Yaaarrr...!!! Ghazab ki baten bol rha hy. Kasam say rula diya yaaaarr. Wo hamara gaon ka kacha gahr...!😓😓😞... Pta nhe wo kahan chly gaye... Wo kachy patt per neechy beth kar sath men rhty thy. Ajeeb zamana tha really
पँकज भाई मैं आपका बहुत पुराना फैन हूँ । लेकिन इस गजल को सुनने पर ऐसा लगा जैसे आपने मेरे जैसे कई लोगों पर बनाई । दिल भर आया । आप जैसे फनकार नहीं मिलेंगे । बार बार परिवार के साथ सुनता हूँ । बहुत सुँदर वास्तविक जीवन । कया कहना आपका ।शब्द नहीं हैं ।
क्या सच्चाई है भाई शाहब आप की स्वर एवं शब्द मे जो मैं अपने लब्ज से ब्यान करने लायक सायद नही बन पाया हुँ,धन्यवाद उनको भी जिन होने यह गजल के लिए शब्द को संक्लन किए होंगे,
*سب کی آواز، سب کی کہانی* ظفر گورکھپوری کی اس درد انگیز نظم سن کر شاید ہی کوئی شخص بچا ہو جو آبدیدہ اور پرنم نہ ہوا ہو، اور ماضی کی دکھ سکھ بھری یادوں میں کھو نہ گیا ہو۔
दुःख सुख था एक सबका, अपना हो या बेगाना, एक वो भी था ज़माना, एक ये भी है ज़माना… दादा हयात थे जब, मिटटी का एक घर था, चोरों का कोई खटका न डाकुओं का डर था । खाते थे रूखी-सूखी, सोते थे नींद गहरी , शामें भरी-भरी थीं, आबाद थी दुपहरी… संतोष था दिलों को माथे पे बल नहीं था दिल में कपट नहीं था आँखों में छल नहीं था थे लोग भोले-भाले लेकिन थे प्यार वाले दुनिया से कितनी जल्दी सब हो गए रवाना… दुःख सुख था एक सबका अपना हो या बेगाना, एक वो भी था ज़माना, एक ये भी है ज़माना… अब्बा का वक़्त आया तालीम घर में आई तालीम साथ अपने ताज़ा विचार लाई आगे रवायतों से बढ़ने का ध्यान आया मिटटी का घर हटा तो पक्का मकान आया दफ्तर की नौकरी थी, तनख्वाह का सहारा मालिक पे था भरोसा हो जाता था गुज़ारा पैसा अगर जो कम था फिर भी न कोई ग़म था कैसा भरा-पूरा था अपना गरीब-खाना … दुःख सुख था एक सबका अपना हो या बेगाना, एक वो भी था ज़माना, एक ये भी है ज़माना… अब मेरा दौर है ये कोई नहीं किसी का हर आदमी अकेला हर चेहरा अजनबी-सा आँसूं न मुस्कराहट जीवन का हाल ऐसा अपनी खबर नहीं है माया का जाल ऐसा पैसा है मर्तबा है इज्ज़त-विकार भी है नौकर है और चाकर बंगला है कार भी है ज़र पास है ज़मीं है लेकिन सुकूं नहीं है पाने के वास्ते कुछ क्या-क्या पड़ा गंवाना… दुःख सुख था एक सबका अपना हो या बेगाना, एक वो भी था ज़माना, एक ये भी है ज़माना ए आने वाली नस्लों ए आने वाले लोगों भोगा है हमने जो कुछ वो तुम कभी न भोगो जो दुःख था साथ अपने तुम से करीब न हो पीड़ा जो हम ने भोगी तुमको नसीब न हो.. जिस तरह भीड़ में हम तन्हा रहे अकेले वो जिंदगी की महफ़िल तुमसे न कोई ले ले… तुम जिस तरफ से गुजरो मेला हो रौशनी का रास आये तुमको मौसम इक्कीसवी सदी का हम तो सुकूं को तरसे तुम पर सुकून बरसे आनंद हो दिलों में जीवन लगे सुहाना… दुःख सुख था एक सबका अपना हो या बेगाना, एक वो भी था ज़माना, एक ये भी है ज़माना
कई बार जो हम कहना चाहते हैं और वो जुबान पर आकर भी सही शब्द नहीं बन पाती हैं या यूँ कहें कि हम अपने विचारों को सही शब्दों में बयां नहीं कर पाते हैं वो ये ग़ज़ल सायद बेहतर तरीके से बता पाती है। अपने दादा, परदादा जी की बातें उनकी कहानियाँ हमें हमारे पिताजी सुनते थे फिर वो अपनी बातों पर आते। हैं जब समाज में एक बदलाव आने लगा लोगों के शिक्षा मिली फिर शिक्षा से वो अपनी नई सोंच से समाज में एक बदलाव लाने के लिए आगे बढे। फिर जिस समाज को हम देख रहे हैं उसकी अपनी एक बजाग दौड़ वाली, उथल पुथल भरी जिंदगी जिसमे केवल तनाव ही तनाव है लोगों के पास समय नहीं हैं एक दूसरे से बात कर पाने का, हम सभी उस दौड़ से ही गुज़र रहे हैं इस वक़्त हम सभी एक मायाजाल में फंसे पड़े हैं चहरे पर एक अलग ही तनाव है जो लोगों को किसी अपनों को ढूंढ़ती रहती है जिसे हम अपना दुःख सुख बता सकें। फिर उसके बाद हम आने वाले नस्ल को देख कर उनके उज्ज्वल जीवन की कामना करते हैं उनको वो सभी ख़ुशी मिले जिसके लिए हम तरसे हैं।
very awsome Pankaj Udhas sir. Hamare pidiyon ko kitne asse se najarandaj kiya gya hai . Sach mein pidiyon mein privartan hota toh he, lekin ek simit str par hona chahiye...yehi meri khwahij sabke liye...ek sadharn admi ka khwahij...
