महामृत्युंजय मंत्र 108 times |I Mahamrityunjay Mantra || Vikas Kumar || Shiv Ratri Special
HTML-код
- Опубликовано: 29 окт 2024
- महामृत्युंजय मंत्र 108 times |I Mahamrityunjay Mantra || Vikas Kumar || Shiv Ratri Special
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् । उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्
इस मंत्र का हिंदी अर्थ है कि हम भगवान शिव की पूजा करते हैं, जिनके तीन नेत्र हैं, जो सुगंधित हैं और हमारा पोषण करते हैं। जैसे फल शाखा के बंधन से मुक्त हो जाता है वैसे ही हम भी मृत्यु और नश्वरता से मुक्त हो जा
इसका 108 बार रोजाना जाप करने से मनुष्य की सभी बाधाएं और परेशानियां खत्म हो जाती हैं और अधिक से अधिक लाभ प्राप्त होता है. माना जाता है कि ये मोक्ष मंत्र है. महामृत्युंजय मंत्र का उल्लेख ऋग्वेद से लेकर यजुर्वेद तक में मिलता है. शविपुराण में भी इसका महत्व बताया गया है
महामृत्युंजय मंत्र या फिर लघु मृत्युंजय मंत्र। इन दोनों ही मंत्रों का जाप किया जाता है। महामृत्युंजय मंत्र: ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृ त्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ। लघु मृत्युंजय मंत्र: ॐ जूं स माम् पालय पालय स: जूं ॐ
मृत्युंजय मंत्र कितनी बार पढ़ना चाहिए?
महामृत्युंजय मंत्र को रोजाना 108 बार जाप करने की सलाह दी जाती है। यदि आपके पास इसके लिए समय नहीं है तो कम से कम 9 बार जरूर जप करें। ओम त्र्यम्बकं यजामहे मंत्र को भी 108 बार जप करने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा इस मंत्र को अलग-अलग उद्देश्यों के लिए भी जप किया जा सकता है।
maha mrityunjaya mantra,shiva mantra,mantra,mahamrityunjaya mantra,mahamrityunjay mantra,mahamrityunjay mantra original,shiv mantra,mahamrityunjaya mantra songs,sacred mantra shiva,mahamrrtyunjay mantra,mahamrrtyunjay mantra live,divine mantras,maha mantra,mahamrityunjay mantra 108 times,mahamrityunjay mantra vardan,mahadev mantra,maha mrityunjay mantra,mahamrutyunjay mantra,mrityunjaya mantra,maha mrityunjaya mantra 108 times