क्या सच्चाई है भाई शाहब आप की स्वर एवं शब्द मे जो मैं अपने लब्ज से ब्यान करने लायक सायद नही बन पाया हुँ,धन्यवाद उनको भी जिन होने यह गजल के लिए शब्द को संक्लन किए होंगे,
Superb lyrics exactly as the generation gaps and difference. I wish I can travel back to my father's generation where even neighbors had lot of love among them as family members. I still remember when were shifting our home even our neighbors were hugging and crying, as a son is going out. Please god I need that warmth and love in today's generation people too. That's real value of relationship.
*سب کی آواز، سب کی کہانی* ظفر گورکھپوری کی اس درد انگیز نظم سن کر شاید ہی کوئی شخص بچا ہو جو آبدیدہ اور پرنم نہ ہوا ہو، اور ماضی کی دکھ سکھ بھری یادوں میں کھو نہ گیا ہو۔
पँकज भाई मैं आपका बहुत पुराना फैन हूँ । लेकिन इस गजल को सुनने पर ऐसा लगा जैसे आपने मेरे जैसे कई लोगों पर बनाई । दिल भर आया । आप जैसे फनकार नहीं मिलेंगे । बार बार परिवार के साथ सुनता हूँ । बहुत सुँदर वास्तविक जीवन । कया कहना आपका ।शब्द नहीं हैं ।
Yaaarrr...!!! Ghazab ki baten bol rha hy. Kasam say rula diya yaaaarr. Wo hamara gaon ka kacha gahr...!😓😓😞... Pta nhe wo kahan chly gaye... Wo kachy patt per neechy beth kar sath men rhty thy. Ajeeb zamana tha really
Past, Present & Future , Zafar Gorakhpori Sahab Explains these Tenses very well. Above all Pankaj Udhas ji Composition & voice are mind blowing. A Matser piece of Ghazals & Nazams.
दुःख सुख था एक सबका, अपना हो या बेगाना, एक वो भी था ज़माना, एक ये भी है ज़माना… दादा हयात थे जब, मिटटी का एक घर था, चोरों का कोई खटका न डाकुओं का डर था । खाते थे रूखी-सूखी, सोते थे नींद गहरी , शामें भरी-भरी थीं, आबाद थी दुपहरी… संतोष था दिलों को माथे पे बल नहीं था दिल में कपट नहीं था आँखों में छल नहीं था थे लोग भोले-भाले लेकिन थे प्यार वाले दुनिया से कितनी जल्दी सब हो गए रवाना… दुःख सुख था एक सबका अपना हो या बेगाना, एक वो भी था ज़माना, एक ये भी है ज़माना… अब्बा का वक़्त आया तालीम घर में आई तालीम साथ अपने ताज़ा विचार लाई आगे रवायतों से बढ़ने का ध्यान आया मिटटी का घर हटा तो पक्का मकान आया दफ्तर की नौकरी थी, तनख्वाह का सहारा मालिक पे था भरोसा हो जाता था गुज़ारा पैसा अगर जो कम था फिर भी न कोई ग़म था कैसा भरा-पूरा था अपना गरीब-खाना … दुःख सुख था एक सबका अपना हो या बेगाना, एक वो भी था ज़माना, एक ये भी है ज़माना… अब मेरा दौर है ये कोई नहीं किसी का हर आदमी अकेला हर चेहरा अजनबी-सा आँसूं न मुस्कराहट जीवन का हाल ऐसा अपनी खबर नहीं है माया का जाल ऐसा पैसा है मर्तबा है इज्ज़त-विकार भी है नौकर है और चाकर बंगला है कार भी है ज़र पास है ज़मीं है लेकिन सुकूं नहीं है पाने के वास्ते कुछ क्या-क्या पड़ा गंवाना… दुःख सुख था एक सबका अपना हो या बेगाना, एक वो भी था ज़माना, एक ये भी है ज़माना ए आने वाली नस्लों ए आने वाले लोगों भोगा है हमने जो कुछ वो तुम कभी न भोगो जो दुःख था साथ अपने तुम से करीब न हो पीड़ा जो हम ने भोगी तुमको नसीब न हो.. जिस तरह भीड़ में हम तन्हा रहे अकेले वो जिंदगी की महफ़िल तुमसे न कोई ले ले… तुम जिस तरफ से गुजरो मेला हो रौशनी का रास आये तुमको मौसम इक्कीसवी सदी का हम तो सुकूं को तरसे तुम पर सुकून बरसे आनंद हो दिलों में जीवन लगे सुहाना… दुःख सुख था एक सबका अपना हो या बेगाना, एक वो भी था ज़माना, एक ये भी है ज़माना
