खुद के बड़े पिताजी के देहान्त पर नहीं गए, इनके पिताजी भाई के देहांत पर नहीं गए, कानून व्यवस्था खुद ने बिगाड़ी, धूणी दर्शन ही तो करना था, आपने तो दो नोटिस निकलवा दिए, गेट बंद कर दिए, समाज तो आपके साथ खड़ा नहीं है, मीडिया भी लॉलीपॉप सवाल पूछ रही हैं,
@@hemendrasinghrathore2030 अभी कै राजघराने का कीया यौगदान है मैवाड की जनता कै लिए जब साहै जैहादी मूला आज भी ऊदय पू्र और चीतौड कौ जाम कर प्रदर्शन कर दैतै है तौ
शायद महल में प्रवेश करने की उत्सुकता में हमारे रिपोर्टर भाई सही प्रश्न करना ही भूल गए। मुद्दे की वार्ता यह थी कि जब कलेक्टर साहब के समक्ष रात्रि में माननीय विश्वराज सिंह जी ने ये प्रस्ताव रखा कि उन्हें सिर्फ धूणी पर धोग लगानी है चाहे वह 5 व्यक्तियों के साथ पुलिस प्रशासन की कड़ी व्यवस्था को साथ लिए अंदर प्रवेश करना चाहते है और 5 मिनट में वापस चले आएंगे तो ऐसे में भीड़ के अंदर प्रवेश करने का कोई कारण ही नहीं रह गया था। माननीय लक्ष्यराज सिंह जी की वाकपटुता का मैं हमेशा से ही प्रशंसक रहा हूँ परन्तु आज उसी वाकपटुता से वास्तविक मुद्दे से भिन्न जाया जा रहा है, जैसा कि ट्रस्ट के मालिकाना अधिकारी लक्ष्यराज सिंह जी ने कहा कि वे नहीं चाहते थे कि भीड़ अंदर घुस जाए और व्यक्ति विशेष को पूर्व में ही अपने कार्यक्रम की जानकारी देनी चाहिए थी तो जब इन्हें जानकारी नहीं थी तो इन्होंने पूर्व में ही सुबह सवेरे पैलेस के दरवाजे बंद कर भारी पुलिस जाप्ता लगवाया जिससे स्पष्ट होता है कि आप उन्हें प्रवेश देना ही नहीं चाहते थे। ऐसे में अगर शहर के ऐसे मुख्य स्थान पर भारी संख्या में लोग पुलिस तैनात देखेंगे तो जनता भीड़ लगाएगी ही। और जिस प्रकार अभी बिना किसी जमावड़े के रिपोर्टर भाई और उनके कैमरामैन अंदर गए इंटरव्यू लेने वैसे ही 5 लोग धूणी दर्शन को जा सकते थे इसमें आपत्ति नहीं होनी चाहिए थी। यदि वो लोग अव्यवस्था फैलाते तो जिस प्रकार पैलेस की सिक्युरिटी रोज हजारों पर्यटकों को कंट्रोल करती है 5-10 व्यक्तियों को संभाला जा सकता था यदि उपद्रव होता तो। साथ ही उन्हें पूर्व में पता था कि अंदर बूढ़े बच्चे और स्त्रियां रहते है इसीलिए उन्होंने पहले से पत्थर और कांच की बोतले जमा करवा रखी थी कि भविष्य में कही काम आ जाए और शायद किसी ने बिना आदेश के ही वो पत्थर पैलेस के गेट से नीचे फेक दिए बिना उच्च स्तर के आदेश के। यह सभी सवाल करना हमारे रिपोर्टर भाई करना भूल गए। मेरे दादाजी मेवाड़ की भूमि से उठे और आज हम जिस क्षेत्र में रहते है वहां आज भी उन्हें लोग गर्व से नाम के पीछे मेवाड़ लगा कर संबोधित करते है। क्योंकि इसमें भूमि का गर्व है उन महाराणा प्रताप की भूमि से जुड़े होने का सौभाग्य दिखाई पड़ता है। आज महाराणा प्रताप जीवित होते तो शायद उन्हें अपने भाई जगमाल को कोई अधिकार देने में तकलीफ न होती और यदि जगमाल भीतर होते और प्रताप अंदर प्रवेश करते तो भी राजसी मर्यादा के अनुसार जगमाल उनका आदर ही करते। आपके व्यवहार से तय होगा आप प्रताप है या जगमाल राजसी मर्यादा व्यवहार से झलकती है ये वही प्रताप की धरती है जहां दुश्मन भी कुछ मर्यादा में रह कर मांग ले तो दे दिया जाता था परन्तु आज तो भाई भाई को दर्शन से रोक कर उस कुल की मर्यादा को उस राणा के गौरव को मिटा दिया। मेवाड़ की जनता आपके महलों को ठेस पहुंचाने बाहर नहीं खड़ी थी वो खड़ी थीं बाहर क्योंकि उनके मन में संपूर्ण राजपरिवार के लिए आदर सत्कार का भाव है वो किसी एक व्यक्ति के प्रति झुकाव नहीं रखते वो स्नेह देते है क्योंकि आप उस राणा का परिवार हो जिसने इस जनता का कभी उपहास नहीं बनने दिया परन्तु एक रात्रि में परिस्थितियों में बदलाव आ गया। फर्स्ट इंडिया न्यूज se मेरी दरख्वास्त हैं कि रिपोर्टर थोड़े बेबाक चुनिए अन्यथा कैमरा तो आजकल बच्चे बच्चे के हाथ में है। जय एकलिंग नाथ की।
लक्ष्यराज जी जो आपने किया वह बहुत गलत किया पूरे देश के क्षत्रिय तुम्हें इस समय थूक है अभी भी समय है आपसी समझौते से दर्शन तक की बात है दर्शन करने दो तुम्हारा संपत्ति लेने नहीं आ रहे थे जन्म भावनाओं को कदर करो नेहा लाखों करोड़ों कमा के भी धूल ही रह जाओगे
Bhai jab maharana ji ko wait karte huye 6 hrs ho gaye toh mewar ki janta ko gussa aya tab woh sab jaa kar ikkatha huye , jab pata nahi hota toh muh mat khola kar @@Divs2720
@@Divs2720 maharana ji ko jab wait krte huye 6 ghante ho gaye toh janta ko gussa aya samjha aur lakshyaraj ji k logo ne pehle gundagardi start ki, aur jab maharana dhuni darshan k liye jayenge toh janta bhi saath rahti hai, samjha, jab modi kahi jata hai toh janta apne aap khadi ho jati hai, waisa hi mewar k maharana ka rutba hai
@@Divs2720ek baat aur sun rajput samaaj ne 5 logo ki anumati maangi thi, jab lakshyaraj singh ne nahi di toh janta ko gussa aya aur maharana ji saath dene k liye itni tadad me khadi huyi
सिसौदिया वंश का नाम खराब कर दिया नकली महाराज ने में भी सिसौदिया (खड़खावद)शाखा से हु लेकिन में आज से आपका बहिष्कार करता हु मेरे महाराज श्री श्री हजूर हुकम विश्वराज सिंह जी है ❤❤❤❤❤
