
आज देश की आबादी की रफ्तार कंट्रोल हुई क्योंकि परिवार नियोजन के प्रचार प्रसार में शिक्षकों की भूमिका महत्वपूर्ण थी।
देश पोलियो मुक्त घोषित हुआ, जिसकी 80% जिम्मेदारी शिक्षकों ने निभाई।
देश में जो चुनाव निर्बाध हो जा रहे है उसके पीछे भी शिक्षक की भूमिका महत्वपूर्ण हैं।
देश की निरक्षरता की दर कम करने के पीछे इन्ही शिक्षकों का योगदान है।
प्रौढ़ शिक्षा का अभियान इन्ही शिक्षकों ने चलवाया
संचारी रोको को कंट्रोल करने में भी इनका महत्वपूर्ण योगदान है।
बच्चों के कुपोषण की दर कम करने में भी इनका योगदान है।
देश में शिशु मृत्यु दर कम हुई उसमे भी शिक्षकों का योगदान है।
बाढ़ या कोई भी प्राकृतिक आपदा हो उसे संभालने में भी इनका महत्वपूर्ण योगदान है।
कोरोना में जब सब मौत के डर से घरों में छिपे थे तो यही शिक्षक घर घर जा कर जांच किए है दवा पहुचाई है।
हेल्पलाइन से आपका हाल जान कर आपको हिम्मत देने वाले यही शिक्षक थे।
जितने भी सेंटर थे उसकी देखभाल में यही शिक्षक थे।
लोग भूखे न मरे इसलिए यही शिक्षक बैठ कर राशन बंटवाए है।
मेला हो या धार्मिक उत्सव पुलिस के साथ मिल कर यही शिक्षक व्यवस्था बनाते हैं।
अब क्या क्या बताएं समाज में शिक्षकों के।प्रति दुर्भाव भर दिया गया है ।
खैर...... जो भी कार्य गिनाए हैं इनमे से कोई भी कार्य शिक्षक का नही है।
आपका अनुज
विवेकानंद
संथापक एवम अध्यक्ष
टीचर्स सेल्फ केयर टीम
उत्तर प्रदश
जिनको लगता है शिक्षकों की कोई भूमिका नहीं है तो कुछ तथ्य रखता हूं की शिक्षक ने अपने कार्य के साथ साथ क्या क्या किया-
देश में जितनी जनगणना हुई उसके लिए कोई कर्मचारी नही था 80% कर्मचारी की जगह शिक्षकों ने ही काम किया है।
आज देश की आबादी की रफ्तार कंट्रोल हुई क्योंकि परिवार नियोजन के प्रचार प्रसार में शिक्षकों की भूमिका महत्वपूर्ण थी।
देश पोलियो मुक्त घोषित हुआ, जिसकी 80% जिम्मेदारी शिक्षकों ने निभाई।
देश में जो चुनाव निर्बाध हो जा रहे है उसके पीछे भी शिक्षक की भूमिका महत्वपूर्ण हैं।
देश की निरक्षरता की दर कम करने के पीछे इन्ही शिक्षकों का योगदान है।
प्रौढ़ शिक्षा का अभियान इन्ही शिक्षकों ने चलवाया
संचारी रोको को कंट्रोल करने में भी इनका महत्वपूर्ण योगदान है।
बच्चों के कुपोषण की दर कम करने में भी इनका योगदान है।
देश में शिशु मृत्यु दर कम हुई उसमे भी शिक्षकों का योगदान है।
बाढ़ या कोई भी प्राकृतिक आपदा हो उसे संभालने में भी इनका महत्वपूर्ण योगदान है।
कोरोना में जब सब मौत के डर से घरों में छिपे थे तो यही शिक्षक घर घर जा कर जांच किए है दवा पहुचाई है।
हेल्पलाइन से आपका हाल जान कर आपको हिम्मत देने वाले यही शिक्षक थे।
जितने भी सेंटर थे उसकी देखभाल में यही शिक्षक थे।
लोग भूखे न मरे इसलिए यही शिक्षक बैठ कर राशन बंटवाए है।
मेला हो या धार्मिक उत्सव पुलिस के साथ मिल कर यही शिक्षक व्यवस्था बनाते हैं।
अब क्या क्या बताएं समाज में शिक्षकों के।प्रति दुर्भाव भर दिया गया है ।
खैर...... जो भी कार्य गिनाए हैं इनमे से कोई भी कार्य शिक्षक का नही है।
आपका अनुज
विवेकानंद
संथापक एवम अध्यक्ष
टीचर्स सेल्फ केयर टीम
उत्तर प्रदश
Agar ap log apna kam is tarah se kar rahe hai to fir kya dikkat hai digital attendance me is tarh to transperency aaye gi thankyou
Sab bhane baji h. Sabse kamchor log sarkari teachers h.@@sandhyasingh3100
Bilkul shi bol rhe hai teachers
डिजिटल अटेंडेंस के साथ सीसीटीवी कैमरा लगना चाहिए जय हिंद
सरकारी शिक्षकों से कोई अपना बच्चा पढ़वाना नही चाहता 😂😂😂
सरकारी शिक्षकों के बच्चे प्राइवेट स्कूलों में पढ़ रहे हैं 😂😂😂
itna sach mat bolo mere Bhai pta ni kitne logo ko sachchayi sun kr mirchi lag gayi hogi
Sab private schl me apne bachho ko isliye padhwate hain kyuki unka bachha private school me light saaf Pani ki vyawastha hoti hai. Govt schl me light nhi ati. Ap 1 hour bina fan wale room me baith k apne bachhe ko pdha k dekhna. Samajh a jayga ki ap kitna pdha sakte ho aur apka bachha kitna pdh sakta hai garmi mein.
