राम राम धर्मेंद्र जी और सुमित सरपंच भाई।मैं अभी हरयाणा मै सरकारी नौकरी लगा हूँ।और निकट भविष्य में शादी भी होने वाली है और मेरा सुरू से ही ये प्लान है कि शादी में आइटम कम रखेंगे लेकिन रखेंगे बहुत बढ़िया ।देसी घी का प्रयोग करेंगे।क्वालिटी पर ध्यान रखा जाएगा न कि क्वांटिटी पर।और इस वीडियो ने ओर ज्यादा मोटिवेट भी कर दिया ।धर्मेंद्र जी ऐसे ऐसे सामाजिक मुद्दों पर सप्ताह में कम से कम एक वीडियो जरूर बनाया करो।🙏🙏
इस चर्चा में अपने बहुत ही अच्छा सामाजिक विषयलिया है धर्मेंद्र भाई आजकल शादियों में फिजूल खर्च ज्यादा होती है खाने की बर्बादी भी ज्यादाहोती है आप समय समय पर समाज को जागरुक करतेरहते हो आप बधाई केपात्र हो
जब खुद के पैसे की आइसक्रीम खाते हैं तो ढक्कन भी चाट लेते हैं। 20 रुपये के पानी पताशे का एक बूंद पानी तक नहीं छोड़ते। फिर किसी की शादी में इतनी प्लेट भरते है और खाकर आधा छोड़ क्यों देते हैं ? कृपया जितना खाना हो उतना ही रखें
राम राम धर्मेन्द्र भाई, यार आपकी सरपंच साहब के साथ हथाई सुनकर मजा आ गया, वास्तव में दिल को छू गई आप दोनों की बातें, हथाई का विषय बहुत अच्छा और जरुरी वाला है🙏,
धर्मेंद्र भाई आपने बहुत अच्छा सब्जेक्ट चुनाव शादियों में खाने की बर्बादी को कैसे रोका जाए यह प्रोग्राम आपने बहुत ही बढ़िया चुना है इस प्रकार के प्रोग्राम आप करते रहिए नरेंद्र सिंह दहिया गांव बढ़ाना सोनीपत
आप की सोच और समाज के प्रति आपकी चिन्ता बिल्कुल जायज़ है सर, लेकिन हम सभी को समय के हिसाब से और समय के साथ साथ चलना चाहिए ये खर्चे भी समय की डिमांड हैं सर ❤❤❤
पहली सुबह नाश्ते में बेसन की मोटी भुजिया व नुक्तिदाना एक डोने में चाय के साथ दिया जाता था, जिसका अलग ही स्वाद होता था। यह उस समय की बात है जब बारात तीन दिन रुकती थी, लगभग सन् 1960 की बात है। विनोद यादव।
24 घंटे 365 दिन में कोई दिन खराब नहीं है। सब सही हैं सभी दिन सभी घड़ी शुभ हैं। दिन में शादी होनी चाहिये। शादी के लिए कोई साहवे निकलवाने की जरूरत नहीं होती। जो चल रहा है वो सभी कुप्रथाएं हैं। वो सभी बंद होनी चाहिए। ऋतु अनुसार परंपरागत खाना जैसे दाल चूरमा दाल चावल घी बूरा तवे की रोटी बस। खाओ और बिना दहेज शादी करो।
धर्मेंद्र भाई हम दो भाई है दोनों के दो दो बेटे है चारों की शादी अलग 2 हुईं बड़े ही धूम धाम से की चारों की शादी में बीन बांसुरी बजवाई लेकिन d j को पास भी नहीं आने दिया पूरा गांव खुश हुआ और जहां बारात लेकर गए वहां भी लोगों ने सराहा
धर्मेंद्र भाई हमारा समाज हमेशा से ही भेड़ चाल को मानने वाला रहा है । मैं देख रहा हूँ कि आपके इस ज्ञानवर्धक वीडियो को एक दिन के बाद लगभग 15 हजार दर्शक मिले हैं जबकि कई यूट्यूबर ऐसे हैं जिनके वीडियो को कुछ ही घंटों में कई मिलियन लोग देख लेते हैं और उन वीडियो में कोरी बकवास के अलावा कुछ नहीं होता । ये हमारे समाज के ज्ञान स्तर को दर्शाता है । और हम अपने आप को बहुत ज्ञानवान , ऋषि मुनियों की संतान कहते हैं ।
