धार का किला।। Dhar fort history। Dhaar tourist places। historical palace in Madhya Pradesh

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  • Опубликовано: 28 ноя 2024
  • धार का किला।। Dhar fort history। Dhaar tourist places। historical palace in Madhya Pradesh
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    धार के परमार शासक राजा भोजदेव [1010-1055] के समय इस किले को [[धार गिरी लीलोद्यान]] के नाम से जाना जाता था । अलाउद्दीन खलजी के दिल्ली सिंहासन पर बैठने के कारण इस्लामिक प्रभाव धार में फैलने लगा, जिसके परिणामस्वरूप १३०५ मे अलाउद्दीन खलजी के सेनापति आईनुल मुल्क मुल्तानी ने मालवा पर आक्रमण कर परमार शासक महलकदेव की हत्या कर परमार वंश का अन्त कर दिया उसने द्वार तोड़ कर दुर्ग पर कब्जा कर लिया बाद मे इसी ने किले को पुनर्निर्मित कर दुर्गीकरण का कार्य पूर्ण किया । सन १३४६ मे मुहम्मद विन तुगलक भी देवगिरि जाते समय इस किले मे कुछ समय के लिये रुका । 1857 के विद्रोह के समय धार मध्य भारत के प्रमुख केंद्र के रुप मे रहा, इस किले पर भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों ने कब्जा कर लिया और जुलाई से अक्टूबर , चार माह तक अपने कब्जे में रखा। [पुनर्निर्माण कर्ता एवम् वर्ष, किले मे पुरातात्विक विभाग द्वारा दी गयी जानकारी पर आधारित है |
    किले के अंदर और भी कई संरचना मौजूद हैं, जो काफी महत्वपूर्ण हैं, जैसे कि खड़बूजा महल, शीश महल । इतिहास में स्पष्ट है कि जहांगीर ने शीश महल बनबाने मे सहायता की थी । दारा शिकोह जो कि शाहजहां का सबसे बड़ा बेटा था, उसने भी औरंगजेब से युध्द के दौरान इस किले में शरण ली थी इसी समय खरबूजा महल, जिसे कस्तूरी तरबूज के आकार के कारण यह नाम मिला है, 16 वीं शताब्दी ईस्वी में बनाया गया था।
    पवार वंश ने 1732 ईस्वी में इस किले पर कब्जा कर इसे शाही महल के रूप में उपयोग मे लिया। मराठा संघर्ष के दौरान, रघुनाथ राव की पत्नी आनंदी बाई ने यहां आश्रय लिया, और उन्होंने इस स्थान पर पेशवा बाजीराव द्वितीय को जन्म दिया। वैरासिंह परमार ने 10 वीं शताब्दी में धार पर विजय प्राप्त की और अपनी राजधानी बनाई।
    आज यह किला खंडहर हो गया है, पर जो भी अवशेष है, वे इसके वैभवशली अतीत के प्रमाण है। किलेबंदी की दीवार उपेक्षा, रखरखाव की कमी, पानी की कमी और पेड़ों और भारी झाड़ियों की वृद्धि के कारण ढह गई थी। लेकिन प्रशासन ने और अधिक गिरावट को नियंत्रित करने के लिए मरम्मत योजनाओं को निष्पादित करना शुरू कर दिया है; एक ही डिजाइन और पैटर्न के साथ नए लकड़ी के दरवाजे के पैनलों को उकेरने की योजना है, किलेबंदी की दीवार को मजबूत किया गया है, चूने के ऊपर रेत पत्थर के पटिया का उपयोग करके प्लस्तर संरक्षण कार्य किया गया है।
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    / @bharatsolanki-0021
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    WAQT KE NISHAN - A series made by Madhya Pradesh Madhyam
    Situated on the summit of a small rectangular hillock, Dhar Fort is known for its glorious history. Its architecture has the impression of Indian, Afghan and Islamic styles. This fort is a veneer of rich history, which has seen many ups and downs. Dhar has always been the center of significant and prominent military revolutions. During the revolt of 1857, this fort was the stronghold of Indian revolutionaries. The Dhar fort complex holds many other artefacts of historic interest and importance such as the Kharbuja Mahal, Sheesh Mahal, and Vishram Mahal. Every year, a large number of tourists visit Dhar to explore its history, heritage, and pride.
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Комментарии • 2

  • @hafizshaikh8054
    @hafizshaikh8054 2 месяца назад +1

    भाई ईस्के गेट संही है वंहा के लोग अच्छे हैं जय हिन्द जय भारत

  • @skpandey7476
    @skpandey7476 2 месяца назад +1

    यह बहुत प्राचीन किला/ महल है इसे बाहर से आये अक्रांताओ द्वारा नष्ट किया गया है हजारों वर्ष पुरानी विरासत है भारत की जय हिंद