कई बार जो हम कहना चाहते हैं और वो जुबान पर आकर भी सही शब्द नहीं बन पाती हैं या यूँ कहें कि हम अपने विचारों को सही शब्दों में बयां नहीं कर पाते हैं वो ये ग़ज़ल सायद बेहतर तरीके से बता पाती है। अपने दादा, परदादा जी की बातें उनकी कहानियाँ हमें हमारे पिताजी सुनते थे फिर वो अपनी बातों पर आते। हैं जब समाज में एक बदलाव आने लगा लोगों के शिक्षा मिली फिर शिक्षा से वो अपनी नई सोंच से समाज में एक बदलाव लाने के लिए आगे बढे। फिर जिस समाज को हम देख रहे हैं उसकी अपनी एक बजाग दौड़ वाली, उथल पुथल भरी जिंदगी जिसमे केवल तनाव ही तनाव है लोगों के पास समय नहीं हैं एक दूसरे से बात कर पाने का, हम सभी उस दौड़ से ही गुज़र रहे हैं इस वक़्त हम सभी एक मायाजाल में फंसे पड़े हैं चहरे पर एक अलग ही तनाव है जो लोगों को किसी अपनों को ढूंढ़ती रहती है जिसे हम अपना दुःख सुख बता सकें। फिर उसके बाद हम आने वाले नस्ल को देख कर उनके उज्ज्वल जीवन की कामना करते हैं उनको वो सभी ख़ुशी मिले जिसके लिए हम तरसे हैं।
very awsome Pankaj Udhas sir. Hamare pidiyon ko kitne asse se najarandaj kiya gya hai . Sach mein pidiyon mein privartan hota toh he, lekin ek simit str par hona chahiye...yehi meri khwahij sabke liye...ek sadharn admi ka khwahij...
It isn't just about the words, It isn't just about the connect or feelings, It isn't just about the voice, It isn't just about the music, It is the way all this was put together...It couldn't have been better. The rendering was more than enough to bring tears to any living being....I cried like a ..ummmm, what ? I dont know.
Kya khoob duwa ki hai Zafar gorakhpuri ne... Ae aane wali naslown... Ae aane wale logo... Hum to suku ke tarase... Tum par sukoon barase... Aanand ho dilo me jiwan lage suhana... Come back to 50 to hundred years back... And you people will get all the pleasure... Which is awesome.... Believe my words... I am born in 1980...and I realize it...
This is perfect draft of God gifted voice and poets thoughts and choice of word ....this nazam will become very famous in coming days....thank you for giving me very heart touching gift.......
Sir you told the truth of life in very simple words. Such attitude of family members started after education started coming in the families. Selfishness started and family life is being spoiled. Salute to your valuable thoughts
😭😭😭😭😭😭well explained life journey with beautiful lyrics 😢😢😢❤❤❤ Love you Sir with heartiest Gratitude 🙇🙇🙇🌹🌹🌹aaj ki genaration ko kabhi o golden era nasib nahi hoga😢😢😢hamane fir bhi o jamana jiya hai...haaa hmari anewali pidhiyo me un dino ki ahmiyat sankramit kar sakate hai❤❤❤ with lots of love sir😢😢😢❤❤❤
@@arnabchattopadhyay3921 Expectaion... No..... No... Enjoy What you want... .. And. ..Remember ...All your personal griefs will b yours... 💋💜💗👍👈👈🐩🐓🐦🐃🐗🐍🐫🐟🐬🐞🍺☕🍧🍫🍳🍖🍞🍲🍠🍋🍈🍓🌳🌹🌺🌿🌁🌀🌝🌒🌗🌇🌐👞🎓👖👡🎒💲💸💸💣🔕🔕🔦📘📑📛📛🎂🎊🎋☎📨📨📬📢📍💻📅📃⛺🎨🎦🎰📺🎤🎹🏢🏭⛪🗿🔨
The Great Indian Ghazal Legend whos melodious memories will continue to Cherish music Lovers around the globe✌️ I just Feel highly Proud when i recall the memories ,the Melodious Evening i attended this Live concert At Gate way of India,Mumbai
Sabd hi nhi aapki taref me jise kudrat ne itni surely aawaj me nwaja ho is dhra me aap sangeet ke taj hai jo hm sabke jeevan me sanget ko jgaye rakhte h
Sach m yh bhut hi khuwsurt song h... Jo swko psnd ayga.. Or yh song zindgi ki sachi wya krti h.... Hr ek line schi h.... Is aj ky dour m logo ki zindgi ka yhi hal h.....sir.