@@MahaaranaPratap are kuch bhi Mt bolo sir please read history and please talk on facts khi se suni sunai baatien nhi btani yha pe Rathore vansh bahut alag sisodiya se rathore ka origin rashtrakuto se hua h jo ji South Indian the
@@MahaaranaPratap aapne toh pura itihas hi plt diya yeh toh glt baat h na bhaisahab bina padhe itihas yha aake aap bol rhe kis hak se keh rhe ho aap ki yeh rathore vansh ke h rathore vansh ke raja already jodhpur biraajte h maharaja gaj singh ji
चोर नही उत्तराधिकारी है वैसे तो महेन्द्रसिंह मेवाड को संपति से आपसी टकराव के कारण अपने महाराणा पे केस कि वजह से महाराणाने संपति से बेदखल किआ हुआ था और महाराणा अरविंद को उत्तराधिकारी नियुक्त किआ था संपति से।
महाराणा लाखा के ज्येष्ठ पुत्र वीरवर चुडा जी ने राज त्याग दिया था तब उनको और उनके पूर्वजों को महाराणा के राजतिलक का अधिकार दिया गया उसी परंपरा से महाराणा उदय सिंह जी द्वारा जगमाल को उतराधिकारी घोषित कर दिए जाने पर सलूंबर राव ने महाराणा प्रताप को गद्दी पर बैठाया था वरना मेवाड़ का इतिहास कुछ और होता उसी परंपरा से महाराणा भगवत सिंह जी के बाद उनके ज्येष्ठ पुत्र महेंद्र सिंह जी को निर्भय सिंह जी सलूंबर ने गद्दी पर बैठाया और उसी परंपरा से महाराणा विश्वराज सिंह जी का राजतिलक सलूंबर राव देवरथ सिंह जी ने किया है। तो सनातन शास्त्रों और परंपरा से मेवाड़ महाराणा विश्वराज सिंह जी हुए न कि अरविंद सिंह जी या उनके पुत्र लक्ष्यराज जी। ये दोनों बाप बेटे चुंडावत परिवार के इस बलिदान को भी भूल गए जो मेवाड़ के हर युद्ध में पहली पंक्ति में रहकर सबसे पहले सिर कटा कर किए गए।असली राजपूत वो है जो परंपरा और संस्कृति को मान कर चले लक्ष्यराज जी के पास पैसा है तो वो अपनी पसंद की मीडिया को बुलाकर कुछ भी कह सकते हैं विश्वराज जी के राजतिलक से पहले ही वो लोग कह रहे थे कि हम कुछ लोग धूणी दर्शन करेंगे और फिर मंदिर दर्शन करेंगे इन लोगों ने विश्वराज जी के चित्तौड़ से रवाना होने से पहले ही गेट बंद कर दिए तब उदयपुर की जनता अपने असली महाराणा के पक्ष में आई अगर ये विश्वराज जी को 5 से 10 लोगों के साथ भी आने देते तो ये सब नहीं होता। अब लक्ष्यराज जी झूठ बोल रहे हैं। मेवाड़ महाराणा तो विश्वराज सिंह जी ही है चाहे वो झोपडी में रह रहे हों। महलों में रहने से महाराणा नहीं होते महाराणा वो जिसके साथ समाज है जो परंपरा से बना हो।
@Hindustan1973 आम राजपूत को क्या लेना देना महाराज वसीयत या संपति से उसे तो चुंडावत का बरसों का बलिदान याद है हर युद्ध का हरावल याद है महाराणा तो विश्वराज सिंह जी ही है चाहे वो झोपडी में रहे आम और सच्चा राजपूत धन संपति का गुलाम नहीं होता वो परंपरा का पालन करने में विश्वास करता है लक्ष्यराज जी उसी वंश के हैं उनका भी कम सम्मान नहीं पर परम्परा को भुलाया नहीं जा सकता वीरवर चुंडा जी की पितृभक्ति और उनके वंशजों के बलिदान को नहीं भुलाया जा सकता हुकम। अरविंद सिंह जी और लक्ष्यराज सिंह जी की संपति या इन दोनों परिवारों के संपति विवाद से आम राजपूत को कोई लेना देना नहीं वो तो परम्परा और संस्कृति का संरक्षक है। और एक बात महाभारत में लिखा भी है और प्रसिद्ध धारावाहिक में दिखाया भी गया है कि वीर अभिमन्यु के अंतिमसंस्कार में वो दुर्योधन भी गया था जिसकी युद्ध में उसने स्वयं हत्या की थी। धन के वश और घमंड में जो पिता पुत्र अपने भाई और बड़े पिता के दाग में भी न गए हों उनसे परम्पराओं की आस क्या लगाई जाए साहब।🙏
@@Hindustan1973 वसीयत पर तो तुम जैसे जगमाल को महाराणा बना देते लेकिन वसीयत केवल संपत्ति की हो सकती है ... शास्त्रानुसार ज्येष्ठाधिकार से और मेवाड़ की परंपरा अनुसार महाराणा को सलूंबर रावत (चुंडावत) चुनते हैं, दोनों ही तरह से जैसे महाराणा प्रताप को चुना गया जैसे महाराणा महेंद्रसिंह को चुना गया और अब महाराणा विश्वराज सिंह को...
भाई साहब ये धन दोलत कै लिए लड रहे हैं कौई हल्दी घाटी का यूंध नहीं ईस लिए हमै राजपूत सै जौडना कहा तक सही है और आप को मै बता दू मै कुंभलगढ़ दुर्ग सै हू जौ हमारी ऐक मात्र अजय कीला है ऊस मै बडतै जैहादी मूलौ की आबादी कै खीलाफ यै दौ नौ नै कभी चु तक नहीं कहां है अगर ही़दू धर्म और राजपूतों की महान धरौहर कुंभलगढ़ दुर्ग कै लिए आम जनता और आम राजपूत ही आवाज उठाएं तौ फिर यै कीया काम कै❤
कृपया इस मुद्दे को क्षत्रिय समाज की संकीर्ण दीवारों से परे कीजिए। यह मेवाड़ है, मेवाड़ की परंपरा हैं कि मेवाड़ ने सदैव सत्य अर्थात सत का साथ दिया है। यहां बात जब राष्ट्र (मेवाड़) की आ जाए तो जाति तो आप छोड़ दीजिए धर्म की सीमाओं बंधनों, संकीर्णताओं से परे होकर समस्त मेवाड़ी एक होते हैं। महाराणा श्री उदय सिंह जी ने भले ही क्यों न जगमाल को महाराणा घोषित कर दिया हो लेकिन मेवाड़ी जनता ने कभी भी उसको स्वीकार नहीं किया हैं। अभी का जो दृश्य भी कुछ ऐसा ही हैं। स्वयं को महाराणा कुंवर मानने वाले इस योग्य नहीं हैं, क्योंकि उनके कृत्य संपूर्ण मेवाड़ राज्य सहित भारत के लोग जान चुके हैं। हर हर महादेव,जय मेवाड़, जय एकलिंग जी, जय महाराणा श्री विश्वराज सिंह जी
टीवी सीरियल में काम करने वाले के चक्कर में नारे लगवा दिया जयपुर वालोंके , कितनी छोटी सोच है खुद में तो बुद्धि हैही नहीं,, इन से क्या उम्मीद कर सकते हो,, बड़े पिताजी के दर्शन तो करे होते
