माता पृथ्वी = जब हम हमारे पैरो में पादुकाएं पहनते है , और जब हमे कभी काटा चुभता है , तो हम हमारी पादुकाओ को उतारकर पुनः पृथ्वी पर अपने नग्न पैरो से चलते है तो हम धरती को स्पर्श करते है , अर्थात जब हमे हमारे पैरो में कष्ट होता है तो हम अपनी नित्य माता पृथ्वी को पुनः प्राप्त होते है और , माता पृथ्वी हमरा पुनः स्पर्श करने के लिए हमे थोड़ा कष्ट देती है , लेकिन हमे हमेशा दुलार करती रहती है । उसी प्रकार हमारे प्रभु भी हमे जीवन के थोड़े थोड़े कष्ट देते रहते है ताकि हम अपनी अहंकार और मोह रूपी पादुकाओं तो त्याग कर प्रभु को पुनः अपन स्पर्श कराए अर्थात उनको अपना पूर्ण समर्पण प्रदान करे ताकि हम पूर्ण रूपेण उनके हो जाए क्योंकि जब हम पाप कर्म करते है तो प्रभु को बहुत कष्ट होता है और वो अपना स्मरण कराने के लिए अपने आप को हमे सोपने के हमे कष्ट देते है या कहे की वो हमारे ही पापों को समय समय पर काम करके अपनी तरफ बड़ने के मार्ग को छोटा कर देते है तो हमे सीधे सीधे उनको अपना सब कुछ समर्पित कर देना चाहिए।
1) वायु शक्तिशाली होते हुए भी अदृश्य होती हैं, इसी तरह मनुष्य कितना भी शक्तिशाली क्यों ना हो हमेशा अपने गुणों का खुद बखान नही करना चाहिए। 2) वायु जब बहती है तो पते, लताएं सब झूमने लग जाती हैं, इसी तरह मनुष्य जहां भी जाए उसकी वजह से लोग खुश ही हो, कोई दुखी ना हो। 3) वायु बिना भेदभाव के सभी के लिए उपलब्ध हैं इसी तरह मनुष्य को सबके प्रति समभाव रखना चाहिए। 4) वायु जैसे जैसे ऊपर उठती हैं तो हल्की होती जाती हैं, वैसे ही जब मनुष्य में ज्ञान आने लगता है तो उसको अहंकारी होने की बजाय सरल सभाव का होना चाहिए। 5) वायु का उल्टा होता है युवा अर्थात् युवावस्था का स्वभाव है, लोगो की ओर आकर्षित होना, उन्हें रिझाना लेकिन जब युवा आध्यात्मिक की ओर आता है तो वह वायु बन जाता है अर्थात लोगो को खुश करने की बजाय हरि के लिए कर्म करना। जय जय मुझे पता है मेरे जवाबो में गलतियां है कही ना कही। अगर कभी आप तक ये पहुंचे तो मुझे जवाब समझा दीजिएगा। 🙏🙏
माता पृथ्वी सृजन भी करती है और अंत में जाकर हम मिलते भी उन में ही है, अर्थात सृजन कर्ता भी वह है और विनाश कर्ता भी परंतु फिर भी वह कभी अहंकार नहीं करती, एक माता की तरह सभी का ध्यान रखती है पृथ्वी में चाहे कुछ भी कर दो , कितना भी दूषित कर दो, परंतु वह कभी खुद दूषित नहीं होती, वह हमेशा निर्मल और स्वच्छ चीज हमें प्रदान करती है सब कुछ अंदर अपने समेट लेती है और सारी अच्छी चीजें बाहर की ओर प्रदान कर देती है , ठीक इसी प्रकार से प्रभु और अवधूत को भी अपने भीतर चाहे जितनी भी पीड़ा रखनी पड़े परंतु वह कभी किसी और के ऊपर उस पीड़ा का भार नहीं देता । किसी के भी प्रति द्वेष भावना नहीं रखते सभी के प्रति समान रहते हैं
किसी के सुख को वेभव को देख किसी की नोकरी को देख आप दुखी होते है तो ये मात्सरय दोष है ओर आप मात्सरय दोष से रचे है तो आप कितनी भी भक्ति करे पुजा करे आप भागवंत कथा से श्रीकृष्ण से दुर है कर्ष्णकी की कृपा से आप ईस मातसर्य दोष के कारण सदा दुर रहेगे जागो रे मन चेतो रे मन मेरे
ना तुम अपनो से ईर्ष्या करो ना तुम दुसरो के सुखो को देख दुखी हो भागंवत महापुराण के महात्म्य को सुनो ऊसमे श्रीकृष्ण का आप को यही संदेश मिलेगा और विश्वास रखो जैसे ही आप ईस दोष का त्याग करेगे तो आप के चित को असीम शान्ती मिलेगी चाहे फिर बडे घर मे रहो या छोटे से मकान मै ओर मात्सरय दोष को नही त्यागोगे तो महलो मेही क्यो ना रहो शान्ती चित को नही मीलेगी
दत्त भगवान के दुसरे गुरू है वायु पवन वायु बहती है जब पवन बहती है तो जहां दुर्गंध से भी गुजरती है ईत्र से गुजरेगी तो ईत्र की सुगंध भी फैलायेगी दुर्गन्ध भी पर कुछ ही दुर फैलायेगी फिर सामान्य साफ बहती है आप भी कर्मो मे बधे नही छोड दे
