ॐ शांति 🚩अहिंसा परमो धर्मः अर्थात :- निःसन्देह निर्दोषों को क्षमा करना परम धर्म हैँ l धर्महिंसा तथैव च अर्थात :- अपराधियों, दोषियों को दंड(हिंसा ) देना परमधर्म से भी परम धर्म हैँ 🚩 हिंसा करना -दंड देना 🌙पार्थ सारथी श्री कृष्ण 🔱🔱 सिद्ध आदेश 🔱🔱 जय हो गुरु गोरख (विवेक ) की
कहानी नहीं भाई कथा कहो कहानी झुठ मुठ से बनाईं जाती है कथा सची होती श्रीराम जै राम जैजै राम जयश्रीरामजयश्रीबालाजी जयबजरनगबलि सनकटमोचनबालाजी ओमहरिनारायण नमहशिवाय श्रीहरि विष्णु जी ओम विष्णु महेश बर्मा हरी ओम नमहशिवाय हर-हर महादेव जयमहाकाल जय-जय बजरंग बली ओमहरिनारायण जयश्री बालाजी ओम
Its a बाबा बालकनाथ मतलब भगवान नौ नव नारायन अवतार कथा। महाराष्ट्र में ओर पुरे भारत में इस्के बहोत से सबुत तथा चमत्कार देखे गये हें। मुघलो ने जब इन सबुतो ओर समाधी यो को मिटाने की कोशीष की, पर हर बार नाकाम रहे। ओर बादमें उसि समाधीयो के पीर बना दिये गये। ये बहोत ही अद्भुत हें।
@@nilesh6333 ॐ शांति 🚩अहिंसा परमो धर्मः अर्थात :- निःसन्देह निर्दोषों को क्षमा करना परम धर्म हैँ l धर्महिंसा तथैव च अर्थात :- अपराधियों, दोषियों को दंड(हिंसा ) देना परमधर्म से भी परम धर्म हैँ 🚩 हिंसा करना -दंड देना 🌙पार्थ सारथी श्री कृष्ण 🔱🔱 सिद्ध आदेश 🔱🔱
@@chotharamji6242 ॐ शांति 🚩अहिंसा परमो धर्मः अर्थात :- निःसन्देह निर्दोषों को क्षमा करना परम धर्म हैँ l धर्महिंसा तथैव च अर्थात :- अपराधियों, दोषियों को दंड(हिंसा ) देना परमधर्म से भी परम धर्म हैँ 🚩 हिंसा करना -दंड देना 🌙पार्थ सारथी श्री कृष्ण 🔱🔱 सिद्ध आदेश 🔱🔱
जय हो भरथरी बाबा जी की जय हो ऊदल आल्हा जी की जय हो जय हो जय हो गोरक्षनाथ जी की जय जय हनुमान ज्ञान गुण सागर जय शनिदेव की जय हो जय हो जय हो जय हो जय हो सदा विजय हो ।
Its a बाबा बालकनाथ मतलब भगवान नौ नव नारायन अवतार कथा। महाराष्ट्र में ओर पुरे भारत में इस्के बहोत से सबुत तथा चमत्कार देखे गये हें। मुघलो ने जब इन सबुतो ओर समाधी यो को मिटाने की कोशीष की, पर हर बार नाकाम रहे। ओर बादमें उसि समाधीयो के पीर बना दिये गये। ये बहोत ही अद्भुत हें।
Its a बाबा बालकनाथ मतलब भगवान नौ नव नारायन अवतार कथा। महाराष्ट्र में ओर पुरे भारत में इस्के बहोत से सबुत तथा चमत्कार देखे गये हें। मुघलो ने जब इन सबुतो ओर समाधी यो को मिटाने की कोशीष की, पर हर बार नाकाम रहे। ओर बादमें उसि समाधीयो के पीर बना दिये गये। ये बहोत ही अद्भुत हें।
क्षमा चाहूँगा, लेकिन महत्वपूर्ण बात सामने रखना चाहता हूँ। महाराष्ट्र में नाथ संप्रदाय की कहानी वर्णित कवि मालु इनका मराठी भाषा में ग्रंथ है। जिसका शिर्षक है नवनाथ भक्तिसार । इसमें बिल्कुल अलग कहानी बतायी है जो आपने बताई हुई कहानी से मेल नही खाती। राजा भृतृहारी से पिंगला बेहद प्रेम करती थी और भृतृहारी के मृत्यू की झूठी खबर को सच समझकर वे अपने प्राण त्याग देती है ऐसा मराठी ग्रंथ नवनाथ भक्तिसार में लिखा है। इस ग्रंथ के अध्याय क्रमांक 27, 28, और 29 इनमे भृतृहरी पिंगला का विवाह, पिंगला की मृत्यू के कारण विरह और 29 वे अध्याय में राजा भृतृहरी को गोरखनाथजी द्वारा भगवान दत्तात्रेय के अनुग्रह के लिए ले जाना इन