Dusri bat private schl k tchr ko pdhane k alawa aur koi kam nhi hota
Primary tchr ko mid day meal, BLO, parchi banwana, parivar survey, tikakaran, govt ki scheme, board exam duty jaise 75 kam hote hain
Usk bad bolte hain ki sarkari schl me padhayi nhi hoti. Pdhayi kaha se hogi jb 75 kam honge..
@@PavanKaushal09 क्या चुटिया तर्क दिया है...भाई जुलाई, अगस्त, सितंबर, में सबसे ज्यादा गर्मी....उसके बाद अक्टूबर, नवंबर, दिसंबर, जनवरी, फरवरी, मार्च में ठंड....कौन सा फैन आपके लिए चाहिए अंग्रेज़
@@Sandeepsingh-ps6xj mar April adha may me garmi padne lagti hai. Usk bad pura July August September tk achhi umas wali garmi padhti hai. Kya itne mahine tk bina light k dhang se pdhayi ho sakti hai. Aisi kon si bank hai jaha fan AC aur genrator n lga ho.
Isme kya galat tark diya hai maine...
इनकी मांगे कभी खत्म नहीं होंगी ये सब गुरूजी नेता जी बन गये है बिलकुल सरकारी स्कूल में पढ़ाई नहीं होती है कम्पोजिट खा रहे है गरीब बच्चों की हाय इन्हे जीने नहीं देगी, इनके खुद के बच्चे फर्स्ट क्लास स्कूल में जाते है, ये सब समाजवादी पार्टी में जाने वाले है,
सरकार अध्यापकों की नियुक्ति करे और जो टीचरों की जायज मांग है उसको पूरा कर डिजिटल अटेंडेंसल लागू करे।
koi kam dham nahi bus mang hi hai
salary bade bade adhikarion wali
aur kam zero😂😂😂😂😂
Bilkul sahi one hour leave ki demand bhi rakhi jaye
Bahut sundar tarike se aapne explain kiya
365 din me se 120+ holiday hota h teachers ka. baaki mahine me 2 half day or exam ke din bhi half-day hi hota h.. or kitni chhuti chahiye inko. 5 ghante ke school me 2-3 ghante padata h 1 teacher. gjb moz hori😅😅😅
It's true but not disclosed now
Mangadhant kuchh bhi bol sakte ho, pata hai nhi kuchh Gyan udelne chal diye.......
पटवारी पुलिस पंचायत सचिव और प्रधान को खुली लूट की छूट है इस सरकार मे
नई व्यवस्था को अमल में लाना चाहे ये टीचरों को खुशी होना चाहिए ना की आंदोलन कर अपने औहदे का अपमान
जितने सरकारी स्कूल के टीचर हैं वह सब अपने स्कूल में ही अपने बच्चों को पढ़ाई कारy तभी पता चलेगा बच्चों की पढ़ाई में गुणवत्ता कितना है
पहले देश चलाने वाले सांसद अधिकारियों पर लागू करो ये बात। वे अपने बच्चो को विदेश क्यो भेजते है
To jaake mantri ko bol na pahle ki apne bachche bharat me padhaye videsh me nahi, ilaaj bharat me karayen videsh me nahi. Chaudhary ban Raha idhar. Tab choch kyu band ho jaati hai tere jaiso ki ? Waha bolne me fat ti hai kya ?