वैष्णव का स्वभाव है वो वाद विवाद से परे हो वो वेष्णव कहलाता है अगर आफ सत्संगी हो तो वाद विवाद मे नही पडेगा वो लफडो से दुर रहना ही सत्संगी है आज ऐक सप्लपं ले हम किसी भी परिस्थिति मे विवाद से दुर हो
गुरु जी को कोटि कोटि नमन. आप के श्री मुख़ से की हुहि कथा मन क़ो बहुत आनंद प्रदान करती है. श्री कृष्ण जी चरण कमल मे भगति प्रदान करती है. जे श्री कृष्णा राधे राधे. 💐👏🎉🎉
मैं श्री प्रेमानंद जी का दर्शन करना चाहता हूँ 🙏🙏 बहुत मन है 🙏 कृष्ण जी की ताकत देखना चाहता हूँ वो हमें वृंदावन बुलाते हैं की नही 🙏🙏 प्रभू please🙏🙏🙏 बुला लो 🙏 जय श्री किशोरी जी 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
कृष्ण जी की ताक़त मत देखो वो तो उन्में बहुत है आप बस ठाकुर जी पर विश्वास करो । वो विश्वास आपको वृन्दावन धाम लेके जाएगा। हरे कृष्णा, माफ़ करना अगर कुछ ग़लत बोल दिया हो।
Radhe radhe jai shree krishna bahut hi Sundar Gyan wali Katha ho rahi hai Prabhu ke prati Prem badh Raha hai aur ab to main ek din Katha sunaeye bhajan nahin rahti hun meri pyari ki katha❤❤❤❤❤❤❤❤❤
भागवत ग्रनथ चार से बना है भक्ति कथा सुनने वाले के ह्रदय मे भक्ति आयेगी बस देह अभिमान छोडना पडेगा जो अति सुविधाएं मे रहता है वो देह अभिमान है दुसरा ज्ञान ज्ञान अर्जन करे ज्ञान के लिए जिज्ञासु बनना पडेगा जिज्ञासु का लक्षण हाथ जोडेगा पुछेगा फिर ऊस बात का मनन करेगा तीसरा वेराग्य वेराग्य का मतलब किसी के प्रति राग ना रखे चोथा है त्याग हरि विमुख व्यक्ति का त्याग ऐसे का संग नही करना चाहिए जो भगवत विमुख स्थान का भी त्याग ये सब वेदो का ज्ञान समाया है वो भागवत जिसको सुनने से तर जाता है व्यक्ति
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे 🙏📿हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे 🙏📿हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे 🙏📿हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे 🙏📿हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे 🙏📿हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे 🙏📿हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे 🙏📿हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे 🙏📿हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे 🙏📿हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे 🙏📿हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे 🙏📿हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे 🙏📿हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे 🙏📿हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे 🙏📿हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे 🙏📿हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे 🙏📿हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे 🙏📿हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे 🙏📿हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे 🙏📿हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे 🙏📿हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे 🙏📿हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे 🙏📿हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे 🙏📿हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे 🙏📿हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे 🙏📿हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे 🙏📿हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे 🙏📿हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे 🙏📿हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे 🙏📿हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे 🙏📿हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे 🙏📿हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे 🙏📿हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे 🙏📿हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे 🙏📿