Kya khoob duwa ki hai Zafar gorakhpuri ne... Ae aane wali naslown... Ae aane wale logo... Hum to suku ke tarase... Tum par sukoon barase... Aanand ho dilo me jiwan lage suhana... Come back to 50 to hundred years back... And you people will get all the pleasure... Which is awesome.... Believe my words... I am born in 1980...and I realize it...
Superb lyrics exactly as the generation gaps and difference. I wish I can travel back to my father's generation where even neighbors had lot of love among them as family members. I still remember when were shifting our home even our neighbors were hugging and crying, as a son is going out. Please god I need that warmth and love in today's generation people too. That's real value of relationship.
This is blessing from there parents for there chillden's.that we have face lot of probles but Almighty our dears must not face it in life so what we have fased in our life
Sabd hi nhi aapki taref me jise kudrat ne itni surely aawaj me nwaja ho is dhra me aap sangeet ke taj hai jo hm sabke jeevan me sanget ko jgaye rakhte h
It isn't just about the words, It isn't just about the connect or feelings, It isn't just about the voice, It isn't just about the music, It is the way all this was put together...It couldn't have been better. The rendering was more than enough to bring tears to any living being....I cried like a ..ummmm, what ? I dont know.
Past, Present & Future , Zafar Gorakhpori Sahab Explains these Tenses very well. Above all Pankaj Udhas ji Composition & voice are mind blowing. A Matser piece of Ghazals & Nazams.
The Great Indian Ghazal Legend whos melodious memories will continue to Cherish music Lovers around the globe✌️ I just Feel highly Proud when i recall the memories ,the Melodious Evening i attended this Live concert At Gate way of India,Mumbai
Sach m yh bhut hi khuwsurt song h... Jo swko psnd ayga.. Or yh song zindgi ki sachi wya krti h.... Hr ek line schi h.... Is aj ky dour m logo ki zindgi ka yhi hal h.....sir.
This is perfect draft of God gifted voice and poets thoughts and choice of word ....this nazam will become very famous in coming days....thank you for giving me very heart touching gift.......
मेरा विश्वास है कि आप अठ्ठाइस वर्ष पहले चले गए लेकिन आप एक नेक कार्य हेतु गए है और इक्कीसवी के लिए जमाना और उचित धन प्रबंधन हेतु गए है इसमें राम प्रभू आपके अलाप और हम भारतियों की इच्छा पूरी अवश्य करेंगे
@@arnabchattopadhyay3921 Expectaion... No..... No... Enjoy What you want... .. And. ..Remember ...All your personal griefs will b yours... 💋💜💗👍👈👈🐩🐓🐦🐃🐗🐍🐫🐟🐬🐞🍺☕🍧🍫🍳🍖🍞🍲🍠🍋🍈🍓🌳🌹🌺🌿🌁🌀🌝🌒🌗🌇🌐👞🎓👖👡🎒💲💸💸💣🔕🔕🔦📘📑📛📛🎂🎊🎋☎📨📨📬📢📍💻📅📃⛺🎨🎦🎰📺🎤🎹🏢🏭⛪🗿🔨
ऐ आने वाली नस्लो ऐ आने वाले लोगो। भोगा है हमने जो कुछ वो तुम कभी न भोगो।। जो दुख था साथ अपने तुमसे करीब न हो। पीड़ा जो हमने झेली तुमको नसीब न हो।। जिस तरह भीड़ में हम जिंदा रहे अकेले। वो जिंदगी की महफ़िल तुमसे न कोई ले ले।। तुम जिस तरफ से गुजरो मेला हो रोशनी का। रास आया तुमको मौसम 21वीं सदी का।। हम तो सुकून को तरसे तुम पर सुकून बरसे। आनन्द हो दिलों में जीवन लगे सुहाना। दुख सुख था एक सबका अपना हो या बेगाना।। एक वो भी था जमाना एक ये भी है जमाना।। ❤️❤️❤️❤️❤️
नमन लोकतंत्र में लोकतंत्र को किस तरह व्यवस्था के द्वारा खोखला होता हैं ॽ जनता से ज्यादा कौन जानता नेता तो राजनीति का दुकान चलाते हैं ॽ उनका मानसिकता सोसाइटी उसी लेबल का होते हैं ॽ राजनीति और महफ़िल दोनों उच्च स्तरीय लोकतंत्र है ॽ जीस में जनता को सौ दुर हैं ॽ स्वच्छता बहुत जरुरी हैं ॽ
अब मेरा दौर है ये कोई नही किसी का🥰 हर आदमी अकेला हर चेहरा अजनबी सा आसूं ना मुस्कुराहट जीवन का हाल ऐसा अपनी खबर नही माया का जाल ऐसा 📝 ए आने वाली नस्ले ए आने वाले लोगो जो हमने झेला वो तुम कभी ना झेलो जो दुख हमने भोगा वो तुम कभी ना झेलो जिस तरह भीड़ में हम ज़िंदा रहे अकेले वो ज़िंदगी की महफिल तुमसे ना कोई ले ले तुम जिस तरफ से गुजरो मेला हो रोशनी का रास आए तुम्हे जीवन 21वी सदी का🙌🙏🇮🇳
