जब कपड़े बदलने जैसी ही है तो कितना आसान है ये सब जानना । हमने कपड़े बदल कर देखे बहुत बार देखे , देखने में थोड़ा अलग थे बाकी सब वैसे के वैसे । जय श्री कृष्णा।
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स्वपन , जिसे आप स्वप्न कह रहे हो वो इस जीवन की हकीकत है। या फिर ये भी स्वपन जिसमे आप परवचन कर रहे हो । स्वपन ही हकीकत , हकीकत भी स्वपन । जय श्री कृष्णा।
मानव जीवन मे भावना का बहुत ज्यादा महत्व है।सिरी रामचरित मानस मे गोस्वामी तुलसीदास जी ने कहा है कि"जाकी रही भावना जैसी प्रभु मूरत देखी तिन तैसी"।सिरीमदभगवत गीता में कहा गया है कि मृत्यु के समय व्यक्ति की जैसी इच्छा होगी वैसी ही स्थिति का नया जीवन प्राप्त होगा।इस लिए व्यक्ति को भगवान का भजन ही करना चाहिए अर्थात भगवान का नाम ही रटना चाहिए जो कि फलदायी है।
एक ऐसी प्रीस्तिथि जिसमे इंसान जीवित तो होता है लेकिन वो ना ही हिल सके ना वो बोल सके तभी उसकी आंख खुलती है और तुरंत शरीर परकट हो जाता है। ये ही शरीर की मृत्यु का समय होता है, एक जगह मौत, दूसरी जगह जन्म । ये हमे किसी ने बताया नहीं और न ही कोई किसी को बता सकता है । जो जानना चाहता है स्वय जान सकता है ये घटना सबके जीवन में घटती है । जय श्री कृष्णा ।
गुरुजी प्रणाम, कुछ लोग बोलते हैं कि जब सृष्टि नहीं रची गई थी तो हम ईश्वर के साथ थे और हम आत्मा है और परमात्मा के अंश हैं फिर हम इस मानव देह में क्यों आ गए
Jo jo mrit dikhte hain unke liye hum kya kareen taki woo apne marg par chale jayeen? Meri mom mujhe dikhti hain... aur bahut sare anya mrit parivar ke log jo mere janam se pehle mrit u ko prapt hue the. Kripya batayee.
Aapko itna gyan kaise prapt huaa, me bahut confused ho gaya, bahut uljan me chala gaya, ye itna gyan sunke samaj nahi aaa raha kya karu, Dimag bhatak gaya hai.. Kitna gahra hai ye jivan and jivan ke baad ka samay..
📢📢📢📢📢📢महोदय लेकींन।मृत्यू।उपरांत कर्मकांड का।आर्यसमाज संपूर्णतः खंडन करता।हैजीसमे।श्रध्दा, तेरावी,तर्पण इत्यादी महर्षी दयानंद सरसस्ती ,भगवान बुद्ध भी।खंडन करते है हिंदू बताये अब सामान्य साधक ने क्या समझें कृपया स्पष्टीकरण।अपेक्षित।है 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Meri ladli 13 December 2020 mujhe chhodkar Bhagwan ke pass chli gyi, kya vo mujhe dekh skti hai, meri beti bhut achhi thi, mujhe usad bhi nhi dekh skti thi or ab mai din raat roti hu vo nhi dikhti mujhe, spne mai bhi bs 2 baar dikhi vo bs ek pal ke liye
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जब कपड़े बदलने जैसी ही है तो कितना आसान है ये सब जानना । हमने कपड़े बदल कर देखे बहुत बार देखे , देखने में थोड़ा अलग थे बाकी सब वैसे के वैसे । जय श्री कृष्णा।
वाह.....श्री संत जी आप पूज्य महान और आत्मसाक्षात्कारी हो अनुभविष्ठ हो आपको प्रणाम ।
ओम नमः शिवाय गुरुजी
बहुत सुंदर रचना वाणी सत्य वचन आत्म मुक्ति के लिए
Sundar aur uttam vishleshan thank you
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जय श्री गणेश
हरये परमात्मने प्रणत् क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नमः।।।।
प्रणाम गुरु जी
Sadhu sadhu
में कुछ लोग ईश्वर को ज्योति विन्दु कहते हैं सर्व व्यापक नहीं कृपया हम कृपया समझाय
Yhi to shudh brahm gyan ki charch bahut bahut dhanyvad sir ji danvat pranam jai aatam dev
Bahut hi prernadayak!