श्री राधे गोविंद श्री राधे गोविंद श्री राधे गोविंद श्री राधे गोविंद श्री राधे गोविंद श्री राधे गोविंद श्री राधे गोविंद श्री राधे गोविंद श्री राधे गोविंद
: पृथ्वी एवं वायु से शिक्षा- ①. पृथ्वी एवं वायु में एक समानता है कि वे • दोनो में अवधूत के लक्षण हैं। जैसे पृथ्वी • सभी जीवो, पशु एवं मानवओं में भेद न करें बिना सपका पालन-पोषण करती हैं और सबके प्रति समता व समानता का भाव रखती हैं। उसी प्रकार वायु भी हमें अवधूत होने कि शिक्षा देता है, वह सभी जीवो को के अवश्यकता के अनुसार प्राणवायु देता प्रदान करता है। वह भी पात्र एवं कुपात्र का भेद-भाव किए बिना सबको अश्वासवायु प्रदान करता है। इन दोनो में कभी अभिमान प्रकट नहीं होता उसके बावजूद इन्हे इन्हे ज्ञात है कि पूरी प्रकृति इनही के कारण चलती हैं परंतु यह दोनो ही अपने बल का अभिमान नहीं करते और सदैव ईश्वर के प्रति निष्ठा वान रहते है। अपने बल का कारण ईश्वर की बताते हैं।
सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम 📿🙏
1) पृथ्वी ने हरि विमुख का त्याग किया जब पृथ्वी ने सत्यभामा का रूप लिया तो अपने ही पुत्र भोमासुर जो हरि विमुख था, श्री कृष्ण से उन्हें मारने को कहा, इसी तरह हमारा कितना भी प्यारा हो लेकीन अगर हरि विमुख है तो त्याग करना चाहिए। 2) हमेशा दूसरों को देना बदले में कुछ पाने की आशा ना रखना। पृथ्वी हमेशा फल, फूल, शीतल जल सब देती हैं लेकिन हमसे बदले में कुछ नही लेती। 3) पृथ्वी बिना रुके अनवरत सूर्य की परीक्रमा करती हैं अर्थात सूर्य मतलब सूर्यवंशी राम/कृष्ण/नारायण, इसी तरह भले हम किसी भी काम में लगे हो लेकीन हमारा चित्त हमेशा हरि के चरणों में ही लगा होना चाहिए। 4) पृथ्वी का रंग नीला, हरा, पीला है जो श्री कृष्ण के मोर पंख और उनके वर्ण के अनुरूप है इसी तरह हमे भी हमेशा श्री कृष्ण के रंग में ही रंगे होना चाहिए अर्थात जिन भेषा मेरो संवारो रीझे सो ही भेष धरूंगी। 5) स्वीकारीकरण, पृथ्वी सूर्य की तीसरी कक्षा में चक्कर लगाती हैं अर्थात ना प्रथम आने की मंशा और ना अंतिम आने का भय। बस हरि ने जो दिया खुशी खुशी उसको स्वीकार करके अपना कर्म करते रहना। जय जय मैं तो आपकी कथा में नही आ सकती लेकिन मेरे उत्तर आप पड़ के समझा दो बस मुझे की इनमे से कोन से उत्तर सही है और कौनसे गलत। राधे राधे 🙏🙏🙏
Hare krishna🙏🏼me apki katha ko bina sune nhi reh pati.. Har roj bahut sundar sundar bhav sunne ko mil rhe hain 👍🏼hariii bol prabhuji 🙌🏼🙌🏼🙌🏼thanku so much🙏🏼 Aap bahut sundar katha kr rhe hain. 🙏🏼🙏🏼
Jai jai narshik ki katha wait khatam huaa jai jai me RUclips ke madhiyam se thakur ji ka isparsh kar pata hun or vyas ji ko nag mastak baram bar parnam radhe radhe jai Shree Krishan kunj bihari Shree hari Das 🙏🙏🌸🌸🌺🌺🌱🌱🌿🌿☘️☘️☘️🦚🦚❣️⭕️❗️⭕️
दत्त भगवान के पहले दिशा गुरू प्रथ्वी है वो धैर्य वन्ती होती है सहनशील होती है सहना सीखो जिसने सहा हो वो ही जितता है मोन रहती है पृथ्वी सहना फिर मोन रहना ओर क्षमा कर देना ये तीन लक्षण पृथ्वी के हे तो सहन करो दुख दे तो भी मोन रहो ओर क्षमा करो ये सीखना है तो पृथ्वी से सीखो हमारी तीन ही गति है जला दो तो राख बन पृथ्वी मे गाड दे तो भी पृथ्वी मे ही मिलेगे फेक दीये तो कीट पतंग खाके मल करेंगे तो भी पृथ्वी मे मीलेगे ।