अब मेरा दौर है ये कोई नही किसी का🥰 हर आदमी अकेला हर चेहरा अजनबी सा आसूं ना मुस्कुराहट जीवन का हाल ऐसा अपनी खबर नही माया का जाल ऐसा 📝 ए आने वाली नस्ले ए आने वाले लोगो जो हमने झेला वो तुम कभी ना झेलो जो दुख हमने भोगा वो तुम कभी ना झेलो जिस तरह भीड़ में हम ज़िंदा रहे अकेले वो ज़िंदगी की महफिल तुमसे ना कोई ले ले तुम जिस तरफ से गुजरो मेला हो रोशनी का रास आए तुम्हे जीवन 21वी सदी का🙌🙏🇮🇳
Ruhani awaaz, soul stirring poetry and melodiously soothing and heart touching composition...! The silence in such a large audience is evident that it is captivating. Simply great!
This is blessing from there parents for there chillden's.that we have face lot of probles but Almighty our dears must not face it in life so what we have fased in our life
A stone broken by many is converted into an Idol, no one knows. After becoming an Idol everyone wants to worship, but.noone can see its hidden tears. I am scared to listen this song, because it's connected with my worst memories of life. 😭😭😭😭🙏🙏🙏🙏
Its clearly a message to the present people and coming generation how the society, culture, tradition,laws,moral values and people are changing drastically. Its really heart breaking
मेरा विश्वास है कि आप अठ्ठाइस वर्ष पहले चले गए लेकिन आप एक नेक कार्य हेतु गए है और इक्कीसवी के लिए जमाना और उचित धन प्रबंधन हेतु गए है इसमें राम प्रभू आपके अलाप और हम भारतियों की इच्छा पूरी अवश्य करेंगे
जाते जाते रूला गए पंकज साहब, ईश्वर आपकी आत्मा को शांति प्रदान करे 💔🥲
Hart❤ touching 😢
My heart cried when I learnt that he is no more... 😢 Velvet voice which immortalized several ghazals will be missed...
i cannot agree more... Legends dont die...they always remain with us through their voice.
क्या सच्चाई है भाई शाहब आप की स्वर एवं शब्द मे जो मैं अपने लब्ज से ब्यान करने लायक सायद नही बन पाया हुँ,धन्यवाद उनको भी जिन होने यह गजल के लिए शब्द को संक्लन किए होंगे,
😢😢😢😢जब भी इस गजल को पंकज सर की मखमली आवाज में सुनता हूं कमबख्त आंसू निकल आते हैं 😢😢😢😢😢
ना कोई पंकज उदास जैसा था ना कोई होगा। जब गजल सुनते हैं तो लगता है आज भी सामनेबैठ कर गा रहे हैं।
बहुत प्यारा 👌 सुकून किसे कहते है आज के लोग जानते ही कहाँ है।
Sir unko sukun ki zarurat nahi hai
Superb lyrics exactly as the generation gaps and difference. I wish I can travel back to my father's generation where even neighbors had lot of love among them as family members. I still remember when were shifting our home even our neighbors were hugging and crying, as a son is going out. Please god I need that warmth and love in today's generation people too. That's real value of relationship.