ये सब हराम का खा रहे है ये नेता जी बन गये है गुरु जी नहीं है
@@abhishekmaan192तब तो आपको नेता ही बनना चाहिए हम लोग चोर बोल तो सकते है आपको और गरिया भी सकते है,
@@bohemiansoul584neta bn jao na tm log bhi, waise bhi samaj ab tmhe gira hua neta hi samjh rhi h be
Charo log sahi bole
Teacher is good 👍👍
Great job vivekanand ji
स्कूल में बच्चों के अनुपात में टीचरों की संख्या पर भी विचार होना चाहिए
Sabhi teacher ek sath hai
इन सभी अध्यापकों की माँग ने ये बात क्लीयर कर दी ये लोग स्कूल में देर से और जल्दी वापस आना और स्कूल नहीं भी जाते हैं क्यों की आज तक कोई दिक्कत नहीं थी अब अचानक से इनको इतनी समस्या हो गयी बाबा जी ये नियम बहुत सही किया हम बाबा जी के साथ है primary school में गरीब के बच्चे पड़ते हैं उनका भला ऐसे ही होगा। मैं बीजेपी के साथ हुँ वोट भी दूंगा अगर ये नियम लागू होता है
वोट क्या देंगे जब आजतक नहीं दिए। 😂
*उपभोक्तओं को नोचकर 40 लाख कमाकर 4 लाख की इनकम दिखाकर tax की चोरी करने वाले,पढ़ाई लिखाई के समय पढ़ाई न करके सिटियाबाजी करने और साइकिल की छुछि बेंचकर पट्टी खाने वाले,खलिहर बैठने वाले निकम्मों,फुंचडी,चोट्टों :मास्टर को बेईमान मत बोलना!* कभी सुने हो कि किसी शिक्षक के घर कालाधन पकड़ा गया?शिक्षक अगर घर बनवाया या मकान,दुकान या प्लाट या गाड़ी घोड़ा खरीदा भी तो अपनी मेहनत की कमाई से या फिर बैंक से लोन लेकर।पता कर लेना हर शिक्षक लोन के बोझ तले है और सम्मान व स्वाभिमान से जी रहा है।यही तुम निकम्मों को अखर रहा है। जबकि तुम लोग जरा सी भी सख्ती पर शटर गिराकर अंडरग्राउंड हो जाते हो।।---- *अपनी बहन या बेटी की अगर शादी करनी हो तो सबसे पहले मुंह उठाकर जीजा व दामाद बनाने के लिए मास्टर ही ढूंढते हो जिससे तुम्हारी बहन बेटी आराम से चौड़ियाकर जीवन जी सके।और दिन भर Tv में आंखे फोड़ सके।और गाली दोगे शिक्षकों को!* 😡😡😡😡
पहले जमाने वाले मास्टर मत समझना! *पहले छेड़ेंगे नहीं और बाद में अगर अपमानजनक टिप्पणी पूरे शिक्षक समाज को लेकर किये तो जबान हलक से नोच लेंगे।*😡😡😡😡
नोट--- उक्त पोस्ट उन मानसिक रूप से विकलांग,जाहिल निकम्मे चोट्टों के लिए है जो शिक्षकों की परिस्थिति व व्यवहारिक मूलभूत मांगे जाने व समझे बिना एकतरफा सिर्फ बुराई कर रहे हैं।बाकी अन्य लोग अन्यथा मत लेना।और ले भी लोगे तो कौन सा तुम्हारे वहां हम शिक्षक मांगने जाते हैं जो नहीं मिलेगा।।
---
Bhaisahab thode budbak h kya ap matlab kuch bhi
जिनको लगता है शिक्षकों की कोई भूमिका नहीं है तो कुछ तथ्य रखता हूं की शिक्षक ने अपने कार्य के साथ साथ क्या क्या किया-
देश में जितनी जनगणना हुई उसके लिए कोई कर्मचारी नही था 80% कर्मचारी की जगह शिक्षकों ने ही काम किया है।
आज देश की आबादी की रफ्तार कंट्रोल हुई क्योंकि परिवार नियोजन के प्रचार प्रसार में शिक्षकों की भूमिका महत्वपूर्ण थी।
देश पोलियो मुक्त घोषित हुआ, जिसकी 80% जिम्मेदारी शिक्षकों ने निभाई।
देश में जो चुनाव निर्बाध हो जा रहे है उसके पीछे भी शिक्षक की भूमिका महत्वपूर्ण हैं।
देश की निरक्षरता की दर कम करने के पीछे इन्ही शिक्षकों का योगदान है।
प्रौढ़ शिक्षा का अभियान इन्ही शिक्षकों ने चलवाया
संचारी रोको को कंट्रोल करने में भी इनका महत्वपूर्ण योगदान है।
बच्चों के कुपोषण की दर कम करने में भी इनका योगदान है।
देश में शिशु मृत्यु दर कम हुई उसमे भी शिक्षकों का योगदान है।
बाढ़ या कोई भी प्राकृतिक आपदा हो उसे संभालने में भी इनका महत्वपूर्ण योगदान है।
कोरोना में जब सब मौत के डर से घरों में छिपे थे तो यही शिक्षक घर घर जा कर जांच किए है दवा पहुचाई है।
हेल्पलाइन से आपका हाल जान कर आपको हिम्मत देने वाले यही शिक्षक थे।
जितने भी सेंटर थे उसकी देखभाल में यही शिक्षक थे।
लोग भूखे न मरे इसलिए यही शिक्षक बैठ कर राशन बंटवाए है।
मेला हो या धार्मिक उत्सव पुलिस के साथ मिल कर यही शिक्षक व्यवस्था बनाते हैं।