धर्मेन्द्र जी अब भी देहात में कुछ जगह पुरानी परिपाटी है, जहां चाहे स्टेंडिंग खाना क्यों ना हो लेकिन थाली -कचौले के साथ जीमने वाले आते हैं।और जमीन पर बैठकर खाते हैं।
धर्मेंद्र जी बहुत बढ़िया एपिसोड बनाया। राजनीति से हट कर एक ज्वलंत मुद्दे पर आपका यह एपिसोड खरा उतरा।मेरे भी कुछ ऐसे ही विचार है पर जब भी मैं यह अपने सर्किल में लोगो को बताता हूं तो पाता हूं कि वे इसपर ज्यादा ध्यान नही देते और उसी पुराने ढरे पर ही रहते है और फिजूल खर्ची व खाने की बर्बादी करते है। बहुत दिखावा करते है। ये एपिसोड सुन कर शायद उनके कुछ विचार बदले।धन्यवाद।
आदरणीय पत्रकार बंधु जी सरपंच साहब आपका बहुत धन्यवाद आपने बहुत गहराई से समाज की शादियों की बुराई पर विश्लेषण किया आप जैसे लोग बहुत कम मिलते हैं चक चांद में रहने वाले ज्यादा है कल हमारे गांव में भी शादी थी डीजे से मैं इतना परेशान होय दिल में चोट लगती थी उसके हटाने का नाम नहीं ले रहे थे आपकी बातों में बहुत सच्चाई है आप इस तरह का विश्लेषण करते रहिए समाज में अगर एक आदमी भी सुधरेगा तो समझो आप सफल है सफल सुझाव हैं आपके नमस्कार प्रणाम जय हिंद
राम राम भाई साहब 🙏🙏🙏🙏 और पॉलिटिकल गुरु चैनल देखने वाले सभी दोस्तों को 🙏🙏🙏🙏🙏🙏 सबसे बड़ा मुद्दा है कि आजकल की शादियों मैं सबसे ज्यादा मात्रा में बेवजह खाना खराब किया जाता है 💯 आधा खाया जाता है और आधा झूठा छोड़ दिया जाता है या कहीं की फेंक दिया जाता है 😢😢😢 लेकिन कोई ग़रीब परिवार का बच्चा खाने आ जाता है उसको भगा दिया जाता है 😢😢 जबकि आधे से ज्यादा खाना फेंकना पड़ेगा भूखे को नहीं खाने नहीं देंगे ये सच है 💯 देखा देखी के मामले में लोग क़र्ज़ मैं डूब रहें झूठी चौधर के झूठे जुमले में पिसता जा रहा है 💯 लेकिन कब तक ऐसे पिसता रहेगा ये सोचने वाली बात है ज्यादा क्या कहूं 😊😊😊 सबको मालूम है सब समघदार है लेकिन मानता कोई नहीं है बस आपका वीडियो समझाने के लिए बनाया गया है 💯,,,, जय हिंद शुभ रात्रि दोस्तों
Grt talk....pta h fir bhi koi toh samne aaya...yaad dilaane.....show off culture...wastage of money....tahi middle class mahnge ka tona rota h ....sumit ji
भाई जी, पहले शुद्ध देसी खाना होता था विवाह शादियों मे दो तीन गिनी चुनी मिठाई हो ती थी,सादा खाना दो सब्जी,पेठा और छोले इसमें छोले VIP सब्जी मानी जाती थी,ऐक रायता बश,सजावट में कुछ भी नहीं था,घर के अंदर जीमणवार होती थी,घर के बारणे आगे खरड़ चारो कुणो से बांध दिया जाता था, क्यों कि,उश समय शादियां दिन के समय गर्मी के मोसम मे होती थी,स्कुल से फर्श/टाट भी बोल देते हैं पर बैठ कर जीमाया जाता था क्या बात थी उश खाणे मे ,अब कुछ भी नहीं है उश के बराबर
Discussion to amazing hoti hi hai "GURUKUL OF POLITICS " per lekin.. Iss video ko dekh ker 1 hi baat mere jo dimag me chal rhi hai Wo ye hai ' appa mere swarag dikhe hai ' Bhai shab isspe koi lok katha ho to Uspe kuch banao 🙏
