Asshu 's fun TV आज utuber bloggers मे एक जाना पहिचाना नाम है । पहाड़ कीसंस्कृति,विरासत,इतिहास,मेले,संगीत और शायद ही कोई विधा हो जिस पर इन्होंने अपनी कवरेज न दी हो । वीर पुरिया नैथानी जी के इतिहास के बारे में इस ब्लॉग में समय कम होने से पूरी बात न हो पाई और गांव के पुराने 2 बड़े बड़े बंगले ,हाथी थान,पुरिया डांग का इतिहास इत्यादि पर विस्तार में बात न हो पाई । हम आशु रावत जी को 31 मार्च 24 को पुरिया स्मारक में पुरिया मूर्ति के अनावरण पर पुनः आमंत्रित करते हैं । आशा है आप हमें निराश नहीं करेंगे। धन्यवाद ।
अपने गाँव को देख कर ही मन गद गद हो जाता है... एक एतिहासिक गाँव, जिसमे पैदा हुए वीर गढ़ चाणक्य पुरिया नैथानी जी🌹 🙏, और नमन है इस गाँव के कर्मठ कार्यकर्ताओं को जो इतिहास के देश के, और गढ़वाल मण्डल के वीर की प्रसिद्धि को चहों दिशाओं में फैला रहे हैं... 🙏🙏💐💐 प्रिय आशु एवं सहयोगियों का धन्यवाद जो सहायक बन रहे हैं इस उपलब्धि मे 💐💐💐 जै माँ भुवनेश्वरी, जै पुरिया दादा
बहुत ही सुंदर वीडियो मैं भी नथाना गांव से 1978 में पांचवी क्लास की बोर्ड की परीक्षा दी थी। आज फिर उसे समय याद आ गया। बहुत बहुत धन्यवाद इस वीडियो को बनाने के लिए ।
Ashu bhula thanks ki tum Naithana gaye..maine pahle bhi tumhe is baare main message kiye the...but is baar bhi tum hamare banglow tak nahi ja paaye..vo bhi ek aitihasik imarat hai..agli baar jaroor jana ... hamare great grand father veer Puriyaji ka smarak dikha kar tumne hame dhany kar diya .thanks Ashu bhula🙏💐
आशू भुला तेरा कारण नैथाना गाँव जितना भी दिखाया पर तिन। लोगो कू नाम नी पूछी जन करी कोई पछणे नी सकी कलै की हम त धुरोली चल गे छाय वन भी शादी हुँया पचास साल होई गैन पर अपड़ गौ दिखणा की ललक हर बेटी तैँ हूँद
Maho day aap galat jankaree provided 0uriya adviser of king of garhwalll puriya dammmad of Shankar doval bazir of mmmahapati shah that time mmadhav bhandari /lodhi rikhola
"पुरिया नैथानी जन्म माह पर विशेष " सफरनामा देहरादून से द्वाराहाट " (पुरिया नैथानी - एक शोध यात्रा) ( 18 may 2018) ( 18 से 20 मई 2018 के दरमियान मुझे उत्तराखंड के लोक साहित्यकार और प्रख्यात पत्रकार श्री मनोज इष्टवाल जी का साथ मिला और हम देहरादून से रात की बस सेवा लेते हुए द्वारहाट के लिए चल पड़े । 19 मई दोपहर लगभग 11 बजे एक लोकल टैक्सी बुक कर हम रानीखेत से जल्ली मार्ग से होते हुए नैथाणा गढ़ी पहुंचे ।यहां पर एक भव्य मंदिर भी है जिसका नाम नैथाणा देवी है ।ये पूरी गढ़ी लगभग 4 से 5 एकड़ क्षेत्र में फैली है और पुरानी दीवालों के अवशेष देख कर लगता है इससे बड़ा गढ़ शायद ही गढ़वाल में कोई दूसरा रहा होगा । ऊंचे पहाड़ पर स्थित ये जगह बहुत रमणीक और सुंदर है । यहां से रामगंगा की छटा देखते ही बनती है ।इसके साथ ही कुछ दूरी पर एक गांव है जिसे नैथाणा गूँठ कहते हैं । सन 1747 मे पुरिया जी ने वृद्ध अवस्था मे राजा प्रदीप शाह के आग्रह पर अपने जीवन का अंतिम युद्ध यहीं लड़ा था जहां वो बुरी तरह से घायल हुए थे।स्वास्थय लाभ के उपरांत पुरिया जी ने सीमांत लड़ाइयों और गृह युद्ध से बचने के लिए द्वाराहाट से आठ मील दूर एक गढ़ बनाने हेतु महाराज को सलाह दी । इसी के आभार स्वरूप प्रदीप शाह ने वहां पर इस गढ़ का नाम नैथाणा गढ़ रखा पुरिया जी ने यहां पर एक मंदिर का निर्माण भी करवाया जिसे आज नैथाणा मंदिर कहते हैं । द्वारहाट में एक ही जगह ये 4 नामों की उत्पत्ति होने का संयोग कैसे घटित हुआ ???? नैथाणा पर्वत नैथाणा गूँठ गांव नैथाणा गढ़ नैथाणा देवी मंदिर यह सब पुरियाजी के शौर्य प्रदर्शन,गढ़ राज्य के प्रति निष्ठा, समर्पण और राष्ट्र प्रेम का परितोषित था । ( संदर्भ - प्रख्यात सांसद,राजनीतिज्ञ,बुद्धिजीवी एवं लेखक स्व.भक्त दर्शन जी की रचित पुस्तक "गढ़वाल की दिवंगत विभूतियां "में दर्ज है ।) ताज्जुब ये है कि मैंने इस मंदिर समिति के एक सदस्य से पूछा इस नाम की देवी का उल्लेख तो कही हिन्दू धर्म ग्रंथों में मिलता नही ।क्या इसके पीछे की कहानी आपको पता है ?उन्होंने अनिभिज्ञता जाहिर की । 1800 ई के समकालीन युग मे नैथाणा गढ़ का निर्माण हुआ तब ये क्षेत्र गढ़राज्य का हिस्सा था । हाँ इस गढ़ का उल्लेख गढ़वाल के 52 गढ़ों में नही है ? क्योंकि गढ़ राज्य के संस्थापक राजा अजयपाल ने अपने शौर्य से 16 वीं शदी में इन गढ़ो पर विजय प्राप्त की थी । Nirmal
