Siv Satya Sanatan aor Param Virat haen yah Panch Maha bhut hi unka mul ya mukhya swarup hae isiliy unhe ham panchanan bhi kahte hae tatha ln panch bhuton se anekon jivon ko utpati aor Dharan Palan karne wali Samvedan Sil Para Sakti ko hi ham niyati ya prakriti Mata kahte haen 🎉❤🎉Joy Hind
Pranaam maharaj jj 🙏Maharaj ji, we are being transformed day by day in this Ganga flowed by you.Thank you for revealing the truth about the false beliefs that we had assumed to be true...🙏🙏🙏.
खोजने वाला खोजने वाले को ही खोज रहा है 😁 कबीर साहब कहते है - काहे रे नलिनी क्यूं कुम्हलानी। तोरे नाल सरोवर पानी। Seeker is the Sought ! शानदार वीडियो नमन
Mind is limited, and it by its nature can only perceive limited things. If we are perceiving limited things, then we are bound to be at the level of mind...to go beyond mind we have to drop habit of perceiving names and forms....this much knowledge I gained today and I think this is sufficient 4 me 🙂🙂🙂🙂
प्रणाम महाराज जी, आपका हर एक सत्संग हमें ऐसा अनुभव कराता है जैसे कोई सशक्त हाथ हमें थामे हुए हो और समाजिक कुरीतियों में गिरने से बचा रहा हो। आपके मार्गदर्शन के लिए हम आपके आभारी हैं। आपकी लिखी गई पुस्तक से भी हमें ज्ञान प्राप्त हो रहा है। संसार की जटिल गुत्थियों को आपने सरल शब्दों में सुलझाकर प्रस्तुत किया है। हम आपके आभारी हैं। 🙏🙏
🙏प्रणाम महाराज जी🙏 महाराज जी आपने इस वीडियो में बताया है कि हमारी दृष्टि ही सृष्टि है। यह तो सही है कि हमारी दृष्टि जैसी होगी सृष्टि भी उसी प्रकार लगेगी।
Drishti hi Srishti hai is vyakti bhav rupi dukaan per moksh jaisa kuchh bhi nahin milta adbhut Maharaj ji adbhut vyakhyan aapko koti koti pranam Maharaj ji
इस वीडियो में स्वामी विवेकानंद के वेदांत की दृष्टि का उल्लेख किया गया है, जो कहती है कि "आप परमात्मा हैं।" इस महान सत्य को समझने और स्वीकार करने के लिए यह वीडियो एक अद्भुत मार्गदर्शक है।
प्रणाम महाराज जी 🙏! स्वामी विवेकानन्द जी का अद्वैत वेदांत दर्शन जनमानस में लाने हेतु दुर्लभ ज्ञान सरल और जमीनी शब्दों में समझाने के लिए आपका आभार महाराज जी ! प्रणाम 🙏।।
इस वीडियो में बताया गया है कि हमारी दृष्टि ही सृष्टि है। अगर हम अपनी दृष्टि बदलते हैं, तो हमारा जीवन भी बदल सकता है। महाराज जी के विचार हमें इस सत्य की ओर प्रेरित करते हैं कि हमें नाम और रूप की सीमाओं से ऊपर उठकर अपने वास्तविक अस्तित्व को पहचानना चाहिए।
दृष्टि ही सृष्टि है, यह दर्शन के इतिहास में एक महत्वपूर्ण सिद्धांत रहा है। महाराज जी ने इस सिद्धांत को आध्यात्मिक संदर्भ में किस प्रकार प्रस्तुत किया है, यह बहुत ही रोचक है।
सादर प्रणाम.महाराजजी मैंने आपके you tube पर लगभग सारे सत्संग सुने हैं. बहुत ज्ञान मिला है आपके सत्संग से. मैं ये जानना चाहता हूँ कि दृष्ठा और दृश्य के भेद को समाप्त करने के लिए कौन सी साधना या भक्ति या ध्यान करना चाहिए. कृपया सम्पूर्ण मार्गदर्शन करिये 🙏🙏🙏🙏
प्रणाम अपने हमारी हर जिज्ञासा का समाधान किया आपका बहुत बहुत धन्यवाद आपका सत्संग बहुत ही प्रभावित करने वाला है आपकी पुस्तक ॐ= ब्रह्म = आत्मा भी बहुत सुंदर है और एक नई दृष्टि प्रदान करने वाली पुस्तक है 🙏🙏🙏
आपने अपने हर सत्संग की तरह इस सत्संग में भी व्यक्तिभाव को प्राप्त होने को स्पष्ट किया है। धन्यवाद दृष्टि बदलती है दृष्टा भी बदलता है - अत्यंत गूढ़ और मार्मिक वचन 🙏
स्वामी जी ने कहा था वेदांत ही भविष्य की मानव जाति का एकमात्र धर्म है आपके सत्संग उनकी वाणी को सत्य करने में बहुत योगदान कर रहे हैं संत जी! सादर अभिनंदन
Swami vivekanand has always been a special figure in world history for spreading vedant globally. His qoutes are gems... and this video very clearly explains the real meaning of swami Ji's quote... I think so.
