क्या कल्पनाओं की भी सीमा होती ? या सीमातीत है मुझे कब पता चलेगा कि मैं पर्दा या साक्षी हूँ मैं किसी के बताने को स्वीकार तो लूंगी but मेरा स्वयं का क्या😢 होगा ये रोबोट जैसी स्थिति मानने को तैयार नहीं है कि जीवन संभव है साक्षी के बाद 😢
बस खुद ही निर्णय लेना है ऐसा लगता है, सामने से बताने वाला कोई प्रकट हो जाए ऐसा नहीं है । ईश्वर है ऐसा तर्क में आता है, पर ईश्वर सामने आ के बोलने लगे ऐसा नही हो पा रहा ।। और अनुभव तो ईश्वर का,,,,,,,,,,,,,कब हो कुछ कहना मुश्किल है ।।
🙏🙏🙏❤🙏🙏🙏❤🙏🙏🙏❤🙏🙏🙏
Thank you Satguru ji
Pranam Gurudev 🌹🙏
नियति का प्रारब्ध बोध ही जीवन है। सहज जीवन का दर्पण विवेक है ।
Pranam Guruji 🙏
प्रणाम गुरुदेव 🙏🏻🙏🏻🌹🌹
प्रणाम गुरूदेव 👏👏
प्रणाम गुरू जी 🎉🎉
धन्यवाद गुरु जी ❤
Dhanyawad dhanyawad dhanyawad guruji 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
प्रणाम गुरु क्षेत्र, धन्यवाद ये सीख देने के लिए, मार्गदर्शन देने के लिए, शिक्षक दिवस की आपको हार्दिक शुभकामनाएं🙏🙏
Thanks for this vidio.
🙏🙏🙏🙏🙏🌹
धन्यवाद गुरुदेव. 🙏🙏
🙏🏾🕉💕💃💫🌺
ji Guruji...💫🌺💫
गुरूजी,
कृपया वीडियो के शुरुआत में अगर प्रश्न भी डाल दें तो बहुत सुविधा हो जाएगी
अच्छा सुझाव है । जरुर ।🙏🏻
🙏🙏🌺🌺🌺
क्या कल्पनाओं की भी सीमा होती ? या सीमातीत है मुझे कब पता चलेगा कि मैं पर्दा या साक्षी हूँ मैं किसी के बताने को स्वीकार तो लूंगी but मेरा स्वयं का क्या😢 होगा ये रोबोट जैसी स्थिति मानने को तैयार नहीं है कि जीवन संभव है साक्षी के बाद 😢
बस खुद ही निर्णय लेना है ऐसा लगता है, सामने से बताने वाला कोई प्रकट हो जाए ऐसा नहीं है । ईश्वर है ऐसा तर्क में आता है, पर ईश्वर सामने आ के बोलने लगे ऐसा नही हो पा रहा ।। और अनुभव तो ईश्वर का,,,,,,,,,,,,,कब हो कुछ कहना मुश्किल है ।।
Aap thore thore galat h....100% kisi ek ka galti nai hota
Shayad ye apaka marg nahi hai 🙏, sukhi bhava
@@kishorkurle2431 kaun si maarg ki baat kr rahe h app??
Agr sirf bolne se log Khush rehte h...toh aap ko v Khushi bhava
प्रणाम गुरुदेव ❤❤
🙏🏻🌹🙏🏻