परमेश्वर का नाम कविर्देव अर्थात् कबीर परमेश्वर है, जिसने सर्व रचना की है। जो परमेश्वर अचल अर्थात् वास्तव में अविनाशी है। - पवित्र अथर्ववेद काण्ड 4 अनुवाक 1 मंत्र 7
हिंदुओं से धोखा अनिरुद्धाचार्य जी कहते हैं कि किसी भी भक्ति साधना से पाप नहीं कट सकते। संत रामपाल जी महाराज ने गीता जी में प्रमाणित किया है कि पूर्ण परमेश्वर की भक्ति करने से और उसको भोग लगाकर बचे हुए अन्न को खाने से साधक पाप मुक्त हो जाता है। गीता अध्याय 3 श्लोक 13 यज्ञशिष्टाशिनः सन्तो मुच्यन्ते सर्वकिल्बिषैः। भुञ्जते ते त्वघं पापा ये पचन्त्यात्मकारणात्।।
रक्तदान महादान संत रामपाल जी के सानिध्य में उनके अनुयायियों ने बोध दिवस व निर्वाण दिवस पर हजारों यूनिट रक्त दान किया ताकि जरूरतमंद को रक्त उपलब्ध हो सके।
संत रामपाल जी महाराज जी के सत्संग वचन सुनकर उनसे निःशुल्क जुड़ें ताकि हमारी तरह आप भी सुखी हों, उनसे जुड़ने के बाद शरीर के सभी प्रकार के रोग नष्ट होंगे। सभी प्रकार के नशे छूट जाऐंगे। जीवन यापन के लिए थोड़ी कमाई से ही काम चल जाएगा। निर्धनता खत्म हो जाएगी।
संत रामपाल जी महाराज वर्तमान में विश्व में एकमात्र पूर्ण संत हैं। इन्हीं के अध्यात्मिक ज्ञान से पूरे विश्व में शांति होगी। 17 फरवरी 1988 को उनको नाम उपदेश प्राप्त हुआ था। तब से लेकर अब तक उन्होंने करोड़ों लोगों को विकारों से मुक्त कर मोक्ष की राह दिखाई।
गीता अध्याय 8 श्लोक 5 तथा 7 में गीता ज्ञान दाता ने अपनी भक्ति करने को कहा है तथा अर्जुन को ये भी कहा है की "युद्ध भी कर, निःसंदेह मुझे प्राप्त होगा", परंतु पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि जन्म-मृत्यु दोनों की बनी रहेगी। गीता ज्ञान दाता ने अपनी भक्ति का मंत्र अध्याय 8 के श्लोक 13 में बताया है कि मुझ ब्रह्म की भक्ति का केवल एक ओम (ॐ) अक्षर है। इस नाम का जाप अंतिम श्वांस तक करने वाले को इससे मिलने वाली गति यानि ब्रह्मलोक प्राप्त होता है। गीता अध्याय 8 के श्लोक 16 में स्पष्ट किया है कि ब्रह्मलोक में गए साधक भी लौटकर संसार में जन्म लेते हैं। True Guru Sant Rampal Ji Maharaj
सतगुरु तो सतभाव है, जो अस भेद बताय। धन्य शीष धन भाग तिहिं, जो ऐसी सुधि पाया सतगुरु हमसों रीझि कै, कह्यौ एक परसंग। बरषै बादल प्रेम को, भींजि गयो सब अंग। सतगुरु मिला जु जानिये, ज्ञान उजाला होय। भ्रम का भांडा तोड़ि करि, रहै निराला होय।।
💰दहेज न देने पर जहां समाज में बेटी को प्रताड़ित किया जाता है। वहीं संत रामपाल जी महाराज जी के ज्ञान से सादगी से हो रहे हैं दहेज मुक्त विवाह। सास-ससुर द्वारा बहू को घर में दिया जाता है बेटी के समान दर्जा।
कबीर,तीन लोक का राज है ब्रम्हा विष्णु महेश। ऊंचा धाम कबीर का, सतलोक प्रदेश ।।गरीब ,जल थल पृथ्वी गगन में,बाहर भीतर एक। पूर्ण ब्रह्म कबीर है, अविगत पुरुष अलेख।।
परमात्मा साकार है व सहशरीर है (प्रभु राजा के समान दर्शनीय है) यजुर्वेद अध्याय 5, मंत्र 1, 6, 8, यजुर्वेद अध्याय 1, मंत्र 15, यजुर्वेद अध्याय 7 मंत्र 39, ऋग्वेद मण्डल 1, सूक्त 31, मंत्र 17, ऋग्वेद मण्डल 9, सूक्त 86, मंत्र 26, 27, ऋग्वेद मण्डल 9, सूक्त 82, मंत्र 1 - 3
