Magahi Holi Geet - Raja Janak Ji Ke Lagan/ मगही होली गीत - राजा जनक जी के लगन / राजा दशरथ सजे बरियात
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- Опубликовано: 2 окт 2024
- राजा जनक जी के लगन पड़े हैं, राजा दशरथ सजे बरियात - २
जब बरियतिया अवधवा से निकले, गर्द उड़े असमान ||
जब बरियतिया जनकपुर पहुंचे, लोग तमाशा के खाड़ ||
जब बरियतिया जनवासा ही पहुंचे, चेरिया कलश लेले ठाड़ ||
देबू गे चेरिया, कान दुनो सोनमा, सिया जी के रूप बखान ||
कौन स्वरुप बखानू सिया जी के, चाँद सुरुज छुप जात ||
जबराजा रामचंद्र दुअरे ही गईलें, सास परिछन जात ||
जब राजा रामचंद्र मडवे ही गईलें, ब्राह्मण वेद बखान ||
जब राजा रामचंद्र कोहबर गईलें, सरहज रचले धमाल ||
तुलसीदास मुनि जनक नगर में, राम सिया के हई ब्याह ||
राजा जनक जी के लगन पड़े हैं, राजा दशरथ सजे बरियात - २
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