घटनाओं का वर्णन है। भृतृहरी के मित्र विक्रम का विवाह एक राजा की बेटी के साथ संपन्न होता है और उन्ही राजा के प्रधान अपनी कन्या पिंगला का विवाह भृतृहारी से करा देते है। विक्रम अपने राज्य का कुछ हिस्सा भृतृहारी को देते है यह कहानी अध्याय क्रमांक 27 में लिखी है। अध्याय क्रमांक 28 की कहानी दुःखद है और वह इस प्रकार है। राजा भृतृहारी एक दिन मजाक मजाक में रानी पिंगला से सवाल करते है कि अगर उनके जीवीत का कुछ बुरा हुआ तो रानी क्या करेगी। राजा भृतृहारी का यह सवाल रानी पिंगला बरदाश्त नही कर पाती है और वह राजा भृतृहारी से गुस्सा होकर डाँटती है और कहती है कि मैं आपका विरह सह नही सकती, अगर कुछ हो जाए तो मैं तुरंत अपने प्राण त्याग देगी। उनका यह वचन सुनकर राजा भृतृहारी उनकी परिक्षा लेने की सोचते है। कुछ दिन बाद वे अपने कुछ सैनिकों को साथ लेकर दूर जंगल में शिकार करने जाते है। उन्हे रानी पिंगला का वह वचन याद रहता है। रानी की परिक्षा लेने के लिए वे एक हिरन को मारते हैं और उस हिरन के खून में अपने कुछ वस्त्र भिगोकर एक सैनिक के हाथ सौंपते है। और उसे बताते है कि तुरंत नगरी में जाकर रानी पिंगला को यह वस्त्र दिखाकर झूठ बताना की जंगली जानवर के हमले में राजा भृतृहारी की दुःखद मृत्यू हुई। उन्हे यह वस्त्र देकर तुम वापस जंगल में आना । वह सेवक राजा भृतृहारी की बात मानता है और वैसा ही करता है जैसा राजा भृतृहारी ने उसे करने को कहां था। वह नगरी में आकर रानी पिंगला को यह झूठ समाचार रोते रोते बताता है। अपने प्रिय पती की मृत्यू हुई यह सुनकर रानी पिंगला शोक में डूब जाती है। पूरी नगरी शोकमग्न होती है। सेवक वापस जंगल की ओर आता है। इधर नगरी में रानी पिंगला ऐलान करती है कि वही सती जाएगी। वह राजा के वस्त्र लेकर जलती अग्नी में प्रवेश करती है। पूरी नगरी में शोक का माहोल छा जाता है। इधर जंगल में राजा भृतृहारी को बहुत देर के बाद यह सूझता है कि नगरी में न जाने कैसा वातावरण होगा। झूठ खबर तो फैलाई लेकिन पिंगला का क्या हाल होगा। यह सोचकर वे अपने सैनिकोंके साथ शाम को नगरी में पहूँचते है। नगरी के लोग अपने राजा को जिवीत और सुरक्षित देखकर खुश होते है लेकिन रानी पिंगलाने अपने प्राणों का बलिदान किया यह बात वे दुःखद अंतःकरण से राजा भृतृहारी को बताते है। इतनी बडी भूल के कारण अपनी प्रिय पत्नी ने प्राण त्याग दिये यह सूनकर राजा भृतृहारी पछताते है और तुरंत रानी पिंगला की चिता की ओर दौडते है। वे उसी चिता में कूदकर प्राण त्यागने का प्रयास करते है परंतु नगरजन उन्हे पकडकर रोकते है। फिर राजा भृतृहारी शोक जताते हुए और पिंगला पिंगला ऐसा चिल्लाते हुए उसी स्थान पर रुकते है, कई साल बीतते है। यह कहानी नवनाथ भक्तिसार के 28वे अध्याय में लिखी है। अध्याय क्रमांक 29 में यह लिखा है कि भगवान दत्तात्रेय गोरखनाथजी से कहते है कि भृतृहारी को इस मोहमाया से निकालकर सही मार्गपर लाना है। इसीलिए उन्हे तुम मेरे पास ले आओ। गोरखनाथजी भगवान दत्तात्रेय की आज्ञा स्वीकार करके उसी स्थान पहूँचते है जहाँ भृतृहारी पत्नी पिंगला के विरह के कारण बरसोंसे बैठे है। गोरखनाथजी भृतृहारी को अपनी तपस्या के बलपर हजारो पिंगला