अब क्या क्या बताएं समाज में शिक्षकों के।प्रति दुर्भाव भर दिया गया है ।
खैर...... जो भी कार्य गिनाए हैं इनमे से कोई भी कार्य शिक्षक का नही है।
आपका अनुज
विवेकानंद
संथापक एवम अध्यक्ष
टीचर्स सेल्फ केयर टीम
उत्तर प्रदश
कोई पढ़ाना ही नहीं चाहता है, सब यही चाहते हैं कि छुट्टी बढ़ा दिया जाए, वेतन बढ़ा दिया जाए, काम कम कर दिया जाए, सुविधा बढ़े, महंगाई भत्ता बढ़े। पहले कहेंगे बेरोजगारी है, बहाली नहीं हो रही है। नौकरी मिलने पर सरकार हमारी मांग नही मान रही है। ये क्यों नहीं कहते कि काम नहीं करेगें और वेतन बढ़ा बढ़ा कर मिले।
इन लोग से अच्छा प्राइवेट टिंचर है जो ५ हजार में अच्छा पढ़ाते हैं
सरकारी टीचर को अनिवार्य रूप से अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ना चाहिए
Sarkari sikshak k hi bachhe kyu pde apki responsibility kya bs Comment krne bhr ki h ap b apne bachho ka najdik k primary school me admission kraye aur jis prakar private school me bachhe ki hr choti bat ka dhyan rkhte h gvmt. School me rkhe kyu change nhi aayega sari responsibility kya teacher ki hi h apki kuch nhi ek phl ap b kijiye
जैसी छुट्टी LIC में मिलती हैं वैसी मिल जाए तो कोई परेशानी नहीं है
शिक्षा मित्रों और अनुदेशकों का नियमितीकरण भी करें यह भी मांग शामिल है शिक्षकों के पास तो 14 कल है 1 साल का मेडिकल है लेकिन शिक्षामित्र के पास 11 cl है 11 महीने का मानदेय कोई भी मेडिकल सुविधा नहीं दी जाती क्या शिक्षामित्र अनुदेशक बीमार नहीं होता क्या
सारी समस्या शिक्षकों के ही साथ है और किसी विभाग के कर्मचारी के साथ नहीं ।।आज अधिकांश के पास बाइक है 30 सल पहले ज्यादातर अध्यापकों के पास साईकिल हुआ करती थी तब लोग समय से विद्यालय पहुँच जाते हे और तब वेतन मुश्किल से तिन हजार हुआ करता था ।।
जायज माँग जरुर मानना चाहिए
गर्मी की छुट्टीयाँ भी होती है
ये सब काम चोर है, इनकी वजह से ही भारत की education quality घटिया है
इनको निकालो नौकरी से और अच्छे teachers को दो नौकरी
I stand with teachers
Sriman 52 days Sunday or jitne bhi close Holi day aur summer or winter iske alava 14 Cl phir bhi chutti kam😂😂😂😂😂
Teachers ko Half CL aur EL de diya jaye
यदि टेबलेट हैंग हुआ और इंटरनेट वीक हुआ तो टीचर एब्सेंट हो गया l किसी विभाग में केवल 14 cl में साल भर कार्य अब तक नहीं हुआ l फिर टीचर के साथ इतना अन्याय क्यों !
यदि नेट नहीं हुआ तो भी मशीन उपस्थिति दर्ज करती है अतः कोई बहाना नहीं।
Garmi aur thand ki chhutiya milti hy unke bare me nhi bolo ge.
Kendriya vidyalay se tulana karte hy.
Tum log kendriya vidyalay ki trh pdane lgo to garib janta ki bhut badi samasya khatm jo jay. apne bacho ko private me pdate hy. Enke liye compulsory hona chahiye ki enke bache sarkari school me hi pdenge. Enko suvidha kendriya vidyalay wali chahiye enko kendriya vidyalay ke sare benifit pta hy pr wha ke टीचर कितनी मेहनत करते हैं बच्चों को पढ़ने में. उनकी अटेंडेंस बायोमेट्रिक लगती है वो लेट से नहीं आसकते. हकीकत यह है की हर आदमी केंद्रीय विद्यालय में अपने बच्चों को पढ़ना चाहता है वहीं उत्तर प्रदेश के सरकारीस्कूलों में अपने बच्चों को कोई नहींपढ़ना चाहता है क्योंकि इन्हें पढ़ना लिखना है नहीं. सरकार से अच्छी सैलरी लेकर अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल में भेजना है.
7.45 pr Late Reason magta H, attandance darz krne ki jagah
garmi main 2 mahina air exam ke time kaun sa work karte ho
salary adhi ho jaye
sari mang
kam ho jayegi
bank wale jaisa
kam karna pade
to sari problem dur ho jayegi
@@upwale583bhai humein 25 din ka off milta hai garmi mein aur 15 din ka off milta hai sardi mein. Jisme Sunday & other leave cut kr de to 40 mein se 7 day to inhi ka hota bacha 33 day ka leave.
