Todays Top News | 22 June 2024 News | Indian Khabarchi
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- Опубликовано: 18 окт 2024
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1. देश में एंटी-पेपर लीक कानून यानी Public Examination Act 2024 लागू हो गया है। केंद्र ने 21 जून की आधी रात इसकी अधिसूचना जारी की। यह कानून भर्ती परीक्षाओं में नकल और अन्य गड़बड़ियों को रोकने के लिए लाया गया है। इस कानून के तहत, पेपर लीक करने या आंसर शीट के साथ छेड़छाड़ करने पर कम से कम 3 साल की सजा होगी। इसे ₹10 लाख तक के जुर्माने के साथ पांच साल तक बढ़ाया जा सकता है। परीक्षा संचालन के लिए नियुक्त सर्विस प्रोवाइडर अगर दोषी पाया जाता है तो उस पर 1 करोड़ रुपए तक जुर्माना देना होगा। सर्विस प्रोवाइडर अवैध गतिविधियों में शामिल है, तो उससे परीक्षा की लागत वसूल की जाएगी। NEET और UGC-NET जैसी परीक्षाओं में गड़बड़ियों के बीच यह कानून लाने का फैसला बड़ा कदम है। इस कानून से पहले केंद्र सरकार और जांच एजेंसियों के पास परीक्षाओं में गड़बड़ी से जुड़े अपराधों से निपटने के लिए अलग से कोई ठोस कानून नहीं था।
2. NTA ने शुक्रवार को शाम CSIR UGC NET परीक्षा स्थगित कर दी। यह एग्जाम 25 से 27 जून के बीच होना था। परीक्षा स्थगित करने की वजह रिसोर्सेस की कमी बताई गई है। साथ ही NTA ने कहा कि इस परीक्षा के आयोजन के लिए रिवाइज्ड शेड्यूल की घोषणा जल्द ही आधिकारिक वेबसाइट पर की जाएगी। दो दिन पहले 19 जून को गड़बड़ियों की आशंका के बाद NTA ने UGC NET परीक्षा रद्द की थी।
3. सुप्रीम कोर्ट ने NEET काउंसलिंग पर रोक लगाने से फिर एक बार इनकार कर दिया है। एक स्टूडेंट ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी। स्टूडेंट का कहना था कि 773 कैंडिडेट्स बिना ग्रेस मार्क्स पाए फेल हुए हैं। पूरी परीक्षा रद्द कर दोबारा कराई जाए। 8 जुलाई को केस पर सुनवाई होनी है ऐसे में 6 जुलाई से शुरू हो रही काउंसलिंग भी 2 दिनों आगे बढ़ाई जाए। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने काउंसलिंग पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। हालांकि, रीएग्जाम की मांग पर NTA से 2 हफ्तों में जवाब दाखिल करने को कहा है।
4. दिल्ली शराब नीति केस में अरविंद केजरीवाल की जमानत पर 24 घंटे के अंदर ही रोक लग गई। दिल्ली हाईकोर्ट की वेकेशनल बेंच ने शुक्रवार को ED की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा- हम दलीलों पर विचार कर रहे हैं। 24 या 25 जून को हम फैसला सुनाएंगे। तब तक राउज एवेन्यू कोर्ट के फैसले पर रोक रहेगी। दरअसल, 20 जून को शाम 8 बजे राउज एवेन्यू कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को जमानत दे दी थी। जस्टिस न्याय बिंदु की बेंच ने कहा था कि ED के पास अरविंद केजरीवाल के खिलाफ कोई सीधे सबूत नहीं हैं। कोर्ट ने केजरीवाल को 1 लाख के बेल बॉन्ड पर जमानत दे दी थी। लोअर कोर्ट के फैसले के विरोध में ED ने 21 जून को दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका लगाई।
5. हरियाणा से रोज 100 मिलियन गैलन पानी दिए जाने की अपनी मांग को लेकर दिल्ली की जल मंत्री आतिशी 21 जून से भूख हड़ताल कर रही हैं। हड़ताल शुरू करने से पहले उन्होंने राजघाट पहुंचकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। उनके साथ अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता, AAP सांसद संजय सिंह और सौरभ भारद्वाज भी मौजूद थे। आतिशी दक्षिण दिल्ली के भोगल में भूख हड़ताल कर रही हैं। उनका आरोप है कि हर कोशिश के बावजूद, हरियाणा सरकार दिल्ली के हिस्से का पूरा पानी रिलीज नहीं कररही है। हड़ताल के दौरान संजय सिंह ने कहा- हम इस भीषण गर्मी में पशु-पक्षियों के लिए छतों पर पानी रख देते हैं। इंसानों के लिए प्याऊ चलाये जाते हैं, लेकिन BJP वालों के अंदर इतनी क्रूरता भरी है कि वे दिल्ली के लोगों को एक-एक बूंद पानी के लिए तरसा रहे हैं। आतिशी ने X पर पोस्ट में लिखा- दशकों पहले, बापू ने स्वदेश के लिए, आम लोगों के अधिकार के लिए सत्याग्रह का रास्ता अपनाया था। आज उनके दिखाए रास्ते पर मैं दिल्ली के लोगों के लिए अनशन पर बैठ रही हूं।
6. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है। ममता ने मोदी से अपील की है कि तीनों क्रिमिनल कानूनों का लागू होना फिलहाल टाल दें। इन कानूनों को जल्दी में पास किया गया है। तीन नए आपराधिक कानून 1 जुलाई 2024 से लागू हो जाएंगे। सरकार ने 24 फरवरी 2024 को इससे जुड़ी अधिसूचना जारी की थी। यानी इंडियन पीनल कोड (IPC) की जगह भारतीय न्याय संहिता, क्रिमिनल प्रोसीजर कोड (CrPC) की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और एविडेंस एक्ट की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू हो जाएगा। ममता बनर्जी ने लेटर में लिखा- लोकसभा ने आपराधिक कानूनों के तीनों बिल को तब पास किया, जब 146 सांसदों को सस्पेंड किया गया था। कुछ महीनों में चुनाव होने थे। सरकार ने संसद में बिना चर्चा कराए एकतरफा तरीके से बिल पास करा लिए। जिस दिन बिल पास हुए, उस दिन लोकसभा से करीब 100 सदस्यों और दोनों सदनों से कुल मिलाकर 146 सांसदों को निलंबित किया गया था।'मेरी पीएम मोदी से अपील है कि कम से कम इन बिलों को अभी लागू होने से रोकें। वजह दो हैं- नैतिक और व्यावहारिक। अब जब चुनाव हो चुके हैं और नए संसद सदस्य चुनकर आ चुके हैं, तब कानूनों में हुए बदलावों को संसद के सामने रखा जाना चाहिए। ममता ने ये भी कहा- मेरा भरोसा है कि अगर कानून लागू नहीं होते और उनका रीव्यू किया जाता है तो इससे लोगों का न्याय व्यवस्था में विश्वास बढ़ेगा और देश में कानून का शासन लागू होगा।