निर्माण करके दिखाते है। और पिंगला हजारोंकी संख्या में प्रकट होकर भृतृहारी को बताती है कि जो होना था वह तो हो चुका है, व्यर्थ शोक जताने से अच्छा है कि तपस्या करके समाजमें लोगों का सहारा बने। यह बताकर पिंगला अंतर्धान होती है। राजा भृतृहारी के मन में परिवर्तन होता है और वह सोचते है कि तपस्या के बलपर एक नही तो हजारो पिंगला प्रकट हो सकती है तो फीर यह संसार मिथ्या है। तपस्या करके लोगों का सहारा बनना यही तो सही कर्म है। इस प्रकार का ज्ञान उन्हे होता है।
और इसके बाद वे तुरंत गोरखनाथ जी के साथ भगवान दत्तात्रेय के आश्रम जाने के लिए निकलते है। भगवान दत्तात्रेय भृतृहारी को अनुग्रह करते है। अपना सबकुछ त्यागकर भृतृहारी तपस्या करते है और वे राजा भृतृहारी से भर्तरीनाथ होते है। यह कहानी मराठी ग्रंथ नवनाथ भक्तिसार के अध्याय क्रमांक 29 में है। महाराष्ट्र के नवनाथ भक्तों का पसंदिदा ग्रंथ नवनाथ भक्तिसार ही है। अनेक भक्तगण पवित्र सावन महिने में इस ग्रंथ का पारायण करते है। सभी मराठी भक्तों को भृतृहारी और पिंगला की जो कहानी ज्ञात है वह यही है कि पिंगला अपने पती से बेहद प्रेम करती थी और भृतृहारीने मजाक मजाक में उन्हे झूठा संदेश भेजा की जंगली जानवर के हमले मे राजा भृतृहारी की मृत्यू हो गयी यह झूठा संदेश सच मानकर रानि पिंगला ने अपने प्राण त्याग दिये और इस बात का पछतावा राजा भृतृहारी को हुआ और उन्होंने प्रिय पत्नी के विरह में वैराग्य लिया। धन्यवाद
भाई अपनी मातर भाषा हिन्दी है तो फीर अंग्रेजी को प्रयोग कयु करते हैं मायड़ भाषा अति मिठी बोलि लगती है हिन्दुस्तानी होने का दंभ भरते हैं और भाषा अंग्रेजी मामला अन फिट श्री राम जयहो श्रीबालाजी श्रीबालाजी गुछा मत करना फेसबुक पर लाखों तरह के लोग आते हैं हरी नारायण जयहो महाबलिबालाजीकिजयहो ओम नमहशिवाय हर-हर महादेव जयमहाकाल जय-जय बजरंग बली नमो भगवते वासुदेवाय नमो नारायण नमो महशराय जय शिव ओंकारा जयशिव शंकर भोलेनाथ जयहो श्रीबालाजी सालासर दरबार दुनिया बोलें जय-जय कार जयबजरनगबलि सनकटमोचनबालाजी ओम
@@mukeshsonkar4345 भोग विलास का ओर भक्ती का मार्ग दोनों अलग-अलग रास्ते हैं भक्ती मार्ग से जिन्हें बाहर निकला वो भोग विलास में गघुल जाएगा नर्क की जगह भक्ती मार्ग से मोक्ष प्राप्त होंगी हरि नारायण ओमविसनु हरिओम नारायणन ओम हरि नारायण ओम विष्णु जी ओम नमो भगवते वासुदेवाय नम शिवाय हर हर महादेव जयमहाकाल जय-जय बजरंग बली ओमहरिनारायण जयश्री राम
सन्यास का मार्ग अर्थात भगवान शिव जी का मार्ग पर चलने वाला सन्यासी ही एकमात्र संसार में सच्चा जीवन जीता है सांसारिक जीवन जीने वाला मनुष्य किसी न किसी से या लोगों से धोखा अवश्य पाता है क्योंकि संसार एक धोखा दुख है भगवान का मार्ग ही एकमात्र सच्चा मार्ग है भगवान के अलावा अन्य किसी से प्रेम करने पर धोखा मिलता है भगवान से प्रेम करने पर शाश्वत सत्य आनंद,आत्मनिर्भरता अर्थात मोक्ष प्राप्त होता हैं अतः हमें संसार अथवा संसार के लोगों अथवा धन दौलत से प्रेम न करके एकमात्र ईश्वर से प्रेम करना चाहिए राजा भरथरी अपनी पत्नी से धोखा खाए जिसके कारण वह संन्यासी बने हम सभी सच्चे शिवभक्त सनातन धर्म के आजीवन सनातन धर्म प्रचारक चरित्रवान राष्ट्रवादी एक परिवार के एक समान विश्व प्रेमी हैं जय हिंदू राष्ट्र जय सनातन धर्म जय काशी विश्वनाथ हर हर महादेव
