देवव्रत भीष्म पितामह का जन्म Mahabharat Part-1
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- Опубликовано: 23 июн 2024
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कई वर्ष पूर्व हस्तिनापुर नगर में चंद्रवंश के महान और प्रतापी राजा शांतनु राज करते थे। शांतनु राजा का विवाह महर्षि जन्हू की पुत्री गंगा से हुआ था। देवी गंगा की एक शर्त थी कि, राजन कभी भी उनके निजी जीवन में हस्तक्षेप न करें, यदि वे ऐसा करेंगे तो तत्क्षण वे उनका त्याग करेगी। राजा ने अपनी पत्नी को उनकी निजी जीवन में हस्तक्षेप न करने का वचन दिया।
विवाह के बाद महारानी गंगाजी ने एक के बाद एक सात पुत्रों को जन्म दिया किन्तु, सभी पुत्रों को उन्होंने नदी में बहा दिया। राजा वचनबद्ध होने के कारण कुछ न बोल पाए। किंतु जब गंगाजी आठवें पुत्र को नदी में रखने गए तो राजा शांतनु खुद को रोक न पाए और ये सब करने का कारण पूछ बैठे। वचनानुसार गंगाजी उनको अकेले छोड़कर स्वर्ग चले गए।
उस आठवें पुत्र का नाम देवव्रत रखा गया।
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