Ye kya hai? Sookshm shareer sthool shareer me hota hai aur uske andar karan shareer aur mahakaran shareer aur uske andar atma hota hai Ab sookshma shareer me kaun pravesh karega? Sahi nahi lagata
Me sleeping position me साँस par dhayan karke सूक्ष्म शरीर, सक्रिय kar deta hu lekin mera सूक्ष्म शरीर body se bahar nahi niklata he,.. To kese me apane astral body ko upar nikalu aur khud ke physical body ko dekh saku मार्गदर्शन दीजिये गुरुजी
सुक्ष्म शरीर प्राण वायु का बना है और सुक्ष्म शरीर का कोई वजन भी नही है जिसके कारण सुक्ष्म शरीर को गुरुत्वाकर्षण बल भी नही पकड़ पाता है और यही कारण है की जब कोई साधक सुक्ष्म शरीर में प्रवेश कर जाता है तो अपने आप ही सुक्ष्म शरीर, स्थूल शरीर से ऊपर उठने लगता है और साधक अपने स्थूल शरीर के दर्शन करता है क्योंकि वजन ना होने की वजह से सुक्ष्म शरीर गुरुत्वाकर्षण बल से मुक्त रहता है आप अपनी ध्यान साधना को जारी रखिये, भोले बाबा आपको आत्मज्ञान के मार्ग पर चलाए, आपको आत्म का ज्ञान और दर्शन कराए, भोले बाबा आपको सुखी रखे, ओउम् नमः शिवाय
@@vinaykr5767 आपकी बुद्धि बल तेज है इसलिए आप तो दो मिनट में समझ जाओगे लेकिन जिन लोगों के लिए यह विषय नया है उन लोगों के लिए तो 22 मिनट भी कम है. ओउम् नमः शिवाय
आत्मा शरीर के नौ द्वारों में से किसी एक द्वार से बहार निकलती है और ये नौ द्वार दोनों आखें, दोनों कान, दोनो नासिका, मुंह, लिंग और गुदा अंग हैं और जिस व्यक्ति की आत्मा लिंग या गुदा अंग से बाहर निकलती है वो नीची योनियों में चले जाते हैं और दसवा द्वार है सहस्राह चक्र, ब्रह्मरन्ध्र जिसका प्रयोग योगी साधक करते है, ओउम् नमः शिवाय, भोले बाबा आपको आत्मज्ञान के मार्ग पर आगे बढ़ाते चले जाए और आत्म का ज्ञान कराए, ओउम् नमः शिवाय
आपका सर नीचे झुक जाता है ऐसा ध्यान की अवस्था में इसलिए होता है ताकि आपके चक्र एक सीध में आ जाए और वहाँ आप क्या खोजते हो, वहाँ पर मिलने जैसा कुछ होता नही है क्योंकि सब कुछ पहले ही आप के अंदर मौजूद है और आप में ही घट रहा है और आप कुछ मिलने की तलाश में रहते हो और यह एक लालच है इसलिए आपको इसको भी त्यागना होगा क्योंकि एक लालची मन से उस अवस्था को आप पा नही सकते आपको लालच को त्यागना होगा और निस्वार्थ बनना होगा, ओउम् नमः शिवाय
@@swamivkd Main ik omkar ka jaap karta hoon mera simran bhut chalta hain kano se avaj b ati hain kya meri atma sarir se bahar nikal sakti hain upar madlo par ja sakti hain jeevat hi
ओम नमः शिवाय ❤ हर हर महादेव जी ❤
Acchi bilkul sahi prayogik gyaan h
Sahi h aam aadami k samjhane k liye thik bhasa ka prayog hua h
Om namah shivay 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🔱🔱🔱🔱🔱🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🔱🔱🔱🔱🔱🙏🏻🙏🏻🙏🏻🔱🔱🔱🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🔱🔱🔱
Guru ji aapka bhut bahut dhaybaad bhagvan aapko aor gyan de
ओम नमः शिवाय
ओउम् नमः शिवाय
❤
P
Sukshm sharir ke Karan sharir mein kaise Pravesh Karen Mahatma Ji yah batao mujhe
Need more knowledge about this. Need more video
Ji hamen yah batao ki Karan sharir mein kaise Pravesh Karen Karan sharir mein batao sukhi sharir mein nahin
Guruji pranam 🙏 susma sarir ka protection kaise karen🙏 kripa margdarsan karen 🙏
Charan sparsh swikaar kare.