He was not only an adviser to king but also a great warrior.pl read गढ़वाल की दिवंगत विभूतियां by late Bhakt darshan Singh rawat ,gadh Chanaky vir puriya by late Janratn naithani and vir puriya (A research on puriya) by me . Thanx.
Asshu 's fun TV आज utuber bloggers मे एक जाना पहिचाना नाम है ।
पहाड़ कीसंस्कृति,विरासत,इतिहास,मेले,संगीत और शायद ही कोई विधा हो जिस पर इन्होंने अपनी कवरेज न दी हो ।
वीर पुरिया नैथानी जी के इतिहास के बारे में इस ब्लॉग में समय कम होने से पूरी बात न हो पाई और गांव के पुराने 2 बड़े बड़े बंगले ,हाथी थान,पुरिया डांग का इतिहास इत्यादि पर विस्तार में बात न हो पाई ।
हम आशु रावत जी को 31 मार्च 24 को पुरिया स्मारक में पुरिया मूर्ति के अनावरण पर पुनः आमंत्रित करते हैं ।
आशा है आप हमें निराश नहीं करेंगे।
धन्यवाद ।
अपने गाँव को देख कर ही मन गद गद हो जाता है... एक एतिहासिक गाँव, जिसमे पैदा हुए वीर गढ़ चाणक्य पुरिया नैथानी जी🌹 🙏, और नमन है इस गाँव के कर्मठ कार्यकर्ताओं को जो इतिहास के देश के, और गढ़वाल मण्डल के वीर की प्रसिद्धि को चहों दिशाओं में फैला रहे हैं... 🙏🙏💐💐
प्रिय आशु एवं सहयोगियों का धन्यवाद जो सहायक बन रहे हैं इस उपलब्धि मे 💐💐💐
जै माँ भुवनेश्वरी, जै पुरिया दादा
बहुत ही सुंदर वीडियो मैं भी नथाना गांव से 1978 में पांचवी क्लास की बोर्ड की परीक्षा दी थी। आज फिर उसे समय याद आ गया। बहुत बहुत धन्यवाद इस वीडियो को बनाने के लिए ।
प्रणाम नमस्कार आंशु भाई जी आप सभी को हाथ जोड़िक प्रणाम करदु बहुत ही सुन्दर और अच्छु गाॅंव लग जी नैथानी गाॅंव
Ashu bhula thanks ki tum Naithana gaye..maine pahle bhi tumhe is baare main message kiye the...but is baar bhi tum hamare banglow tak nahi ja paaye..vo bhi ek aitihasik imarat hai..agli baar jaroor jana ... hamare great grand father veer Puriyaji ka smarak dikha kar tumne hame dhany kar diya .thanks Ashu bhula🙏💐
बहुत सुन्दर बहुत बढ़िया गाँव है नैथण
Ease hi vedio layain hmara uttarakhand ke baare mai log bhut km jante hain
बहुत बढ़िया व्लाग👍 आपकी वीडियो के माध्यम से हमें ऊपर नैथाना में (जागरी) आदरणीय भाई साहब (श्री राजेन्द्र नैथानी जी) के दर्शन हो गये। धन्यवाद।
Bhaut sunder Gaweion Jai devbhumi uttarakhand
आशु गांव की विडिओ आप बहुत सुंदर बनाते हो
Bahut sundar👌 laga nethana gawo ke bare mein jankar
Hamre purne logo ne bahut kuch kara 🙏
Bahut hi sundar bahut Sundar very nice vlog jay badri vishal Jay dev bhumi jay utrakand Jay Shri Ram 🙏🙏❤️❤️👍👍👍
Bahut hi achchi jaankari
Good goun ke ronak Jai devbhumi uttarakhand❤🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉
बहुत सुंदर भाई ये मेरी मामी मामाजी है
Kavi mere dada ji v is scool me padate the
आशू भुला तेरा कारण नैथाना गाँव जितना भी दिखाया पर तिन। लोगो कू नाम नी पूछी जन करी कोई पछणे नी सकी कलै की हम त धुरोली चल गे छाय वन भी शादी हुँया पचास साल होई गैन पर अपड़ गौ दिखणा की ललक हर बेटी तैँ हूँद
COOL
❤❤❤❤❤❤
आशू कभी नैथाना जाने का मन हुवा तो लोगोँ के नाम जरूर पूछना बडी़ कृपा या यूँ कहूँ किअहसान होगाpushpa kala
Nice
❤❤🎉
Naithana gaon satpuli se kitani duri par hai.