दीवाणीये खरीदने से कोई एकलिंग दीवाण नहीं बन जाता हैं।एकलिंग दीवाण बनने के लिए सलूंबर रावत साहब देवव्रत सिंह जी चुंडावत के अंगुठे का रक्त तिलक, भींडर महाराज साहब रणधीर सिंह जी शक्तावत का भाला,बड़ी सादड़ी राज राणा घनश्याम सिंह जी झाला का चंवर चाहिए और ये सब महाराणा विश्वराज सिंहजी मेवाड़ के साथ हैं।इसके अलावा मेवाड़ के प्रथम श्रेणी के सभी सोलह ठिकानों के राव उमराव,सभी बड़े बत्तीस ओर छोटे बत्तीस ठिकानों के जागीरदार,मेवाड़ के सभी ठिकानों के ठाकुर साहब,मेवाड़ क्षत्रिय महासभा,मेवाड़ की आम जनता ने सर्वसम्मति से चित्तौड़ के किले पर राज तिलक करके हृदय से महाराणा साहब विश्वराज सिंहजी को भगवान एकलिंग नाथ का दीवाण स्वीकार किया है।
लक्ष्यराज राज जी और विश्वराज सिंह जी दोनों सम्माननीय व्यक्तित्व है। पर दोनों को राजनीति का मोहरा बनाया जा रहा है। भीड़ से आलोचना करके कोई भी स्वीकार नहीं करेगा। सभी की आत्म प्रतिष्ठा होती है। व्यवहारिक प्रदर्शन चीजे सुलझती है। ताकत दिखाकर नहीं, समझ दिखाकर चीजे स्वीकार होती है।
किसी के घर पर आप भीड को लेकर हमला नहीं कर सकते हैं दरवाजा तोडना सरासर गलत है घर पर हमला किया है ईन लोग ने किसी के घर में आप जबरदस्त नहीं जा सकते हैं गलत काम किया है जनता ने आदमी मरते तो जबाब कोन देते बचाव में पथराव किया है घरवाले लोग ने कानून से कोर्ट में जाओ कानून का पालन होना चाहिए
जौ ईन दौनौ राजघराने के लिए आपस में लड रहे हैं वौ कभी कुंभलगढ़ दुर्ग कै लिए भी ऐक बार ईन दौ नौ सै सवाल कर दै की वहां जैहादी मूलौ की अवैध कब्जा धारी कै लिए कीया करै गै यै धन दोलत कै लिए लड़ रहे हैं कौई हल्दी घाटी का यूंध नहीं ईस लिए 😢😢😢
आने वाली भीड़ कोई आतंकवादी नहीं थे सभी ठिकानेदार और सम्माननीय लोग थे। आज पूरे राजपूत समाज को शर्मसार कर दिया पत्थर फेंकने जैसा कृत्य कर के। आपके ही परिवार के बड़े थे जिन्हें आपने अन्दर आने से रोक दिया यही से आपकी भावना का अन्दाजा लग जाता है।
शर्म करो इस तरह आपस में लड़के क्यू राजपरिवार का नाम खराब कर रहे हो । जिस समय समाज को एकजुटता की आवश्यकता है उस समय आप लोग ऐसी नीच हरकते कर के क्यू नाम खराब कर रहे हो ।
@@divyanshushekhawat5918 आपस में न लड़े तो क्या राज दूसरे को दे दे, जब जनता अपने महाराणा राजा मानती है,तो किस बात कि लड़ाई,ये तो इटोटाइज कर रहे है,इनको इग्नोर करो
विश्व राज सिंह ने जो किया वह ग़लत दें अपनी मर्यादा से बाहर आकर उन्हो अपने काम के लिए भीड़ को गर्म गुमराह किया और उनको उदयपुर सिटी पैलेस के दरवाज़े के ऊपर से कूद कर अंदर भेजने की कोशिश की न तो पुलिस कुछ कर पा रही थी तो इसलिए लक्ष्यराज सिंह जी ने अपने बचाव और सिटी पैलेस की सुरक्षा को देखकर पथराव कि ये उसमें उन्होंने कुछ ग़लत नहीं किया
क्यों कि इनके पिता का देहांत अभी हुआ है और मेवाड़ में राजपरिवार में पिता के देहांत के बाद पगड़ी दस्तूर के बाद पुत्र अपने पित्रों के स्थान पर धोक देता है और विश्वराज जी वही करने जाना चाहते थे नहीं जाने दिया तब उदयपुर के लोग उनके साथ आए।
@ अगर धुनि लगाने जाना है तो क्या हज़ारों की तादात में जाना है धोनी लगाने अपने परिवार के साथ 10 पाँच लोगों के साथ रहना चाहिए इतनी हज़ारों की भीड़ लेकिन जाने की क्या ज़रूरत है वो साफ़ साफ़ बताना चाहते हैं कि मेरे पास सप्ताह में दादागीरी करूँगा
@@top10-vu4ky आप जीते महाराज आपकी टांग ऊपर रखो चित्तौड़ से रवाना भी नहीं हुए थे उससे पहले ही गेट बंद कर दिए थे पैलेस के और एकलिंग जी के और जब 5 लोगों को भी नहीं जाने दिया तब भीड़ इकट्ठा हुई थी। पर फिर भी आपसे क्यों बहस करे। नमस्कार।
अगर आप सच्चे होते तो इस तरह हर चैनल पर आकर अपना स्पष्टीकरण नहीं देना पड़ता। आपने जो कुछ किया उससे मेवाड़ की जनता तो भली भांति वाकिफ हैं, उन्हें तो आप इस तरह गोल मोल बयान देकर बरगला नहीं सकते हां जो जनता बाहर की उन्हें आप जरूर झूठी कहानी समझा सकते हैं और सहानुभूति प्राप्त कर सकते हैं।
लक्ष्य राज सिंह जी ने सत्य कहा है।ये लोग राजनेता बनकर अपने लिए पो्पटी चाहिए । इतने साल इनको आराध्य याद नहीं आये ।ये सब लक्ष्यराजसिंह जी मेवाड़ के खिलाफ शाजिस रस रहे हैं
Dekhiye sahab aapko darvaje band nahi karna chahiye the jo bhi dispute hai vah mi bhethkar suljhana chahiye do no bhiyo ka barabar hisa de dena chaiye tha
जो अपने पिता को कोर्ट मे ले गया हो वो कभी भी राजा नही हो सकता है। महाराणा श्री भगवत सिंह जी ने अपनी वसीयत मे सारे अधिकार ओर सम्पति श्री जी अरविंद सिंह जी मेवाङ को देदी थी... तो पहली गलती महेन्द्र सिंह जी का राज तिलक कर के हुई ओर आज इन्होने वापस दूसरी गलती की है। लोगो को वसीयत के बारे मे मालूम नही है। असली महाराणा तो श्री लक्ष्य राज सिंह जी है ओर उदयपुर मे पुनः इनका राज तिलक कर के महाराणा घोषित कर दिजिए।
लक्ष्यराज singh तुम होते कोन हो मंदिर पर हक जताने वाले या तुमने बनवाया है सम्पूर्ण मेवाड वासियों का लहू लगा है इस मिट्टी में कोई कब्जा तो नहीं कर रहा था
Mujhe lakshyaraj ji bahut hi suljhe vi personality lagte the but yah harkat karke unhone apna asli roop dikha diya.. aapane bahut galat Kiya.. bhale hi property aap le lo but legacy hindu dharm ke hisab se bade bete ko milti hai..