Dukh sukh tha ek sabka Apna ho ya begaana Ek woh bhi tha zamaana Ek yeh bhi hai zamaana Dukh sukh tha ek sabka Apna ho ya begaana Ek woh bhi tha zamaana Ek yeh bhi hai zamaana Dada hai aate the jab Mitti ka ek ghar tha Choron ka koi ghatka Na dakuon ka dar tha Khaate the rookhi sookhi Sote the neend gehri Shaamein bhari bhari thi Aabaad thi dupehri Santosh tha dilon ko Maathe pe bal nahi tha Dil mein kapat nahi tha Aankhon mein chhal nahi tha Hain log bhole bhale Lekin the pyaar wale Duniya se kitni jaldi Sab ho gaye ravaana Dukh sukh tha ek sabka Apna ho ya begaana Ek woh bhi tha zamaana Ek yeh bhi hai zamaana Abba ka waqt aaya Taaleem ghar mein aayi Abba ka waqt aaya Taaleem ghar mein aayi Taaleem saath apni Taaza vichaar laayi Aage rawayaton se Badhne ka dhayaan aaya Mitti ka ghar hata to Pakka makaan aaya Daftar ki naukri thi Tangah ka sahara Maalik pe tha bharosa Ho jaata tha guzara Paisa agar chekam tha Phir bhi na koi gham tha Kaisa bhara poora tha Apna gareeb khana Dukh sukh tha ek sabka Apna ho ya begaana Ek woh bhi tha zamaana Ek yeh bhi hai zamaana Ab mera daur hai yeh Koyi nahi kisi ka Ab mera daur hai yeh Koyi nahi kisi ka Har aadmi akela Har chehra ajnabee sa Aansoon na muskuraahat Jivan ka haal aisa Apni khabar nahi hai Maya ka jadoo aisa Paisa hai martaba hai Izzat wikar bhi hai Naukar hain aur chaakar Bangla hai car bhi hai Zar paas hai zameen hai Lekin sakoon nahi hai Paane ke vaaste kuch Kya kya pada gavaana Dukh sukh tha ek sabka Apna ho ya begaana Ek woh bhi tha zamaana Ek yeh bhi hai zamaana Aye aane wali naslon Aye aane wale logon Bhoga hai humne jo kuch Woh tum kabhi na bhogo Jo dukh tha saath apne Tumse kareeb na ho Peeda jo humne jheli Tumko naseeb na ho Jis tarah bheed mein hum Zinda rahe akele Woh zindagi ki mehfil Tumse na koyi le le Tum jis taraf se guzro Mela ho roshni ka Raas aaye tumko mausam Ekkiswi sadi ka Hum to sakoon ko tarse Tum par sakoon barse Anand ho dilon mein Jivan lage suhaana Dukh sukh tha ek sabka Apna ho ya begaana Ek woh bhi tha zamaana Ek yeh bhi hai zamaana...
जाते जाते रूला गए पंकज साहब, ईश्वर आपकी आत्मा को शांति प्रदान करे 💔🥲
Hart❤ touching 😢
😢😢😢😢जब भी इस गजल को पंकज सर की मखमली आवाज में सुनता हूं कमबख्त आंसू निकल आते हैं 😢😢😢😢😢
Wow mere aakho me to aashu aa gye hai yaar Kya jmana tha bachpan ka Kash phir se wo bachpan mile apno ka sath mile
बहुत प्यारा 👌 सुकून किसे कहते है आज के लोग जानते ही कहाँ है।
Sir unko sukun ki zarurat nahi hai
My heart cried when I learnt that he is no more... 😢 Velvet voice which immortalized several ghazals will be missed...
i cannot agree more... Legends dont die...they always remain with us through their voice.
इस गज़ल को सुनकर मन में विचार आता है कि काश हम लोग पुराने जमाने को ला पाते जिसमें आत्मीयता थी सब चैन से जीते थे
Yaaarrr...!!! Ghazab ki baten bol rha hy. Kasam say rula diya yaaaarr. Wo hamara gaon ka kacha gahr...!😓😓😞... Pta nhe wo kahan chly gaye... Wo kachy patt per neechy beth kar sath men rhty thy. Ajeeb zamana tha really
Missing bro
पँकज भाई मैं आपका बहुत पुराना फैन हूँ । लेकिन इस गजल को सुनने पर ऐसा लगा जैसे आपने मेरे जैसे कई लोगों पर बनाई । दिल भर आया । आप जैसे फनकार नहीं मिलेंगे । बार बार परिवार के साथ सुनता हूँ । बहुत सुँदर वास्तविक जीवन । कया कहना आपका ।शब्द नहीं हैं ।
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क्या सच्चाई है भाई शाहब आप की स्वर एवं शब्द मे जो मैं अपने लब्ज से ब्यान करने लायक सायद नही बन पाया हुँ,धन्यवाद उनको भी जिन होने यह गजल के लिए शब्द को संक्लन किए होंगे,
ना कोई पंकज उदास जैसा था ना कोई होगा। जब गजल सुनते हैं तो लगता है आज भी सामनेबैठ कर गा रहे हैं।
पाँव से चलकर थकना नहीं जानतेथे हमारे बाबा दादा क्या गजब दुनिया था ..ममता और प्यार सब के घर परिवार में था ..रूठना और मनाना एक सब का रीत था ...