वायु ऊंचे पर्वतों पर भी होती है और पर्वतों के नीचे वाले गांवों में भी, अगर वायु किसी दुर्गंध जगह से होकर आ रही है तो उसकी दुर्गंध एक राजा को भी आएगी और एक आम इंसान को भी अर्थात पृथ्वी की तरह अवधूत की ही तरह वायु भी कभी भी अपने को किसी बड़े पद के इंसान के लिए किसी ऊंचे इंसान के लिए बदलती नहीं है उसका जो भाव है वह वही रहता है सबके लिए समान , वायु न केवल अग्नि लगाने के लिए महत्वपूर्ण है(O2 )अपितु अग्नि को बुझाने के लिए भी वायु का ही उपयोग किया जाता है ( CO2) अर्थात उसमें दोनों गुण हैं, इसी तरह से एक अवधूत भी भगवत प्राप्ति हेतु सांसारिक भोगों के लिए नहीं परंतु भगवान की प्राप्ति को इच्छुक व्यक्ति के अंदर भक्ति की ज्वाला को प्रज्वलित भी कर सकता है और अंधकार व अज्ञान की ज्वाला को बुझा भी सकता है, न केवल दूसरों में अपितु अपने अंदर भी वह यह चीज कर सकता है
জয়শ্রী🙏 কৃষ্ণ🙏 রাধে রাধে🙏 রাধে রাধে🙏 রাধে রাধে🙏 রাধে রাধে🙏 রাধে রাধে রাধে রাধে রাধে রাধে রাধে রাধে রাধে রাধে🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🌼🌺🌼🌺🌼🌺❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
Radhe radhe
माता पृथ्वी = जब हम हमारे पैरो में पादुकाएं पहनते है , और जब हमे कभी काटा चुभता है , तो हम हमारी पादुकाओ को उतारकर पुनः पृथ्वी पर अपने नग्न पैरो से चलते है तो हम धरती को स्पर्श करते है , अर्थात जब हमे हमारे पैरो में कष्ट होता है तो हम अपनी नित्य माता पृथ्वी को पुनः प्राप्त होते है और , माता पृथ्वी हमरा पुनः स्पर्श करने के लिए हमे थोड़ा कष्ट देती है , लेकिन हमे हमेशा दुलार करती रहती है । उसी प्रकार हमारे प्रभु भी हमे जीवन के थोड़े थोड़े कष्ट देते रहते है ताकि हम अपनी अहंकार और मोह रूपी पादुकाओं तो त्याग कर प्रभु को पुनः अपन स्पर्श कराए अर्थात उनको अपना पूर्ण समर्पण प्रदान करे ताकि हम पूर्ण रूपेण उनके हो जाए क्योंकि जब हम पाप कर्म करते है तो प्रभु को बहुत कष्ट होता है और वो अपना स्मरण कराने के लिए अपने आप को हमे सोपने के हमे कष्ट देते है या कहे की वो हमारे ही पापों को समय समय पर काम करके अपनी तरफ बड़ने के मार्ग को छोटा कर देते है तो हमे सीधे सीधे उनको अपना सब कुछ समर्पित कर देना चाहिए।
Radhe radhe sunder bhav bhaiya aap ke
Radhe radhe jai shree krishna bahut hi Sundar bhav hai❤❤❤❤❤❤
2:09:58
ye bat bohat achi lgi.. thank you 😊
Bahut hi sundar bhaav he aapke. Jai jai shri radhe.
11:56 Yha Prasad Paau Shri Yamuney❤
1:49:31 Chahe Haar Ho Chahe Jeet Ho❤
2:31:58 Bhaj Le Hari K Naam🙌❤
3:08:34 Aarti Ati Pawan Puraan ki ❤
चाहे हार हो या जीत हो, गुरु चरण में मेरी प्रीत हो ❤❤❤🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏💐💐💐💐
Radhe Radhe probhuji अप कि कितना peyara भाव hai निहाल कार दिया अपने प्रभुजी राधे राधे❤@@mamtaswami6611
जय श्री राधे कृष्ण जय श्री राधे कृष्ण जय श्री राधे कृष्ण जय श्री राधे कृष्ण 🙏🙏🌹🌹💐💐🌷🌷🌺🌺🌼🌼🌸🌸💮💮🏵️🏵️🌺🌺
1) वायु शक्तिशाली होते हुए भी अदृश्य होती हैं, इसी तरह मनुष्य कितना भी शक्तिशाली क्यों ना हो हमेशा अपने गुणों का खुद बखान नही करना चाहिए।
2) वायु जब बहती है तो पते, लताएं सब झूमने लग जाती हैं, इसी तरह मनुष्य जहां भी जाए उसकी वजह से लोग खुश ही हो, कोई दुखी ना हो।
3) वायु बिना भेदभाव के सभी के लिए उपलब्ध हैं इसी तरह मनुष्य को सबके प्रति समभाव रखना चाहिए।
4) वायु जैसे जैसे ऊपर उठती हैं तो हल्की होती जाती हैं, वैसे ही जब मनुष्य में ज्ञान आने लगता है तो उसको अहंकारी होने की बजाय सरल सभाव का होना चाहिए।
5) वायु का उल्टा होता है युवा अर्थात् युवावस्था का स्वभाव है, लोगो की ओर आकर्षित होना, उन्हें रिझाना लेकिन जब युवा आध्यात्मिक की ओर आता है तो वह वायु बन जाता है अर्थात लोगो को खुश करने की बजाय हरि के लिए कर्म करना।