@@rajveersinghmeena3313 ये बनविर है विस्वरार्ज सिंह का राजतिलक हुआ , है और पूरा देश ये चाहता है के वो ही महाराणा रहे इसने तो मेहलो पर कब्जा किया है,और सोशल मिडिया पर पेसो के दम पर ऐड करवाता है ,इसे कोई राजा नही मानता है,राजतिलक पर ज्येस्ट का अधिकार होता है ,तभी तो भरत ने 14वरस भाई का इंतजार किया , मां ने तो। भरत को ही राजा बनाना चाहा पर जनत रामजी के साथ थी ,और भरत जी ने भी भाई को ही राजा माना
Shree ji hujoor Maharana Vishva Raj singh ji mewar ne kabhi bh ye nh kaha ku vo hajaro ki bheed ko lekar dhuni aur ekling ji k darshan krna chahte h. He is just diverting the whole thing n spreading lied😡😡😡
पहले तो ये बता कि धोनी करने या एकलिंग नाथ मंदिर के दर्शन करने के लिए हज़ारों की भीड़ लेके जाना ज़रूरी था अगर उनको धोनी करना या एकलिंक नाथ मंदिर के दर्शन करने वो अपने परिवार के साथ या4 5 लोगों के साथ जा सकते हैं उन्होंने इतनी भीड़ को लेके जाने की ज़रूरत क्या थी वो लोग सिटी पैलेस के दरवाज़े से कूद कर अंदर जाने की कोशिश कर रहे थे तु ख़ुद ही सोच अगर इतनी भीड़ अंदर जाति तो नुक़सान कितना करती पुलिस कुछ कर नहीं पा रही थी तो उदयपुर की संस्था ने अपने बचाव के लिए सिटी पैलेस के बचाव के लिए यह करना पड़ा विश्व राज सिंह ने दादागिरी से यह काम करने की कोशिश की लक्ष्यराज ने तो अपना कर्तव्य निभाया है
Lakshyaraj keep your ego aside and le tmaharana sahab perform their rituals and they will left quietly. I don't forget stone pelting you done and how your gonna runover a suv if gate is open
Wo bhi same parivaar k vashanj h unhe darshan karne se kahin aane jane se kese rok sakte hai etni choti harkat karke apni image ka kachra kar diya ar apne purvajo k karmo ka majak bana diya hai
Aap Log apne purvajo se apne gar Ke devta se kabhi Upar nahi ho sakte unke samne to aapko naman karna hi hoga vishavraj sing ji hukum mateswari ko dhok lagne aaye to aap ko or swagat karna chiye corona kal main kahi rahis jade simat gaye laksyraj singh paiso par itna gurur aacha nahi ravan jaisa bhudiman raja is gurur main mithi ka dher ho gaya hain to aap kya ho aapne se bado ka saman karo apne kul dev ka saman karo dhan dolat yahi rah jayegi
Ye kon hai Lagta hai inko mewar ke itihas ke bare me jankari nahi hai Inke purvjo jaisa nhi ban sakte hai Apni apni ray jarur de kya ye maharana pratap singh jaise ban sakte hai...?
Mere krishna dono pariwar ko sadbidhidena visv me apna danka bajane wale marana pratap ka dhyan rakhna dhandolat sath nahi jayega aapka name udaipur ka man rakhkar fesla karle Ghar ka fesla cort kya karega
Kitna bhi dusman ho marne par sab jate he korav padav bhi ladte the par sayankal sabhi।bhism pita se milte the krishna ne padav ke liye pach gav he mage the fir kya hua isliy aapas me miljulkar nirnay lene me sab ke hit me acha hoga purvajo ka man rajayega
खुद के बड़े पिताजी के देहान्त पर नहीं गए, इनके पिताजी भाई के देहांत पर नहीं गए, कानून व्यवस्था खुद ने बिगाड़ी, धूणी दर्शन ही तो करना था, आपने तो दो नोटिस निकलवा दिए, गेट बंद कर दिए, समाज तो आपके साथ खड़ा नहीं है, मीडिया भी लॉलीपॉप सवाल पूछ रही हैं,
धन दोलत ही ऐसी है 😂😂😂😂
Media tho biki hui h sawal phele se he bata ke rakhe hoge
@@hemendrasinghrathore2030 भाई साहब ये तो बडै लौग है मगर ज़मीन और धन दोलत है ही ऐसी की
@@hemendrasinghrathore2030 अभी कै राजघराने का कीया यौगदान है मैवाड की जनता कै लिए जब साहै जैहादी मूला आज भी ऊदय पू्र और चीतौड कौ जाम कर प्रदर्शन कर दैतै है तौ
शायद महल में प्रवेश करने की उत्सुकता में हमारे रिपोर्टर भाई सही प्रश्न करना ही भूल गए।
मुद्दे की वार्ता यह थी कि जब कलेक्टर साहब के समक्ष रात्रि में माननीय विश्वराज सिंह जी ने ये प्रस्ताव रखा कि उन्हें सिर्फ धूणी पर धोग लगानी है चाहे वह 5 व्यक्तियों के साथ पुलिस प्रशासन की कड़ी व्यवस्था को साथ लिए अंदर प्रवेश करना चाहते है और 5 मिनट में वापस चले आएंगे तो ऐसे में भीड़ के अंदर प्रवेश करने का कोई कारण ही नहीं रह गया था।
माननीय लक्ष्यराज सिंह जी की वाकपटुता का मैं हमेशा से ही प्रशंसक रहा हूँ परन्तु आज उसी वाकपटुता से वास्तविक मुद्दे से भिन्न जाया जा रहा है,
जैसा कि ट्रस्ट के मालिकाना अधिकारी लक्ष्यराज सिंह जी ने कहा कि वे नहीं चाहते थे कि भीड़ अंदर घुस जाए और व्यक्ति विशेष को पूर्व में ही अपने कार्यक्रम की जानकारी देनी चाहिए थी
तो जब इन्हें जानकारी नहीं थी तो इन्होंने पूर्व में ही सुबह सवेरे पैलेस के दरवाजे बंद कर भारी पुलिस जाप्ता लगवाया जिससे स्पष्ट होता है कि आप उन्हें प्रवेश देना ही नहीं चाहते थे। ऐसे में अगर शहर के ऐसे मुख्य स्थान पर भारी संख्या में लोग पुलिस तैनात देखेंगे तो जनता भीड़ लगाएगी ही।
और जिस प्रकार अभी बिना किसी जमावड़े के रिपोर्टर भाई और उनके कैमरामैन अंदर गए इंटरव्यू लेने वैसे ही 5 लोग धूणी दर्शन को जा सकते थे इसमें आपत्ति नहीं होनी चाहिए थी।
यदि वो लोग अव्यवस्था फैलाते तो जिस प्रकार पैलेस की सिक्युरिटी रोज हजारों पर्यटकों को कंट्रोल करती है 5-10 व्यक्तियों को संभाला जा सकता था यदि उपद्रव होता तो।
साथ ही उन्हें पूर्व में पता था कि अंदर बूढ़े बच्चे और स्त्रियां रहते है इसीलिए उन्होंने पहले से पत्थर और कांच की बोतले जमा करवा रखी थी कि भविष्य में कही काम आ जाए और शायद किसी ने बिना आदेश के ही वो पत्थर पैलेस के गेट से नीचे फेक दिए बिना उच्च स्तर के आदेश के।
यह सभी सवाल करना हमारे रिपोर्टर भाई करना भूल गए।
मेरे दादाजी मेवाड़ की भूमि से उठे और आज हम जिस क्षेत्र में रहते है वहां आज भी उन्हें लोग गर्व से नाम के पीछे मेवाड़ लगा कर संबोधित करते है। क्योंकि इसमें भूमि का गर्व है उन महाराणा प्रताप की भूमि से जुड़े होने का सौभाग्य दिखाई पड़ता है।
आज महाराणा प्रताप जीवित होते तो शायद उन्हें अपने भाई जगमाल को कोई अधिकार देने में तकलीफ न होती और यदि जगमाल भीतर होते और प्रताप अंदर प्रवेश करते तो भी राजसी मर्यादा के अनुसार जगमाल उनका आदर ही करते।
आपके व्यवहार से तय होगा आप प्रताप है या जगमाल
राजसी मर्यादा व्यवहार से झलकती है ये वही प्रताप की धरती है जहां दुश्मन भी कुछ मर्यादा में रह कर मांग ले तो दे दिया जाता था परन्तु आज तो भाई भाई को दर्शन से रोक कर उस कुल की मर्यादा को उस राणा के गौरव को मिटा दिया।