पूर्ण संत के सत्संग में प्रमाण सहित तत्वज्ञान की जानकारी मिलती है। साथ ही कर्त्तव्य (जो कर्म करने चाहिए) व अकर्त्तव्य (जो कर्म नहीं करने चाहिए) की जानकारी मिलती है। जिससे समाज सुधार व मानवता को गति मिलती है। वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज ही पूर्ण संत हैं, उनके सत्संग अवश्य सुनें।
वेदों में प्रमाण है कि परमेश्वर प्रत्येक युग में हल्के तेजपुंज का शरीर धारण करके अपने निजलोक से गति करके आता है एवं अच्छी आत्माओं को मिलता है। उन्हें तत्वज्ञान सुनाता है एवं यथार्थ भक्ति बताता है।कबीर परमात्मा चारों युगों में इस पृथ्वी पर सशरीर प्रकट होते हैं। अपनी जानकारी स्वयं ही देते
तत्वदर्शी संत (गीता अ-4 श्लोक-34) से दीक्षा लेकर शास्त्रविधि अनुसार सतभक्ति करने वाले परमधाम सतलोक को प्राप्त होते हैं जहाँ जन्म-मरण, दुख, कष्ट व रोग नहीं होता है।तत्वदर्शी सन्त वह होता है जो वेदों के सांकेतिक शब्दों को पूर्ण विस्तार से वर्णन करता है जिससे पूर्ण परमात्मा की प्राप्ति होती है वह वेद के जानने वाला कहा जाता है।
परमात्मा शब्द का सन्धिविच्छेद = परम$आत्मा = श्रेष्ठ आत्मा = परमात्मा। यदि कोई दुःख का भोग भी देता है, सुख का भोग भी देता है। जैसे कर्म करेगा जीव वैसे अवश्य भोगेगा तो वह “परमात्मा” नहीं कहा जा सकता, वह श्रेष्ठ आत्मा नहीं होता।जैसे इस काल (ब्रह्म के) लोक में विधान है कि जैसा कर्म करोगे, वैसा फल आपको भगवान अवश्य देगा। तो यह प्रभु (स्वामी)तो है, परन्तु परम आत्मा नहीं है।
श्री देवीपुराण के तीसरे स्कंद में प्रमाण है कि इस ब्रह्माण्ड के प्रारम्भ में तीनों देवताओं का जब इनकी माता श्री दुर्गा जी ने विवाह किया, उस समय न कोई बाराती था, न कोई भाती था। न कोई भोजन-भण्डारा किया गया था। न डी.जे बजा था, न कोई नृत्य किया गया था। श्री दुर्गा जी ने अपने बड़े पुत्र श्री ब्रह्मा जी से कहा कि हे ब्रह्मा! यह सावित्री नाम की लड़की तुझे तेरी पत्नी रूप में दी जाती है। इसे ले जाओ और अपना घर बसाओ। इसी प्रकार अपने बीच वाले पुत्र श्री विष्णु जी से लक्ष्मी जी तथा छोटे बेटे श्री शिव जी को पार्वती जी को देकर कहा ये तुम्हारी पत्नियां हैं। इनको ले जाओ और अपना-अपना घर बसाओ। तीनों अपनी-अपनी पत्नियों को लेकर अपने-अपने लोक में चले गए जिससे विश्व का विस्तार हुआ।
संत रामपाल जी महाराज केवल एक मात्र जगतगुरु तत्वदर्शी संत हैं। जिन्होंने हमारे सभी शास्त्रों के गूढ़ रहस्यों को उजागर करके बताया कि पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी की भक्ति करने से घोर से घोर पाप का भी नाश हो जाता है और मोक्ष भी प्राप्त होता है।
सत्य भक्ति से घोर से घोर पाप कट जाते हैं सभी समस्याओं का समाधान आज पूरे विश्व में संत रामपाल जी महाराज जी विश्व में जगत गुरु तत्वदर्शी संत रामपाल महाराज जी पूर्ण गुरु हैं संत भी आज वर्तमान समय में सभी पवित्र धर्मों शास्त्रों के अनुसार भक्ति बता रहा है