Ab mujhe batao ki aisa kon sa vibhag hai jiska office Village mein hota hai jbki sare school dur village me hote hain jaha light hi nhi aati. Mar & April, Mid May, July, Aug, Sept tk k itne mahine garmi me tchr kam karta hai. Village mein light a gyi to thik n to 6 hour kaise guzarte hain wo tumhe pta nhi hoga. Hmare yha hr private school ki trh inverter ya genrator nhi hote..
मेरे गांव के स्कूल मे तीन अध्यापक दो रसोईया एक आंगनबाड़ी कुल छः लोगों का स्टाफ है और 4 छात्र हैं वो भी कक्षा एक से पांच तक में
सब काम करेंगे लेकिन पढ़ाएंगे नहीं। देर से आना, जल्दी जाना, धरना देना, विरोध प्रदर्शन करना, पुतला जलाना, हड़ताल करना, रैली निकालना, चापलूसी करना, गप्पे मारना, मोबाइल पर घंटो बातें करना, नेतागीरी करना ।
यही हो रहा है
प्राइवेट स्कूल की जननी सरकारी स्कूल के अध्यापक हैं
हमारे भी एक लोग जानने वाले हैं जो महीने में सिर्फ एक दिन स्कूल जाते हैं उसी दिन सारी हाज़िरी भर दी जाती है।
इनसे पूछिये कि गाड़ी रोज खराब होती है, परिवारजनों की मृत्यु रोजाना होती है, आदमी रोज बीमार पड़ता है | जब डिजिटल हाजिरी की बात आयी तभी इनकी सारी समस्याएं उत्पन्न हो गई हैं। इसका मतलब है कि यह स्कूल नियमित रूप से जाते ही नहीं हैं।
Sabse jyada chhutti in logon ki hi hoti hai .garmi chhutti ,sardi ki chhutti saath mai har ek tyohaar ki chhutti, sunday ki chhutti,.
Aur kitni chhutti lena chahte
hai
Sarkaar inko ghar baithe salary de de????
Right😊
Ha , inko yahi chahiye.but usme bhi problem hogi..
@@jeetsingh-cv5ne अब सबसे ज्यादा छुट्टी नही है आप गूगल कर ले की बेसिक में कितनी छुट्टियां होती है
Chhuttiya to bahut hai lekin kya unke kaam par dhyan diya hai. Sarkari teachers ko election duty, polio ki duty, khana banavane ki duty, school rangawane ki duty, fal lane aur na jane kitane kaam hai kya private school me teachers ye sare kaam karata hai. Jab shikshako se itane kaam karwaye jayenge to padhayenge kab? Kai jagaho par to aisi condition hai ki barsat me paani ghutano tak aa jata hai to waha padhayenge kaise? Shikshak online attendance se nahi dar raha hai balki wo apni maange bata raha hai jo pichhle 10 salo se kar rahe hai
@@neetumishra3961 to mam, ye duty kabhi kabhi staff me kisi ki lagti hai...ya daily..pls clarify this.
Digital attendance से अध्यापकों की पोल् खुल गयी इनके खुद के बच्चे प्राइवेट स्कूलो में पढ़ते होंगे। इस विभाग क बराबर किसी विभाग में सरकारीछुट्टियां नहीं मिलती होंगे। टीचर होते हुये अपनी खेतीवारी खुद संभालते हैं।
अब टीचर की छुट्टियां बिल्कुल ना के बराबर हो गई है , बैंक की छुट्टी में तो शनिवार भी देते हैं
अगर 7000 वाला मज़दूर ज्यादा टाइम से काम करता है तो अपनी बहन के लिए सरकारी मास्टर काहे ढूंढ रहे हो निठल्लों😂😂
जिनको लगता है शिक्षकों की कोई भूमिका नहीं है तो कुछ तथ्य रखता हूं की शिक्षक ने अपने कार्य के साथ साथ क्या क्या किया-
देश में जितनी जनगणना हुई उसके लिए कोई कर्मचारी नही था 80% कर्मचारी की जगह शिक्षकों ने ही काम किया है।
आज देश की आबादी की रफ्तार कंट्रोल हुई क्योंकि परिवार नियोजन के प्रचार प्रसार में शिक्षकों की भूमिका महत्वपूर्ण थी।
देश पोलियो मुक्त घोषित हुआ, जिसकी 80% जिम्मेदारी शिक्षकों ने निभाई।
देश में जो चुनाव निर्बाध हो जा रहे है उसके पीछे भी शिक्षक की भूमिका महत्वपूर्ण हैं।
देश की निरक्षरता की दर कम करने के पीछे इन्ही शिक्षकों का योगदान है।
प्रौढ़ शिक्षा का अभियान इन्ही शिक्षकों ने चलवाया
संचारी रोको को कंट्रोल करने में भी इनका महत्वपूर्ण योगदान है।
बच्चों के कुपोषण की दर कम करने में भी इनका योगदान है।
देश में शिशु मृत्यु दर कम हुई उसमे भी शिक्षकों का योगदान है।
बाढ़ या कोई भी प्राकृतिक आपदा हो उसे संभालने में भी इनका महत्वपूर्ण योगदान है।
कोरोना में जब सब मौत के डर से घरों में छिपे थे तो यही शिक्षक घर घर जा कर जांच किए है दवा पहुचाई है।
हेल्पलाइन से आपका हाल जान कर आपको हिम्मत देने वाले यही शिक्षक थे।
जितने भी सेंटर थे उसकी देखभाल में यही शिक्षक थे।
लोग भूखे न मरे इसलिए यही शिक्षक बैठ कर राशन बंटवाए है।
मेला हो या धार्मिक उत्सव पुलिस के साथ मिल कर यही शिक्षक व्यवस्था बनाते हैं।
अब क्या क्या बताएं समाज में शिक्षकों के।प्रति दुर्भाव भर दिया गया है ।
खैर...... जो भी कार्य गिनाए हैं इनमे से कोई भी कार्य शिक्षक का नही है।
आपका अनुज
विवेकानंद
संथापक एवम अध्यक्ष
टीचर्स सेल्फ केयर टीम
उत्तर प्रदश
@@ajitasinghnipunbachche tumhe sab chahiye Bank karmchariyon ki trh mehant kr de pda bhi liya kro garib ke bacho ko.