मेवाड़ की जनता आपके महलों को ठेस पहुंचाने बाहर नहीं खड़ी थी वो खड़ी थीं बाहर क्योंकि उनके मन में संपूर्ण राजपरिवार के लिए आदर सत्कार का भाव है वो किसी एक व्यक्ति के प्रति झुकाव नहीं रखते वो स्नेह देते है क्योंकि आप उस राणा का परिवार हो जिसने इस जनता का कभी उपहास नहीं बनने दिया परन्तु एक रात्रि में परिस्थितियों में बदलाव आ गया।
फर्स्ट इंडिया न्यूज se मेरी दरख्वास्त हैं कि रिपोर्टर थोड़े बेबाक चुनिए अन्यथा कैमरा तो आजकल बच्चे बच्चे के हाथ में है। जय एकलिंग नाथ की।
सच में क्या शब्द लिखे है❤
❌️❌️❌️❌️❌️
👍👍
एकदम सटीक 👍
लक्ष्यराज जी जो आपने किया वह बहुत गलत किया पूरे देश के क्षत्रिय तुम्हें इस समय थूक है अभी भी समय है आपसी समझौते से दर्शन तक की बात है दर्शन करने दो तुम्हारा संपत्ति लेने नहीं आ रहे थे जन्म भावनाओं को कदर करो नेहा लाखों करोड़ों कमा के भी धूल ही रह जाओगे
क्षत्रिय😊😊😊😊😊
Wus raja ki harkat bhi dekho na.mandir main puja karne jate hai ya rally karne
Bhai jab maharana ji ko wait karte huye 6 hrs ho gaye toh mewar ki janta ko gussa aya tab woh sab jaa kar ikkatha huye , jab pata nahi hota toh muh mat khola kar @@Divs2720
@@Divs2720 maharana ji ko jab wait krte huye 6 ghante ho gaye toh janta ko gussa aya samjha aur lakshyaraj ji k logo ne pehle gundagardi start ki, aur jab maharana dhuni darshan k liye jayenge toh janta bhi saath rahti hai, samjha, jab modi kahi jata hai toh janta apne aap khadi ho jati hai, waisa hi mewar k maharana ka rutba hai
@@Divs2720ek baat aur sun rajput samaaj ne 5 logo ki anumati maangi thi, jab lakshyaraj singh ne nahi di toh janta ko gussa aya aur maharana ji saath dene k liye itni tadad me khadi huyi
सिसौदिया वंश का नाम खराब कर दिया नकली महाराज ने में भी सिसौदिया (खड़खावद)शाखा से हु लेकिन में आज से आपका बहिष्कार करता हु मेरे महाराज श्री श्री हजूर हुकम विश्वराज सिंह जी है ❤❤❤❤❤
😂😂
Kya bhyi dimaag khraab h kya sisodiya hi toh h kuch bhi bolte h log @@MahaaranaPratap
@@MahaaranaPratap are kuch bhi Mt bolo sir please read history and please talk on facts khi se suni sunai baatien nhi btani yha pe Rathore vansh bahut alag sisodiya se rathore ka origin rashtrakuto se hua h jo ji South Indian the
@@MahaaranaPratap aree history nhi padhte kya aap anpadh ho kya
@@MahaaranaPratap aapne toh pura itihas hi plt diya yeh toh glt baat h na bhaisahab bina padhe itihas yha aake aap bol rhe kis hak se keh rhe ho aap ki yeh rathore vansh ke h rathore vansh ke raja already jodhpur biraajte h maharaja gaj singh ji
यह चोर है भाई की प्रॉपर्टी पर कब्जा कर रखा है
चोर नही उत्तराधिकारी है वैसे तो महेन्द्रसिंह मेवाड को संपति से आपसी टकराव के कारण अपने महाराणा पे केस कि वजह से महाराणाने संपति से बेदखल किआ हुआ था और महाराणा अरविंद को उत्तराधिकारी नियुक्त किआ था संपति से।
Lakshyaraj is only smart hotelier and double standard man ...who spokes alot but don't viseversa.......
महाराणा लाखा के ज्येष्ठ पुत्र वीरवर चुडा जी ने राज त्याग दिया था तब उनको और उनके पूर्वजों को महाराणा के राजतिलक का अधिकार दिया गया उसी परंपरा से महाराणा उदय सिंह जी द्वारा जगमाल को उतराधिकारी घोषित कर दिए जाने पर सलूंबर राव ने महाराणा प्रताप को गद्दी पर बैठाया था वरना मेवाड़ का इतिहास कुछ और होता उसी परंपरा से महाराणा भगवत सिंह जी के बाद उनके ज्येष्ठ पुत्र महेंद्र सिंह जी को निर्भय सिंह जी सलूंबर ने गद्दी पर बैठाया और उसी परंपरा से महाराणा विश्वराज सिंह जी का राजतिलक सलूंबर राव देवरथ सिंह जी ने किया है। तो सनातन शास्त्रों और परंपरा से मेवाड़ महाराणा विश्वराज सिंह जी हुए न कि अरविंद सिंह जी या उनके पुत्र लक्ष्यराज जी। ये दोनों बाप बेटे चुंडावत परिवार के इस बलिदान को भी भूल गए जो मेवाड़ के हर युद्ध में पहली पंक्ति में रहकर सबसे पहले सिर कटा कर किए गए।असली राजपूत वो है जो परंपरा और संस्कृति को मान कर चले लक्ष्यराज जी के पास पैसा है तो वो अपनी पसंद की मीडिया को बुलाकर कुछ भी कह सकते हैं विश्वराज जी के राजतिलक से पहले ही वो लोग कह रहे थे कि हम कुछ लोग धूणी दर्शन करेंगे और फिर मंदिर दर्शन करेंगे इन लोगों ने विश्वराज जी के चित्तौड़ से रवाना होने से पहले ही गेट बंद कर दिए तब उदयपुर की जनता अपने असली महाराणा के पक्ष में आई अगर ये विश्वराज जी को 5 से 10 लोगों के साथ भी आने देते तो ये सब नहीं होता। अब लक्ष्यराज जी झूठ बोल रहे हैं। मेवाड़ महाराणा तो विश्वराज सिंह जी ही है चाहे वो झोपडी में रह रहे हों। महलों में रहने से महाराणा नहीं होते महाराणा वो जिसके साथ समाज है जो परंपरा से बना हो।
महाराणा श्री लक्ष्य राज सिंह जी मेवाङ
जाओ पहले महाराणा श्री भगवत सिंह जी मेवाङ की वसीयत पढ कर आओ
@Hindustan1973
आम राजपूत को क्या लेना देना महाराज वसीयत या संपति से उसे तो चुंडावत का बरसों का बलिदान याद है हर युद्ध का हरावल याद है महाराणा तो विश्वराज सिंह जी ही है चाहे वो झोपडी में रहे आम और सच्चा राजपूत धन संपति का गुलाम नहीं होता वो परंपरा का पालन करने में विश्वास करता है लक्ष्यराज जी उसी वंश के हैं उनका भी कम सम्मान नहीं पर परम्परा को भुलाया नहीं जा सकता वीरवर चुंडा जी की पितृभक्ति और उनके वंशजों के बलिदान को नहीं भुलाया जा सकता हुकम।
अरविंद सिंह जी और लक्ष्यराज सिंह जी की संपति या इन दोनों परिवारों के संपति विवाद से आम राजपूत को कोई लेना देना नहीं वो तो परम्परा और संस्कृति का संरक्षक है।
और एक बात महाभारत में लिखा भी है और प्रसिद्ध धारावाहिक में दिखाया भी गया है कि वीर अभिमन्यु के अंतिमसंस्कार में वो दुर्योधन भी गया था जिसकी युद्ध में उसने स्वयं हत्या की थी। धन के वश और घमंड में जो पिता पुत्र अपने भाई और बड़े पिता के दाग में भी न गए हों उनसे परम्पराओं की आस क्या लगाई जाए साहब।🙏
100% सही✔ बात बताई आपने
@@Hindustan1973 वसीयत पर तो तुम जैसे जगमाल को महाराणा बना देते लेकिन वसीयत केवल संपत्ति की हो सकती है ... शास्त्रानुसार ज्येष्ठाधिकार से और मेवाड़ की परंपरा अनुसार महाराणा को सलूंबर रावत (चुंडावत) चुनते हैं, दोनों ही तरह से जैसे महाराणा प्रताप को चुना गया जैसे महाराणा महेंद्रसिंह को चुना गया और अब महाराणा विश्वराज सिंह को...
