दिल्ली नशिस्त

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  • Опубликовано: 9 ноя 2024

Комментарии • 12

  • @j.f.pseries4124
    @j.f.pseries4124 2 месяца назад

    उम्दा माशाअल्लाह माशाअल्लाह
    डॉक्टर यास्मीन मुहतरमा साहिबा बेहतरीन अशआर और ला जवाब तरन्नुम
    ख़ुशतर मतीनी

  • @rjabhishekshamshu6980
    @rjabhishekshamshu6980 2 месяца назад

    ❤❤❤❤❤

  • @connectwithpramodkumarkush6532
    @connectwithpramodkumarkush6532 2 месяца назад

    बहुत ख़ूब वाह

  • @rashidparvezkhan8141
    @rashidparvezkhan8141 2 месяца назад

    वाह वाह बहुत ख़ूब

  • @rjabhishekshamshu6980
    @rjabhishekshamshu6980 2 месяца назад

    वाह

  • @AjabSingh-p6p
    @AjabSingh-p6p Месяц назад

    दिलावर अली आजर का एक शेर ही कह सकता हूं में तो
    किसी किसी को है
    तरबियत सुखनसाजी
    कोई कोई है जो
    ताजा लकीर खींचता है