साधना जैन,,, भूमिका के अनुसार raag आता है,, ऐसा तो हम अनुभूति के बाद ही बोल सकते हैं,,, अभी तो हम raag,,द्वेष,,, moh भूमिका के अनुसार करते हैं,,, raag सहज होगा तो सहज चला भीजाएगा। बेजान धन कीखातिर कितने ujhani जीवन,,,, अंतिम समय में प्राणी जाएगा nagn यह तन फल भोगना पड़ेगा जो भी कर्म करेगा,,,, dega जवाब क्या जब परलोक जाएगा 🙏🙏🙏
जय जिनेंद्र
आदरणीय पंडितजी को सादर जय जिनेंद्र जी 🙏🏻
बहुत ही सुंदर
Jai jinendra 🙏🙏🙏
Jay jinendra
Jai jinendra dahod
👌🙏🙏🙏
🙏
Jai Jinendra ji 🙏
🙏🙏🙏
जय जिनेन्द्र देव की🙏🙏
सविनय सादर जयजिनेन्द्र, सरजी... 🙏🏻🕉️🙏🏻🕉️
Bahut hi sunder
Jai jinendra bhai gwalior 🙏🙏🙏
बहुत बहुत आभार 🙏
24 घंटे भेद ज्ञान से ही राग में एकत्व टूटता है🙏
JASC MUMBAI - 🙏JAI JINANDRA
अद्भुत प्रवचन प्रभु आप श्री के मुख से 🕉🙏🙏
जैसे संसारी जीव को 90 लाख का मीठी श्रध्दा से जीवन जीता है
वैसे ही धर्मी जीव त्रिकाली की मीठी श्रध्दा से निर्भय जीवन जीता है 🙏🙏🙏
Kolhapur 🙏
Thank you very very much Dr. VIVEK JI . Aap ke Gyaan ki bahut bahut anumodna . 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻 .
Jai jinendra Aadarniye Pandit ji 🙏🙏🙏🙏
आदरणीय पण्डित जी साहब सादर जय जिनैंद्र 🙏🙏🙏
Sardar Baljit Singh Punjab
एकदम सही बात पंडित जी साहब👌👌👌
फिदा हो गया पंडितजी ।
46 to 48
48 to 60
सभी परम पावन आत्माओं को सादर अभिवादन जय जिनेन्द्र नरेंद्र कुमार जैन जयपुर 🙏🙏🙏
निरन्तर स्व पर दृष्टि रहेगी तो ही राग के काल में भेद रहता हैं, नही तो विकल्प में ही भेद रहता है 🙏🙏🙏
मौन वंदना🙏🙏🙏
🙏🙏🙏💯☑️👏👏👏👏👏👏😇🥰🚩🚩🚩🚩
सम्यक दृष्टि को भूमिका के अनुसार राग आता है लेकिन उसमे एकत्व नहीं होता 🙏🙏
साधना जैन,,, भूमिका के अनुसार raag आता है,, ऐसा तो हम अनुभूति के बाद ही बोल सकते हैं,,, अभी तो हम raag,,द्वेष,,, moh भूमिका के अनुसार करते हैं,,, raag सहज होगा तो सहज चला भीजाएगा।
बेजान धन कीखातिर कितने ujhani जीवन,,,,
अंतिम समय में प्राणी जाएगा nagn यह तन
फल भोगना पड़ेगा जो भी कर्म करेगा,,,, dega जवाब क्या जब परलोक जाएगा 🙏🙏🙏
सविनय सादर जयजिनेंद्र, सरजी... 🙏🏻🕉️🙏🏻