🙏आदरणीय शादी जब ज़बर साया न हो जब करें, तथा पुरानी रीति अनुसार तीन या पांच से ज्यादा आईटम नहीं होने चाहिए जी🙏 l केवल लिमिटेड न्योते दे कर पवित्र अनुष्ठांन/उत्सव को संपन्न करें जी🙏 l🙏 किसी ऐसे व्यक्ति/परिवार को न्योतने से परहेज करें जिससे उत्सव में खलल पैदा हो -- चाहे कोई लाख बुरा माने अथवा नाराज क्यूँ न हो🙏 l
In this some change is needed. Only limited items to be served to avoid wastage but Dharmendra Ji very difficult to control this situation. This various type of food items served and other activities in marriages needed to be checked and controlled to reduce unnecessary expenditure.Jay Shri Ram.
मेरी नजर में इसके लिए हमें दो काम करने चाहिए। पहला आइटम कम रखें एक मिठाई , दो सब्जी , एक आध और जो भी हो ...लेकिन रखें बेहतरीन स्वादिष्ट। दूसरा दो वेटर को dustbin के पास खड़ा कर दें , जिसकी भी थाली में जो भी बचा हो उसे पैक करके उसको पकड़ा देवें। और जहां प्लेट रखीं हों वहां बड़ा सा सिग्नबोर्ड लगवा दें कि कृपया पहले चखें , अच्छा लगे तो उतना ही लें जितना आपका मन है , अनाज बर्बाद न करें , फिर भी बच जाए तो पैक करवा कर ले जाएं ।
बहुत की जरूरी मसला ह ये समाज में आई देखा देखी के कारण फुहड़ता का चलन हुआ ह हमने खुद मेरे भाई की सादी में नीचे चटाई पे बैठा कर सुध देसी घी का भोजन करवाया लेकिन लोगो ने उस सादी को बहुत ही हीन भावना से देखा समाज का क्या करे
Bhai m mewati se hoon hamare 2 ya 3 meenu hotey hain chak kar khatey hain hum hindu bhai yon ki sadiyon m jaate hain to itney jiyada menu hotey kuch bhi nahi khaya jata itna khana west jata h ki pucho mat bhai
बहुत ही शानदार विचार रखे धर्मेन्द्र जी और सरपंच साहब ने । आप का ये कार्यक्रम बहुत ही शानदार है इसे लगातार जारी रखें।
राम राम धर्मेंद्र जी और सुमित सरपंच भाई।मैं अभी हरयाणा मै सरकारी नौकरी लगा हूँ।और निकट भविष्य में शादी भी होने वाली है और मेरा सुरू से ही ये प्लान है कि शादी में आइटम कम रखेंगे लेकिन रखेंगे बहुत बढ़िया ।देसी घी का प्रयोग करेंगे।क्वालिटी पर ध्यान रखा जाएगा न कि क्वांटिटी पर।और इस वीडियो ने ओर ज्यादा मोटिवेट भी कर दिया ।धर्मेंद्र जी ऐसे ऐसे सामाजिक मुद्दों पर सप्ताह में कम से कम एक वीडियो जरूर बनाया करो।🙏🙏
Bhai ye nya drama haldi and mahandi vale se bhi bachna .totally wastage off money h
बहुत अच्छी सोच है भाई बधाई
Bilkul bhai aapko aisa krna chahiye
Chahe koi kuch bole
इस चर्चा में अपने बहुत ही अच्छा सामाजिक विषयलिया है धर्मेंद्र भाई
आजकल शादियों में फिजूल खर्च ज्यादा होती है खाने की बर्बादी भी ज्यादाहोती है आप समय समय पर समाज को जागरुक करतेरहते हो आप बधाई केपात्र हो
जब खुद के पैसे की आइसक्रीम खाते हैं तो ढक्कन भी चाट लेते हैं। 20 रुपये के पानी पताशे का एक बूंद पानी तक नहीं छोड़ते। फिर किसी की शादी में इतनी प्लेट भरते है और खाकर आधा छोड़ क्यों देते हैं ?