Dhyan me agar kuchh secand ke liye pravesh karta hai to usi tarah sukshm sarir ko der tak bahar kaise rakkhe
Ye kya hai? Sookshm shareer sthool shareer me hota hai aur uske andar karan shareer aur mahakaran shareer aur uske andar atma hota hai
Ab sookshma shareer me kaun pravesh karega?
Sahi nahi lagata
Agar aapke pass dhyan me jyada der tak sukshm sharir ko bahar kaise rakkhe
Me sleeping position me साँस par dhayan karke सूक्ष्म शरीर, सक्रिय kar deta hu lekin mera सूक्ष्म शरीर body se bahar nahi niklata he,.. To kese me apane astral body ko upar nikalu aur khud ke physical body ko dekh saku
मार्गदर्शन दीजिये गुरुजी
सुक्ष्म शरीर प्राण वायु का बना है और सुक्ष्म शरीर का कोई वजन भी नही है जिसके कारण सुक्ष्म शरीर को गुरुत्वाकर्षण बल भी नही पकड़ पाता है और यही कारण है की जब कोई साधक सुक्ष्म शरीर में प्रवेश कर जाता है तो अपने आप ही सुक्ष्म शरीर, स्थूल शरीर से ऊपर उठने लगता है और साधक अपने स्थूल शरीर के दर्शन करता है क्योंकि वजन ना होने की वजह से सुक्ष्म शरीर गुरुत्वाकर्षण बल से मुक्त रहता है आप अपनी ध्यान साधना को जारी रखिये, भोले बाबा आपको आत्मज्ञान के मार्ग पर चलाए, आपको आत्म का ज्ञान और दर्शन कराए, भोले बाबा आपको सुखी रखे, ओउम् नमः शिवाय
दो मिनट मे कहने वाली बात को 22 मिनट मे बोलने की क्षमता के लिए आपकी कैसे प्रशंसा करें ये समझ नहीं आ रहा! 🤔
@@vinaykr5767 आपकी बुद्धि बल तेज है इसलिए आप तो दो मिनट में समझ जाओगे लेकिन
जिन लोगों के लिए यह विषय नया है उन लोगों के लिए तो 22 मिनट भी कम है. ओउम् नमः शिवाय
@@swamivkdसही जवाब 😂😂
Atma kaise alag hoti hain sarir se
आत्मा शरीर के नौ द्वारों में से किसी एक द्वार से बहार निकलती है और ये नौ द्वार दोनों आखें, दोनों कान, दोनो नासिका, मुंह, लिंग और गुदा अंग हैं और जिस व्यक्ति की आत्मा लिंग या गुदा अंग से बाहर निकलती है वो नीची योनियों में चले जाते हैं और दसवा द्वार है सहस्राह चक्र, ब्रह्मरन्ध्र जिसका प्रयोग योगी साधक करते है, ओउम् नमः शिवाय, भोले बाबा आपको आत्मज्ञान के मार्ग पर आगे बढ़ाते चले जाए और आत्म का ज्ञान कराए, ओउम् नमः शिवाय
@@swamivkd main dyan karta hoon mere hath pair sun ho jate hain aur head neeche gir jata hain lekin kuch milta nhi
आपका सर नीचे झुक जाता है ऐसा ध्यान की अवस्था में इसलिए होता है ताकि आपके चक्र एक सीध में आ जाए और वहाँ आप क्या खोजते हो, वहाँ पर मिलने जैसा कुछ होता नही है क्योंकि सब कुछ पहले ही आप के अंदर मौजूद है और आप में ही घट रहा है और आप कुछ मिलने की तलाश में रहते हो और यह एक लालच है इसलिए आपको इसको भी त्यागना होगा क्योंकि एक लालची मन से उस अवस्था को आप पा नही सकते आपको लालच को त्यागना होगा और निस्वार्थ बनना होगा, ओउम् नमः शिवाय
@@swamivkd
Main ik omkar ka jaap karta hoon mera simran bhut chalta hain kano se avaj b ati hain kya meri atma sarir se bahar nikal sakti hain upar madlo par ja sakti hain jeevat hi
Sahi hai lekin galat usse Jada hai
L
Ye sub phaltu hai ye sub me padkar apaka dimag kharab ho sakta hai aap pagal bhi ho sakte hai ❤
Om namo Narayan Guruji Koti Koti pranam Guruji mujhe aapka number chahie