राज ए उल्फत छुपा के देख लिया दिल बहुत कुछ जला के देख लिया वो मेरे होके भी मेरे न हुए, उनको अपना बना के देख लिया...... ग़ालिब की ग़ज़ल को बहुत खूबसूरत अंदाज में लफ्ज़ लफ्ज़ बयां करते हुए निबाहा है बहुत खूब गाया है अभिनंंदन डा राधिका चौपड़ा जी शुक्रिया 🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉
राज ए उल्फत छुपा के देख लिया
दिल बहुत कुछ जला के देख लिया वो मेरे होके भी मेरे न हुए,
उनको अपना बना के देख लिया...... ग़ालिब की ग़ज़ल को बहुत खूबसूरत अंदाज में लफ्ज़ लफ्ज़ बयां करते हुए निबाहा है बहुत खूब गाया है अभिनंंदन डा राधिका चौपड़ा जी शुक्रिया 🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