स्वामी विवेकानंद के प्रसिद्ध वचन 'आप ही परमात्मा हो! ' की युक्तियुक्त सुन्दर व्याख्या ने अस्तित्व के रहस्य को समझने में एक नए दृष्टिकोण को मेरे प्रति अनावृत किया...आभार
महाराज जी को सादर नमन 🙏 बहुत ही सारगर्भित सत्संग। वीडियो के नीचे के दी गई पीली पट्टी पर दी जा रही सूचना से आपकी पुस्तक के विषय मे ज्ञात हुआ। मैं नl जाने कब से आपकी पुस्तक के आने का इंतजार 🙂 कर रहा था...यह बहुप्रतीक्षित इंतजार भी आज समाप्त हुआ...बहुत-बहुत धन्यवाद !
यह विचार कि दृष्टि बदलने से दृष्टा का स्वरुप भी बदलता है जहां एक ओर पतंजलि योग दर्शन के तीसरे सूत्र 'वृत्ति सारूप्यमितत्र' को इंगित करता है वहीं Einstein की Theory of relativity की मूलभूत बात कि observer and observation are not independent को भी स्पर्श करता है। अध्यात्म को नए रूप में प्रस्तुत करना काफी लाभदायक है! 🌹
परमात्मा अद्वैत है...ये बात बहुत बार सुनी थी और मैं इस शब्द के वास्तविक अभिप्राय को जाने-समझे बिना ही अपनी विभिन्न चर्चाओं में प्रयोग करता रहा...आज वे सारी चर्चाएं स्तरहीन हो गयी...सही से समझ तो इस सत्संग से खुली! 👏
यह वीडियो गहन आध्यात्मिक विषयों पर आधारित है जो हमारे अस्तित्व और परमात्मा के सत्य स्वरूप को स्पष्ट करता है। महाराज जी द्वारा व्यक्त की गई दृष्टि इस बात पर जोर देती है कि हम स्वयं को नाम और रूप के भ्रामक दृष्टिकोण से पहचानते हुए अपने असली स्वरूप को भूल जाते हैं।
I have always been curious enough for the truth of this very existence. This satsang supplied a totally new perspective for looking at this existence...🚩🚩
अस्तित्व के विषय बहुत ही ज्ञानप्रद विचार। सही बात है कि संस्कारित चित्त अस्तित्व की खण्डित प्रतीति कर स्वयं को किसी न किसी रूप में बनाए रख अरूप होने खुद को वंचित किए रहता है 🫡
This is the age very well fit for the knowledge of vedanta. The seed sown by swami vivekanand has now grown up...and this video helps a lot to dive deep into the teachings of vedanta.
Dandvat pranam maharaj jee 🙏🌹
Thanks guru ji
बिल्कुल सत्य व्याख्या किए है
Bhalemaanas ❤
Siv Satya Sanatan aor Param Virat haen yah Panch Maha bhut hi unka mul ya mukhya swarup hae isiliy unhe ham panchanan bhi kahte hae tatha ln panch bhuton se anekon jivon ko utpati aor Dharan Palan karne wali Samvedan Sil Para Sakti ko hi ham niyati ya prakriti Mata kahte haen 🎉❤🎉Joy Hind
🙏प्रणाम महाराज जी 🙏
महाराज जी आपका सत्संग बहुत सुंदर एवं सटीक है 🙏
Pranaam
सीमित तथा सांत को जानने से हम स्वयं को भी सीमित तथा सांत समझने के भ्रम में पड़ते हैं...अद्भुत बात 👌
Apki dhawani adbhut hai
Aaj to sab kuch hi suljha Diya wah guru dev bhagwan aapke pawan charnavind me koti koti naman
Pranaam maharaj jj 🙏Maharaj ji, we are being transformed day by day in this Ganga flowed by you.Thank you for revealing the truth about the false beliefs that we had assumed to be true...🙏🙏🙏.
