वीर भड माधो सिंह भण्डारी जब तिब्बत युद्ध में विजय होने के बाद जब अपने घर लोटे तब मलेथा जो की माधोसिंह भण्डारी का गांव है तब ग्रामीणों ने उनके आने की खुशी में गांव के लोगो ने भेलो जलाकर रासो तांदी नाच गान करके उनका स्वागत किया उसी दिन से ये दिन मंगशीर बग्वाल के नाम से प्रसिद्ध हो गया
माधो सिंह भण्डारी इतने बीर पुरुष थे की जब एक बार गांव में सिचाई के लिए पानी सूख गया था और गांव वाले लोग पीने के पानी तथा सिंचाई के पानी के लिए परेशान हो गए थे किसी के कुछ समझ नहीं आ रहा था कि पानी केसे लाया जाय गांव तक तब माधो सिंह भण्डारी ने अकेले ही दिन रात मेहनत करके अलकनंदा नदी से अपने गांव तक कुल या नी नहर बनाने का अकेले निश्चय किया इस कार्य के लिए उन्हें देवी मां को अपने पुत्र का बलिदान करना पड़ा कहानी तो बहुत लम्बी है लेकिन मेने संक्षिप्त में वर्णन किया है ,, ऐसे महान पुरूष अब ,,,, न भूतो ना भविष्यते 🙏❤️
उत्तराखंड में कई बीर योद्धाओं ने जन्म लिया ,, माधोसिंह भंडारी ,जीतू बगड़वाल , राणा घमेरू, नरु बिजुला तीलू रोंतेली, गोरा देवी ,, गोरा देवी के नाम से उत्तराखंड में गरीब लड़कियों को 12 बी पास होने पर शादी के लिए गोरा देवी कन्या धन योजना के अंतर्गत सरकार द्वारा 51000 की धनराशि है तथा वर्तमान में लड़कियों के लिए नंदा गोरा योजना के अंतर्गत 11000 की धनराशि दी जाती गौरा देवी ने उत्तराखंड में चिपको आंदोलन भी चलाया था
ॐ नमः शिवाय 🙏
बहुत ही सुन्दर आयोजन, अनघा फाउंडेशन को कोटि कोटि साधुवाद ❤
बहुत ही सुंदर यादगार पल
Mesmerizing
अति सुंदर प्रस्तुति, न्यूज़ नेत्रा का बहुत धन्यवाद
वह क्या बात है बहुत सुंदर
Shandaar . Mesmerizing
❤ bahut achcha
बहुत ही सुंदर प्रस्तुति धन्यवाद न्यूज़ नेत्रा ❤
You guys are doing a fantastic job .
जय देव भूमी उत्तराखंड ❤❤
Congratulations Dr Mahendra Rana sir for this informative video
Jai Kashi Vishwanath 🙏
Jai ho
💐🙏🙏
🙏🏻
Great work team news netra
👍👍👌
वीर भड माधो सिंह भण्डारी जब तिब्बत युद्ध में विजय होने के बाद जब अपने घर लोटे तब मलेथा जो की माधोसिंह भण्डारी का गांव है तब ग्रामीणों ने उनके आने की खुशी में गांव के लोगो ने भेलो जलाकर रासो तांदी नाच गान करके उनका स्वागत किया उसी दिन से ये दिन मंगशीर बग्वाल के नाम से प्रसिद्ध हो गया
माधो सिंह भण्डारी इतने बीर पुरुष थे की जब एक बार गांव में सिचाई के लिए पानी सूख गया था और गांव वाले लोग पीने के पानी तथा सिंचाई के पानी के लिए परेशान हो गए थे किसी के कुछ समझ नहीं आ रहा था कि पानी केसे लाया जाय गांव तक तब माधो सिंह भण्डारी ने अकेले ही दिन रात मेहनत करके अलकनंदा नदी से अपने गांव तक कुल या नी नहर बनाने का अकेले निश्चय किया इस कार्य के लिए उन्हें देवी मां को अपने पुत्र का बलिदान करना पड़ा कहानी तो बहुत लम्बी है लेकिन मेने संक्षिप्त में वर्णन किया है ,, ऐसे महान पुरूष अब ,,,, न भूतो ना भविष्यते 🙏❤️
उत्तराखंड में कई बीर योद्धाओं ने जन्म लिया ,, माधोसिंह भंडारी ,जीतू बगड़वाल , राणा घमेरू, नरु बिजुला तीलू रोंतेली, गोरा देवी ,, गोरा देवी के नाम से उत्तराखंड में गरीब लड़कियों को 12 बी पास होने पर शादी के लिए गोरा देवी कन्या धन योजना के अंतर्गत सरकार द्वारा 51000 की धनराशि है तथा वर्तमान में लड़कियों के लिए नंदा गोरा योजना के अंतर्गत 11000 की धनराशि दी जाती गौरा देवी ने उत्तराखंड में चिपको आंदोलन भी चलाया था
Toh igaas kyu mnate hai....yeh reason toh igaas ke liy bhi diya jata hai