जय जय मुझे पता है मेरे जवाबो में गलतियां है कही ना कही। अगर कभी आप तक ये पहुंचे तो मुझे जवाब समझा दीजिएगा। 🙏🙏
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ATI ati Sundar bahv hai aapake
@@m.k.d.5374 thanx 🙏
Sundar 🎉🎉
2.21.26. अच्युत आनंद गोविंद ❤❤❤❤❤
🙏श्री श्रीमद भागवत पुराण कोटी कोटी प्रणाम 🙏महाराजजी को चरण स्पर्श 🙏
RADHE RADHE ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤😢😢😢😢😂🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉
माता पृथ्वी सृजन भी करती है और अंत में जाकर हम मिलते भी उन में ही है, अर्थात सृजन कर्ता भी वह है और विनाश कर्ता भी परंतु फिर भी वह कभी अहंकार नहीं करती, एक माता की तरह सभी का ध्यान रखती है पृथ्वी में चाहे कुछ भी कर दो , कितना भी दूषित कर दो, परंतु वह कभी खुद दूषित नहीं होती, वह हमेशा निर्मल और स्वच्छ चीज हमें प्रदान करती है सब कुछ अंदर अपने समेट लेती है और सारी अच्छी चीजें बाहर की ओर प्रदान कर देती है , ठीक इसी प्रकार से प्रभु और अवधूत को भी अपने भीतर चाहे जितनी भी पीड़ा रखनी पड़े परंतु वह कभी किसी और के ऊपर उस पीड़ा का भार नहीं देता । किसी के भी प्रति द्वेष भावना नहीं रखते सभी के प्रति समान रहते हैं
❤❤❤
महाराज जी आप के चरणो मे कोटी कोटी प्रणाम 🙏🏻🙏🏻🙏🏻 आप को किसी की नजर ना लगे महाराज जी
आप की सारी बलाऐ लेलू। 🙏🏻🙏🏻
Ati sundar bhav Jai Shree Krishna 🙏🏻🙏🏻🙏🏻💐💐💐🙏🏻🙏🏻🙏🏻 Aapke charno mein koti koti pranam 🙏🏻 🙏🏻🙏🏻
""""""Prithvi Maiya"""""""" hamari shri Radha rani ju Jaisi hai..,"""""karunamayi"""""kripalu"""""....hum papi insaan kitna kast dete h """"Prithvi "Maiya""" ko...lekin fir bhi """""Prithvi Maiya ju"""""" hum papiyo pe apni """karuna""" barsati h...🦚Radhe♥️Radhe🦚
❤
अति सुंदर भागवत कथा का वर्णन गुरुजी के मुख से बहुत हीसुंदर बहुत हीमधुर जय श्री राधे जय श्री राधे जय श्री दत्ता भगवान
पार्थवी सबके लिए एक समान है सभी का एक समान पेट भरती हां चाहिए कोई इंसान हो जानवर हो पक्षी हो सभी के लिए पृथ्वी में है सभी के लिए एक समान प्यार है
JAI JAI RADHE
बहुत बहुत सुन्दर श्री राधे राधे कृष्णा राधे जय श्री कृष्णा राधे कृष्णा जी ❤❤❤❤❤❤❤
केशवा माधवा तुझ्या नावात रे गोडवा
2.33.37❤❤❤🙏
♥️💐🌹🌺 जय श्री राधे कृष्णा 🌼 🌹 गूरुजी राधे कृष्णा 🌹🌸🌹🔥🦜
Radheshyaam radheshyaam radheshyaam radheshyaam radheshyaam radheshyaam radheshyaam radheshyaam radheshyaam radheshyaam radheshyaam radheshyaam gurujii
किसी के सुख को वेभव को देख किसी की नोकरी को देख आप दुखी होते है तो ये मात्सरय दोष है ओर आप मात्सरय दोष से रचे है तो आप कितनी भी भक्ति करे पुजा करे आप भागवंत कथा से श्रीकृष्ण से दुर है कर्ष्णकी की कृपा से आप ईस मातसर्य दोष के कारण सदा दुर रहेगे जागो रे मन चेतो रे मन मेरे
ना तुम अपनो से ईर्ष्या करो ना तुम दुसरो के सुखो को देख दुखी हो भागंवत महापुराण के महात्म्य को सुनो ऊसमे श्रीकृष्ण का आप को यही संदेश मिलेगा और विश्वास रखो जैसे ही आप ईस दोष का त्याग करेगे तो आप के चित को असीम शान्ती मिलेगी चाहे फिर बडे घर मे रहो या छोटे से मकान मै ओर मात्सरय दोष को नही त्यागोगे तो महलो मेही क्यो ना रहो शान्ती चित को नही मीलेगी
भक्त वही जो सहना सीख गया हो
पृथ्वी माता हमे सभल कर चलना सिखाती है छोटा बच्चा कभी पृथ्वी पर गिरता है तो उसका कष्ट कम कर देती है राधे राधे 🙏🙏
1:32:45, 2:11:50, 2:15:12, 2:19:11, 2:41:00, 2:45:00
Prabhu g ..apki katha sunkar A
anand aa jaata hai... Jai shree radhey krishna.
