Assam and NRC: What will happen to 40 Lakhs People? (BBC Hindi)

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  • Опубликовано: 31 июл 2018
  • पहचान और नागरिकता का प्रश्न असम में रहने वाले लाखों लोगों के लिए लंबे वक्त तक परेशानी का सबब बना रहा. असम भारत का वो राज्य है, जहां बहुत-सी जातियों के लोग रहते हैं. बंगाली और असमी बोलने वाले हिंदू भी यहां बसते हैं और उन्हीं के बीच जनजातियों के लोग भी रहते हैं. असम की तीन करोड़ बीस लाख की आबादी में एक तिहाई आबादी मुस्लिमों की हैं. आबादी के प्रतिशत के लिहाज से भारत प्रशासित कश्मीर के बाद सबसे ज़्यादा मुस्लिम यहीं रहते हैं.
    इनमें से कई ब्रितानी शासन के दौरान भारत आकर बस गए प्रवासियों के वंशज हैं.लेकिन पड़ोसी देश बांग्लादेश से आए अवैध प्रवासी दशकों से चिंता का विषय रहे हैं. इनके खिलाफ छह साल तक प्रदर्शन किए गए. इस दौरान सैंकड़ों लोगों की हत्याएं हुईं. इसके बाद 1985 में प्रदर्शनकारियों और केंद्र सरकार के बीच एक समझौता हुआ. सहमति बनी कि जो भी व्यक्ति 24 मार्च 1971 के बाद सही दस्तावेज़ों के बिना असम में घुसा है, उसे विदेशी घोषित किया जाएगा.
    अब विवादित एनआरसी यानी राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर जारी होने के बाद पता चला है कि असम में रह रहे क़रीब 40 लाख लोग अवैध विदेशी हैं.
    स्टोरी: सौतिक बिस्वास
    आवाज़: ज्योतिका
    वीडियो: मनीष जालुई

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