Absolutely Right 👍
Nmmmmlmmmmnmmmnnnmmmmmmmnnkkkmkmmnnnnmnnnnnnnnnnnnnnnnnnnnnmnnnnnnmbnnbbbvbbbnbbbbbbbbb
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@@sunilkumargarg7670
P
P⁰
😥😥😥😥😥😥
Wow mere aakho me to aashu aa gye hai yaar Kya jmana tha bachpan ka Kash phir se wo bachpan mile apno ka sath mile
*سب کی آواز، سب کی کہانی*
ظفر گورکھپوری کی اس درد انگیز نظم سن کر شاید ہی کوئی شخص بچا ہو جو آبدیدہ اور پرنم نہ ہوا ہو، اور ماضی کی دکھ سکھ بھری یادوں میں کھو نہ گیا ہو۔
بے شک
पँकज भाई मैं आपका बहुत पुराना फैन हूँ । लेकिन इस गजल को सुनने पर ऐसा लगा जैसे आपने मेरे जैसे कई लोगों पर बनाई । दिल भर आया । आप जैसे फनकार नहीं मिलेंगे । बार बार परिवार के साथ सुनता हूँ । बहुत सुँदर वास्तविक जीवन । कया कहना आपका ।शब्द नहीं हैं ।
Yaaarrr...!!! Ghazab ki baten bol rha hy. Kasam say rula diya yaaaarr. Wo hamara gaon ka kacha gahr...!😓😓😞... Pta nhe wo kahan chly gaye... Wo kachy patt per neechy beth kar sath men rhty thy. Ajeeb zamana tha really
Missing bro
सर जी में आपकी आवाज बहुत बड़ा फैन हूं दिल से केह रहा हूं लेकिन आपके इस गीत मुझ जैसे 30 साल के युवा को रूला दिया आपको कोटि कोटि प्रणाम करता हूं 💯🙏😊
Insaniyat se bhara song hai . Ise sun kar admi insan bn jayega...bohut bohut sakuun bhara song
Xxm cx z🐀🐀🦛🐀🐁m t c😌🤥😒🤥🤥😐😐😒😬waa😬awwwwwaa waaa😒🤥aaawwa😒😐🤥😐🤥😒t
😰😰😥😥😥😥😥
Isme apni puri zindagi ki story'
!! वाह !! बहुत ही संवेदनशील और यथार्थ से
परिपूर्ण ।।
Past, Present & Future , Zafar Gorakhpori Sahab Explains these Tenses very well. Above all Pankaj Udhas ji Composition & voice are mind blowing. A Matser piece of Ghazals & Nazams.
दिल को छू लिया पंकज जी आपने
काश वो समय अब भी रहता तो
दुःख सुख था एक सबका,
अपना हो या बेगाना,
एक वो भी था ज़माना,
एक ये भी है ज़माना…
दादा हयात थे जब,
मिटटी का एक घर था,
चोरों का कोई खटका
न डाकुओं का डर था ।
खाते थे रूखी-सूखी,
सोते थे नींद गहरी ,
शामें भरी-भरी थीं,
आबाद थी दुपहरी…
संतोष था दिलों को
माथे पे बल नहीं था
दिल में कपट नहीं था
आँखों में छल नहीं था
थे लोग भोले-भाले
लेकिन थे प्यार वाले
दुनिया से कितनी जल्दी
सब हो गए रवाना…
दुःख सुख था एक सबका
अपना हो या बेगाना,
एक वो भी था ज़माना,
एक ये भी है ज़माना…
अब्बा का वक़्त आया
तालीम घर में आई
तालीम साथ अपने
ताज़ा विचार लाई
आगे रवायतों से
बढ़ने का ध्यान आया
मिटटी का घर हटा तो
पक्का मकान आया
दफ्तर की नौकरी थी,
तनख्वाह का सहारा
मालिक पे था भरोसा
हो जाता था गुज़ारा
पैसा अगर जो कम था
फिर भी न कोई ग़म था
कैसा भरा-पूरा था
अपना गरीब-खाना …
दुःख सुख था एक सबका
अपना हो या बेगाना,
एक वो भी था ज़माना,
एक ये भी है ज़माना…
अब मेरा दौर है ये
कोई नहीं किसी का
हर आदमी अकेला
हर चेहरा अजनबी-सा
आँसूं न मुस्कराहट
जीवन का हाल ऐसा
अपनी खबर नहीं है
माया का जाल ऐसा
पैसा है मर्तबा है
इज्ज़त-विकार भी है
नौकर है और चाकर
बंगला है कार भी है
ज़र पास है ज़मीं है
लेकिन सुकूं नहीं है
पाने के वास्ते कुछ
क्या-क्या पड़ा गंवाना…
दुःख सुख था एक सबका
अपना हो या बेगाना,
एक वो भी था ज़माना,
एक ये भी है ज़माना
ए आने वाली नस्लों
ए आने वाले लोगों
भोगा है हमने जो कुछ
वो तुम कभी न भोगो
जो दुःख था साथ अपने
तुम से करीब न हो
पीड़ा जो हम ने भोगी
तुमको नसीब न हो..