परमेश्वर का नाम कविर्देव अर्थात् कबीर परमेश्वर है, जिसने सर्व रचना की है। जो परमेश्वर अचल अर्थात् वास्तव में अविनाशी है।
- पवित्र अथर्ववेद काण्ड 4 अनुवाक 1 मंत्र 7
Real spiritual knowledge according to scriptures given by sant rampal ji maharaj
परम पिता परमात्मा बंदी छोङ सद्गुरु रामपाल जी भगवान जी की जय हो 🙏 🙏 ❤ ❤ 😍
कबीर,और ज्ञान सब ज्ञानडी़, कबीर ज्ञान सो ज्ञान।
जैसे गोला तोब का,करता चले मैदान।।
True spiritual knowledge
Sat guruji ke charano me das ka koti koti dandotam paranam sat saheb
कबीर,ज्ञान सौ ज्ञानड़ी कबीर ज्ञान सौ ज्ञान
Bahut hi Achcha Gyan Malik ka❤❤❤❤❤
हिंदुओं से धोखा
अनिरुद्धाचार्य जी कहते हैं कि किसी भी भक्ति साधना से पाप नहीं कट सकते।
संत रामपाल जी महाराज ने गीता जी में प्रमाणित किया है कि पूर्ण परमेश्वर की भक्ति करने से और उसको भोग लगाकर बचे हुए अन्न को खाने से साधक पाप मुक्त हो जाता है।
गीता अध्याय 3 श्लोक 13
यज्ञशिष्टाशिनः सन्तो मुच्यन्ते सर्वकिल्बिषैः।
भुञ्जते ते त्वघं पापा ये पचन्त्यात्मकारणात्।।
पूर्ण गुरु ही सत भक्ति देकर मनुष्य जीवन में जो पाप कर्म को काट सकता है जो इस समय संत रामपाल जी महाराज है
संत रामपाल जी महाराज जी के विचारों से समाज में सुधार आएगा।
देश के लड़के-लड़की अपनी संस्कृति पर लौटेंगे। भारत देश में अमन होगा।
पूर्ण गुरू ही काट सकता है प्रारब्ध के पाप।❤
Sat saheb
Very nice satsang
विश्व गुरु संत रामपाल जी महाराज जी के सत्संग अवश्य सुने अधिक जानकारी के लिए पढ़ें पवित्र ज्ञान गंगा पुस्तक और देखें साधना चैनल शाम 7:30 से 8:30 तक
रक्तदान महादान संत रामपाल जी के सानिध्य में उनके अनुयायियों ने बोध दिवस व निर्वाण दिवस पर हजारों यूनिट रक्त दान किया ताकि जरूरतमंद को रक्त उपलब्ध हो सके।
संत रामपाल जी महाराज जी के सत्संग वचन सुनकर उनसे निःशुल्क जुड़ें ताकि हमारी तरह आप भी सुखी हों, उनसे जुड़ने के बाद शरीर के सभी प्रकार के रोग नष्ट होंगे। सभी प्रकार के नशे छूट जाऐंगे। जीवन यापन के लिए थोड़ी कमाई से ही काम चल जाएगा। निर्धनता खत्म हो जाएगी।
परमात्मा बताते हैं कि परमात्मा सत भक्ति करने वाले साधक के सारे पाप काट देता है
सदैव तत्पर रहते हैं। संत रामपाल जी महाराज के अनुयायी जरूरत मंद लोगों के लिए रक्तदान सेवा में लगे हुए हैं
Amazing information 😮😮
संत रामपाल जी महाराज वर्तमान में विश्व में एकमात्र पूर्ण संत हैं। इन्हीं के अध्यात्मिक ज्ञान से पूरे विश्व में शांति होगी।
17 फरवरी 1988 को उनको नाम उपदेश प्राप्त हुआ था। तब से लेकर अब तक उन्होंने करोड़ों लोगों को विकारों से मुक्त कर मोक्ष की राह दिखाई।
साथ दीप नौ खंड मे गुरु से वड़ा ना कोय
कर्ता करे ना कर सके गुरु करे सो होय
गीता अध्याय 8 श्लोक 5 तथा 7 में गीता ज्ञान दाता ने अपनी भक्ति करने को कहा है तथा अर्जुन को ये भी कहा है की "युद्ध भी कर, निःसंदेह मुझे प्राप्त होगा", परंतु पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि जन्म-मृत्यु दोनों की बनी रहेगी।