सर जी में आपकी आवाज बहुत बड़ा फैन हूं दिल से केह रहा हूं लेकिन आपके इस गीत मुझ जैसे 30 साल के युवा को रूला दिया आपको कोटि कोटि प्रणाम करता हूं 💯🙏😊
*سب کی آواز، سب کی کہانی*
ظفر گورکھپوری کی اس درد انگیز نظم سن کر شاید ہی کوئی شخص بچا ہو جو آبدیدہ اور پرنم نہ ہوا ہو، اور ماضی کی دکھ سکھ بھری یادوں میں کھو نہ گیا ہو۔
بے شک
True Nazal to the current times
Kyaa khubb Bola hai
Pankaj Udhas Sahab👍❤️
Zafar Ghorakpuri ka likha hua ha
Pankaj Udhas ki awaz hai ...
दिल को छू लिया पंकज जी आपने
काश वो समय अब भी रहता तो
सच्चाई बयां करने की पूरी कोशिश की है शायर ने।
बहुत ख़ूब
दुःख सुख था एक सबका,
अपना हो या बेगाना,
एक वो भी था ज़माना,
एक ये भी है ज़माना…
दादा हयात थे जब,
मिटटी का एक घर था,
चोरों का कोई खटका
न डाकुओं का डर था ।
खाते थे रूखी-सूखी,
सोते थे नींद गहरी ,
शामें भरी-भरी थीं,
आबाद थी दुपहरी…
संतोष था दिलों को
माथे पे बल नहीं था
दिल में कपट नहीं था
आँखों में छल नहीं था
थे लोग भोले-भाले
लेकिन थे प्यार वाले
दुनिया से कितनी जल्दी
सब हो गए रवाना…
दुःख सुख था एक सबका
अपना हो या बेगाना,
एक वो भी था ज़माना,
एक ये भी है ज़माना…
अब्बा का वक़्त आया
तालीम घर में आई
तालीम साथ अपने
ताज़ा विचार लाई
आगे रवायतों से
बढ़ने का ध्यान आया
मिटटी का घर हटा तो
पक्का मकान आया
दफ्तर की नौकरी थी,
तनख्वाह का सहारा
मालिक पे था भरोसा
हो जाता था गुज़ारा
पैसा अगर जो कम था
फिर भी न कोई ग़म था
कैसा भरा-पूरा था
अपना गरीब-खाना …
दुःख सुख था एक सबका
अपना हो या बेगाना,
एक वो भी था ज़माना,
एक ये भी है ज़माना…
अब मेरा दौर है ये
कोई नहीं किसी का
हर आदमी अकेला
हर चेहरा अजनबी-सा
आँसूं न मुस्कराहट
जीवन का हाल ऐसा
अपनी खबर नहीं है
माया का जाल ऐसा
पैसा है मर्तबा है
इज्ज़त-विकार भी है
नौकर है और चाकर
बंगला है कार भी है
ज़र पास है ज़मीं है
लेकिन सुकूं नहीं है
पाने के वास्ते कुछ
क्या-क्या पड़ा गंवाना…
दुःख सुख था एक सबका
अपना हो या बेगाना,
एक वो भी था ज़माना,
एक ये भी है ज़माना
ए आने वाली नस्लों
ए आने वाले लोगों
भोगा है हमने जो कुछ
वो तुम कभी न भोगो
जो दुःख था साथ अपने
तुम से करीब न हो
पीड़ा जो हम ने भोगी
तुमको नसीब न हो..
जिस तरह भीड़ में हम
तन्हा रहे अकेले
वो जिंदगी की महफ़िल
तुमसे न कोई ले ले…
तुम जिस तरफ से गुजरो
मेला हो रौशनी का
रास आये तुमको मौसम
इक्कीसवी सदी का
हम तो सुकूं को तरसे
तुम पर सुकून बरसे
आनंद हो दिलों में
जीवन लगे सुहाना…
दुःख सुख था एक सबका
अपना हो या बेगाना,
एक वो भी था ज़माना,
एक ये भी है ज़माना
दादा हयात थे जब ........ बाक़ी आपने बहुत अच्छा लिखा है ❤
@@ehtesham145 धन्यवाद। सुधार कर दिया है।
वैसे हयात का क्या मतलब है?
❤
Yeh sunke sirf aur sirf aglee generation ke liye dua hi dua hai.