इस कथा में उस वेश्या का चरित्र श्रेष्ठ हैं जो एक वेश्या होते हुए भी अपने राज्य और राजा के प्रति विचार उत्तम हैं
S
Bahut achichi
True😊
Bilkul 🎉🎉
वो बिना कामवासी के भी होसकता था
यह कथा मेरे जीवन से बहुत मिलती है मैं भी अब आध्यात्मिक हूं सत्य की राह पर हूं 🙏🌞
पहली बार राजा भरथरी की कथा सुनकर मन में बहुत आनंद महसूस हुआ धन्य है राजा भरथरी जिसका गुरु गोरखनाथ है
0
Llppppp
जो भी प्यारी आंखे अभी मेरा Comment पढ़ रही हैं ईशवर उनके माता पिता को लम्बी आयु प्रदान करें. जय श्री श्याम🙏
Kya, sweet comment hai bro,
🙏🙏🙏🙏🙏
@@tanajipdorikar9198 mk9gm 1inp9
Sb koi yhi kyu dalata hai
जय गुरु गोरख नाथ की ।
ओम नमः शिवाय ओम ।
ॐ शांति
🚩अहिंसा परमो धर्मः
अर्थात :- निःसन्देह निर्दोषों को क्षमा करना परम धर्म हैँ l
धर्महिंसा तथैव च
अर्थात :- अपराधियों, दोषियों को दंड(हिंसा ) देना परमधर्म से भी परम धर्म हैँ 🚩
हिंसा करना -दंड देना
🌙पार्थ सारथी श्री कृष्ण
🔱🔱 सिद्ध आदेश 🔱🔱
जय हो गुरु गोरख (विवेक ) की
@@HinduRashtraMaker789I í(kkn
हर हर महादेव
बहुत सुंदर कहानी और शिक्षाप्रद भी है
कहानी नहीं भाई कथा कहो कहानी झुठ मुठ से बनाईं जाती है कथा सची होती श्रीराम जै राम जैजै राम जयश्रीरामजयश्रीबालाजी जयबजरनगबलि सनकटमोचनबालाजी ओमहरिनारायण नमहशिवाय श्रीहरि विष्णु जी ओम विष्णु महेश बर्मा हरी ओम नमहशिवाय हर-हर महादेव जयमहाकाल जय-जय बजरंग बली ओमहरिनारायण जयश्री बालाजी ओम
कहानीप्रेमी हमारे चैनल पर भी आएं
ऐसे गुरु और शिष्य की जय 🙏ये कहानी बचपन मे मुझे पढाई गई थी लेकिन मुझे ठीक से याद नही.. आज आपसे सुनकर बहुत अच्छा लगा.
How are you.
Juti khani h
@@mansinggujjar4842 kese??
Bestzfofh
कथा वाचन बहोत सुंदर है
भरतरी महाराज जी का मंदिर सरिस्का नेशनल पार्क अलवर राजस्थान में स्थित है आप सभी लोग आइए हमारे यहां बहुत ही पवित्र धार्मिक स्थल है
जय भरतरी महाराज😊😊🙏🚩🚩
ऊँ नमः शिवाय 🙏🙏🙏जय गुरु गोरखनाथ🙏🙏🙏
लाचारी कितनी भी हो...
समझदारी खत्म नहीं होनी चाहिए। ❤
सर्व मान्य महान सनातन संस्कृति की जय 🙏🙏
Its a बाबा बालकनाथ
मतलब
भगवान नौ नव नारायन अवतार कथा।
महाराष्ट्र में ओर पुरे भारत में इस्के बहोत से सबुत तथा चमत्कार देखे गये हें।
मुघलो ने जब इन सबुतो ओर समाधी यो को मिटाने की कोशीष की, पर हर बार नाकाम रहे। ओर बादमें उसि समाधीयो के पीर बना दिये गये।
ये बहोत ही अद्भुत हें।
सही लिखा भाई साहब हम आपकी बातों से सहमत हैरी नारायण ओमविसनु हरिओम नारायणन ओम हरि नारायण ओमविसनु हरिओम नारायणन
@@nilesh6333 ॐ शांति
🚩अहिंसा परमो धर्मः
अर्थात :- निःसन्देह निर्दोषों को क्षमा करना परम धर्म हैँ l
धर्महिंसा तथैव च
अर्थात :- अपराधियों, दोषियों को दंड(हिंसा ) देना परमधर्म से भी परम धर्म हैँ 🚩
हिंसा करना -दंड देना
🌙पार्थ सारथी श्री कृष्ण
🔱🔱 सिद्ध आदेश 🔱🔱
@@chotharamji6242 ॐ शांति
🚩अहिंसा परमो धर्मः
अर्थात :- निःसन्देह निर्दोषों को क्षमा करना परम धर्म हैँ l
धर्महिंसा तथैव च