कृपया जितना खाना हो उतना ही रखें
बहुत ही अच्छा आकलन। शायद 10%साथी तो आप की बातों पर गौर करेंगे।
राम राम धर्मेन्द्र भाई, यार आपकी सरपंच साहब के साथ हथाई सुनकर मजा आ गया, वास्तव में दिल को छू गई आप दोनों की बातें, हथाई का विषय बहुत अच्छा और जरुरी वाला है🙏,
बहुत ही बढ़िया बाते बताई है धर्मेन्द्र भाई साहब और सरपंच साहब ने ,हम सब को मिलकर इन सब बातों पर ध्यान देना होगा
धर्मेंद्र भाई आपने बहुत अच्छा सब्जेक्ट चुनाव शादियों में खाने की बर्बादी को कैसे रोका जाए यह प्रोग्राम आपने बहुत ही बढ़िया चुना है इस प्रकार के प्रोग्राम आप करते रहिए नरेंद्र सिंह दहिया गांव बढ़ाना सोनीपत
आप की सोच और समाज के प्रति आपकी चिन्ता बिल्कुल जायज़ है सर, लेकिन हम सभी को समय के हिसाब से और समय के साथ साथ चलना चाहिए ये खर्चे भी समय की डिमांड हैं सर ❤❤❤
Aaj tak ka Sabse achha appisode.
पहली सुबह नाश्ते में बेसन की मोटी भुजिया व नुक्तिदाना एक डोने में चाय के साथ दिया जाता था, जिसका अलग ही स्वाद होता था। यह उस समय की बात है जब बारात तीन दिन रुकती थी, लगभग सन् 1960 की बात है। विनोद यादव।
भाई साहब आपका बहुत बहुत धन्यवाद जनता को जागरूक करने के लिए, आपको कोटि कोटि नमन 🙏🙏
Very nice talk
24 घंटे 365 दिन में कोई दिन खराब नहीं है। सब सही हैं सभी दिन सभी घड़ी शुभ हैं। दिन में शादी होनी चाहिये। शादी के लिए कोई साहवे निकलवाने की जरूरत नहीं होती। जो चल रहा है वो सभी कुप्रथाएं हैं। वो सभी बंद होनी चाहिए। ऋतु अनुसार परंपरागत खाना जैसे दाल चूरमा दाल चावल घी बूरा तवे की रोटी बस। खाओ और बिना दहेज शादी करो।
बहुत ही बेहतरीन❤ विषय लिया है चर्चा के लिए
Bahut badhiya uncle ji aap ki es video se hum naye bacho ko bhi bahut kuch sikhne ko mila please continue es parkar ki video banate raho.
बहुत ही बढिया समाजिक बाते मेरे गांव में एक ही शादी मे बहु हैलिकॉप्टर से आई लङका आईआईटियन है शायद दो महिने मे हिसाब होगा
hum kya or khana bnwayein ...aapke liye ..,hamari re
tierment pe ,? ..Hawan bhai ..pls guide me ..😂😂
Topic is relevant in today's scenario. You have covered everything beautifully with examples. God bless you
बहुत अच्छा विषय पर वीडियो बनाया है भाई
Wonderful n much required suggestion sir
ये उल्टे हाथ से खाना लेने का concept तो कभी ध्यान में ही नहीं आया अब ख्याल रखूंगा ❤❤❤
धर्मेंद्र भाई हम दो भाई है दोनों के दो दो बेटे है चारों की शादी अलग 2 हुईं बड़े ही धूम धाम से की चारों की शादी में बीन बांसुरी बजवाई लेकिन d j को पास भी नहीं आने दिया पूरा गांव खुश हुआ और जहां बारात लेकर गए वहां भी लोगों ने सराहा
Dharmender ji Excellent talk.