खोजने वाला खोजने वाले को ही खोज रहा है 😁
कबीर साहब कहते है - काहे रे नलिनी क्यूं कुम्हलानी। तोरे नाल सरोवर पानी।
Seeker is the Sought !
शानदार वीडियो
नमन
Parnam maharaj ji bahut hi sargarbhit satsang advet ka bhed samjhane ke liy apka kotish dhanyavaad 🙏🙏
Mind is limited, and it by its nature can only perceive limited things. If we are perceiving limited things, then we are bound to be at the level of mind...to go beyond mind we have to drop habit of perceiving names and forms....this much knowledge I gained today and I think this is sufficient 4 me 🙂🙂🙂🙂
प्रणाम महाराज जी,
आपका हर एक सत्संग हमें ऐसा अनुभव कराता है जैसे कोई सशक्त हाथ हमें थामे हुए हो और समाजिक कुरीतियों में गिरने से बचा रहा हो। आपके मार्गदर्शन के लिए हम आपके आभारी हैं।
आपकी लिखी गई पुस्तक से भी हमें ज्ञान प्राप्त हो रहा है। संसार की जटिल गुत्थियों को आपने सरल शब्दों में सुलझाकर प्रस्तुत किया है। हम आपके आभारी हैं। 🙏🙏
Right
हरि ओम स्वामी जी
आपने मेरी कई जिज्ञासाओं का समाधान कर दिया...कृतज्ञ हूं 🌻👏👏
🙏प्रणाम महाराज जी🙏
महाराज जी आपने इस वीडियो में बताया है कि हमारी दृष्टि ही सृष्टि है।
यह तो सही है कि हमारी दृष्टि जैसी होगी सृष्टि भी उसी प्रकार लगेगी।
Drishti hi Srishti hai is vyakti bhav rupi dukaan per moksh jaisa kuchh bhi nahin milta adbhut Maharaj ji adbhut vyakhyan aapko koti koti pranam Maharaj ji
🙏
इस वीडियो में स्वामी विवेकानंद के वेदांत की दृष्टि का उल्लेख किया गया है, जो कहती है कि "आप परमात्मा हैं।" इस महान सत्य को समझने और स्वीकार करने के लिए यह वीडियो एक अद्भुत मार्गदर्शक है।
Pranam Prabhu
प्रणाम महाराज जी 🙏! स्वामी विवेकानन्द जी का अद्वैत वेदांत दर्शन जनमानस में लाने हेतु दुर्लभ ज्ञान सरल और जमीनी शब्दों में समझाने के लिए आपका आभार महाराज जी ! प्रणाम 🙏।।
इस वीडियो में बताया गया है कि हमारी दृष्टि ही सृष्टि है। अगर हम अपनी दृष्टि बदलते हैं, तो हमारा जीवन भी बदल सकता है। महाराज जी के विचार हमें इस सत्य की ओर प्रेरित करते हैं कि हमें नाम और रूप की सीमाओं से ऊपर उठकर अपने वास्तविक अस्तित्व को पहचानना चाहिए।
दृष्टि ही सृष्टि है, यह दर्शन के इतिहास में एक महत्वपूर्ण सिद्धांत रहा है। महाराज जी ने इस सिद्धांत को आध्यात्मिक संदर्भ में किस प्रकार प्रस्तुत किया है, यह बहुत ही रोचक है।
💯🙏
बहुत थोड़े शब्दों में बहुत ही ऊँची बात!
नतमस्तक 🩷
सादर प्रणाम.महाराजजी मैंने आपके you tube पर लगभग सारे सत्संग सुने हैं. बहुत ज्ञान मिला है आपके सत्संग से.
मैं ये जानना चाहता हूँ कि दृष्ठा और दृश्य के भेद को समाप्त करने के लिए कौन सी साधना या भक्ति या ध्यान करना चाहिए. कृपया सम्पूर्ण मार्गदर्शन करिये
🙏🙏🙏🙏
स्वामी विवेकानंद जी कि उक्ति को युक्तिपूर्वक बताने के लिए...समझाने के लिए आपको साधुवाद!