दत्त भगवान के दुसरे गुरू है वायु पवन वायु बहती है जब पवन बहती है तो जहां दुर्गंध से भी गुजरती है ईत्र से गुजरेगी तो ईत्र की सुगंध भी फैलायेगी दुर्गन्ध भी पर कुछ ही दुर फैलायेगी फिर सामान्य साफ बहती है आप भी कर्मो मे बधे नही छोड दे
वैष्णव का स्वभाव है वो वाद विवाद से परे हो वो वेष्णव कहलाता है अगर आफ सत्संगी हो तो वाद विवाद मे नही पडेगा वो लफडो से दुर रहना ही सत्संगी है आज ऐक सप्लपं ले हम किसी भी परिस्थिति मे विवाद से दुर हो
Radhey Radhey guru dev Prabhu ji aap ke krepa se ek din hame bhi thakur ji yese bhv de❤❤❤❤❤🙏🙏🙏🙆
Radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe
गुरु जी को कोटि कोटि नमन. आप के श्री मुख़ से की हुहि कथा मन क़ो बहुत आनंद प्रदान करती है. श्री कृष्ण जी चरण कमल मे भगति प्रदान करती है. जे श्री कृष्णा राधे राधे. 💐👏🎉🎉
मैं श्री प्रेमानंद जी का दर्शन करना चाहता हूँ 🙏🙏 बहुत मन है 🙏 कृष्ण जी की ताकत देखना चाहता हूँ वो हमें वृंदावन बुलाते हैं की नही 🙏🙏 प्रभू please🙏🙏🙏 बुला लो 🙏 जय श्री किशोरी जी 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Radhey radhey krishna Maharaj ji namah
Bahut sunder Katha ❤
कृष्ण जी की ताक़त मत देखो वो तो उन्में बहुत है आप बस ठाकुर जी पर विश्वास करो । वो विश्वास आपको वृन्दावन धाम लेके जाएगा। हरे कृष्णा, माफ़ करना अगर कुछ ग़लत बोल दिया हो।
Sahi bole bhai @@indukalia9373
दिगम्बरा दिगम्बरा श्री पाद वल्लभ दिगम्बरा 🙏🙏🙏🙏
जय जय श्री राधे कृष्ण 🙏🙏🙏
पूर्ण है श्री कृष्ण परिपूर्ण है श्री राधे 🌹🌹🌹
आदि हैं श्री कृष्ण अनंत हैं श्री राधे 🙏🙏🙏
Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Raman Radha 🌹🌹🙏🙏
🙏🏻 Jai 💐 Jai 🙏🏻 Radha 💐 Vallabh 🙏🏻 Sri 💐 Harivansh 🙏🏻 Jai 💐 Jai 🙏🏻 Sri 💐 vrindavan 🙏🏻 Sri 💐 vanchand 🙏🏻💐
Radhe radhe jai shree krishna bahut hi Sundar Gyan wali Katha ho rahi hai Prabhu ke prati Prem badh Raha hai aur ab to main ek din Katha sunaeye bhajan nahin rahti hun meri pyari ki katha❤❤❤❤❤❤❤❤❤
जय राधे कृष्ण
राधे राधे गुरूजी आपके चरण कमलों में दंडवत प्रणाम स्वीकार कीजिए 🙏🙏🙏🙏🙏🙆🙆🙆🙆🙆🌹🌹🌹🌹🌹🌸🌸🌸🌸🌸🌼🌼🌼🌼🌼
1:49:34 Guru Vandana geet ❤
Sri radhe radhe pujya Maharaj ji ke charno me koti koti dandwat pranam.girdhar lal ki jai
Koi best kahe na kahe..aap best ho....🎉🎉🎉katha me sundar bhav...gana...all r best
❤❤❤shri radhe radhe.shri radha vallabh hari vanc.
❤❤ Jai shree Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha Radha 🙏🏻 🌺
Radha Radha
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe Radhe 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🙏
राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे
भागवत ग्रनथ चार से बना है भक्ति कथा सुनने वाले के ह्रदय मे भक्ति आयेगी बस देह अभिमान छोडना पडेगा जो अति सुविधाएं मे रहता है वो देह अभिमान है दुसरा ज्ञान ज्ञान अर्जन करे ज्ञान के लिए जिज्ञासु बनना पडेगा जिज्ञासु का लक्षण हाथ जोडेगा पुछेगा फिर ऊस बात का मनन करेगा तीसरा वेराग्य वेराग्य का मतलब किसी के प्रति राग ना रखे चोथा है त्याग हरि विमुख व्यक्ति का त्याग ऐसे का संग नही करना चाहिए जो भगवत विमुख स्थान का भी त्याग ये सब वेदो का ज्ञान समाया है वो भागवत जिसको सुनने से तर जाता है व्यक्ति
Radhe Radhe shri Maharaj 🙏💐 Jay ho radha Raman Lal ju ki 👌🌷🪷👏
Radhe Radhe ji RADHE RADHE ji ki 🙏🌹😌🎉
Maharaj ji ki katha sunne wale like kre ❤🎉
Giridhar lal ki jay 🙏
Koti koti pranam maharaj ji 🙏🌸🌸🌸🌸🌸🙏
Vajla Hari ka nam... panduram...❤❤❤❤❤.Anand a...gaya...
