आखिर किसने रोका बाबा तुंगनाथ की डोली का रास्ता ||Monal Entertainment

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  • Опубликовано: 26 ноя 2024
  • The Meadows Resort
    Baniyakund(Chopta), Near - Hanuman Mandir, Ukhimath-Chopta-Gopeswer Road, Rudraprayag (Uttarakhand)
    96344 35911
    तृतीय केदार तुंगनाथ जी को सम्पूर्ण तुंगनाथ घाटी के लोग भूमियाल और न्याय के देवता के रूप मे पूजते हैं,, तुंगनाथ घाटी में कोई भी भूमि सम्बधी मामला हो तुंगनाथ की डोली छण भर मे उस भूमि विवाद को सुलछा देती हैं,, यहाँ तक कि चमोली जिले के खदेड़ पट्टी के भूमि मामले भी तुंगनाथ की डोली ही सुलझा देती हैं ,,पूरे उत्तराखंड में सबसे ज्यादा भूमि यदि किसी ईस्ट देव के पास हैं तो मात्र तृतीय केदार तुंगनाथ जी के पास हैं,, पंच केदारों में से कोई भी चल विग्रह डोली अपनी क्षेत्र की सीमाओं को बताने में असमर्थ हैं,, लेकिन पांचो केदारों में मात्र तुंगनाथ जी की चल विग्रह डोली ऐसी देव डोली हैं,, जो पांचो केदारों का सीमांकन छण भर मे कर लेगी ,,,और ऐसा सीमांकन करेगी कि सरकारी कागजों में मिलने पर भी रति भर का फर्क भी देखने को नहीं मिलेगा,, और रही बात तुंगनाथ जी की भूमि की बात तुंगनाथ देने के लिए जितने दयालु हैं, वैसे ही लेने के लिए अपनी भूमि का एक अंगुल बराबर हिस्सा भी नही छोड़ते ,,
    तो इन वन विभाग वालों ने कैसे सोच लिया कि तुंगनाथ जी अपना हजारों सालों से बना रास्ता छोड़ देंगे
    ये लोग कैसे भूल गए कोरोना काल मे भी सभी धामों की चल विग्रह डोलिया ने गाड़ियों के माध्यम से अपने ग्रीष्म कालीन गद्दी की ओर प्रवास किया ,,लेकिन उस समय तुंगनाथ जी की चलविग्रह डोली ही एक मात्र ऐसी डोली थी ,, जिसने गाड़ी में बैठने से मना किया ,,सारा प्रशासन तुंगनाथ जी की डोली को जबरदस्ती गाड़ी में विराजमान कर रहे थे लेकिन तुंगनाथ की डोली सारे प्रशासन को चखमा दे कर अपने सदियों पुराने रास्ते से दौड़ पड़ी,, और तुंगनाथ धाम पहुँच गयी

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