Guru ji aap ke samjhne ka tareeka bhut hi sahajta se samajhane ki shaqti saheje h!🙏
जय श्री हरी राम कृष्ण परब्रम्ह
बहुत अच्छा ग्यान देने के लिए धन्यवाद 🙏🙏
अति सुन्दर विषय लिया है महात्मा जी। सुन्दर प्रस्तुति। धन्यवाद।
हरि ॐ तत् सत्
प्रणाम आदरनीय आचार्य जी
प्रणाम आदरणीय आचार्य जी
naman guruji good explanation
गुरूजी सादर प्रणाम।हरि ॐ।
Prabhu aapke charno me koti koti naman aap bhut saral bhasa me samja rahe ho aapka bhaut dhnyvaf.
Bahut bahut dhannyvad
Amaiizing exprwssion
Simple and very very interesting
Guruji main aap ki vatakhya se ati prasann hun
Naman guru ji..knowlageble speech..Dhanawaad
आपने जीव की मुक्ति का उपाय विस्तृत रूप से बताया।
मृत्यु उपरांत करने योग्य तथ्यों का विस्तृत विवरण दिया।
आभार आचार्य श्री।
Excellent messages
Lots of thanks
Worning. For. Life
गुरु देव जी,, क्या भगवतगीता को मन ही मन में पड़ सकते है,,या आवाज निकाल कर पड़ी जाय,, जिससे,, मृत आत्माएं,सुन सके,, कृप्या, मार्गदर्शन करें 🙏🙏🙏🙏🙏 ऐ
स्वपन , जिसे आप स्वप्न कह रहे हो वो इस जीवन की हकीकत है। या फिर ये भी स्वपन जिसमे आप परवचन कर रहे हो । स्वपन ही हकीकत , हकीकत भी स्वपन । जय श्री कृष्णा।
बहुत ही अच्छे तरीके से समझाया आपने ,आपका आभार।
जय गुरूदेव,मनुश्य जन्मका मुख्य उद्दिष्ट समझाने के लिये कोटी नमन.
मानव जीवन मे भावना का बहुत ज्यादा महत्व है।सिरी रामचरित मानस मे गोस्वामी तुलसीदास जी ने कहा है कि"जाकी रही भावना जैसी प्रभु मूरत देखी तिन तैसी"।सिरीमदभगवत गीता में कहा गया है कि मृत्यु के समय व्यक्ति की जैसी इच्छा होगी वैसी ही स्थिति का नया जीवन प्राप्त होगा।इस लिए व्यक्ति को भगवान का भजन ही करना चाहिए अर्थात भगवान का नाम ही रटना चाहिए जो कि फलदायी है।
Bahut bahut achhi vayakhya
Thanks
एक ऐसी प्रीस्तिथि जिसमे इंसान जीवित तो होता है लेकिन वो ना ही हिल सके ना वो बोल सके तभी उसकी आंख खुलती है और तुरंत शरीर परकट हो जाता है। ये ही शरीर की मृत्यु का समय होता है, एक जगह मौत, दूसरी जगह जन्म । ये हमे किसी ने बताया नहीं और न ही कोई किसी को बता सकता है । जो जानना चाहता है स्वय जान सकता है ये घटना सबके जीवन में घटती है । जय श्री कृष्णा ।
Thanks 🙏
jai Shri Krishna 🙏
परम नमन गुरुवर 🙏🙏🙏
स्वामी जी पृणाम 🙏🎉🙏
So true 🙏
Superb, one of the best subject on life 🙏🙏🌹🌹Guru ji Sadar Pranam
Guruji Pranam
ओमजी🙏
Pranam
Great
Om tat sat ji
धन्यवाद,प्रणाम,आभार
Ram Ram guru g
थन्यवाद
Very nice Gujuji, really good explaination, sunta rahu, sunta rahu, kya karu Guruji mox ki prapti ke liye, sansar bandhan se mukt hi nahi ho pa raha
Om guru dev
गुरू देब आप्ने ईत्ना सुक्ष्म से सुक्ष्म अध्ययन करके हम्बुझाये गुरू देब आप्को कुन् शब्दोसे नमन करे जय गुरू देब
jay shri ram jay shri krishna
Bhut Aacha
Jay swaminarayan 🙏
Nice
Good & great explanation this topic. Very Thanks sirji.