जिस तरह भीड़ में हम
तन्हा रहे अकेले
वो जिंदगी की महफ़िल
तुमसे न कोई ले ले…
तुम जिस तरफ से गुजरो
मेला हो रौशनी का
रास आये तुमको मौसम
इक्कीसवी सदी का
हम तो सुकूं को तरसे
तुम पर सुकून बरसे
आनंद हो दिलों में
जीवन लगे सुहाना…
दुःख सुख था एक सबका
अपना हो या बेगाना,
एक वो भी था ज़माना,
एक ये भी है ज़माना
दादा हयात थे जब ........ बाक़ी आपने बहुत अच्छा लिखा है ❤
@@ehtesham145 धन्यवाद। सुधार कर दिया है।
वैसे हयात का क्या मतलब है?
❤
इस गज़ल को सुनकर मन में विचार आता है कि काश हम लोग पुराने जमाने को ला पाते जिसमें आत्मीयता थी सब चैन से जीते थे
Ji.. Seme 🙏🏼🙏🏼
कई बार जो हम कहना चाहते हैं और वो जुबान पर आकर भी सही शब्द नहीं बन पाती हैं या यूँ कहें कि हम अपने विचारों को सही शब्दों में बयां नहीं कर पाते हैं वो ये ग़ज़ल सायद बेहतर तरीके से बता पाती है। अपने दादा, परदादा जी की बातें उनकी कहानियाँ हमें हमारे पिताजी सुनते थे फिर वो अपनी बातों पर आते। हैं जब समाज में एक बदलाव आने लगा लोगों के शिक्षा मिली फिर शिक्षा से वो अपनी नई सोंच से समाज में एक बदलाव लाने के लिए आगे बढे। फिर जिस समाज को हम देख रहे हैं उसकी अपनी एक बजाग दौड़ वाली, उथल पुथल भरी जिंदगी जिसमे केवल तनाव ही तनाव है लोगों के पास समय नहीं हैं एक दूसरे से बात कर पाने का, हम सभी उस दौड़ से ही गुज़र रहे हैं इस वक़्त हम सभी एक मायाजाल में फंसे पड़े हैं चहरे पर एक अलग ही तनाव है जो लोगों को किसी अपनों को ढूंढ़ती रहती है जिसे हम अपना दुःख सुख बता सकें। फिर उसके बाद हम आने वाले नस्ल को देख कर उनके उज्ज्वल जीवन की कामना करते हैं उनको वो सभी ख़ुशी मिले जिसके लिए हम तरसे हैं।
सच्चाई बयां करने की पूरी कोशिश की है शायर ने।
बहुत ख़ूब
very awsome Pankaj Udhas sir. Hamare pidiyon ko kitne asse se najarandaj kiya gya hai . Sach mein pidiyon mein privartan hota toh he, lekin ek simit str par hona chahiye...yehi meri khwahij sabke liye...ek sadharn admi ka khwahij...
True Nazal to the current times
Kyaa khubb Bola hai
Pankaj Udhas Sahab👍❤️
Zafar Ghorakpuri ka likha hua ha
Pankaj Udhas ki awaz hai ...
All emotions , in tandem. Soulful... You are a class apart , Sir.❤❤
जब जब सुनते है आपको कमबख्त ये आँखें भर ही जाती हैं
It isn't just about the words, It isn't just about the connect or feelings, It isn't just about the voice, It isn't just about the music, It is the way all this was put together...It couldn't have been better. The rendering was more than enough to bring tears to any living being....I cried like a ..ummmm, what ? I dont know.
Yeh sunke sirf aur sirf aglee generation ke liye dua hi dua hai.