अर्थात :- अपराधियों, दोषियों को दंड(हिंसा ) देना परमधर्म से भी परम धर्म हैँ 🚩
हिंसा करना -दंड देना
🌙पार्थ सारथी श्री कृष्ण
🔱🔱 सिद्ध आदेश 🔱🔱
कथा बहुत ज्ञानवर्धक बहुत सुंदर लगी राधे राधे जय श्री कृष्ण
बहुत अच्छा बहुत बढ़िया बहुत-बहुत धन्यवाद
जय गुरूदेव गोरखनाथ महाराज न
Jai Shri Goraksh nath ji 👏🌹👏
राजा भर्तृहरि के भजन आज भी गाये जाते है हमारे निर्गुणी भजन गोरक्ष वाणी मे
ॐ गुरु गोरख नाथ नमः, 🚩अलख निरंजन 🙏🚩
Kahani bahut accha laga
Jay Guru Gorekhnath
कहानीप्रेमी हमारे चैनल पर भी आएं
जय गुरु गोरक्षनाथ जी महाराज की
बहुत अच्छी कहानी को कथा के रूप में सुनाने के लिये हार्दिक धन्यवाद्।।सुर्यवंशीं।।
રરરરરૈઐઐઐઐરૈઐઐઐઐઇ
રરરૈરરૈઐ
ઐઐરોઐરરરૈ
રરૈરરર
ઐરોરૈઐરૈઇઐઐઐઐઇઐઐરૈઐઐઐઐઐઇઐરૈઇઇઐઐરૈઓઇઇઐઐઈઇઇઐઇઇરૈઐઐઇઇઇઇરોરિઇઇઐરૈઐઐઇઐઐઇઐઐરૈઐઇઇઇઇઇઇઇઐઐરીઐઐઐઐઐઐઐઐઐઇઇઇઇઐરૈઇઐઐઐઐઇઇઇઐરૈઐઇઇઐઇઇઇઐરૈઐરૈઐઇઇરૈઐઐઐઇઐઐઐરૈઇઇઐરિઇરૈઇરૈઐઐઈઐઇઇઇઐરિઐઐઐઇઐઇઇઐરૈઐઇઇઐઐઇઇઇઐરિઐઐઐઐઇઐઓઇઇઐઇઇઇરિઐઐઇઇઐઇઐઇઇએઐઐઐરૈઐઐઇઇલિઇરિઐઇઇઐઇઐઐઇઇઐરૈઐ
हमारे यहां छत्तीसगढ़ में राजा भरथरी की कथा को लोकगीत के रूप में गाया जाता है।
Gujarat me bhi
Kon sa गीत है wo
Bhiksha re aapo ne maiya pingla
Rajasthan ke alwar me hi inhone tap kiya ye dham hamare pass hai ye dham sariska abhyarnay me hi hai
गीत नहीं भजन के रूप में गाया जाता है श्रीमान जी ओम नमहशिवाय हर-हर महादेव जयमहाकाल जय-जय बजरंग बली जय बाबा गोरखनाथ जी जयश्री बालाजी जयहोश्रीराम
उँ नमो नारायण जयहो राजा भरथरी की
जय गुरू गोरक्षनाथ 🙏🙏🙏
Muje apki har kahaniya bahot knowledgeable lgti hein yeh bhi bahot sundar kahani thi👌👌👌😊😊😊
ये नकली है, असली वजह यह है कि नर हिरण का शिकार किया था तब मादा हिरण ने श्राप दिया तब जोगी बणा ओर पहली भिक्षा पिगला से ली,पिगला भृतहरी से प्रेम करती थी
जय हो भरथरी बाबा जी की जय हो ऊदल आल्हा जी की जय हो जय हो जय हो गोरक्षनाथ जी की जय जय हनुमान ज्ञान गुण सागर जय शनिदेव की जय हो जय हो जय हो जय हो जय हो सदा विजय हो ।
Its a बाबा बालकनाथ
मतलब
भगवान नौ नव नारायन अवतार कथा।
महाराष्ट्र में ओर पुरे भारत में इस्के बहोत से सबुत तथा चमत्कार देखे गये हें।
मुघलो ने जब इन सबुतो ओर समाधी यो को मिटाने की कोशीष की, पर हर बार नाकाम रहे। ओर बादमें उसि समाधीयो के पीर बना दिये गये।
ये बहोत ही अद्भुत हें।
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Jai guru gorakhnath baba....from Gorakhpur Uttar Pradesh 🥰🥰🥰🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼💓💓💓💓💓💓💓🇮🇳🇮🇳
यह देख कर बहुत अच्छा लगा कि हमारे राजस्थान के बारे में भी आपने वीडियो बनाई धन्यवाद
और मेरी फर्म का नाम भी भरतरी ही है
Very very nice video 🙏
जय गुरुदेव
शाकाहारी बनें बनावें
संकट से बचें बचावें।
Its a बाबा बालकनाथ
मतलब
भगवान नौ नव नारायन अवतार कथा।
महाराष्ट्र में ओर पुरे भारत में इस्के बहोत से सबुत तथा चमत्कार देखे गये हें।
मुघलो ने जब इन सबुतो ओर समाधी यो को मिटाने की कोशीष की, पर हर बार नाकाम रहे। ओर बादमें उसि समाधीयो के पीर बना दिये गये।
ये बहोत ही अद्भुत हें।
@@nilesh6333
Aap sahi kehato ho..