बढ़िया वीडियो जी
Bhut shandar Dhermander bhai🎉🎉🎉...No wastage..sabse acha msg rhega
बहुत ही अच्छे मुद्दे पर बात करी आपने
चिंतनीय विषय। बढ़िया चर्चा।
Aap dono dwara pesh ki gayee ashliyat bahut hee achhee lagi. Aap ka bahut dhanyavad.
धर्मेंद्र भाई हमारा समाज हमेशा से ही भेड़ चाल को मानने वाला रहा है । मैं देख रहा हूँ कि आपके इस ज्ञानवर्धक वीडियो को एक दिन के बाद लगभग 15 हजार दर्शक मिले हैं जबकि कई यूट्यूबर ऐसे हैं जिनके वीडियो को कुछ ही घंटों में कई मिलियन लोग देख लेते हैं और उन वीडियो में कोरी बकवास के अलावा कुछ नहीं होता ।
ये हमारे समाज के ज्ञान स्तर को दर्शाता है । और हम अपने आप को बहुत ज्ञानवान , ऋषि मुनियों की संतान कहते हैं ।
पत्रकारिता का मन रखो धर्मेंद्रजी त्यागी ही आपके स्वरुप भारी हैं अन्यथा कोई नहीं अपने इंटरप्रिटेशन डाउन कर रहा है धर्मेंद्र कुमारी 000
Very good topic Bhai ji, aapko salute h
बहुत ही अच्छे विषय पर बात की आप दोनों भाइयों ने आजकल शादियों में कुछ भी शुद्ध नहीं है इसलिए शादियों में खाने से परहेज़ ही करना पड़ता है
सरपंच संदीप शास्त्री के इंटरव्यू का इंतजार है भाई 🙏
Bohot bdiya episode Bhai. You know Health better than the guest but he knows better food. Awesome both of you guys
धर्मेन्द्र जी अब भी देहात में कुछ जगह पुरानी परिपाटी है, जहां चाहे स्टेंडिंग खाना क्यों ना हो लेकिन थाली -कचौले के साथ जीमने वाले आते हैं।और जमीन पर बैठकर खाते हैं।
भाई साहब बहुत ही सुन्दर और अच्छा पोर्गाम
Bahut badhiya Dharmendr bhai
Vichar Rakha aapane
बहुत अच्छी जानकारी दी है आपने।
Very real & relevant issue of marriage is discussed.
भाई जी कोशिश करेगे
Dharmendra ji bahut ache
बहुत ही अच्छा विषय चुना है आपने
बहुत बढिया भाई ऐसी ऐसी जानकारी के लिए धन्यवाद भाई ❤
सर...मैं भी ऐसा चैनल शुरुबात करना चाहती हूँ जी...
Healthy discussion.
Great analysis sir 🎉🎉🎉🎉 Congratulations to both of you ❤❤❤❤
Bahut acha h
V. GOOD
Thanks Dharmender bhai for guidance of how to take food from table 🙏
So nice of you
Sarpanch ji ka experience
Sachai hai
Everyone take message
Ye mera bhi vichaar tha but muskil lag rha tha lekin ab asa hi krne ki puri koshish krunga ap ase program jayda se jhagda kro bar bar kro
❤❤❤ बहुत बढ़िया मुद्दा उठाया भाई जी ❤❤❤
धर्मेंद्र जी और सुमित भाई जी के विचार बहुत सराहनीय और अनुकरणीय हैं ❤ अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचने चाहिएं
Bhai gajab jankari de h apne
Very good motivational vedio.