पंकज उदास साहब आपने सुख दुख हो एक सबका गजल से जिन्दगी की हकीकत बया कि ये हे ।। धन्यवाद साब ।।
Kya khoob duwa ki hai Zafar gorakhpuri ne... Ae aane wali naslown... Ae aane wale logo... Hum to suku ke tarase... Tum par sukoon barase... Aanand ho dilo me jiwan lage suhana... Come back to 50 to hundred years back... And you people will get all the pleasure... Which is awesome.... Believe my words... I am born in 1980...and I realize it...
पंकज उधास जी ने "दुःख सुख था एक सबका ..... "ग़ज़ल गाकर ह्रदय को स्पर्श कर लिया,जीवन का मर्म इस ग़ज़ल में बता दिया ,अति सुन्दर ,बारम्बार सुनाने योग्य ग़ज़ल|
Educational life has made change life but at the cost of degration of morality and environment, this ghazal has gist of life.
This is perfect draft of God gifted voice and poets thoughts and choice of word ....this nazam will become very famous in coming days....thank you for giving me very heart touching gift.......
Nice
Aaj hm sb akele h Paisa h but wo dost nhi h zindegi bojhil ho gae h
Excellent written bhai
Real najm
Sir you told the truth of life in very simple words. Such attitude of family members started after education started coming in the families. Selfishness started and family life is being spoiled. Salute to your valuable thoughts
i have No words To Appreciate You Pankaj Sir.
Respect For You From punjab.
Lyrics Really👌🏼👌🏼❤️
Wo buzurge bhi bade pyare thy...jisne jiya uski kimat sirf wahi janta haii....Behtreen
पाँव से चलकर थकना नहीं जानतेथे हमारे बाबा दादा क्या गजब दुनिया था ..ममता और प्यार सब के घर परिवार में था ..रूठना और मनाना एक सब का रीत था ...
😭😭😭😭😭😭well explained life journey with beautiful lyrics 😢😢😢❤❤❤ Love you Sir with heartiest Gratitude 🙇🙇🙇🌹🌹🌹aaj ki genaration ko kabhi o golden era nasib nahi hoga😢😢😢hamane fir bhi o jamana jiya hai...haaa hmari anewali pidhiyo me un dino ki ahmiyat sankramit kar sakate hai❤❤❤ with lots of love sir😢😢😢❤❤❤
I love this Ghazal.... Eyes are full of tears.... Missing childhood. Missing my friends👭👬👫
Ae aane wale logo... Ae aane wali naslo..wn. ...kya khoob duwa ki hai.. Zafar gorakhpuri ne.... Bahut khoob...
I guess not a pair of eyes went dry after the performance... Timeless creation!
Bahut khoob ..Arnab
Not one reply.. I am ready to put forward many reply... And truths... Aaj se 30 se 50 saal pahale
@@NANDKISHOREYADAV-r1v I don't follow, were you expecting a reply from myself?
@@arnabchattopadhyay3921 Expectaion... No..... No... Enjoy What you want... .. And. ..Remember ...All your personal griefs will b yours... 💋💜💗👍👈👈🐩🐓🐦🐃🐗🐍🐫🐟🐬🐞🍺☕🍧🍫🍳🍖🍞🍲🍠🍋🍈🍓🌳🌹🌺🌿🌁🌀🌝🌒🌗🌇🌐👞🎓👖👡🎒💲💸💸💣🔕🔕🔦📘📑📛📛🎂🎊🎋☎📨📨📬📢📍💻📅📃⛺🎨🎦🎰📺🎤🎹🏢🏭⛪🗿🔨
Timeless creation to Hai... Dear Arnab...ek ek shabd.. Aur ek ek Line sahi hai... Is geet.. Gajal.. Ka...
जीवन की सच्चाई है मै और मेरा अतित और बर्तमान का हिस्सा आप के एक स्वयं से परिचय दिया है नमन
Evergreen . Really such a amazing ghazal sung by a famous singer. Love it. Thank you so much
एक एक शब्द में जान है और सच्चाई है।
क्या खूब पिरोया है समय की इस धारा को शायर ने शब्दों में
"Bheerh may akailay " describes our life so well. Sadly I feel my 17 year old son is already going through it
फिर कभी ऐसा गायक होगा नही❤
I am an old person so I can't forget that golden days.