Bahut achchha i katha hai 🙏🏻🙏🏻
क्षमा चाहूँगा,
लेकिन महत्वपूर्ण बात सामने रखना चाहता हूँ।
महाराष्ट्र में नाथ संप्रदाय की कहानी वर्णित कवि मालु इनका मराठी भाषा में ग्रंथ है। जिसका शिर्षक है नवनाथ भक्तिसार । इसमें बिल्कुल अलग कहानी बतायी है जो आपने बताई हुई कहानी से मेल नही खाती। राजा भृतृहारी से पिंगला बेहद प्रेम करती थी और भृतृहारी के मृत्यू की झूठी खबर को सच समझकर वे अपने प्राण त्याग देती है ऐसा मराठी ग्रंथ नवनाथ भक्तिसार में लिखा है।
इस ग्रंथ के अध्याय क्रमांक 27, 28, और 29
इनमे भृतृहरी पिंगला का विवाह, पिंगला की मृत्यू के कारण विरह और 29 वे अध्याय में राजा भृतृहरी को गोरखनाथजी द्वारा भगवान दत्तात्रेय के अनुग्रह के लिए ले जाना इन घटनाओं का वर्णन है।
भृतृहरी के मित्र विक्रम का विवाह एक राजा की बेटी के साथ संपन्न होता है और उन्ही राजा के प्रधान अपनी कन्या पिंगला का विवाह भृतृहारी से करा देते है। विक्रम अपने राज्य का कुछ हिस्सा भृतृहारी को देते है यह कहानी अध्याय क्रमांक 27 में लिखी है।
अध्याय क्रमांक 28 की कहानी दुःखद है और वह इस प्रकार है। राजा भृतृहारी एक दिन मजाक मजाक में रानी पिंगला से सवाल करते है कि अगर उनके जीवीत का कुछ बुरा हुआ तो रानी क्या करेगी। राजा भृतृहारी का यह सवाल रानी पिंगला बरदाश्त नही कर पाती है और वह राजा भृतृहारी से गुस्सा होकर डाँटती है और कहती है कि मैं आपका विरह सह नही सकती, अगर कुछ हो जाए तो मैं तुरंत अपने प्राण त्याग देगी। उनका यह वचन सुनकर राजा भृतृहारी उनकी परिक्षा लेने की सोचते है।
कुछ दिन बाद वे अपने कुछ सैनिकों को साथ लेकर दूर जंगल में शिकार करने जाते है।
उन्हे रानी पिंगला का वह वचन याद रहता है।
रानी की परिक्षा लेने के लिए वे एक हिरन को मारते हैं और उस हिरन के खून में अपने कुछ वस्त्र भिगोकर एक सैनिक के हाथ सौंपते है। और उसे बताते है कि तुरंत नगरी में जाकर रानी पिंगला को यह वस्त्र दिखाकर झूठ बताना की जंगली जानवर के हमले में राजा भृतृहारी की दुःखद मृत्यू हुई। उन्हे यह वस्त्र देकर तुम वापस जंगल में आना ।
वह सेवक राजा भृतृहारी की बात मानता है और वैसा ही करता है जैसा राजा भृतृहारी ने उसे करने को कहां था। वह नगरी में आकर रानी पिंगला को यह झूठ समाचार रोते रोते बताता है।
अपने प्रिय पती की मृत्यू हुई यह सुनकर रानी पिंगला शोक में डूब जाती है। पूरी नगरी शोकमग्न होती है।
सेवक वापस जंगल की ओर आता है। इधर नगरी में रानी पिंगला ऐलान करती है कि वही सती जाएगी। वह राजा के वस्त्र लेकर जलती अग्नी में प्रवेश करती है। पूरी नगरी में शोक का माहोल छा जाता है।
इधर जंगल में राजा भृतृहारी को बहुत देर के बाद यह सूझता है कि नगरी में न जाने कैसा वातावरण होगा। झूठ खबर तो फैलाई लेकिन पिंगला का क्या हाल होगा। यह सोचकर वे अपने सैनिकोंके साथ शाम को नगरी में पहूँचते है।
नगरी के लोग अपने राजा को जिवीत और सुरक्षित देखकर खुश होते है लेकिन रानी पिंगलाने अपने प्राणों का बलिदान किया यह बात वे दुःखद अंतःकरण से राजा भृतृहारी को बताते है।
इतनी बडी भूल के कारण अपनी प्रिय पत्नी ने प्राण त्याग दिये यह सूनकर राजा भृतृहारी पछताते है और तुरंत रानी पिंगला की चिता की ओर दौडते है। वे उसी चिता में कूदकर प्राण त्यागने का प्रयास करते है परंतु नगरजन उन्हे पकडकर रोकते है। फिर राजा भृतृहारी शोक जताते हुए और पिंगला पिंगला ऐसा चिल्लाते हुए उसी स्थान पर रुकते है, कई साल बीतते है। यह कहानी नवनाथ भक्तिसार के 28वे अध्याय में लिखी है।
अध्याय क्रमांक 29 में यह लिखा है कि भगवान दत्तात्रेय गोरखनाथजी से कहते है कि भृतृहारी को इस मोहमाया से निकालकर सही मार्गपर लाना है। इसीलिए उन्हे तुम मेरे पास ले आओ।