21km
मैंने यहां 1988 में 5 वी का बोर्ड पेपर दिया
Maho day aap galat jankaree provided 0uriya adviser of king of garhwalll puriya dammmad of Shankar doval bazir of mmmahapati shah that time mmadhav bhandari /lodhi rikhola
"पुरिया नैथानी
जन्म माह पर
विशेष "
सफरनामा देहरादून से द्वाराहाट "
(पुरिया नैथानी - एक शोध यात्रा)
( 18 may 2018)
(
18 से 20 मई 2018 के दरमियान मुझे उत्तराखंड के लोक साहित्यकार और प्रख्यात पत्रकार श्री मनोज इष्टवाल जी का साथ मिला और हम देहरादून से रात की बस सेवा लेते हुए द्वारहाट के लिए चल पड़े ।
19 मई दोपहर लगभग 11 बजे एक लोकल टैक्सी बुक कर हम रानीखेत से जल्ली मार्ग से होते हुए नैथाणा गढ़ी पहुंचे ।यहां पर एक भव्य मंदिर भी है जिसका नाम नैथाणा देवी है ।ये पूरी गढ़ी लगभग 4 से 5 एकड़ क्षेत्र में फैली है और पुरानी दीवालों के अवशेष देख कर लगता है इससे बड़ा गढ़ शायद ही गढ़वाल में कोई दूसरा रहा होगा । ऊंचे पहाड़ पर स्थित ये जगह बहुत रमणीक और सुंदर है । यहां से रामगंगा की छटा देखते ही बनती है ।इसके साथ ही कुछ दूरी पर एक गांव है जिसे नैथाणा गूँठ कहते हैं ।
सन 1747 मे पुरिया जी ने वृद्ध अवस्था मे राजा प्रदीप शाह के आग्रह पर अपने जीवन का अंतिम युद्ध यहीं लड़ा था जहां वो बुरी तरह से घायल हुए थे।स्वास्थय लाभ के उपरांत पुरिया जी ने सीमांत लड़ाइयों और गृह युद्ध से बचने के लिए द्वाराहाट से आठ मील दूर एक गढ़ बनाने हेतु महाराज को सलाह दी । इसी के आभार स्वरूप प्रदीप शाह ने वहां पर इस गढ़ का नाम नैथाणा गढ़ रखा पुरिया जी ने यहां पर एक मंदिर का निर्माण भी करवाया जिसे आज नैथाणा मंदिर कहते हैं ।
द्वारहाट में एक ही जगह ये 4 नामों की उत्पत्ति होने का संयोग कैसे घटित हुआ ????
नैथाणा पर्वत
नैथाणा गूँठ गांव
नैथाणा गढ़
नैथाणा देवी मंदिर
यह सब पुरियाजी के शौर्य प्रदर्शन,गढ़ राज्य के प्रति निष्ठा, समर्पण और राष्ट्र प्रेम का परितोषित था ।
( संदर्भ - प्रख्यात सांसद,राजनीतिज्ञ,बुद्धिजीवी एवं लेखक स्व.भक्त दर्शन जी की रचित पुस्तक "गढ़वाल की दिवंगत विभूतियां "में दर्ज है ।)
ताज्जुब ये है कि मैंने इस मंदिर समिति के एक सदस्य से पूछा इस नाम की देवी का उल्लेख तो कही हिन्दू धर्म ग्रंथों में मिलता नही ।क्या इसके पीछे की कहानी आपको पता है ?उन्होंने अनिभिज्ञता जाहिर की ।
1800 ई के समकालीन युग मे नैथाणा गढ़ का निर्माण हुआ तब ये क्षेत्र गढ़राज्य का हिस्सा था । हाँ इस गढ़ का उल्लेख गढ़वाल के 52 गढ़ों में नही है ? क्योंकि गढ़ राज्य के संस्थापक राजा अजयपाल ने अपने शौर्य से 16 वीं शदी में इन गढ़ो पर विजय प्राप्त की थी ।
Nirmal
He was not only an adviser to king but also a great warrior.pl read गढ़वाल की दिवंगत विभूतियां by late Bhakt darshan Singh rawat ,gadh
Chanaky vir puriya by late Janratn naithani and vir puriya (A research on puriya) by me .
Thanx.
Pushpa Kala
अब ये भी आ गया हिंदू मुस्लिम पर कितना घटिया सोच हैं। इन लोगों का