😥 ख्वाहिशें पहले मोहब्बत की थीं अब हम ज़रूरत और mtlabi हो गएँ kaash हम ये समझ सकते के संतोष दूसरों को देने से prapt होता है Bahot khoob sir
The Great Indian Ghazal Legend whos melodious memories will continue to Cherish music Lovers around the globe✌️
I just Feel highly Proud when i recall the memories ,the Melodious Evening i attended this Live concert At Gate way of India,Mumbai
Sabd hi nhi aapki taref me jise kudrat ne itni surely aawaj me nwaja ho is dhra me aap sangeet ke taj hai jo hm sabke jeevan me sanget ko jgaye rakhte h
Can't express in words how beautiful this this song is ! Completely different from modern harsh music.
I have not heard a **GEET** better than this.
Excellent Narration of the ** VARIOUS PEEDI**.
UDHAS JI YOU ARE GREAT. DIFFICULT.....👍
so befitting, great lyrics and great rendition by Pankah Udhas Saheb
कोई शब्द नहीं जिसमें लेखक और गायक की तारीफ कर सकूँ।just speechless
love this song...miss my grandpa........every words touch in my hearts
really heart touching ..n fact of life...tear come in my eyes
Sach m yh bhut hi khuwsurt song h... Jo swko psnd ayga..
Or yh song zindgi ki sachi wya krti h.... Hr ek line schi h.... Is aj ky dour m logo ki zindgi ka yhi hal h.....sir.
बहुत सुंदरता से चारो पीढ़ियों के सटीक चित्रण दिल को छू जाते हैं। वाकई क्या आने समय मे ऐसे फनकार देखने को मिलेगा ?
Very nice, excellent
Sandeep Sharma
Impossible
Aisi ummid mt rakhna sahab
ham apne ko bhagyshali kh sakte h k aese awaj k malik ko sun parahe h wo b live...
thanks
Wah Pankaj bhai. Aapne tho hosh jagha diya. I also praise the lyrics writer. Reality of life was and life
अब मेरा दौर है ये कोई नही किसी का🥰
हर आदमी अकेला हर चेहरा अजनबी सा आसूं ना मुस्कुराहट जीवन का हाल ऐसा अपनी खबर नही माया का जाल ऐसा 📝
ए आने वाली नस्ले ए आने वाले लोगो
जो हमने झेला वो तुम कभी ना झेलो
जो दुख हमने भोगा वो तुम कभी ना झेलो
जिस तरह भीड़ में हम ज़िंदा रहे अकेले वो ज़िंदगी की महफिल तुमसे ना कोई ले ले
तुम जिस तरफ से गुजरो मेला हो रोशनी का
रास आए तुम्हे जीवन 21वी सदी का🙌🙏🇮🇳
Pankaj is no more with us today,but his ghazals ,geet will keep him live in our heats and mind.
Dada dadi aur maa baap sabki yaad dila di.👌👌👌👏👏👏
Unko bhoolta kon hai
Pankaj udhas ka ghazal bahut pyara bahut achcha
Pankaj udaas ka thodi thodi piya
ہر انسان ماضی پرست ہے لیکن جو انسان جنون کی حد تک ماضی پرست ہو تو وہ شدید کرب میں ہوتا ہے ایسی شاعری اور گائیکی کی وجہ سے۔
बोहोत ह्रदय स्पर्शी । आपकी आवाज मे रस है। जो भगवान की कृपा से मिलता है।
bht khub hi y sing
WO gaon ki kachchi sarke mitti ke makan bahut sakoon tha pankaj bhaijaan aapki payri awaz dil ko sakon diya rab khair kare ##
What golden thoughts, words, and sayings. . . . . beautiful
Ruhani awaaz, soul stirring poetry and melodiously soothing and heart touching composition...! The silence in such a large audience is evident that it is captivating. Simply great!
Mere. KahAni. ZindGi. AiAsa. He. Hai
Jab bhi sunte hai kambakht rulaa deti hai yeh Ghazal😭
Bilkul sahi...
सबकुछ लुटाकर होश में आये तो क्या किया
😢😢@@mohammedameen2492
@mohammedameen😢😮❤🎉🎉2492
❤
is nazam ka 1 ek shair dil ko cheerdene wala hai.wallah rona aaraha.. PANAY KE WASTE KUCH KYA KYA PADA GAWANA.