गीता ज्ञान दाता ने अपनी भक्ति का मंत्र अध्याय 8 के श्लोक 13 में बताया है कि मुझ ब्रह्म की भक्ति का केवल एक ओम (ॐ) अक्षर है। इस नाम का जाप अंतिम श्वांस तक करने वाले को इससे मिलने वाली गति यानि ब्रह्मलोक प्राप्त होता है।
गीता अध्याय 8 के श्लोक 16 में स्पष्ट किया है कि ब्रह्मलोक में गए साधक भी लौटकर संसार में जन्म लेते हैं।
True Guru Sant Rampal Ji Maharaj
सतगुरु तो सतभाव है, जो अस भेद बताय।
धन्य शीष धन भाग तिहिं, जो ऐसी सुधि पाया
सतगुरु हमसों रीझि कै, कह्यौ एक परसंग।
बरषै बादल प्रेम को, भींजि गयो सब अंग।
सतगुरु मिला जु जानिये, ज्ञान उजाला होय।
भ्रम का भांडा तोड़ि करि, रहै निराला होय।।
kabir is supreme god
कठिन मार्ग कबीर का, पग धरि सके न कोय।
दौड़ सके कोई सुरमा, जा धड़ शीश न होय।।
Immortal god kabir
संत रामपाल जी महाराज की जय जयकार हो।।
प्रारब्ध के पाप केवल पूर्ण परमात्मा ही काट सकते हैं।
❤real God ❤
पूर्ण गुरु की शरण ने जाने से ही पाप कर्म समाप्त होते है
Jai ho bandichhor ki
संत रामपाल जी महाराज की जय
अद्भुत सत्संग
Sat sahib ji 🙏
अनमोल वचन
💰दहेज न देने पर जहां समाज में बेटी को प्रताड़ित किया जाता है।
वहीं संत रामपाल जी महाराज जी के ज्ञान से सादगी से हो रहे हैं दहेज मुक्त विवाह। सास-ससुर द्वारा बहू को घर में दिया जाता है बेटी के समान दर्जा।
Anmol gyan he
सत्य
कबीर,तीन लोक का राज है ब्रम्हा विष्णु महेश।
ऊंचा धाम कबीर का, सतलोक प्रदेश ।।गरीब ,जल थल पृथ्वी गगन में,बाहर भीतर एक।
पूर्ण ब्रह्म कबीर है, अविगत पुरुष अलेख।।
परमात्मा साकार है व सहशरीर है (प्रभु राजा के समान दर्शनीय है)
यजुर्वेद अध्याय 5, मंत्र 1, 6, 8, यजुर्वेद अध्याय 1, मंत्र 15, यजुर्वेद अध्याय 7 मंत्र 39, ऋग्वेद मण्डल 1, सूक्त 31, मंत्र 17, ऋग्वेद मण्डल 9, सूक्त 86, मंत्र 26, 27, ऋग्वेद मण्डल 9, सूक्त 82, मंत्र 1 - 3
राज तजना सहज है, सहज त्रिया का नेह।
मान बड़ाई ईर्ष्या, दुर्लभ तजना येह ।।
पूर्ण संत के सत्संग में प्रमाण सहित तत्वज्ञान की जानकारी मिलती है। साथ ही कर्त्तव्य (जो कर्म करने चाहिए) व अकर्त्तव्य (जो कर्म नहीं करने चाहिए) की जानकारी मिलती है। जिससे समाज सुधार व मानवता को गति मिलती है।
वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज ही पूर्ण संत हैं, उनके सत्संग अवश्य सुनें।
Very nice
Bhot he achha gyan
Great Gaya
Nice video
purn guru ki shrn mae sadbhakti krne se sab sambhav ho jata hae
🙏🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽
कबीर, काया तेरी है नहीं, माया कहाँ से होय।
भक्ति कर दिल पाक से, जीवन है दिन दोय।।
वेदों में प्रमाण है कि परमेश्वर प्रत्येक युग में हल्के तेजपुंज का शरीर धारण करके अपने निजलोक से गति करके आता है एवं अच्छी आत्माओं को मिलता है। उन्हें तत्वज्ञान सुनाता है एवं यथार्थ भक्ति बताता है।कबीर परमात्मा चारों युगों में इस पृथ्वी पर सशरीर प्रकट होते हैं। अपनी जानकारी स्वयं ही देते