दर्शन मे क्या बुराई है सम्पति विवाद तो अदालत का फैसला है
व्यक्ति विशेष नही ,महाराणा ऑफ मेवाड़ विश्वराज सिंह का हम तह दिल से स्वागत करते है ❤❤❤❤
भाई साहब ये धन दोलत कै लिए लड रहे हैं कौई हल्दी घाटी का यूंध नहीं ईस लिए हमै राजपूत सै जौडना कहा तक सही है और आप को मै बता दू मै कुंभलगढ़ दुर्ग सै हू जौ हमारी ऐक मात्र अजय कीला है ऊस मै बडतै जैहादी मूलौ की आबादी कै खीलाफ यै दौ नौ नै कभी चु तक नहीं कहां है अगर ही़दू धर्म और राजपूतों की महान धरौहर कुंभलगढ़ दुर्ग कै लिए आम जनता और आम राजपूत ही आवाज उठाएं तौ फिर यै कीया काम कै❤
Me b kumbhalgarh durg se hu@@KankuDasana
@prakashrajput3093 तौ आणा दौनौ नै ऐक बार कुंभलगढ़ दुर्ग पर लडवा बूलावी दौ ताकी हमज मा आवै की
मुद्दे की बात से क्यों भटक रहे हो दरबार😅 क्षत्रिय समाज की भावनाओं का सम्मान करें
कृपया इस मुद्दे को क्षत्रिय समाज की संकीर्ण दीवारों से परे कीजिए। यह मेवाड़ है, मेवाड़ की परंपरा हैं कि मेवाड़ ने सदैव सत्य अर्थात सत का साथ दिया है। यहां बात जब राष्ट्र (मेवाड़) की आ जाए तो जाति तो आप छोड़ दीजिए धर्म की सीमाओं बंधनों, संकीर्णताओं से परे होकर समस्त मेवाड़ी एक होते हैं।
महाराणा श्री उदय सिंह जी ने भले ही क्यों न जगमाल को महाराणा घोषित कर दिया हो लेकिन मेवाड़ी जनता ने कभी भी उसको स्वीकार नहीं किया हैं। अभी का जो दृश्य भी कुछ ऐसा ही हैं। स्वयं को महाराणा कुंवर मानने वाले इस योग्य नहीं हैं, क्योंकि उनके कृत्य संपूर्ण मेवाड़ राज्य सहित भारत के लोग जान चुके हैं। हर हर महादेव,जय मेवाड़, जय एकलिंग जी, जय महाराणा श्री विश्वराज सिंह जी
Maharana Visvraj Singh Ji Ki Jai ho
Isne toh apne baap k upar case kiya tha na
मेवाड़ की सांस्कृतिक धरोहर मेवाड़ के मान सम्मान मेवाड़ के त्याग बलिदान और वीरता के इतिहास को आप तमिल करने का प्रयास कर रहे हैं श्रीमान
Maharana vishwaraj singh ji jindabaad 🚩
लक्ष्यराज सिंह जी मेवाड 👑👑। इतिहास गवाह है भील कौम जिस राजकुमार के साथ खडी हुई वही महाराणा कहलाऐ।
जोहार महाराणा प्रताप 🏹
मुगलों के नाती फिर से एक हो गए, महाराणा फिर से अकेला खड़ा है।😢
घटिया राजनीति करने वालों को सपोर्ट ना करने का परिणाम लक्ष्यराज जी भुगत रहे हैं।
Tere ko kon bol rha tu bol पेपर चोर kon
Dabari jhant Gyan n de akbari jhant faujdar jhant door rhe papa logo ka matter h vo dekh lenge apna
Jhant ke baal .....Akbari jaat or gayasuddin tuglag ki pedais....Tere baap mar gaya kya udaipur main jo niyay or comment karne aya
Tume smj nhi aayegi beta tum gone chrao
shi kha
जैसे ही पत्थर बजी की बात पूछी चले गए😂😂
लक्ष्य राज ने अपनी इज्जत गू में मिला दी
क्या बात है
गु मत बोल भाई मिट्टी बोल 😅
😅😅😅
@@kamleshkeer3042 मिट्टी की भी इज्जत होती है
बहुत ही निंदनीय शर्मनाक घटना।
लक्ष्य राज सिंह के लिए जो सम्मान था वो अब नहीं है। अब लक्ष्य राज राजपूत मेरे लिए आम नागरिक बन गया।
ऐ रे लकया ⚔️⚔️
Ek ling diwan Ranaji vishvraj singh ji hi rahe ge
ये आडमी आज सिर्फ पैसे यार महलो के लिए मैनेजर है राणा प्रताप के स्वाभिमान का वाहक नही
पत्थरबाजी करने वाले ज्ञान ना दे
Ek.dum.sachi.he
टीवी सीरियल में काम करने वाले के चक्कर में नारे लगवा दिया जयपुर वालोंके , कितनी छोटी सोच है खुद में तो बुद्धि हैही नहीं,, इन से क्या उम्मीद कर सकते हो,, बड़े पिताजी के दर्शन तो करे होते
दोनों को सम्पत्ति बराबर हिस्सा मिलना चाहिए
मेवाड का नया बनवीर
इनका व्यवहार, व्यक्तित्व व चेहरा राजपरिवार की तरह का नहीं है।
दीवाणीये खरीदने से कोई एकलिंग दीवाण नहीं बन जाता हैं।एकलिंग दीवाण बनने के लिए सलूंबर रावत साहब देवव्रत सिंह जी चुंडावत के अंगुठे का रक्त तिलक, भींडर महाराज साहब रणधीर सिंह जी शक्तावत का भाला,बड़ी सादड़ी राज राणा घनश्याम सिंह जी झाला का चंवर चाहिए और ये सब महाराणा विश्वराज सिंहजी मेवाड़ के साथ हैं।इसके अलावा मेवाड़ के प्रथम श्रेणी के सभी सोलह ठिकानों के राव उमराव,सभी बड़े बत्तीस ओर छोटे बत्तीस ठिकानों के जागीरदार,मेवाड़ के सभी ठिकानों के ठाकुर साहब,मेवाड़ क्षत्रिय महासभा,मेवाड़ की आम जनता ने सर्वसम्मति से चित्तौड़ के किले पर राज तिलक करके हृदय से महाराणा साहब विश्वराज सिंहजी को भगवान एकलिंग नाथ का दीवाण स्वीकार किया है।
आपके पास राजनैतिक पद होना आवश्यक है।
कारण - भय बिन होय न प्रीत
अभी तो अरविंदसिंग जी है तो राजतिलक सर्वप्रथम अरविंद सिंग जी के होना चाहिए नियम के हिसाब से इनके बाद विश्वराज सिंग जी का अधिकार बनता है
धिक्कार है. लक्षराज मुर्दाबाद
लक्ष्यराज राज जी और विश्वराज सिंह जी दोनों सम्माननीय व्यक्तित्व है। पर दोनों को राजनीति का मोहरा बनाया जा रहा है।
भीड़ से आलोचना करके कोई भी स्वीकार नहीं करेगा। सभी की आत्म प्रतिष्ठा होती है। व्यवहारिक प्रदर्शन चीजे सुलझती है। ताकत दिखाकर नहीं, समझ दिखाकर चीजे स्वीकार होती है।
धुनी माता को धुनी बोल रहा लक्ष्य राज सनातन कभी माफ नहीं करेगा
0:30 😡😡
किसी के घर पर आप भीड को लेकर हमला नहीं कर सकते हैं दरवाजा तोडना सरासर गलत है घर पर हमला किया है ईन लोग ने किसी के घर में आप जबरदस्त नहीं जा सकते हैं गलत काम किया है जनता ने आदमी मरते तो जबाब कोन देते बचाव में पथराव किया है घरवाले लोग ने कानून से कोर्ट में जाओ कानून का पालन होना चाहिए