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति महात्मा जी।
@@drrameshkumarkalra
- ई
Jai ho GURU ji aapka gyan adbhud hai. Kabhi apne gyan yatra ko describe kare
Aum shree paramatmane namaha
Mukti key liye Kya Karna hoga Kaise start kare
Multi keep life Kya Karna hoga
गुरुजी प्रणाम,
कुछ लोग बोलते हैं कि जब सृष्टि नहीं रची गई थी तो हम ईश्वर के साथ थे और हम आत्मा है और परमात्मा के अंश हैं फिर हम इस मानव देह में क्यों आ गए
जय हो
❤
good
🙏🙏🙏🙏🙏
नींद में कोई अवस्था अनुभव नहीं होता तो मौत पर कोई अवस्था का अनुभव कैसे हो सकता है
आपके वीडियो में आवाज बहुत दबी हुई आवाज नहीं आती बिल्कुल कान में चिपकाना पड़ता है गुरु जी कृपया आवाज आवाज बढ़ाइए आपका भक्त आदित्य पंडित
देह त्याग के बाद मुक्ति मिल जाने कौन सी यात्रा और कर्म किया जाता है
Guruji Hamne to suna tha ki marne kebaat bure logo ko yamdoot ate he ya ache logo ko koi or lene ate he to fir ye kese hota he
Jo jo mrit dikhte hain unke liye hum kya kareen taki woo apne marg par chale jayeen? Meri mom mujhe dikhti hain... aur bahut sare anya mrit parivar ke log jo mere janam se pehle mrit u ko prapt hue the. Kripya batayee.
Is video me upay bhi bataya hi gaya hai
@@DivyaSrijan ji thanks
Sadhu Sadhu
👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍
Jai shri ram
क्या हिरण्यगर्भ ही आात्म सि्थति हैं ।
Aapko itna gyan kaise prapt huaa, me bahut confused ho gaya, bahut uljan me chala gaya, ye itna gyan sunke samaj nahi aaa raha kya karu, Dimag bhatak gaya hai.. Kitna gahra hai ye jivan and jivan ke baad ka samay..
लेकिन ramayen मेख़ा हे जनमत मरत दुसह दुःख होइ वस्त्र बदलने में कोई विदा नहीं होती
🙏🙏🙏
मृत्यु के बाद क्या स्त्री पुरुष रूप में परिवर्तित हो सकती है।
🙏😇🙏
📢📢📢📢📢📢महोदय
लेकींन।मृत्यू।उपरांत कर्मकांड का।आर्यसमाज संपूर्णतः खंडन करता।हैजीसमे।श्रध्दा, तेरावी,तर्पण इत्यादी
महर्षी दयानंद सरसस्ती ,भगवान बुद्ध भी।खंडन करते है
हिंदू बताये अब सामान्य साधक ने क्या समझें
कृपया स्पष्टीकरण।अपेक्षित।है
🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Meri ladli 13 December 2020 mujhe chhodkar Bhagwan ke pass chli gyi, kya vo mujhe dekh skti hai, meri beti bhut achhi thi, mujhe usad bhi nhi dekh skti thi or ab mai din raat roti hu vo nhi dikhti mujhe, spne mai bhi bs 2 baar dikhi vo bs ek pal ke liye
सही मृत्यु की उम्र कितनी होती है। और वो भी स्त्री की।
सुषम सरीर से भी बम लोक की ओर जीव जा सकता है.
Nice
🙏🙏
📢📢📢📢📢📢महोदय
लेकींन।मृत्यू।उपरांत कर्मकांड का।आर्यसमाज संपूर्णतः खंडन करता।हैजीसमे।श्रध्दा, तेरावी,तर्पण इत्यादी
महर्षी दयानंद सरसस्ती ,भगवान बुद्ध भी।खंडन करते है
हिंदू बताये अब सामान्य साधक ने क्या समझें
कृपया स्पष्टीकरण।अपेक्षित।है
🙏🙏🙏🙏🙏🙏
📢📢📢📢📢📢महोदय
लेकींन।मृत्यू।उपरांत कर्मकांड का।आर्यसमाज संपूर्णतः खंडन करता।हैजीसमे।श्रध्दा, तेरावी,तर्पण इत्यादी
महर्षी दयानंद सरसस्ती ,भगवान बुद्ध भी।खंडन करते है
हिंदू बताये अब सामान्य साधक ने क्या समझें
कृपया स्पष्टीकरण।अपेक्षित।है
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📢📢📢📢📢📢महोदय
लेकींन।मृत्यू।उपरांत कर्मकांड का।आर्यसमाज संपूर्णतः खंडन करता।हैजीसमे।श्रध्दा, तेरावी,तर्पण इत्यादी
महर्षी दयानंद सरसस्ती ,भगवान बुद्ध भी।खंडन करते है
हिंदू बताये अब सामान्य साधक ने क्या समझें
कृपया स्पष्टीकरण।अपेक्षित।है
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