@@ShaileshKumar-h8e6j मेरे बच्चों को क्या आप पढ़ाने आते हैं प्राइमरी स्कूल में जो कक्षा 5 तक होता है उसमें मैं एकल टीचर हूं। नगर क्षेत्र में टीचर ही नहीं है अकाल पड़ा है । फिफ्थ तक क्या अकेली टीचर पढ़ा सकती है और इतने काम कर सकती है? अब टीचर की छुट्टियां हर विभाग से कम है।
आधार बेस बायोमेट्रिक लगनी आवश्यक है, सरकारी विद्यालयों के बच्चे ही क्यों पीछे हैं, यदि शिक्षक से सहानुभूति है तो केवल 10 सरकारी विद्यालय में घूम कर देख लें सहानुभूति ख़त्म हो जाएगी।
इनको नौकरी करने में असुविधा है, तुरंत स्टीफा दे ,, और नए पढ़े लिखे तुवाओ को मौका दे जिनको नौकरी करने में सुलियत हो।
5:46 है साल इनको काम से काम , 50 छुट्टी चाइए। गर्मियों की छुट्टियों में माता पिता बीमार नही होते है।।।
मई /जून में एक महीने की जो छुट्टी होती है वह भी बंद हो जाएगा।
टेबलेट खरीद की जांच होनी चाहिए क्योकि चलने से पहले ही खराब हो गये
बर्खास्त कीजिए इन कामचोर शिक्षकों को इन्होंने शिक्षा व्यवस्था का मजाक बनाकर रख दिया है
नयी भर्ती निकाली जाए ताकि युवाओं को रोजगार मिले इनसे कहीं अधिक योग्य युवा तैयार हैं शिक्षक बनने के लिए और वे डिजिटल ज्ञान से भी परिपूर्ण हैं
Waha digital hi nhi padhana hai exam pass kar ban ja teacher ayodhya insaan
हमें आपके विभाग की तरह गर्मियों, सर्दियों की छुट्टी मिलनी चाहिए।
Good sir
Attendance lagane ke time network problem hone par yadi attendance na lag paye to uske liye kya vyvastha hogi
Summer vscation winter vacation kyu milni chahiye phir ????
रिश्वतखोरी,reservation से teacher बने हैं..insabka दुबारा परीक्षा होनी चाहिए,, teacher acha नहीं होगा तो बच्चों का future कैसा होगा सोच lo
Great speech
मांगे कम नहीं होंगी लेकिन स्कूलों में बच्चों की संख्या को अधिक नहीं कर सकते
अभी प्राइवेट जाब करो गे तो ईयल डियल न गाडी खराब न तबीयत खराब होगा सब सही रहे और टाईम से आओगे सरकार सबसे पहले इन लोग का सेलरी ही कम कर देना चाहिए या जितने टिचर है सब को नौकरी सै निकाल कर नया लोग को रखे सब सही हो जाऐगा
17140का निस्तारण कराई जाए ।
I stand with besic teacher
शायद ही किसी सरकारी टीचर का खुद का बच्चा सरकारी स्कूलों में पढ़ता होगा।
Netao k bache bhi to videsh me pdhte h
@@malashahi4416 to gareeb aadmi apne bacho ko na padye fir bn jana
Sarkari teacher
Tumhari mansikta se hi tumhi jaise log se desh aur garib hota ja raha hai..