जमा ए ओड आ लिया।
माल--ए- मुफ्त, दिल ए बेरहम 😊
Bahut badhiya ji
धर्मेंद्र जी बहुत बढ़िया एपिसोड बनाया। राजनीति से हट कर एक ज्वलंत मुद्दे पर आपका यह एपिसोड खरा उतरा।मेरे भी कुछ ऐसे ही विचार है पर जब भी मैं यह अपने सर्किल में लोगो को बताता हूं तो पाता हूं कि वे इसपर ज्यादा ध्यान नही देते और उसी पुराने ढरे पर ही रहते है और फिजूल खर्ची व खाने की बर्बादी करते है। बहुत दिखावा करते है। ये एपिसोड सुन कर शायद उनके कुछ विचार बदले।धन्यवाद।
आदरणीय पत्रकार बंधु जी सरपंच साहब आपका बहुत धन्यवाद आपने बहुत गहराई से समाज की शादियों की बुराई पर विश्लेषण किया आप जैसे लोग बहुत कम मिलते हैं चक चांद में रहने वाले ज्यादा है कल हमारे गांव में भी शादी थी डीजे से मैं इतना परेशान होय दिल में चोट लगती थी उसके हटाने का नाम नहीं ले रहे थे आपकी बातों में बहुत सच्चाई है आप इस तरह का विश्लेषण करते रहिए समाज में अगर एक आदमी भी सुधरेगा तो समझो आप सफल है सफल सुझाव हैं आपके नमस्कार प्रणाम जय हिंद
Nice ji thanks
राम राम भाई साहब 🙏🙏🙏🙏
और पॉलिटिकल गुरु चैनल देखने वाले सभी दोस्तों को 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
सबसे बड़ा मुद्दा है कि
आजकल की शादियों मैं सबसे ज्यादा मात्रा में बेवजह खाना खराब किया जाता है 💯
आधा खाया जाता है और
आधा झूठा छोड़ दिया जाता है
या कहीं की फेंक दिया जाता है 😢😢😢
लेकिन
कोई ग़रीब परिवार का बच्चा खाने आ जाता है उसको भगा दिया जाता है 😢😢
जबकि आधे से ज्यादा खाना फेंकना पड़ेगा
भूखे को नहीं खाने नहीं देंगे
ये सच है 💯
देखा देखी के मामले में लोग क़र्ज़ मैं डूब रहें
झूठी चौधर के झूठे जुमले में पिसता जा रहा है 💯
लेकिन कब तक ऐसे पिसता रहेगा
ये सोचने वाली बात है
ज्यादा क्या कहूं 😊😊😊
सबको मालूम है
सब समघदार है
लेकिन मानता कोई नहीं है
बस आपका वीडियो समझाने के लिए बनाया गया है 💯,,,,
जय हिंद
शुभ रात्रि दोस्तों
Nice video
bhai parmatma apna lambi Umar Deva or nuve society ko tike kro
Very nice 👍
Good baat hai Ji
Very nice
Good talk in society favor❤
❤
Excellent episode Dharmendra ji
Grt talk....pta h fir bhi koi toh samne aaya...yaad dilaane.....show off culture...wastage of money....tahi middle class mahnge ka tona rota h ....sumit ji
Shandaar kaash log amal bhi kre in cheej p
यह विडीयो आपकी बहुत बडिया है
Jarur kare ge bhai ji or aap ko be bulaye ge
धर्मेंद्र भाई DJ की आवाज से भैंस बच्चा गेर दे है।
dono khas manas
Murtha mai 1 hour waiting hoti hai sat Sunday ko sabi dabo par
Ram Ram Dharmender Bhai ji Sumit Bhai ji🎉😊
भाई जी, पहले शुद्ध देसी खाना होता था विवाह शादियों मे दो तीन गिनी चुनी मिठाई हो ती थी,सादा खाना दो सब्जी,पेठा और छोले इसमें छोले VIP सब्जी मानी जाती थी,ऐक रायता बश,सजावट में कुछ भी नहीं था,घर के अंदर जीमणवार होती थी,घर के बारणे आगे खरड़ चारो कुणो से बांध दिया जाता था, क्यों कि,उश समय शादियां दिन के समय गर्मी के मोसम मे होती थी,स्कुल से फर्श/टाट भी बोल देते हैं पर बैठ कर जीमाया जाता था क्या बात थी उश खाणे मे ,अब कुछ भी नहीं है उश के बराबर
Discussion to amazing hoti hi hai "GURUKUL OF POLITICS " per lekin..
