राजस्थान के लोकदेवताओं के साथ मेरा राईका रबारी देवासी समाज रहा है जैसे बाबा रामदेव जी महाराज के साथ रत्ना राईका जी पाबूजी महाराज के साथ हरमल राईका जी वीर तेजाजी महाराज के समय आशु देवासी जी गोगा जी महाराज के साथ भी एक राईका रबारी देवासी रहा है अभी नाम याद नही आ रहा जय हो मेरा शूरवीर राईका रबारी देवासी समाज 🙏🙏🚩🚩🐪🐪
आदरणीय श्री पूगल राव साहब जंजीर सिंह जी को सादर प्रणाम जय श्रीकृष्ण आप ने पूगल निवासियों हमेशा तत्पर रहें आप इस क्षेत्र के सच्चे जन हितैषी है हुक्म जय श्री मां करणी जी
पुगल का स्थापक गजमाल परमार थे किले का निर्माण पिगलदैव परमार ने करवाया जो गजमाल के पुत्र थे परमार कालिन नो कोटी मारवाड़ का हिस्सा पुगल मडोर लोद्रवा जालोर अजमेर हासु पारकर किराड़ू आबू ईन को नो कोटी मारवाड़ कहा जाता था स्थापक पहले परमार वंश फिर पड़िहार फिर भाटी
= पुंगल गढ़ परमारों द्वारा बनाया गया था , मरवन यहीं की थी .....? चितौड़ की रानी, पद्मिनी यहीं की थी.....? फिर मुसलमान आने शुरू हो गए , तो परमार चले गए .....? मुसलमान काबिज रहे .......? फिर पडीहार काबिज रहें , रामदेव जी की बहन सुगना बाई , अजमल जी ने इन्ही पड़िहारो में ब्याई थी , फिर इनकी रामदेव जी से कटुता हो गई , इसकार्ण वे सुगना बाई को पीहर नही भेजते थे.....? वे रामदेव जी को नीची जात , का मानते थे, क्योंकि रामदेव जी किसी से छुआछूत नही करते थे , उनके शिष्य मेघवाल जाति से थे , उनकी शिष्या डालीबाई भी मेघवाल जाति से ही थी .....? फिर मुसलमानों ने पड़िहारो को भी बेदखल कर दिया , मुसलमानी कब्जा रहा , फिर भाटियो ने उनको बेदखल कर , उनसे ,संधि कर किला प्राप्त किया, जो कि अभी तक जारी हैं......?
पूगल की नीव पंरमार राजवंश ने रखी थी नवीं शताब्दी में देरावर के रावल देवराज भाटी ने परमारो से पूगल छिनकर अपना कर लिया बाद में चार साल पड़ियार का राज रहा दस साल खिंचीयो का राज रहा फिर जोहिया राजपूतों का राज रहा फिर दौ सौ तीस साल पाहु भाटीयो का राज रहा फिर पचास साल भिलो का राज रहा फिर राव रणगदे भाटी का राज रहा फिर चवदासो चवदा में बिकमपुर के राव केलण जी भाटी गोद आए वर्तमान में राव केलण के वंशज बरसिग भाटी ही पूगल के राव है पड़िहारो का शासन दसवीं शताब्दी में चार साल रहा वें पड़िहार वर्तमान में कुछ आस पास के गांवों में रहते हैं ज्यादा तर मुस्लिम बन गये है कावनी और केई गांवों में रहते हैं
Lagta hai history Ki puri smj N to yutubr ko hai nhi batane wale thakur Sahab ko Ya wo shi batana nhi chahta baki ye pakka hai ramdew ji k samay ye smkaleen es ghad pr pidihar rajputo Ka hi sasan tha lekin ajj wo Estebal Nhi to unke geet kon Gaye baki Vijay Singh padihar name ke koe thakur Jaruur rhe honge
जय बाबा रामदेव जी महाराज की जय हो 🙏
जय रतना जी राईका की जय हो 🙏
मुझे गर्व है की मैं भी राईका रबारी देवासी समाज से हूं 🙏🚩🚩🐪
राजस्थान के लोकदेवताओं के साथ मेरा राईका रबारी देवासी समाज रहा है जैसे
बाबा रामदेव जी महाराज के साथ रत्ना राईका जी
पाबूजी महाराज के साथ हरमल राईका जी
वीर तेजाजी महाराज के समय आशु देवासी जी
गोगा जी महाराज के साथ भी एक राईका रबारी देवासी रहा है अभी नाम याद नही आ रहा
जय हो मेरा शूरवीर राईका रबारी देवासी समाज 🙏🙏🚩🚩🐪🐪
Hardan ji dewasi