Tumhare samne Petrolium gas ko hi dekh lo 400 ki jagah 1200 me le rahe ho na aise hi aur dekhoge aur Irshiya karte raho..😊😊😊 Tumhe job na mile to aur ko bhi na mile 😅😅😅 Tumhare jaise hi log Is desh ko age le jayge...
जिस स्कूल में 100से बच्चे कम हों वहां के मास्टरो का हाफ वेतन कर दे। पूरा स्कूल का टाइम फोन चलाते निकल जाता हैं मास्टरो का।
Ekdum sahi kaha bhai aapne.teacher ko padhaane Diya jayega tab na padhayega.padhane ke alava sare kam karvaye jaate hain,abhi teacheron ki duty kanwad yatriyon ki sewa me laga diya gaya hai .mere 3.5 year ki job me 2 saal meri duty anya jagah lagai gai,keval 1.5 saal hi school mein Raha .Jab kisi baat ko puri tarah se naa jante ho to suni sunai bato par comment nahin karte.
मांग यदि जायज हो तो मानने में क्या दिक्कत है ।
Late Latif teachers dismissed from service
जिनको लगता है शिक्षकों की कोई भूमिका नहीं है तो कुछ तथ्य रखता हूं की शिक्षक ने अपने कार्य के साथ साथ क्या क्या किया-
देश में जितनी जनगणना हुई उसके लिए कोई कर्मचारी नही था 80% कर्मचारी की जगह शिक्षकों ने ही काम किया है।
आज देश की आबादी की रफ्तार कंट्रोल हुई क्योंकि परिवार नियोजन के प्रचार प्रसार में शिक्षकों की भूमिका महत्वपूर्ण थी।
देश पोलियो मुक्त घोषित हुआ, जिसकी 80% जिम्मेदारी शिक्षकों ने निभाई।
देश में जो चुनाव निर्बाध हो जा रहे है उसके पीछे भी शिक्षक की भूमिका महत्वपूर्ण हैं।
देश की निरक्षरता की दर कम करने के पीछे इन्ही शिक्षकों का योगदान है।
प्रौढ़ शिक्षा का अभियान इन्ही शिक्षकों ने चलवाया
संचारी रोको को कंट्रोल करने में भी इनका महत्वपूर्ण योगदान है।
बच्चों के कुपोषण की दर कम करने में भी इनका योगदान है।
देश में शिशु मृत्यु दर कम हुई उसमे भी शिक्षकों का योगदान है।
बाढ़ या कोई भी प्राकृतिक आपदा हो उसे संभालने में भी इनका महत्वपूर्ण योगदान है।
कोरोना में जब सब मौत के डर से घरों में छिपे थे तो यही शिक्षक घर घर जा कर जांच किए है दवा पहुचाई है।
हेल्पलाइन से आपका हाल जान कर आपको हिम्मत देने वाले यही शिक्षक थे।
जितने भी सेंटर थे उसकी देखभाल में यही शिक्षक थे।
लोग भूखे न मरे इसलिए यही शिक्षक बैठ कर राशन बंटवाए है।
मेला हो या धार्मिक उत्सव पुलिस के साथ मिल कर यही शिक्षक व्यवस्था बनाते हैं।
अब क्या क्या बताएं समाज में शिक्षकों के।प्रति दुर्भाव भर दिया गया है ।
खैर...... जो भी कार्य गिनाए हैं इनमे से कोई भी कार्य शिक्षक का नही है।
आपका अनुज
विवेकानंद
संथापक एवम अध्यक्ष
टीचर्स सेल्फ केयर टीम
उत्तर प्रदश
और कितनी छुट्टियां लोगे।,, है तीज त्योहार में घर में सोए रहते हो।
रोज कोन गाढ़ी खराब होती है।।
सरकारी नौकर हो की दामाद हो।
अन्य विभाग में गर्मियों में लम्बी छुट्टी मिलती है क्या? शिक्षय महोदय ने जो समस्या बता रहे हैं क्या वे सभी समस्याएं सभी शिक्षकों के साथ रोज होता है???
Aree mere gadha Bhai ..... chhuttiyan toh Navodaya vidyalaya or kendriya vidyalaya me bhi milti hain...or EL bhi milti hai unhe .....Ham log ko kyu nahi
गर्मी और सर्दी में जो छुट्टी होती हैं वह क्या?
Jabardasti thopi hui
ये वाली छुट्टी शिक्षक को बिलकुल भी नहीं चाहिए भाई
Boycott attendance
प्राइवेट स्कूल से नहीं, अन्य सरकारी विभागों से तुलना कीजिए , P WD . चिकित्सा, पुलिस , न्यायालय , सिंचाई ..
Cl aur el kahan se badhaenge....vacancy...nikalenge tabna
Mai bhi teacher hu lekin ku6 hamri mange hai usko pura kar de ham digital attendance ke liye taiyar hai
अध्यापक लोग ki फट रही
Hatao teacher ko private lagao ye jyada mathe Chad gye he😅😅😅😅
Its solution is only privatization.