पंकज उदास साहब आपने सुख दुख हो एक सबका गजल से जिन्दगी की हकीकत बया कि ये हे ।। धन्यवाद साब ।।
कई बार जो हम कहना चाहते हैं और वो जुबान पर आकर भी सही शब्द नहीं बन पाती हैं या यूँ कहें कि हम अपने विचारों को सही शब्दों में बयां नहीं कर पाते हैं वो ये ग़ज़ल सायद बेहतर तरीके से बता पाती है। अपने दादा, परदादा जी की बातें उनकी कहानियाँ हमें हमारे पिताजी सुनते थे फिर वो अपनी बातों पर आते। हैं जब समाज में एक बदलाव आने लगा लोगों के शिक्षा मिली फिर शिक्षा से वो अपनी नई सोंच से समाज में एक बदलाव लाने के लिए आगे बढे। फिर जिस समाज को हम देख रहे हैं उसकी अपनी एक बजाग दौड़ वाली, उथल पुथल भरी जिंदगी जिसमे केवल तनाव ही तनाव है लोगों के पास समय नहीं हैं एक दूसरे से बात कर पाने का, हम सभी उस दौड़ से ही गुज़र रहे हैं इस वक़्त हम सभी एक मायाजाल में फंसे पड़े हैं चहरे पर एक अलग ही तनाव है जो लोगों को किसी अपनों को ढूंढ़ती रहती है जिसे हम अपना दुःख सुख बता सकें। फिर उसके बाद हम आने वाले नस्ल को देख कर उनके उज्ज्वल जीवन की कामना करते हैं उनको वो सभी ख़ुशी मिले जिसके लिए हम तरसे हैं।
!! वाह !! बहुत ही संवेदनशील और यथार्थ से
परिपूर्ण ।।
very awsome Pankaj Udhas sir. Hamare pidiyon ko kitne asse se najarandaj kiya gya hai . Sach mein pidiyon mein privartan hota toh he, lekin ek simit str par hona chahiye...yehi meri khwahij sabke liye...ek sadharn admi ka khwahij...
Hum to sukun ko tarse
Tum pr sukun barse.🌷🌷🌷
Ek wo bhi tha zamana
Ek yeh bhi hai zamana
WO gaon ki kachchi sarke mitti ke makan bahut sakoon tha pankaj bhaijaan aapki payri awaz dil ko sakon diya rab khair kare ##
बोहोत ह्रदय स्पर्शी । आपकी आवाज मे रस है। जो भगवान की कृपा से मिलता है।
bht khub hi y sing
Kya khoob duwa ki hai Zafar gorakhpuri ne... Ae aane wali naslown... Ae aane wale logo... Hum to suku ke tarase... Tum par sukoon barase... Aanand ho dilo me jiwan lage suhana... Come back to 50 to hundred years back... And you people will get all the pleasure... Which is awesome.... Believe my words... I am born in 1980...and I realize it...
Superb lyrics exactly as the generation gaps and difference. I wish I can travel back to my father's generation where even neighbors had lot of love among them as family members. I still remember when were shifting our home even our neighbors were hugging and crying, as a son is going out. Please god I need that warmth and love in today's generation people too. That's real value of relationship.
Absolutely Right 👍
Nmmmmlmmmmnmmmnnnmmmmmmmnnkkkmkmmnnnnmnnnnnnnnnnnnnnnnnnnnnmnnnnnnmbnnbbbvbbbnbbbbbbbbb
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@@sunilkumargarg7670
P
P⁰
😥😥😥😥😥😥
Humne bhi saikron baar suni hogi, jab bhi sunte hain kambakht rula deti hai ye GHAZAL. 😢😢😢😢
This is blessing from there parents for there chillden's.that we have face lot of probles but Almighty our dears must not face it in life so what we have fased in our life
Aankho mai Pani aa gaya . Behtrin Alfaz jo logo ke pyar ka vakhan karte hai .
Ye vo dour tha jab Ghar mitti ke hote the par log sachche hote the .
जब जब सुनते है आपको कमबख्त ये आँखें भर ही जाती हैं
Sabd hi nhi aapki taref me jise kudrat ne itni surely aawaj me nwaja ho is dhra me aap sangeet ke taj hai jo hm sabke jeevan me sanget ko jgaye rakhte h
Insaniyat se bhara song hai . Ise sun kar admi insan bn jayega...bohut bohut sakuun bhara song
Xxm cx z🐀🐀🦛🐀🐁m t c😌🤥😒🤥🤥😐😐😒😬waa😬awwwwwaa waaa😒🤥aaawwa😒😐🤥😐🤥😒t
😰😰😥😥😥😥😥
Isme apni puri zindagi ki story'
जीवन की सच्चाई है मै और मेरा अतित और बर्तमान का हिस्सा आप के एक स्वयं से परिचय दिया है नमन
Kia khobsorat nazam ha... Aik aik bol Sach or dil man utarny wala...
It isn't just about the words, It isn't just about the connect or feelings, It isn't just about the voice, It isn't just about the music, It is the way all this was put together...It couldn't have been better. The rendering was more than enough to bring tears to any living being....I cried like a ..ummmm, what ? I dont know.
Past, Present & Future , Zafar Gorakhpori Sahab Explains these Tenses very well. Above all Pankaj Udhas ji Composition & voice are mind blowing. A Matser piece of Ghazals & Nazams.
Pankaj G ke aatma ko Shanti de😢 ( aap geet pahle se rula Dene wala tha aur ab Aaj aap khud nhi rahe ab mera Rona ruk hi nhi Raha 😢😢😢
Educational life has made change life but at the cost of degration of morality and environment, this ghazal has gist of life.