जौ ईन दौनौ राजघराने के लिए आपस में लड रहे हैं वौ कभी कुंभलगढ़ दुर्ग कै लिए भी ऐक बार ईन दौ नौ सै सवाल कर दै की वहां जैहादी मूलौ की अवैध कब्जा धारी कै लिए कीया करै गै यै धन दोलत कै लिए लड़ रहे हैं कौई हल्दी घाटी का यूंध नहीं ईस लिए 😢😢😢
आने वाली भीड़ कोई आतंकवादी नहीं थे सभी ठिकानेदार और सम्माननीय लोग थे। आज पूरे राजपूत समाज को शर्मसार कर दिया पत्थर फेंकने जैसा कृत्य कर के। आपके ही परिवार के बड़े थे जिन्हें आपने अन्दर आने से रोक दिया यही से आपकी भावना का अन्दाजा लग जाता है।
शर्म करो इस तरह आपस में लड़के क्यू राजपरिवार का नाम खराब कर रहे हो । जिस समय समाज को एकजुटता की आवश्यकता है उस समय आप लोग ऐसी नीच हरकते कर के क्यू नाम खराब कर रहे हो ।
@@divyanshushekhawat5918 आपस में न लड़े तो क्या राज दूसरे को दे दे, जब जनता अपने महाराणा राजा मानती है,तो किस बात कि लड़ाई,ये तो इटोटाइज कर रहे है,इनको इग्नोर करो
सपोर्ट laxraj singh mewar❤
विश्व राज सिंह ने जो किया वह ग़लत दें अपनी मर्यादा से बाहर आकर उन्हो अपने काम के लिए भीड़ को गर्म गुमराह किया और उनको उदयपुर सिटी पैलेस के दरवाज़े के ऊपर से कूद कर अंदर भेजने की कोशिश की न तो पुलिस कुछ कर पा रही थी तो इसलिए लक्ष्यराज सिंह जी ने अपने बचाव और सिटी पैलेस की सुरक्षा को देखकर पथराव कि ये उसमें उन्होंने कुछ ग़लत नहीं किया
*तू कौन, तू खामोखां...*
Tu Kon hota h galat bolne wale lachu k chamche vhi nolri krta h kya
@ यह कटिया क्या बोल रहा है
Raat ko 100 baar baat ki hai ki sirf 5 logo ko Darshan karva do.....
Isme gundagardi or permission ki baat kaha se aa gayi?
Shame on going legal for a centuries old tradition and dynasty.
मेरे को ये बताओ कि विश्व राज सिंह को 40 साल बाद ही यह सब याद क्यों आया पहले वो कहाँ गए थे
क्यों कि इनके पिता का देहांत अभी हुआ है और मेवाड़ में राजपरिवार में पिता के देहांत के बाद पगड़ी दस्तूर के बाद पुत्र अपने पित्रों के स्थान पर धोक देता है और विश्वराज जी वही करने जाना चाहते थे नहीं जाने दिया तब उदयपुर के लोग उनके साथ आए।
@ अगर धुनि लगाने जाना है तो क्या हज़ारों की तादात में जाना है धोनी लगाने अपने परिवार के साथ 10 पाँच लोगों के साथ रहना चाहिए इतनी हज़ारों की भीड़ लेकिन जाने की क्या ज़रूरत है वो साफ़ साफ़ बताना चाहते हैं कि मेरे पास सप्ताह में दादागीरी करूँगा
@@top10-vu4ky
आप जीते महाराज आपकी टांग ऊपर रखो
चित्तौड़ से रवाना भी नहीं हुए थे उससे पहले ही गेट बंद कर दिए थे पैलेस के और एकलिंग जी के और जब 5 लोगों को भी नहीं जाने दिया तब भीड़ इकट्ठा हुई थी।
पर फिर भी आपसे क्यों बहस करे।
नमस्कार।
अगर आप सच्चे होते तो इस तरह हर चैनल पर आकर अपना स्पष्टीकरण नहीं देना पड़ता। आपने जो कुछ किया उससे मेवाड़ की जनता तो भली भांति वाकिफ हैं, उन्हें तो आप इस तरह गोल मोल बयान देकर बरगला नहीं सकते हां जो जनता बाहर की उन्हें आप जरूर झूठी कहानी समझा सकते हैं और सहानुभूति प्राप्त कर सकते हैं।
Real king of mewar vishvraj singh ❤❤❤
Lakshyaraj Singh Ji aapane mewad ki Parampara Tod Di Hain
ज्यादा प्रोपटी को मरवाती आपस में एक दूसरों भाइयों को भाई मरता क्यों है
इसको पूछो अंदर तुम भी थे तो कौन लोग तुम्हारी ओर से पत्थरबाजी कर रहा था।😂
King of Heart ❤️
महाराणा श्री लक्ष्य राज सिंह जी मैवाङ
लक्ष्य राज सिंह जी ने सत्य कहा है।ये लोग राजनेता बनकर अपने लिए पो्पटी चाहिए । इतने साल इनको आराध्य याद नहीं आये ।ये सब लक्ष्यराजसिंह जी मेवाड़ के खिलाफ शाजिस रस रहे हैं
❤ right
😊🙏🏽🪷♥️exactly
Sahi baat hai ise बीजेपी का समर्थन मिल रहा है
Dekhiye sahab aapko darvaje band nahi karna chahiye the jo bhi dispute hai vah mi bhethkar suljhana chahiye do no bhiyo ka barabar hisa de dena chaiye tha
Tum logo me mhel ke andr se parhar mare aam logo ke pass pathar nhi thay
Wo aam log nahi the eek vidhayak ke chamche the
Inke mhan bap data ldte ldte Mr gye or ye property ke liye ld rhe hai
Chokidaar kei din ktm ab asli malik aah gye hai
Kitna paisa liye ho
@Bhaibhai-gs9ni aapki aukad nhi hai jitna
जो अपने पिता को कोर्ट मे ले गया हो वो कभी भी राजा नही हो सकता है। महाराणा श्री भगवत सिंह जी ने अपनी वसीयत मे सारे अधिकार ओर सम्पति श्री जी अरविंद सिंह जी मेवाङ को देदी थी... तो पहली गलती महेन्द्र सिंह जी का राज तिलक कर के हुई ओर आज इन्होने वापस दूसरी गलती की है। लोगो को वसीयत के बारे मे मालूम नही है।
असली महाराणा तो श्री लक्ष्य राज सिंह जी है ओर उदयपुर मे पुनः इनका राज तिलक कर के महाराणा घोषित कर दिजिए।
दर्शन करने से कैसे रोक सकते हो आप किसी को
श्री लक्ष्य राज सिंह जी मेवाङ को महाराणा घोषित कर दिजिए। शेर ही राजा होता है। जय एकलिंग जी ।
चल निकल
जो अपने प्रजा, सामंतो पर पत्थर बोतले फेकते वह महाराणा बन ही नही सकता
Samadan nikalna shi
Udaipur palace sirf aapka nahi he purvajo ki property me hak dono bhaio ka hota he Mr Lakshyaraj ji aap galat ho...