It's AMAZING & Heart Touching
ruclips.net/video/fX96RRrj1YQ/видео.html
Aankho mai Pani aa gaya . Behtrin Alfaz jo logo ke pyar ka vakhan karte hai .
Ye vo dour tha jab Ghar mitti ke hote the par log sachche hote the .
Jamane ke badlao ke sath har cheej me badlao hai,
Beautiful.Jeevan ki Sachchai samney rekh di.Dil ko chu gayi.
most favorite, like to listen each evening.
Dukh sukh ka that sabka,,,,,,,,, gajàl sung by pankaj udas is very practical indeed, now the society has been changed alot
This is blessing from there parents for there chillden's.that we have face lot of probles but Almighty our dears must not face it in life so what we have fased in our life
A stone broken by many is converted into an Idol, no one knows. After becoming an Idol everyone wants to worship, but.noone can see its hidden tears. I am scared to listen this song, because it's connected with my worst memories of life.
😭😭😭😭🙏🙏🙏🙏
Heart touching!!! So beautifully described
बहुत ही मार्मिक नजम ❤❤
U sang with devotion.Golden voice.In fact u r pure as gold .
Humne bhi saikron baar suni hogi, jab bhi sunte hain kambakht rula deti hai ye GHAZAL. 😢😢😢😢
Beautiful !Powerful lyrics, no one can be sing it better.
Last 6 lines ghazab ki hai, aashish hai Pankaj Udhas ka
This is a sketch of many people. I have seen this journey right from the partition of India to this date.
Hum to sukun ko tarse
Tum pr sukun barse.🌷🌷🌷
Ek wo bhi tha zamana
Ek yeh bhi hai zamana
The poet has dulged 3 to 4 generations in this short gazal.this is the reality of urdu language
Wah WaH Bahuth Bahuth Kub-
Love you so Much-
Thanks-
Its clearly a message to the present people and coming generation how the society, culture, tradition,laws,moral values and people are changing drastically. Its really heart breaking
I can imagine transformation of life from remote village to city. उम्दा
Pankaj G ke aatma ko Shanti de😢 ( aap geet pahle se rula Dene wala tha aur ab Aaj aap khud nhi rahe ab mera Rona ruk hi nhi Raha 😢😢😢
Those 19 dislikes are from those who dont know what morals and music is.i feel pity for them.. Greatest ghazal singer
😢mujhe apne jeevan ki Sara daur yaad aa gaya...Pankaj ji ki awaaz mein sun kar😢
બસ એસે હી અપને કર્મ યાદ કરો દુઃખી નહિ હોંગે..પતા ચલેગા કી યે સબ કર્મ કા ફલ ઔર નતીજા હૈ...સબ તૂટ ગયા...્
THANKS FOR THIS SONG MEMORY MY OLD DAYS
Old reminiscences took tangible shape through Pankaji Gazal Pradeep
Kitna b bholne k koshish karo purane lamho ko yad dila deti hai purane waqt k yaado ki 🙏🌺
🙏🙏🙏🙏🙏शत शत नमन पंकज साहब को 🙏🙏🙏🙏
मेरा विश्वास है कि आप अठ्ठाइस वर्ष पहले चले गए लेकिन आप एक नेक कार्य हेतु गए है और इक्कीसवी के लिए जमाना और उचित धन प्रबंधन हेतु गए है इसमें राम प्रभू आपके अलाप और हम भारतियों की इच्छा पूरी अवश्य करेंगे
this song remind me fast.....every words of this gazal is truth............... very good gazal...
Ek behtrin kalakar ko sat sat naman🙏
Wonderful song about our life and past generation,next coming generation also.
Beautiful message 👌
Beautiful Gajal for our past & future!
Gajal about our life and next generation .next coming generation
Superb lyrics superbly sung. Shape of things to come hopefully.
Kia khobsorat nazam ha... Aik aik bol Sach or dil man utarny wala...
पूर्वज कहते थे कि रंग, गंध, स्वाद और आवाज के आभाव मे जीवन काटना बहुत मुश्किल होता है और यह जीवन व्यापार की आड़ मे थोपा जा रहा है🎉
Bahut hi sunder awaaj,kano ko bhi sukoon milta hey.❤
Ever beautiful touching And inspirational.
Hridhay choone wali gazal.Apne' bouzourgon ki yaad dila di.