जयश्री जी❤❤❤❤❤🙏🙏🙏🙆
श्रीमद् भागवत महापुराण भगवान को
कोटि कोटि वंदन नमन प्रणाम ❤️🌿❤️
आज बहुत सुंदर सुंदर भाव सुनते सुनते बहोत ही आनंद आया. जय हो श्री इंद्रेश महाराज जी आपको शत शत वारंवार दंडवत
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे 🙏📿हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे 🙏📿हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे 🙏📿हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे 🙏📿हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे 🙏📿हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे 🙏📿हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे 🙏📿हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे 🙏📿हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे 🙏📿हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे 🙏📿हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे 🙏📿हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे 🙏📿हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे 🙏📿हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे 🙏📿हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे 🙏📿हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे 🙏📿हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे 🙏📿हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे 🙏📿हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे 🙏📿हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे 🙏📿हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे 🙏📿हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे 🙏📿हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे 🙏📿हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे 🙏📿हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे 🙏📿हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे 🙏📿हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे 🙏📿हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे 🙏📿हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे 🙏📿हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे 🙏📿हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे 🙏📿हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे 🙏📿हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे 🙏📿हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे 🙏📿
Mere Radha Raman ji ke Shree chrno me hamra koti koti pernam hoji 👍👍👏👏
श्री राधे गोविंद श्री राधे गोविंद श्री राधे गोविंद
श्री राधे गोविंद श्री राधे गोविंद श्री राधे गोविंद
श्री राधे गोविंद श्री राधे गोविंद श्री राधे गोविंद
श्रीजी के चरणों में कोटि कोटि प्रणाम आशीर्वाद बनाए रखें जय श्री राधे ❤❤
Jai ho jai sri mnnarayen 🙏🍁🙏
बहुत सुंदर कथा लाला ❤
Jay shree radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe
: पृथ्वी एवं वायु से शिक्षा-
①. पृथ्वी एवं वायु में एक समानता है कि वे
• दोनो में अवधूत के लक्षण हैं। जैसे पृथ्वी
• सभी जीवो, पशु एवं मानवओं में भेद न करें बिना सपका पालन-पोषण करती हैं और सबके प्रति समता व समानता का भाव रखती हैं। उसी प्रकार वायु भी हमें अवधूत होने कि शिक्षा देता है, वह सभी जीवो को के अवश्यकता के अनुसार प्राणवायु देता प्रदान करता है। वह भी पात्र एवं कुपात्र का भेद-भाव किए बिना सबको अश्वासवायु प्रदान करता है। इन दोनो में कभी अभिमान प्रकट नहीं होता उसके बावजूद इन्हे इन्हे ज्ञात है कि पूरी प्रकृति इनही के कारण चलती हैं परंतु यह दोनो ही अपने बल का अभिमान नहीं करते और सदैव ईश्वर के प्रति निष्ठा वान रहते है। अपने बल का कारण ईश्वर की बताते हैं।
👏👏👏 radhe radhe
Radhe Radhe🦚🌸❤️♾️
मेरा आपकी कृपा से सब काम हो रहा है करते हो तुम कन्हैया मेरा नाम हो रहा है ❤🙌🙏🥺
श्री राधेश्याम गुरुदेव जी 👏🏻❤
Katha me bahut aanannd aa reha hai,aapko bahut bahut ashirbad, Radha Madhav ki aap per kripa aap per hamesha bani rehe, Radhe Radhe ji
सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम सीता राम 📿🙏
1) पृथ्वी ने हरि विमुख का त्याग किया जब पृथ्वी ने सत्यभामा का रूप लिया तो अपने ही पुत्र भोमासुर जो हरि विमुख था, श्री कृष्ण से उन्हें मारने को कहा, इसी तरह हमारा कितना भी प्यारा हो लेकीन अगर हरि विमुख है तो त्याग करना चाहिए।