🙏 Dandvat pranaam Maharaj ji, 🙏
प्रणाम
अपने हमारी हर जिज्ञासा का समाधान किया आपका बहुत बहुत धन्यवाद
आपका सत्संग बहुत ही प्रभावित करने वाला है
आपकी पुस्तक ॐ= ब्रह्म = आत्मा भी बहुत सुंदर है और एक नई दृष्टि प्रदान करने वाली पुस्तक है
🙏🙏🙏
आपने अपने हर सत्संग की तरह इस सत्संग में भी व्यक्तिभाव को प्राप्त होने को स्पष्ट किया है। धन्यवाद
दृष्टि बदलती है दृष्टा भी बदलता है - अत्यंत गूढ़ और मार्मिक वचन 🙏
स्वामी जी ने कहा था वेदांत ही भविष्य की मानव जाति का एकमात्र धर्म है
आपके सत्संग उनकी वाणी को सत्य करने में बहुत योगदान कर रहे हैं संत जी!
सादर अभिनंदन
Swami vivekanand has always been a special figure in world history for spreading vedant globally. His qoutes are gems... and this video very clearly explains the real meaning of swami Ji's quote... I think so.
स्वामी विवेकानंद के प्रसिद्ध वचन 'आप ही परमात्मा हो! ' की युक्तियुक्त सुन्दर व्याख्या ने अस्तित्व के रहस्य को समझने में एक नए दृष्टिकोण को मेरे प्रति अनावृत किया...आभार
महाराज जी को सादर नमन 🙏
बहुत ही सारगर्भित सत्संग।
वीडियो के नीचे के दी गई पीली पट्टी पर दी जा रही सूचना से आपकी पुस्तक के विषय मे ज्ञात हुआ। मैं नl जाने कब से आपकी पुस्तक के आने का इंतजार 🙂 कर रहा था...यह बहुप्रतीक्षित इंतजार भी आज समाप्त हुआ...बहुत-बहुत धन्यवाद !
जिन खोजा तिन पाइया
खुद से खुद को जानना...बहुत अच्छे से बताया Thanks
आपने अपने हर सत्संग की तरह इस सत्संग में भी व्यक्तिभाव को प्राप्त होने को स्पष्ट किया है। धन्यवाद
यह विचार कि दृष्टि बदलने से दृष्टा का स्वरुप भी बदलता है जहां एक ओर पतंजलि योग दर्शन के तीसरे सूत्र 'वृत्ति सारूप्यमितत्र' को इंगित करता है वहीं Einstein की Theory of relativity की मूलभूत बात कि observer and observation are not independent को भी स्पर्श करता है। अध्यात्म को नए रूप में प्रस्तुत करना काफी लाभदायक है! 🌹
परमात्मा अद्वैत है...ये बात बहुत बार सुनी थी और मैं इस शब्द के वास्तविक अभिप्राय को जाने-समझे बिना ही अपनी विभिन्न चर्चाओं में प्रयोग करता रहा...आज वे सारी चर्चाएं स्तरहीन हो गयी...सही से समझ तो इस सत्संग से खुली! 👏
Hariom Tatsat namah Shivay. I like it so much.
यह वीडियो गहन आध्यात्मिक विषयों पर आधारित है जो हमारे अस्तित्व और परमात्मा के सत्य स्वरूप को स्पष्ट करता है। महाराज जी द्वारा व्यक्त की गई दृष्टि इस बात पर जोर देती है कि हम स्वयं को नाम और रूप के भ्रामक दृष्टिकोण से पहचानते हुए अपने असली स्वरूप को भूल जाते हैं।
प्रणाम महाराज जी 🙏
I have always been curious enough for the truth of this very existence. This satsang supplied a totally new perspective for looking at this existence...🚩🚩
अद्वैत वेदांत के अनुसार, आत्मा और ब्रह्म एक ही हैं। महाराज जी ने इस सिद्धांत को किस प्रकार समझाया है, यह बहुत ही रोचक है।
दंडवत प्रणाम महाराज
अस्तित्व के विषय बहुत ही ज्ञानप्रद विचार। सही बात है कि संस्कारित चित्त अस्तित्व की खण्डित प्रतीति कर स्वयं को किसी न किसी रूप में बनाए रख अरूप होने खुद को वंचित किए रहता है 🫡
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻
🙏🙏🙏🙏🙏
दृष्टि बदलती है दृष्टा भी बदलता है - अत्यंत गूढ़ और मार्मिक वचन 🙏
This is the age very well fit for the knowledge of vedanta. The seed sown by swami vivekanand has now grown up...and this video helps a lot to dive deep into the teachings of vedanta.
🙏🙏