एक एक शब्द में जान है और सच्चाई है।
क्या खूब पिरोया है समय की इस धारा को शायर ने शब्दों में
The Great Indian Ghazal Legend whos melodious memories will continue to Cherish music Lovers around the globe✌️
I just Feel highly Proud when i recall the memories ,the Melodious Evening i attended this Live concert At Gate way of India,Mumbai
apse behtar koi nhi h aj is desh m gazal gayaki m....bhagwan ka diya ek aashirwad ho ap hindustaniyo k liye...i love u pankJ ji
पंकज उधास जी ने "दुःख सुख था एक सबका ..... "ग़ज़ल गाकर ह्रदय को स्पर्श कर लिया,जीवन का मर्म इस ग़ज़ल में बता दिया ,अति सुन्दर ,बारम्बार सुनाने योग्य ग़ज़ल|
रुला दिया इस गजल ने तिन पिंडी को एक गजलमें पिरो दिया। उस वक्त का सच्चाई और आज का दिन।
"Bheerh may akailay " describes our life so well. Sadly I feel my 17 year old son is already going through it
ہر انسان ماضی پرست ہے لیکن جو انسان جنون کی حد تک ماضی پرست ہو تو وہ شدید کرب میں ہوتا ہے ایسی شاعری اور گائیکی کی وجہ سے۔
Dada dadi aur maa baap sabki yaad dila di.👌👌👌👏👏👏
Unko bhoolta kon hai
Pankaj udhas ka ghazal bahut pyara bahut achcha
Pankaj udaas ka thodi thodi piya
कोई शब्द नहीं जिसमें लेखक और गायक की तारीफ कर सकूँ।just speechless
I am an old person so I can't forget that golden days.
Sach m yh bhut hi khuwsurt song h... Jo swko psnd ayga..
Or yh song zindgi ki sachi wya krti h.... Hr ek line schi h.... Is aj ky dour m logo ki zindgi ka yhi hal h.....sir.
बहुत सुंदरता से चारो पीढ़ियों के सटीक चित्रण दिल को छू जाते हैं। वाकई क्या आने समय मे ऐसे फनकार देखने को मिलेगा ?
Very nice, excellent
Sandeep Sharma
Impossible
Aisi ummid mt rakhna sahab
ham apne ko bhagyshali kh sakte h k aese awaj k malik ko sun parahe h wo b live...
thanks
Wo buzurge bhi bade pyare thy...jisne jiya uski kimat sirf wahi janta haii....Behtreen
This is perfect draft of God gifted voice and poets thoughts and choice of word ....this nazam will become very famous in coming days....thank you for giving me very heart touching gift.......
Nice
Aaj hm sb akele h Paisa h but wo dost nhi h zindegi bojhil ho gae h
Excellent written bhai
Real najm
love this song...miss my grandpa........every words touch in my hearts
really heart touching ..n fact of life...tear come in my eyes
Ae aane wale logo... Ae aane wali naslo..wn. ...kya khoob duwa ki hai.. Zafar gorakhpuri ne.... Bahut khoob...
sab ko lagta he ki ye meri kahani he.
Jay Ho
Pankaj udash ji Namashkar
Agree भाई
is nazam ka 1 ek shair dil ko cheerdene wala hai.wallah rona aaraha.. PANAY KE WASTE KUCH KYA KYA PADA GAWANA.
🙏🙏🙏🙏🙏शत शत नमन पंकज साहब को 🙏🙏🙏🙏
पूर्वज कहते थे कि रंग, गंध, स्वाद और आवाज के आभाव मे जीवन काटना बहुत मुश्किल होता है और यह जीवन व्यापार की आड़ मे थोपा जा रहा है🎉
Bahut hi sunder awaaj,kano ko bhi sukoon milta hey.❤
Wah WaH Bahuth Bahuth Kub-
Love you so Much-
Thanks-
मेरा विश्वास है कि आप अठ्ठाइस वर्ष पहले चले गए लेकिन आप एक नेक कार्य हेतु गए है और इक्कीसवी के लिए जमाना और उचित धन प्रबंधन हेतु गए है इसमें राम प्रभू आपके अलाप और हम भारतियों की इच्छा पूरी अवश्य करेंगे
i have No words To Appreciate You Pankaj Sir.
Respect For You From punjab.
Lyrics Really👌🏼👌🏼❤️
Me bhaidas hall me parla Mumbai me pahli bar pankaj jl ko 1982 me soona aur dekha tha ticket hai mere pass
most favorite, like to listen each evening.
kasam se 100 bar sune par dil nahi bharta meri raaten sare kalam sum ker aur gulam ali sahab ko
I love this Ghazal.... Eyes are full of tears.... Missing childhood. Missing my friends👭👬👫
दिल को छू गयी आपकी ये गजल पंकज उदास जी
so befitting, great lyrics and great rendition by Pankah Udhas Saheb
Wah Pankaj bhai. Aapne tho hosh jagha diya. I also praise the lyrics writer. Reality of life was and life
I guess not a pair of eyes went dry after the performance... Timeless creation!
Bahut khoob ..Arnab
Not one reply.. I am ready to put forward many reply... And truths... Aaj se 30 se 50 saal pahale
@@Bbd-x2f I don't follow, were you expecting a reply from myself?