2) हमेशा दूसरों को देना बदले में कुछ पाने की आशा ना रखना। पृथ्वी हमेशा फल, फूल, शीतल जल सब देती हैं लेकिन हमसे बदले में कुछ नही लेती।
3) पृथ्वी बिना रुके अनवरत सूर्य की परीक्रमा करती हैं अर्थात सूर्य मतलब सूर्यवंशी राम/कृष्ण/नारायण, इसी तरह भले हम किसी भी काम में लगे हो लेकीन हमारा चित्त हमेशा हरि के चरणों में ही लगा होना चाहिए।
4) पृथ्वी का रंग नीला, हरा, पीला है जो श्री कृष्ण के मोर पंख और उनके वर्ण के अनुरूप है इसी तरह हमे भी हमेशा श्री कृष्ण के रंग में ही रंगे होना चाहिए अर्थात जिन भेषा मेरो संवारो रीझे सो ही भेष धरूंगी।
5) स्वीकारीकरण, पृथ्वी सूर्य की तीसरी कक्षा में चक्कर लगाती हैं अर्थात ना प्रथम आने की मंशा और ना अंतिम आने का भय। बस हरि ने जो दिया खुशी खुशी उसको स्वीकार करके अपना कर्म करते रहना।
जय जय मैं तो आपकी कथा में नही आ सकती लेकिन मेरे उत्तर आप पड़ के समझा दो बस मुझे की इनमे से कोन से उत्तर सही है और कौनसे गलत। राधे राधे 🙏🙏🙏
🎉प्रणाम भाई अति सुंदर 🌹 🌹 🌹 🌹 🌹
🌹🙏राधे राधे..🙏🌹. जय श्री कृष्ण🙏🌹... राधे राधे🌹🌹
Mere sakha ke sakha ko, Jai shree Krishn ❤️❤️
पृथ्वी की अपनी निजी गति के कारण वायु का प्रवाह होता है,
पृथ्वी का यह गुण सभी जीवन के शुख में वृद्धि करता है।
जय यमुना मय्या
Hare krishna🙏🏼me apki katha ko bina sune nhi reh pati.. Har roj bahut sundar sundar bhav sunne ko mil rhe hain 👍🏼hariii bol prabhuji 🙌🏼🙌🏼🙌🏼thanku so much🙏🏼
Aap bahut sundar katha kr rhe hain. 🙏🏼🙏🏼
Narayan ki Kripa se me 1 mah ki Katha aap ke madhyam se ras pan Kar paa rahi huu..Dhyanyavad Maharaj ji...aap ka khub..Radhe Radhe ❤
2:32:17 1:25:36 12:20 1:43:30
Radhe Radhe Maharaj ji
Jai jai narshik ki katha wait khatam huaa jai jai me RUclips ke madhiyam se thakur ji ka isparsh kar pata hun or vyas ji ko nag mastak baram bar parnam radhe radhe jai Shree Krishan kunj bihari Shree hari Das 🙏🙏🌸🌸🌺🌺🌱🌱🌿🌿☘️☘️☘️🦚🦚❣️⭕️❗️⭕️
Radhey Radhey
Jai shree krishna 💫💫💙🧡
2:44:55
Jay shree giridharlal ki jay 🙏
Radhe krishna
😢महराज जी को प्रणाम 32:31
Radhe radhe 🙏 adbhut aanand
❤❤❤❤Jai shree Kishori Ji ❤❤❤❤❤❤❤❤❤
राधे राधे कोटी कोटी प्रणाम
Jai shree radhe shyam 🪷🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽
दत्त भगवान के पहले दिशा गुरू प्रथ्वी है वो धैर्य वन्ती होती है सहनशील होती है सहना सीखो जिसने सहा हो वो ही जितता है मोन रहती है पृथ्वी सहना फिर मोन रहना ओर क्षमा कर देना ये तीन लक्षण पृथ्वी के हे तो सहन करो दुख दे तो भी मोन रहो ओर क्षमा करो ये सीखना है तो पृथ्वी से सीखो हमारी तीन ही गति है जला दो तो राख बन पृथ्वी मे गाड दे तो भी पृथ्वी मे ही मिलेगे फेक दीये तो कीट पतंग खाके मल करेंगे तो भी पृथ्वी मे मीलेगे ।
Radhe Shyam 🌹 Radhe Shyam 🌹 Shyam Shyam 🌹 Radhe Radhe 🌹 Radhe Krishna 🌹 Radhe Krishna 🌹 Krishna Krishna 🌹 Radhe Radhe 🌹🙏🌹🙏🌹
वायु ऊंचे पर्वतों पर भी होती है और पर्वतों के नीचे वाले गांवों में भी, अगर वायु किसी दुर्गंध जगह से होकर आ रही है तो उसकी दुर्गंध एक राजा को भी आएगी और एक आम इंसान को भी अर्थात पृथ्वी की तरह अवधूत की ही तरह वायु भी कभी भी अपने को किसी बड़े पद के इंसान के लिए किसी ऊंचे इंसान के लिए बदलती नहीं है उसका जो भाव है वह वही रहता है सबके लिए समान ,
वायु न केवल अग्नि लगाने के लिए महत्वपूर्ण है(O2 )अपितु अग्नि को बुझाने के लिए भी वायु का ही उपयोग किया जाता है ( CO2) अर्थात उसमें दोनों गुण हैं, इसी तरह से एक अवधूत भी भगवत प्राप्ति हेतु सांसारिक भोगों के लिए नहीं परंतु भगवान की प्राप्ति को इच्छुक व्यक्ति के अंदर भक्ति की ज्वाला को प्रज्वलित भी कर सकता है और अंधकार व अज्ञान की ज्वाला को बुझा भी सकता है, न केवल दूसरों में अपितु अपने अंदर भी वह यह चीज कर सकता है
Boht sundar bhav h aapka😢❤
Jay shree radhavallabh ki jay 🙏
राधे राधे कृष्णा जी ❤
दंडवत प्रणाम
जय श्री राधे कृष्णा सब संतों को सादर प्रणाम करता हूं हर हर महादेव
Radhe radhe
Hari pad pit barau....❤❤❤❤❤
2:16:46 - 2:19:41- 2:51:58
Radhey radhey 🙌🙌🙌🍫🍫🥰🥰
प्रणाम आचार्य श्री जी श्री हरीवंश प्रणाम
Radhe krishna ❤
Rabhe rabhe ji
❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤🎉🎉🎉
बहोत bdhiya