मनुस्मृति में शूद्र। मनुष्य पशुभाव को छोड़ देवत्व को गृहण कैसे करे। Dr. surendra kumar

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  • Опубликовано: 30 янв 2025

Комментарии • 6

  • @mansinghsharma-f2i
    @mansinghsharma-f2i 2 часа назад

    सादर नमन वैदिक विद्वान डा सुरेंद्र कुमार आर्य जी।

  • @ayushijhaaaa
    @ayushijhaaaa 2 часа назад

    Namaste Acharya Ji🙏

  • @RajeshKumar-ll5jb
    @RajeshKumar-ll5jb 6 часов назад +2

    वीडियो की हेडिंग ठीक कीजिए🙏
    "पशु को मानुष "

  • @raniebiharie950
    @raniebiharie950 5 часов назад +2

    हिन्दु असम्भव को सम्भव मानता इसलिए संसार में सबसे अधिक दुःख भोगता है और इनकी जग ह़ंसाई खूब होती है सम्पूर्ण संसार में😊 इसलिए *गर्व से कहो हम आर्य हैं और अनिवार्य वेद पढो पढाओ!*

  • @RajkishorShah-w7g
    @RajkishorShah-w7g 5 часов назад +2

    ये भी बताए कि शूद्र कोई जाति नहीं है और ना स्थिर है शूद्र किसी भी परिवार में हो सकता है गुण कर्म स्वभाव अच्छा ना हो तो ब्राह्मण के पुत्र भी शुद्र हो सकता है