गोरखनाथजी भगवान दत्तात्रेय की आज्ञा स्वीकार करके उसी स्थान पहूँचते है जहाँ
भृतृहारी पत्नी पिंगला के विरह के कारण बरसोंसे बैठे है।
गोरखनाथजी भृतृहारी को अपनी तपस्या के बलपर हजारो पिंगला निर्माण करके दिखाते है।
और पिंगला हजारोंकी संख्या में प्रकट होकर भृतृहारी को बताती है कि जो होना था वह तो हो चुका है, व्यर्थ शोक जताने से अच्छा है कि तपस्या करके समाजमें लोगों का सहारा बने। यह बताकर पिंगला अंतर्धान होती है। राजा भृतृहारी के मन में परिवर्तन होता है और वह सोचते है कि तपस्या के बलपर एक नही तो हजारो पिंगला प्रकट हो सकती है तो फीर यह संसार मिथ्या है। तपस्या करके लोगों का सहारा बनना यही तो सही कर्म है। इस प्रकार का ज्ञान उन्हे होता है।
और इसके बाद वे तुरंत गोरखनाथ जी के साथ भगवान दत्तात्रेय के आश्रम जाने के लिए निकलते है।
भगवान दत्तात्रेय भृतृहारी को अनुग्रह करते है।
अपना सबकुछ त्यागकर भृतृहारी तपस्या करते है और वे राजा भृतृहारी से भर्तरीनाथ होते है। यह कहानी मराठी ग्रंथ नवनाथ भक्तिसार के अध्याय क्रमांक 29 में है। महाराष्ट्र के नवनाथ भक्तों का पसंदिदा ग्रंथ नवनाथ भक्तिसार ही है।
अनेक भक्तगण पवित्र सावन महिने में इस ग्रंथ का पारायण करते है। सभी मराठी भक्तों को भृतृहारी और पिंगला की जो कहानी ज्ञात है वह यही है कि पिंगला अपने पती से बेहद प्रेम करती थी और भृतृहारीने मजाक मजाक में उन्हे झूठा संदेश भेजा की जंगली जानवर के हमले मे राजा भृतृहारी की मृत्यू हो गयी यह झूठा संदेश सच मानकर रानि पिंगला ने अपने प्राण त्याग दिये और इस बात का पछतावा राजा भृतृहारी को हुआ और उन्होंने प्रिय पत्नी के विरह में वैराग्य लिया। धन्यवाद
Zabardast ....aisa memorable and highly motivational story maine aaj tak nhi suni thi ....
Thank you bosssssss🙂
Please tell us about the king vikramaditya also
Yah bharatarinath he 🔥🔥🔥🔥🔥
Alwar jile me inka Mandir hai
@@heartbeatproduction247 Ha ok
T55
Bahut hi badhiya katha . Dhanyad
जय गोरखनाथ🙏
जय बाबा ओम शिव गोरख नाथ
Amazing knowledge
super kathh saheb
Bahut sundar dhanywad.
Finally 11 minutes
में उज्जैन से हु ओर उज्जैन की बहुत महान कहानियां है
Bahot achi katha... thanku
Bhuat sunder jankari Di he apney thx
कहानीप्रेमी हमारे चैनल पर भी आएं
jai ho bharthari baba ki
Vaesya ही देशभक्त थी
Jay jagannath🙏
My father always go to darsh bhartriji , really he was a great devotional attached with bhartriji
भाेग विलास दुख का कारण है।
भाई अपनी मातर भाषा हिन्दी है तो फीर अंग्रेजी को प्रयोग कयु करते हैं मायड़ भाषा अति मिठी बोलि लगती है हिन्दुस्तानी होने का दंभ भरते हैं और भाषा अंग्रेजी मामला अन फिट श्री राम जयहो श्रीबालाजी श्रीबालाजी गुछा मत करना फेसबुक पर लाखों तरह के लोग आते हैं हरी नारायण जयहो महाबलिबालाजीकिजयहो ओम नमहशिवाय हर-हर महादेव जयमहाकाल जय-जय बजरंग बली नमो भगवते वासुदेवाय नमो नारायण नमो महशराय जय शिव ओंकारा जयशिव शंकर भोलेनाथ जयहो श्रीबालाजी सालासर दरबार दुनिया बोलें जय-जय कार जयबजरनगबलि सनकटमोचनबालाजी ओम
@@mukeshsonkar4345 भोग विलास का ओर भक्ती का मार्ग दोनों अलग-अलग रास्ते हैं भक्ती मार्ग से जिन्हें बाहर निकला वो भोग विलास में गघुल जाएगा नर्क की जगह भक्ती मार्ग से मोक्ष प्राप्त होंगी हरि नारायण ओमविसनु हरिओम नारायणन ओम हरि नारायण ओम विष्णु जी ओम नमो भगवते वासुदेवाय नम शिवाय हर हर महादेव जयमहाकाल जय-जय बजरंग बली ओमहरिनारायण जयश्री राम
@@chotharamji6242 .