भाई जो गुरु वचन पर डटगे, कटगे फंद चौरासी के, वस्तु मिली ठौर की ठौर मिटगी मन पापी की दौड़।
Kabir is god
तत्वदर्शी संत (गीता अ-4 श्लोक-34) से दीक्षा लेकर शास्त्रविधि अनुसार सतभक्ति करने वाले परमधाम सतलोक को प्राप्त होते हैं जहाँ जन्म-मरण, दुख, कष्ट व रोग नहीं होता है।तत्वदर्शी सन्त वह होता है जो वेदों के सांकेतिक शब्दों को पूर्ण विस्तार से वर्णन करता है जिससे पूर्ण परमात्मा की प्राप्ति होती है वह वेद के जानने वाला कहा जाता है।
✅️
परमात्मा शब्द का सन्धिविच्छेद = परम$आत्मा = श्रेष्ठ आत्मा = परमात्मा। यदि कोई दुःख का भोग भी देता है, सुख का भोग भी देता है। जैसे कर्म करेगा जीव वैसे अवश्य भोगेगा तो वह “परमात्मा” नहीं कहा जा सकता, वह श्रेष्ठ आत्मा नहीं होता।जैसे इस काल (ब्रह्म के) लोक में विधान है कि जैसा कर्म करोगे, वैसा फल आपको भगवान अवश्य देगा। तो यह प्रभु (स्वामी)तो है, परन्तु परम आत्मा नहीं है।
कबीर सुमिरन सार है और सकल जंजल आदि अन्त मध्य सोधिया दूजा देख्या ख्याल
पवित्र यजुर्वेद अध्याय 5 मंत्र 32, अध्याय 8 मंत्र 13 में लिखा है कि कबीर परमात्मा पापों के भी पाप अर्थात घोर पाप को भी समाप्त कर देता है।
💫🌿🟠🟠📚⭐👍
श्री देवीपुराण के तीसरे स्कंद में प्रमाण है कि इस ब्रह्माण्ड के प्रारम्भ में तीनों देवताओं का जब इनकी माता श्री दुर्गा जी ने विवाह किया, उस समय न कोई बाराती था, न कोई भाती था। न कोई भोजन-भण्डारा किया गया था। न डी.जे बजा था, न कोई नृत्य किया गया था। श्री दुर्गा जी ने अपने बड़े पुत्र श्री ब्रह्मा
जी से कहा कि हे ब्रह्मा! यह सावित्री नाम की लड़की तुझे तेरी पत्नी रूप में दी जाती है। इसे ले जाओ और अपना घर बसाओ। इसी प्रकार अपने बीच वाले पुत्र श्री विष्णु जी से लक्ष्मी जी तथा छोटे बेटे श्री शिव जी को पार्वती जी को देकर कहा ये तुम्हारी पत्नियां हैं। इनको ले जाओ और अपना-अपना घर बसाओ। तीनों अपनी-अपनी पत्नियों को लेकर अपने-अपने लोक में चले गए जिससे विश्व का विस्तार हुआ।
Masa ghate na til bade vidna likhe jo lekh sancha satguru met kar upar mar de mekh
संत रामपाल जी महाराज केवल एक मात्र जगतगुरु तत्वदर्शी संत हैं। जिन्होंने हमारे सभी शास्त्रों के गूढ़ रहस्यों को उजागर करके बताया कि पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी की भक्ति करने से घोर से घोर पाप का भी नाश हो जाता है और मोक्ष भी प्राप्त होता है।
सत्य भक्ति से घोर से घोर पाप कट जाते हैं सभी समस्याओं का समाधान आज पूरे विश्व में संत रामपाल जी महाराज जी विश्व में जगत गुरु तत्वदर्शी संत रामपाल महाराज जी पूर्ण गुरु हैं संत भी आज वर्तमान समय में सभी पवित्र धर्मों शास्त्रों के अनुसार भक्ति बता रहा है
प्रारब्ध के पाप को पूर्ण परमात्मा ही काट सकते हैं।
अद्भुत सत्संग
Sat saheb ji 🙏🙏
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sat saheb ji