Thanks Vivekanand जी
Biomatric.fingerprint.ke.jariaattends.hoga
अब आये बेटा रास्ते में जब बच्चो की छुट्टी पड़ती है वो भी छुट्टी मे गिना करो
अगर 7000 वाला मज़दूर ज्यादा टाइम से काम करता है तो अपनी बहन के लिए सरकारी मास्टर काहे ढूंढ रहे हो निठल्लों😂😂
Iske pahle kabhi itne bade roop me teacher ne road, weather, other works ki baat kyo nahi ki ..pahle road kharab hone ke baad bhi offline register me sahi time par school pahuch jate the..kyoki register me time bhi mention karna hota hai..but online hote hi road, weather sab problem aa gayi.. ye baat samajh ke bahar hai .
Agar sirf 6 ghante school me nahi de sakte toh aap se kya ummeed ki jaa sakti hai behtar hoga ki aap log Ghar me hi raho aapki jagah naye log aane k liye tayyar hai.
Don't worry.
Aap 8 baje se adha ghanta pahle kyun naa aa jao jaruri hai ki 5min baad hi aaoge
Gajab ka bahana hai
कलई खुलजाएगी
Deri hone par bhi vetan na Kara jaye. Bachche tuition jakar padhai kar lenge. Online attendance bandh kiya jaye. Hum par anushasan na thopa jaye. Ham anushasan sikhate hai.
किसी भी angle से ये टीचर नही लग रहा है... ये क्या पढायेगा बच्चो को...
Angle se lagna kya hota hai ? Matlab sab tereko kurta pajama aur gol chasma laga ke jhola taange dikhenge to tu teacher Maan lega ?
😂
Ye ladka tumhara nhi lag raha hai
योगी जी का श्रेष्ठ आदेश... वेतन काम का मिलता ... घर पर बैठे हैं रजिस्टर में अटेंडेंट हो गया....
Sir mera school 50 kilo mitr hai koi network nhi hai na hi Road hai
@@bablisonkar6825 तो क्या अभी तक आप ने नौकरी घर बैठ के की स्कूल नहीं गई और अगर गईं होंगी तो कभी टाइम से स्कूल नहीं पहुंची होंगी स्कूल दूर बहुत हैं रोड भी खराब हैं।
Tu jarur berojgar hai isly aisi bat kar rahe ho
Inki duty 12 hrs ki kar di jay aur uske baad inko half day ki CL lene ki suvidha de di jaye
Sabhi bahaanebajon ko barkhast karke nayee bharti lai jaye aur jo candidate Sarkar ki in sarton ko poora karen wahi bharti kiye jaaye
इनके पास कोई लॉजिक नहीं है या मान लीजिए यह हो जाए या मान लीजिए वह हो जाए या मान लीजिए यह हो जाए
Railway me sirf 10 CL milta hai
Teachers ko two months ka summer and winter vacation bhi to milta hai.......
Ab Wo 25+15=40 day's H,jisme
6 7 Sunday or 3 4 festival hote H,kbhi kbhi like previous year balganna duty/family servey of
Village/ward etc work mil jata H,ek ek time pr Kai Kai paper work manage krne hote H
Misinformer
Inko sab kuch free me dedo
Restaurant me khanakhane ke liye bhi leave dedo
Aaj bhi primary school teacher kabhi jaa rhe hai kabhi nahi jaa rhe hai
Jab sikshak time se ate hai to attendance Dene me kya dikkat paida ho rahi hai
Only opposing by corrupt & kam chor employees.
इसकी शक्ल टीचर जैसी लग भी रही है 🤪
नही बस का है तो और कोई काम देखो जिसके बस का होगा वो करेगा
Summer vacation kis department me hai winter vacation kaha hai..
Summer vacation navoday mein hai aur el bhi hai
Kvs me h , navoday me hai sare ,session break colleges me h..kabi gye ni shyad isliye PTA b nhi h tmhe
टीचर को छुट्टी मील ये तो सही है पर हाफ छुट्टी में बहुत घोलमाल हो सकता है
Pvt school walo ko koi aapti nhi hi digital attendance hona 😂😂😂
Sarkari school me teachers ki sankhya aur private me teachers ki sankhya dekhi h aapne ,pri chaparasi se lekar aaya tak sab ko alag kam diya jata h ,teachers kewal padhate h ,aur sarkari me ye sab kam teachers krte h ,kanhi kanhi 1 teacher 400 bachche dekhte hue bhi sab kerta h
@@archanaraj5043 sellry bhi to jyada hi sellry half ho jaye aur digital attendance mt do tb thik rhega na
टीचर छोटे छोटे बच्चों को भी ऑनलाइन क्वेश्चन ढूंढने के लिए कह देते हैं यह कौन सा तरीका है जब टीचर खुद नहीं बताया तो बच्चे ऑनलाइन कैसे ढूंढेंगे छोटे छोटे बच्चों को भी बता देते हैं