पूरा मामला संपत्ति विवाद का चल रहा है
Media biki he
Lakshay Raj Singh sahi kaha ....low and Order ke liye ... Shantipuran drash karne chahiye
Ye banda muje pehle din se acha nahi lgta tha
Overhyped banda tha
Aaj dekho sabke samne aa hi gayi bat
Jay ho aap ki baat glt h
ओह नो😅
Jai Maharana vishwraj singh ji
Laxraj singh ji jindabad
Inhone galat Kiya
लक्ष्यराज singh तुम होते कोन हो मंदिर पर हक जताने वाले या तुमने बनवाया है
सम्पूर्ण मेवाड वासियों का लहू लगा है इस मिट्टी में कोई कब्जा तो नहीं कर रहा था
हरजन मानस की भावना आपके साथ है पूरा मेवाड आपके साथ साहेब शाह
कोई नहीं है तुझेछोड़कर😂
कलयुग का जगमाल
Mujhe lakshyaraj ji bahut hi suljhe vi personality lagte the but yah harkat karke unhone apna asli roop dikha diya.. aapane bahut galat Kiya.. bhale hi property aap le lo but legacy hindu dharm ke hisab se bade bete ko milti hai..
लक्ष्यराज सिंह जिंदाबाद
@@rajveersinghmeena3313 ये बनविर है विस्वरार्ज सिंह का राजतिलक हुआ , है और पूरा देश ये चाहता है के वो ही महाराणा रहे इसने तो मेहलो पर कब्जा किया है,और सोशल मिडिया पर पेसो के दम पर ऐड करवाता है ,इसे कोई राजा नही मानता है,राजतिलक पर ज्येस्ट का अधिकार होता है ,तभी तो भरत ने 14वरस भाई का इंतजार किया , मां ने तो। भरत को ही राजा बनाना चाहा पर जनत रामजी के साथ थी ,और भरत जी ने भी भाई को ही राजा माना
Shree ji hujoor Maharana Vishva Raj singh ji mewar ne kabhi bh ye nh kaha ku vo hajaro ki bheed ko lekar dhuni aur ekling ji k darshan krna chahte h. He is just diverting the whole thing n spreading lied😡😡😡
Darshan ko rokne ka right kisi k pass nhi h..y kase mewar k raja h..badpaan to khi nhi h
Bhut galt h..
चोर है ये भाई का सबकुछ खा गया
पहले तो ये बता कि धोनी करने या एकलिंग नाथ मंदिर के दर्शन करने के लिए हज़ारों की भीड़ लेके जाना ज़रूरी था अगर उनको धोनी करना या एकलिंक नाथ मंदिर के दर्शन करने वो अपने परिवार के साथ या4 5 लोगों के साथ जा सकते हैं उन्होंने इतनी भीड़ को लेके जाने की ज़रूरत क्या थी वो लोग सिटी पैलेस के दरवाज़े से कूद कर अंदर जाने की कोशिश कर रहे थे तु ख़ुद ही सोच अगर इतनी भीड़ अंदर जाति तो नुक़सान कितना करती पुलिस कुछ कर नहीं पा रही थी तो उदयपुर की संस्था ने अपने बचाव के लिए सिटी पैलेस के बचाव के लिए यह करना पड़ा विश्व राज सिंह ने दादागिरी से यह काम करने की कोशिश की लक्ष्यराज ने तो अपना कर्तव्य निभाया है
Lakshyaraj singh jindabad
Reel vale maharaj
Aur inform kse kre jb collector aa kr bat kr rhe h aur pura samaj Galt ho gya aur ek tum Sai ho duniya me sbko khud hi Sai lgte h vhi toh prblm h
M.l.a.aur.m.p.bangye.ab.rajneta.bangaye.husband.wife.poltical.kar.rahe.dev.darsan.etanw.salo.bad.yadd.aye
Name kharab kiye hai sem sem
Samay karab aa gaya hain sub yahi bhogana padega kalyug hain laksya raj singh
Jai shree ekling nath ji jai mawer
Kalyug hai bhai
Kalyugi banveer,,, samaj ka dushman,mewar ka dushman , udaipur ka dushman
Lakshyaraj keep your ego aside and le tmaharana sahab perform their rituals and they will left quietly. I don't forget stone pelting you done and how your gonna runover a suv if gate is open
Wo bhi same parivaar k vashanj h unhe darshan karne se kahin aane jane se kese rok sakte hai etni choti harkat karke apni image ka kachra kar diya ar apne purvajo k karmo ka majak bana diya hai
Aap Log apne purvajo se apne gar Ke devta se kabhi Upar nahi ho sakte unke samne to aapko naman karna hi hoga vishavraj sing ji hukum mateswari ko dhok lagne aaye to aap ko or swagat karna chiye corona kal main kahi rahis jade simat gaye laksyraj singh paiso par itna gurur aacha nahi ravan jaisa bhudiman raja is gurur main mithi ka dher ho gaya hain to aap kya ho aapne se bado ka saman karo apne kul dev ka saman karo dhan dolat yahi rah jayegi
Ye kon hai
Lagta hai inko mewar ke itihas ke bare me jankari nahi hai
Inke purvjo jaisa nhi ban sakte hai
Apni apni ray jarur de kya ye maharana pratap singh jaise ban sakte hai...?
Vishav raj singh ji mewar ke maha rana h
Sirf social media or lallantop channel ka prince hai
First India ko tukda mil gaya.
Lakshyaraj Singh Ji Tumne bahut kharab Kiya Hai
Ye pagal ho gya hai parmpara or rajputi sanskaar ka majak bana diya hai is aadmi ne apne hi cousin bhai pe pattar maare hai
बिकुल सही 100
What a lier !!!
Kya kanun kanun ka ratta laga rahe ho mahoday , kal tak aapko Jo aapko saral vyaktitva Maan rahe the unki najro se gir chuke ho aap
Mere krishna dono pariwar ko sadbidhidena visv me apna danka bajane wale marana pratap ka dhyan rakhna dhandolat sath nahi jayega aapka name udaipur ka man rakhkar fesla karle Ghar ka fesla cort kya karega
Kitna bhi dusman ho marne par sab jate he korav padav bhi ladte the par sayankal sabhi।bhism pita se milte the krishna ne padav ke liye pach gav he mage the fir kya hua isliy aapas me miljulkar nirnay lene me sab ke hit me acha hoga purvajo ka man rajayega
Ek Rati ratai line bol rha h
Tum koi Maharana nhi ho bhai se धोखा kr diya
Mewad ke itihaas ke pannon per dhul jamaa di,
Tum
Ese ljjat nahi banti