@@arnabchattopadhyay3921 Expectaion... No..... No... Enjoy What you want... .. And. ..Remember ...All your personal griefs will b yours... 💋💜💗👍👈👈🐩🐓🐦🐃🐗🐍🐫🐟🐬🐞🍺☕🍧🍫🍳🍖🍞🍲🍠🍋🍈🍓🌳🌹🌺🌿🌁🌀🌝🌒🌗🌇🌐👞🎓👖👡🎒💲💸💸💣🔕🔕🔦📘📑📛📛🎂🎊🎋☎📨📨📬📢📍💻📅📃⛺🎨🎦🎰📺🎤🎹🏢🏭⛪🗿🔨
Timeless creation to Hai... Dear Arnab...ek ek shabd.. Aur ek ek Line sahi hai... Is geet.. Gajal.. Ka...
ऐ आने वाली नस्लो ऐ आने वाले लोगो।
भोगा है हमने जो कुछ वो तुम कभी न भोगो।।
जो दुख था साथ अपने तुमसे करीब न हो।
पीड़ा जो हमने झेली तुमको नसीब न हो।।
जिस तरह भीड़ में हम जिंदा रहे अकेले।
वो जिंदगी की महफ़िल तुमसे न कोई ले ले।।
तुम जिस तरफ से गुजरो मेला हो रोशनी का।
रास आया तुमको मौसम 21वीं सदी का।।
हम तो सुकून को तरसे तुम पर सुकून बरसे।
आनन्द हो दिलों में जीवन लगे सुहाना।
दुख सुख था एक सबका अपना हो या बेगाना।।
एक वो भी था जमाना एक ये भी है जमाना।।
❤️❤️❤️❤️❤️
Jab bhi sunte hai kambakht rulaa deti hai yeh Ghazal😭
Bilkul sahi...
सबकुछ लुटाकर होश में आये तो क्या किया
😢😢@@mohammedameen2492
@mohammedameen😢😮❤🎉🎉2492
❤
दुख सुख था एक सब का अपना हो या बेगाना .. एक वो भी जमाना था अब ये जमाना है कोई नहीं किसी का
Can't express in words how beautiful this this song is ! Completely different from modern harsh music.
😥 ख्वाहिशें पहले मोहब्बत की थीं अब हम ज़रूरत और mtlabi हो गएँ kaash हम ये समझ सकते के संतोष दूसरों को देने से prapt होता है Bahot khoob sir
I can imagine transformation of life from remote village to city. उम्दा
Paisa agar je kam tha... Phir bhi nahi koi gam tha.. Wah re Zafar Gorakhpuri
What golden thoughts, words, and sayings. . . . . beautiful
Pankaj is no more with us today,but his ghazals ,geet will keep him live in our heats and mind.
this song remind me fast.....every words of this gazal is truth............... very good gazal...
नमन लोकतंत्र में लोकतंत्र को किस तरह व्यवस्था के द्वारा खोखला होता हैं ॽ जनता से ज्यादा कौन जानता नेता तो राजनीति का दुकान चलाते हैं ॽ उनका मानसिकता सोसाइटी उसी लेबल का होते हैं ॽ राजनीति और महफ़िल दोनों उच्च स्तरीय लोकतंत्र है ॽ जीस में जनता को सौ दुर हैं ॽ स्वच्छता बहुत जरुरी हैं ॽ
Bewkoof hai wo 1.1k log jinhone dislike kiya hai ise
Ek ek word perfect jagah par placed hai
M
Bilkul sahi kaha ab toh 1.4k ho gye h😠
Nahi sir wo aaj kal ke new generation vale log hai
1 saal mein 0.7k log air ne dislike kiya
Dislike vale log angrez honge ya unke purvaj angrez honge
Aaj aap hm sab k beech nhi hai sir ... 🙏🙏😭😭 Pr jo kah gya vo hmesa hmesa rahyga
This is a sketch of many people. I have seen this journey right from the partition of India to this date.
मेरा उम्र 55 वर्ष हुआ ।मैं खुद जो कुछ देखा विश्वास नहीं होता है ये कैसा ज़माना है
Facts of Life ..Khuda Salaamath Rakhe 🙏 Aap Ko Pankaj Ji
Hum me se lagbhag sabhie logo ke Samay me Abba ke waqt me talim aayi..sabhi thore se kamyab logon ke ooper yeh geet fit baithega...
U sang with devotion.Golden voice.In fact u r pure as gold .
सादा जीवन उच्च विचार ह्रदय मैं सबके लिए अटूट प्रेम था very very beautiful song
Listen with your heart nd soul nd you shall enjoy each nd every word of it.
yes
Ye kahani mere dada ji se milta hai.bhagwan aapko jeevan ki har khushi de
THANKS FOR THIS SONG MEMORY MY OLD DAYS
Old reminiscences took tangible shape through Pankaji Gazal Pradeep
Shandar great gazal Rona Aa gaya aaj , wakai bahut real situation par hai gazal supab
It's AMAZING & Heart Touching
ruclips.net/video/fX96RRrj1YQ/видео.html
Rula ke rak dia sab purani yaden yad aagai
Great
अब मेरा दौर है ये कोई नही किसी का🥰
हर आदमी अकेला हर चेहरा अजनबी सा आसूं ना मुस्कुराहट जीवन का हाल ऐसा अपनी खबर नही माया का जाल ऐसा 📝
ए आने वाली नस्ले ए आने वाले लोगो
जो हमने झेला वो तुम कभी ना झेलो
जो दुख हमने भोगा वो तुम कभी ना झेलो
जिस तरह भीड़ में हम ज़िंदा रहे अकेले वो ज़िंदगी की महफिल तुमसे ना कोई ले ले
तुम जिस तरफ से गुजरो मेला हो रोशनी का
रास आए तुम्हे जीवन 21वी सदी का🙌🙏🇮🇳
Mai 30 sal pahle inka ghajal bahut sunta tha bachpan me.
