परमट घाट में गंगा किनारे बसा प्राचीन तथा प्रसिद्ध श्री आनंदेश्वर मंदिर दर्शन | 4K | दर्शन 🙏
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- Опубликовано: 20 фев 2023
- श्रेय:
संगीत एवम रिकॉर्डिंग - सूर्य राजकमल
लेखक - रमन द्विवेदी
भक्तों नमस्कार! हमारे यात्रा कार्यक्रम दर्शन में आपका हार्दिक अभिनन्दन है. भक्तों आज हम आपको अपने कार्यक्रम दर्शन के माध्यम से एक ऐसे मंदिर की यात्रा करवाने जा रहे हैं जिसके बारे में लोगों का विश्वास है कि इस मंदिर में लगातार 40 दिनों तक दर्शन पूजन करने से मनचाहा वरदान मिलता है। इसीलिए इस मंदिर में निरंतर हजारों भक्त आकर दर्शन पूजन करते हैं तथा मनोरथ सिद्धि की प्रार्थना करते हैं। भक्तों हम बात कर रहे हैं कानपुर के आनंदेश्वर मंदिर की!
कानपुर नगर:
भक्तों कानपुर उत्तरप्रदेश का ही नहीं अपितु भारत का एक प्रमुख पौराणिक ऐतिहासिक और औद्योगिक नगर है। इसका प्राचीन मूल नाम 'कान्हपुर' था। इस नगर की उत्पत्ति का इतिहास सचेंती के राजा हिंदूसिंह और महावीर कर्ण से संबद्ध होना बताया जाता है
मंदिर के बारे में:
भक्तों आनंदेश्वर मंदिर भगवान शिव को समर्पित मंदिर है। यह मंदिर कानपुर नगर मे गंगा जी के किनारे परमट नामक स्थान पर स्थित हैं। कानपुर शहर स्थित शिव मन्दिरों में परमट के आनन्देश्वर मन्दिर का एक अलग ही स्थान है। क्योंकि इसके बारे में कहा जाता है कि यहाँ भगवान शिव स्वयं शाश्वत व साक्षात निवास करते हैं। इसीलिए परमट के आनंदेश्वर मंदिर आने वाले भक्तों के सभी दुःख दर्द भगवान के दर्शन मात्र से मिट जाते हैं। महाशिवरात्रि और श्रावण जैसे त्योहारों में आनंदेश्वर मंदिर में देश-विदेश के बड़े-बड़े व्यापारी आकर भगवान शिव की आराधना कर पुण्य प्राप्त करते हैं। इस मंदिर तक पहुँचने के लिए स्थानीय मार्केट से होकर गुजरना पड़ता है।
महाभारत कालीन शिवलिंग:
भक्तों मान्यता है कि गंगा किनारे बने आनंदेश्वर मंदिर का इतिहास महाभारत काल से पहले का है। इस मंदिर में विराजमान शिवलिंग महाभारत के परमवीर दानवीर कर्ण द्वारा पूजित हैं।
लोककथा:
भक्तों लोककथाओं की मानें तो प्राचीन समय में आनंदेश्वर मंदिर के स्थान पर एक विशाल टीला हुआ करता था। जिसके आस-पास तत्कालीन राजा कौशल की गायें चरने के लिए आया करती थीं। उन्ही गायों में से एक गाय थी आनन्दी गाय। जो उस टीले पर जाकर बैठती थी और जब वहां से चलने लगती थी तब वह अपने थन का सारा दूध उस टीले पर ही गिरा देती थी। - जब राजा के ग्वाले ने देखा कि दुहते समय गाय के थन से दूध नहीं निकलता तो उसने गाय पर नजर रखना शुरू कर दिया। एक दिन राजा कौशल के ग्वाले ने देखा कि गाय जंगल में गंगा किनारे स्थित टीले पर बैठ गयी और जब चलने लगी तो पूरा दूध उसी स्थान पर निकाल दिया । ग्वाले ने यह बात राजा को बताई तो राजा कौशल ने स्वयं इसके विषय में पता लगाने का निश्चय किया। राजा स्वयं कई दिनों तक गाय का पीछा करते रहे और गाय के खुद ब खुद दूध बहाते दृश्य को देखते रहे । एकदिन राजा ने इसका रहस्य जानने के लिए टीले की खुदाई करवाना प्रारम्भ किया। कहते है दो दिन की खुदाई के बाद उस टीले से एक शिवलिंग निकला। जिसे देख राजा अत्यधिक प्रसन्न हुए । उसने खुदाई से प्राप्त शिवलिंग की विधि विधान से स्थापना करवाकर यज्ञ, अनुष्ठान व रुद्राभिषेक करवाया। इसके बाद आनंदी गाय ने वहां अपना दूध बहाना बंद कर दिया। यहाँ विराजमान शिवलिंग को प्राप्त करने का माध्यम राजा की आनंदी गाय बनी। इसलिए यहाँ प्रतिष्ठित भगवान भोलेनाथ को आनंदेश्वर कहा जाता है।
छोटे काशी की संज्ञा:
भक्तों आनंदेश्वर शिव मंदिर को यहाँ के भक्तगण छोटे काशी की संज्ञा देते हैं। भक्तों को विश्वास है कि इस मंदिर में भगवान शिव सदैव निवास करते हैं, यहां भगवान के दर्शन मात्र से आने वाले भक्तों के सभी दुःख दर्द मिट जाते हैं।
श्रावण सोमवार को 24 घंटे खुला रहता है मंदिर:
इस मंदिर में खासकर श्रावण महीने में देश से लेकर विदेश तक के व्यापारी शिवभक्त और सर्व साधारण श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ता है। महाशिवरात्रि, श्रावण, मलमास, प्रदोश, त्रयोदशी और सोमवार में कई भक्तगण यहां रुद्राभिषेक कराते हैं। श्रावण मास में, सोमवार को भगवान् भोलेनाथ का दर्शन पूजन करने के लिए रविवार रात से ही लाखों शिवभक्त कतार लगाकर खड़े हो जाते हैं और यह क्रम सोमवार देर रात तक चलता रहता है। श्रावण मास के सोमवार को इस मंदिर के पट 24 घंटे के लिए खोल दिए जाते हैं।
मंदिर परिसर:
भक्तों आनंदेश्वर मंदिर परिसर में आनंदेश्वर महादेव के अतिरिक्त सारी विघ्न बाधाओं को दूर करने वाले श्री गणेश जी, भगवान् श्रीराम जी का दरबार, भगवान् श्रीकृष्ण और राधारानी की युगल जोड़ी, संकटमोचन हनुमान जी महाराज, काल विनासिनी काली माता, सुख समृद्धि दायिनी संतोषी माता, समस्त पीड़ा और कष्टों से मुक्त करनेवाली माता पीताम्बरा का शक्तिपीठ, धन और वैभव की देवी माता लक्ष्मी तथा न्याय के देवता न्यायमूर्ति शनिदेव के मंदिर स्थापित हैं.
आसपास के पर्यटन स्थल:
भक्तों यदि आप कानपुर में आनंदेश्वर मंदिर की यात्रा पर जा रहे हैं तो इस मंदिर के अलावा नबाबगंज बर्ड सेंचुरी, फूल बाग़, भारत माता मंदिर, जे के मंदिर, कम्पनी बाग़, प्रयाग नारायण मंदिर, पत्थर घाट, वाल्मीकि आश्रम, शिव शंकर मंदिर, श्री राधाकृष्ण मंदिर, लव कुश बैराज, आशा मंदिर, जापानी गार्डन बिठूर, मोती झील और एलन फारेस्ट चिड़ियाघर जैसे कई अन्य पर्यटन स्थल हैं जहाँ की सैर कर आप आनंदित हो सकते हैं.
इस कार्यक्रम के प्रत्येक एपिसोड में हम भक्तों को भारत के प्रसिद्ध एवं प्राचीन मंदिर, धाम या देवी-देवता के दर्शन तो करायेंगे ही, साथ ही उस मंदिर की महिमा उसके इतिहास और उसकी मान्यताओं से भी सन्मुख करायेंगे। तो देखना ना भूलें ज्ञान और भक्ति का अनोखा दिव्य दर्शन। 🙏
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि तिलक किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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Har har Mahadev Om namah shivay har har Mahadev Om namah shivay har har Mahadev Om namah shivaya har har mahadev Om namah shivay Om namah shivaya har har mahadev Om namah shivaya
Shiv Parwati namha
जय गौरी
Har har mahadev❤❤❤
Har har mohadeb🙏🙏🙏
जय महादेव
Who are from kanpur ❤❤❤❤
her har mahadev anandesaver baba ki jay
हर हर उमापति महादेव 🙏🌹🙏
Mere pyare baba🙏🏻
Om आनंदेश्वराय नमः
Om namah parvati Pathe har har mahadev ❤❤❤❤🎉🎉🎉
जय गौरी शंकर 🔱🙏
अनंदेश्वरय नमः
❤❤❤❤ Rajesh Yadav jila jila Balrampur se Rajesh Yadav har har Mahadev har har Mahadev❤❤❤❤❤
Har Har Mahadev 🙏 ♥️
Har Har Mahadev 🚩🙏❤️❤️
Ye hamare kanpur ka mahaprashid anandeshwar baba ka mandir hai om namah shivay 🙏🙏
❤❤❤❤❤ ॐ श्री गौरी शंकर जी ❤❤❤❤❤
Har har mahadev🙏🙏🙏🙏🙏
har har mahadev
🕉️🙏🙏🙏🙏🙏🕉️
Her her mahadev 🕉️🙏🕉️
जय हो गौरी शंकर
SHREE ANADESHWAR NAMAH
Jai bhole nath😢
Ohm Namah Shivaye❤🎉🎉❤
Jygori snkr
Room mil sakta hai mandir ke pass mein.
I m from kanpur jai baba anandeshwer...har har mahadev...