Iss video ko dekh ker 1 hi baat mere jo dimag me chal rhi hai
Wo ye hai
' appa mere swarag dikhe hai '
Bhai shab isspe koi lok katha ho to
Uspe kuch banao 🙏
बहुत ही संजीदा इंसान हैं सरपंच साहब
🙏आदरणीय शादी जब ज़बर साया न हो जब करें, तथा पुरानी रीति अनुसार तीन या पांच से ज्यादा आईटम नहीं होने चाहिए जी🙏 l केवल लिमिटेड न्योते दे कर पवित्र अनुष्ठांन/उत्सव को संपन्न करें जी🙏 l🙏 किसी ऐसे व्यक्ति/परिवार को न्योतने से परहेज करें जिससे उत्सव में खलल पैदा हो -- चाहे कोई लाख बुरा माने अथवा नाराज क्यूँ न हो🙏 l
Me yehi shuruwat kerwga 100%
In this some change is needed. Only limited items to be served to avoid wastage but Dharmendra Ji very difficult to control this situation. This various type of food items served and other activities in marriages needed to be checked and controlled to reduce unnecessary expenditure.Jay Shri Ram.
Very good very nice ji per Thora late ker diya Her week bola ish topic PE to
अब तो भूत भोजन यानी बफर मील का ज़माना है 😮
Very good discussion.aap log he logoo ko jagruk kar sakti ho log apne aap nahi jagge
Vita ka ghee sabse best h bilkul pure
🙏आदरणीय क्षमा करें खाने की दुर्गति तो घरों में भी हो रही है इस पर भी कोई प्रोग्राम बनाएं जी🙏✍🏻.
मेरी नजर में इसके लिए हमें दो काम करने चाहिए।
पहला आइटम कम रखें
एक मिठाई , दो सब्जी , एक आध और जो भी हो ...लेकिन रखें बेहतरीन स्वादिष्ट।
दूसरा दो वेटर को dustbin के पास खड़ा कर दें , जिसकी भी थाली में जो भी बचा हो उसे पैक करके उसको पकड़ा देवें।
और जहां प्लेट रखीं हों वहां बड़ा सा सिग्नबोर्ड लगवा दें कि कृपया पहले चखें , अच्छा लगे तो उतना ही लें जितना आपका मन है , अनाज बर्बाद न करें , फिर भी बच जाए तो पैक करवा कर ले जाएं ।
बहुत की जरूरी मसला ह ये समाज में आई देखा देखी के कारण फुहड़ता का चलन हुआ ह हमने खुद मेरे भाई की सादी में नीचे चटाई पे बैठा कर सुध देसी घी का भोजन करवाया लेकिन लोगो ने उस सादी को बहुत ही हीन भावना से देखा समाज का क्या करे
In bhai ki id kya hai
Namskar
Sir pahli bar Kisi patrakaar ne real mudda uthaaya h , sarpanch sahab ne bilkul sachai bataaya h
म 1990से जब भी गुडगांव जाता हूं तो main post office के पीछे शर्मा जी होटल पर खाना खाता हु ।घर जैसा भोजन मिलता है।
आम आदमी नहीं खा सकता भाई जी
aj ki yhi hakit h
पहले जिसका नंबर न्यौते पर नही पड़ता था वो कहता था कि कदै न्यौता खराब कर कै आवै, मै ही चला जाऊंगा 😆😆
🎉🎉
बहुत संवेदनशील मामले हैं ये, इस पर सामूहिक रूप से गंभीर होने की जरूरत है।
Bhai m mewati se hoon hamare 2 ya 3 meenu hotey hain chak kar khatey hain hum hindu bhai yon ki sadiyon m jaate hain to itney jiyada menu hotey kuch bhi nahi khaya jata itna khana west jata h ki pucho mat bhai
Paagal hoye phir hn Sb...
Before this laddu jalebi there was ghee bura in marriages in Haryana.