Aaj bhi wo bachpan yad dila dete hai.
बहुत सुरत। बढिया।
Dukh sukh tha ek sabka
Apna ho ya begaana
Ek woh bhi tha zamaana
Ek yeh bhi hai zamaana
Dukh sukh tha ek sabka
Apna ho ya begaana
Ek woh bhi tha zamaana
Ek yeh bhi hai zamaana
Dada hai aate the jab
Mitti ka ek ghar tha
Choron ka koi ghatka
Na dakuon ka dar tha
Khaate the rookhi sookhi
Sote the neend gehri
Shaamein bhari bhari thi
Aabaad thi dupehri
Santosh tha dilon ko
Maathe pe bal nahi tha
Dil mein kapat nahi tha
Aankhon mein chhal nahi tha
Hain log bhole bhale
Lekin the pyaar wale
Duniya se kitni jaldi
Sab ho gaye ravaana
Dukh sukh tha ek sabka
Apna ho ya begaana
Ek woh bhi tha zamaana
Ek yeh bhi hai zamaana
Abba ka waqt aaya
Taaleem ghar mein aayi
Abba ka waqt aaya
Taaleem ghar mein aayi
Taaleem saath apni
Taaza vichaar laayi
Aage rawayaton se
Badhne ka dhayaan aaya
Mitti ka ghar hata to
Pakka makaan aaya
Daftar ki naukri thi
Tangah ka sahara
Maalik pe tha bharosa
Ho jaata tha guzara
Paisa agar chekam tha
Phir bhi na koi gham tha
Kaisa bhara poora tha
Apna gareeb khana
Dukh sukh tha ek sabka
Apna ho ya begaana
Ek woh bhi tha zamaana
Ek yeh bhi hai zamaana
Ab mera daur hai yeh
Koyi nahi kisi ka
Ab mera daur hai yeh
Koyi nahi kisi ka
Har aadmi akela
Har chehra ajnabee sa
Aansoon na muskuraahat
Jivan ka haal aisa
Apni khabar nahi hai
Maya ka jadoo aisa
Paisa hai martaba hai
Izzat wikar bhi hai
Naukar hain aur chaakar
Bangla hai car bhi hai
Zar paas hai zameen hai
Lekin sakoon nahi hai
Paane ke vaaste kuch
Kya kya pada gavaana
Dukh sukh tha ek sabka
Apna ho ya begaana
Ek woh bhi tha zamaana
Ek yeh bhi hai zamaana
Aye aane wali naslon
Aye aane wale logon
Bhoga hai humne jo kuch
Woh tum kabhi na bhogo
Jo dukh tha saath apne
Tumse kareeb na ho
Peeda jo humne jheli
Tumko naseeb na ho
Jis tarah bheed mein hum
Zinda rahe akele
Woh zindagi ki mehfil
Tumse na koyi le le
Tum jis taraf se guzro
Mela ho roshni ka
Raas aaye tumko mausam
Ekkiswi sadi ka
Hum to sakoon ko tarse
Tum par sakoon barse
Anand ho dilon mein
Jivan lage suhaana
Dukh sukh tha ek sabka
Apna ho ya begaana
Ek woh bhi tha zamaana
Ek yeh bhi hai zamaana...
Rajan karyamkode uj
as
😴
Inara Afnan
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Last 6 lines ghazab ki hai, aashish hai Pankaj Udhas ka
कहाँथियौ आजमात्र आइपर्यौ सामु ,
नजर्पर्यो अधरमा समालिदेउ सानू ,
लहराइ केसहरु चेहरा सजाइ ,
गोडाहरु छुंन्न छुंन्न पाउजु बजाइ ,
देख्छ मेरो नजरले मन्द मन्द हाँसो
लाग्छ मेरो रिदयमा बसो तिम्रो नासो ,
कोसेलिछ नयन भरी छल्किएको रस
स्वागतछ मनैबाट आउ संगै बस ,
गरौं बात मिठा मिठा मुस्कुराइ बोलौं ,
एकैछिंन भएपनि दुवै दिलखोलौं ,
हराएको जिन्दगानी भेटेजस्तो लागो ,
आज बाट मेरोमन्को पिर ब्यथाभागो ,
मह जस्तो मीठो तिमी बोली बोल्दिरैछयौ
लुकाएका पिर ब्यथा सबै खोल्दी रैछौ ,
लाग्छ मेरै अंगालोमा बस अटाएर ,
हांमिपनी बाचौं अब पिर हटाएर ,
Pankaj jis sabse behtarin Ghazal.Shayar Jagat Gorakhpuri ji ko salam