Jay Shri Guru Gorakhnath ji
I like this story
बहुत ही अच्छी कथा रहे
Yes katha sun ke mera hriday bohut bohut anand aur prasanna ho uthe.
Namo Narayana
Salvation to my father's soul.
Very nice video....!!!
🙏🙏 जय हो जय हो श्री राधेश्याम 🙏🙏🌹🌹
नाथ पंथ की जय हो जय गुरु गोरखनाथ जय जय गुरु भर्तृहरि नाथ
om namah shivay 🙏🙏🙏
Jai Shree ram 🔥🔥🙏🙏👍👍🕉️🕉️🛕🛕🚩🚩🟧🟧🐯🐯
Bol chatrapati Shivaji Maharaj ki jay 🙏🙏👍👍🔥🔥❤️❤️🟧🟧🚩🚩🛕🛕🕉️🕉️🇮🇳🇮🇳💪💪
Dhan dhan Bharat hari
Jay gurudev Gorakh nath🙏🌺🌼🌸🏵️💮🌼🙏
हरे कृष्ण
हरे कृष्ण
कृष्ण कृष्ण हरे हरे |
हरे राम
हरे राम
राम राम हरे हरे ||
आपकी सभी वीडियो अच्छी है
ईस समय में कोई नहीं पढ़ता अपना शास्त्र या ग्रन्थ सब पाखंड के पिछे पड़े हैं सत साहेब जी
❤🙏HAR HAR MAHADEV🙏❤
Sunder h bhaut sunder h
रूप बसन्त की कहानी भी कहें ।
Very nice...
बहुत सुंदर
Radha Radha Ji Hari Hari Sada Shiv Ji Dhan Dhan Shri Guru Gorakhnath Ji Waheguru Ji 🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹💐💐💐💐💐💐💐💐
Good and share this video
सन्यास का मार्ग अर्थात भगवान शिव जी का मार्ग पर चलने वाला सन्यासी ही एकमात्र संसार में सच्चा जीवन जीता है सांसारिक जीवन जीने वाला मनुष्य किसी न किसी से या लोगों से धोखा अवश्य पाता है क्योंकि संसार एक धोखा दुख है भगवान का मार्ग ही एकमात्र सच्चा मार्ग है भगवान के अलावा अन्य किसी से प्रेम करने पर धोखा मिलता है भगवान से प्रेम करने पर शाश्वत सत्य आनंद,आत्मनिर्भरता अर्थात मोक्ष प्राप्त होता हैं अतः हमें संसार अथवा संसार के लोगों अथवा धन दौलत से प्रेम न करके एकमात्र ईश्वर से प्रेम करना चाहिए राजा भरथरी अपनी पत्नी से धोखा खाए जिसके कारण वह संन्यासी बने हम सभी सच्चे शिवभक्त सनातन धर्म के आजीवन सनातन धर्म प्रचारक चरित्रवान राष्ट्रवादी एक परिवार के एक समान विश्व प्रेमी हैं जय हिंदू राष्ट्र जय सनातन धर्म जय काशी विश्वनाथ हर हर महादेव
जय गुरू गोरख नाथ जी की
जय हो महाराज राजा भरतरी
Nice
Nice analysis 💯
Nice story 👌👌👌
Wowooooo superb story
सर भृताहरी नाथ कि समाधि हमारे गांव के 7किमी हैं
किस गाँव की बात है, पता बताने की कृपा करोगे।।
Patience is a power, and attainment of self knowledge, knowing yourself is everything. Love is just a illusion.
Tum jise love samajh rhe ho vo love nhi h
Great
Jai shree Ram hare Krishna hare Ram hare Krishna Radhe maa
Very nice presentation
How are you.
Thank you
জয়,বাবা ভোলানাথ🌺🌺🌿🌿🌿🙏🙏🙏
Jai baba balak nath ji 🙏🙏🙏
Jai guru gorakh nath ji🙏🙏🙏
What a nice story
Good thoughts
Jai
Mahadev🙏🙏🙏🙏
जय श्री गुरु गोरखनाथ
Very nice 👌👌👌👌 video
Jay Bhagawa🙏 Jay Shree Ram 🙏
Tab se leke aaj tak dhoka hai milata hai😂 isliye kehate hai moh maya mai pat pde raho, hari ke prem mai pagal ho jao na ki kisi stri ke piche
Ravan or Yamraj Ki Ladai vr video banao please
Very nice vidio
🙏🙏 महारज भारतहरी कि जय 🙏🙏
जय श्रीराम 🤎🧡🩷🩶🩵👌👌👌👌👌🙏🙏🙏🙏🙏🤲🤲🤲🤲🤲🤔🤔
सर गोपीचंद की कथा भी जल्द बनाओ 🙏🙏🙏🙏🙏
Jai Ho Raja bharthari
HE JIVIT DEVAADHIDEV PRABHU YESHU MASIH SATGURUDEV MAHAAN ISHAVAR provoke anantjivan de
Very nice story
Baba barthhari Parmar wansh se the . Mere village mai unka mandir hai🙏 jai ho baba barthhari