Ham rajput kshatriya hai. Ham ko bhi rabari samaj ke prati bhari man sanman hai. Jaymataji
पुगल गढ के पडीयार कुल का इतिहास भी बताओ
मे भी पड़ियार हु भीलवाडा से
आदरणीय श्री पूगल राव साहब जंजीर सिंह जी को सादर प्रणाम जय श्रीकृष्ण
आप ने पूगल निवासियों हमेशा तत्पर रहें आप इस क्षेत्र के सच्चे जन हितैषी है हुक्म जय श्री मां करणी जी
बाबा रामदेव की बहन सुगनो की शादी पूगल राव के प्रधान ईश्वर सिंह गोगली भाटी के पुत्र महेशदास गोगली के साथ हुई थी
पुगल का स्थापक गजमाल परमार थे
किले का निर्माण पिगलदैव परमार ने करवाया
जो गजमाल के पुत्र थे
परमार कालिन नो कोटी मारवाड़ का हिस्सा पुगल मडोर लोद्रवा जालोर अजमेर हासु पारकर किराड़ू आबू ईन को नो कोटी मारवाड़ कहा जाता था
स्थापक पहले परमार वंश
फिर पड़िहार
फिर भाटी
जय हो शायर जी कंवर ने
Bhai music preshaan krr rha hhh
भाई साहब ये गेट है ना की सुरग 😅
सुरग किले के अन्दर दक्षीण साईड मोजुद हे
ओर अब बन्द है सुरग
Good ❤❤
Good 👍
Good work 🥰👍
पूरी हिस्ट्री बताओ
रामदेवजी से पहले सर्वपर्थम निर्माण किस राजवंश ने करवाया और कब करवाया
ओ भी बताओ
Bilkul
पुरी हिस्ट्री में क्या देखना चाहते हैं
Parihar kul ke bare mein bataen
Kis liye band kiya
Ratan rayika ko kyu band kiya
= पुंगल गढ़ परमारों द्वारा बनाया गया था , मरवन यहीं की थी .....? चितौड़ की रानी, पद्मिनी यहीं की थी.....? फिर मुसलमान आने शुरू हो गए , तो परमार चले गए .....? मुसलमान काबिज रहे .......? फिर पडीहार काबिज रहें , रामदेव जी की बहन सुगना बाई , अजमल जी ने इन्ही पड़िहारो में ब्याई थी , फिर इनकी रामदेव जी से कटुता हो गई , इसकार्ण वे सुगना बाई को पीहर नही भेजते थे.....? वे रामदेव जी को नीची जात , का मानते थे, क्योंकि रामदेव जी किसी से छुआछूत नही करते थे , उनके शिष्य मेघवाल जाति से थे , उनकी शिष्या डालीबाई भी मेघवाल जाति से ही थी .....? फिर मुसलमानों ने पड़िहारो को भी बेदखल कर दिया , मुसलमानी कब्जा रहा , फिर भाटियो ने उनको बेदखल कर , उनसे ,संधि कर किला प्राप्त किया, जो कि अभी तक जारी हैं......?
Achha Ji 🙏
पूगल की नीव पंरमार राजवंश ने रखी थी नवीं शताब्दी में देरावर के रावल देवराज भाटी ने परमारो से पूगल छिनकर अपना कर लिया बाद में चार साल पड़ियार का राज रहा दस साल खिंचीयो का राज रहा फिर जोहिया राजपूतों का राज रहा फिर दौ सौ तीस साल पाहु भाटीयो का राज रहा फिर पचास साल भिलो का राज रहा फिर राव रणगदे भाटी का राज रहा फिर चवदासो चवदा में बिकमपुर के राव केलण जी भाटी गोद आए वर्तमान में राव केलण के वंशज बरसिग भाटी ही पूगल के राव है पड़िहारो का शासन दसवीं शताब्दी में चार साल रहा वें पड़िहार वर्तमान में कुछ आस पास के गांवों में रहते हैं ज्यादा तर मुस्लिम बन गये है कावनी और केई गांवों में रहते हैं
Jai Ramsapir ri
पूरी जानकारी नहीं है भाई तुम को
Itihas ki puri jankari nai hai to galt mat batayiye bhai
Tambe ka gadh hamne nahi suna
Lagta hai history Ki puri smj N to yutubr ko hai nhi batane wale thakur Sahab ko Ya wo shi batana nhi chahta baki ye pakka hai ramdew ji k samay ye smkaleen es ghad pr pidihar rajputo Ka hi sasan tha lekin ajj wo Estebal Nhi to unke geet kon Gaye baki Vijay Singh padihar name ke koe thakur Jaruur rhe honge
Right 👍
Ramlaload