अदरक की खेती नई तकनीक से ! 2023 me वैज्ञानिक खेती करे

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  • Опубликовано: 29 авг 2024
  • अद्रक की खेती जनकरी
    अदरक की खेती या अदरक की खेती एक प्रसिद्ध और लाभप्रद कृषि प्रक्रिया है। अदरक (जिंजिबर ऑफिसिनेल) एक जड़बूटी है जो दुनिया भर में खाया जाता है और औषधि के उद्देश्‍य से भी प्रयोग होती है। ये विभिन्न मसालों में स्वाद बढ़ाने के लिए और औषधि के रूप में भी प्रयोग होती है।
    भूमि चयन: अदरक की खेती के लिए गहरी और सिलती मिट्टी पसंद की जाती है। भूमि का पीएच मान 6 से 7 हो सकता है। भूमि में अच्छी ड्रेनेज और काफी गर्मी होना चाहिए।
    प्रसन्न क्षेत्र: अदरक की खेती के लिए आपको प्रसन्न क्षेत्र चुनना चाहिए जहां पर प्राचुर रोशनी उपलब्ध हो। शादी गर्मी या ठंडी अदरक की अदावर को प्रभावित कर सकती है।
    बीज चुनाव: अदरक की खेती के लिए स्वस्थ और पोषित बीज का चुनाव करना महत्त्वपूर्ण है। बाज़ार में कई प्रकार के बीज उपलब्ध होते हैं। किसानों को प्रशिक्षण के माध्यम से बेहतर बीज चुनाव कर लेना चाहिए।
    भूमि की तैयारी: खेत में अदरक की खेती के लिए पहले से ही अच्छे तारिके से भूमि की तैयारी कर लेनी चाहिए। इसके लिए भूमि को अच्छी तरह से खुरक से भरपुर कर देना चाहिए।
    रोपन: अदरक की खेती में अदरक के बीज को अच्छे तारिके से बोया जाता है। बेहतर रोपन के लिए बीज को 10-15 सेंटीमीटर की दूरी पर बोया जाता है।
    पानी प्रबंधन: अदरक की खेती में अच्छी ड्रेनेज व्यवस्था की जरूरत होती है, जिससे जल जमा नहीं हो। खेती के पहले दिनों में अदरक की मिट्टी को हल्का गिला ही राखा जाना चाहिए। प्रतिदिन प्राकृतिक रूप से जल दिया जाना चाहिए, लेकिन बहुत अधिक जल नहीं देना चाहिए।
    रोग और कीट प्रबंधन: अदरक की खेती में रोग और कीतों का समय पर प्रबंधन करना जरूरी है। अदरक की फसल में फंगल इन्फेक्शन, जैसे राइजोम रोट, लीफ स्पॉट, और कीट, जैसे रूट-नॉट नेमाटोड, एफिड्स और थ्रिप्स, पैदा हो सकते हैं। पौधों को समय पर रोग अवश्यकत के हिसाब से दवई से प्रबंध करना चाहिए।
    फसल की देखभाल: अदरक की फसल को समय पर देखभाल करना चाहिए। ये प्रधान रूप से प्रमुख है ताकतवर और स्वस्थ पौधों की अदावर के लिए। इसमें शामिल हो सकता है पौधों की उन्नत उन्नति, पट्टन और जादौन की देखभाल, खरपतवार नियंत्रण, और पोषक तत्वों का प्रबंधन।
    पौष्टिक तत्व: अदरक की अदावर को बढ़ाने के लिए पोषक तत्वों की समय पर पूर्ति करना आवश्यक है। फसल के विकास के समय में सामान्य तौर पर 60-80 किग्रा नाइट्रोजन, 40-60 किग्रा फॉस्फोरस और 40-60 किग्रा पोटैशियम प्रति हेक्टेयर प्रयोग किया जा सकता है। इसके अलावा, सही मात्रा में और समय पर सूक्ष्म पोषक तत्व भी प्रदान करने की जरूरत होती है।
    कटाई और उपहार: अदरक की फसल को कटाई का समय सही तारिके से चुना जाना चाहिए। इसके लिए फसल को पकड़ने दिया जाता है और कटाई को तब किया जाता है जब दोनो तरफ से पत्ते और दलिया सुख जाते हैं। कटाई के बाद, अदरक को धूप में अच्छी तरह से सुखा देना चाहिए और उसके बाद उपयोग सुखा और हल्का भंडार में स्टोर कर लेना चाहिए।
    बाजार में बेचना: अदरक की फसल को बाजार में बेचना भी महत्वपूर्ण है। आप उससे जगह मंडी में या फिर बड़े बाजार में बेच सकते हैं। आपको तय करना होगा कि आपकी फसल की किस्मत, गुणवत्ता, और तजायी किया जाए।
    लगत और मुनाफा: अदरक की खेती में लगत और मुनाफा का समय पर अनुमान लगाना जरूरी है। आपको सही तारिके से फसल के खर्च और बेचे गए अदरक की मांग के साथ अपना मुनाफा हिसाब लगाना चाहिए। इससे आप अपनी खेती को व्यवसायिक तारिके से चला सकते हैं।
    उपरोक्त पॉइंट अदरक की खेती करने के लिए महत्वपूर्ण है। अदरक की खेती का जगाओं पर सफल हो सकती है, लेकिन उसके लिए अच्छे तारिके से ध्यान और प्रबंधन की जरूरत होती है। किसानों को ये तारिके और उपाय अपना से पहले कृषि विशेषग्य या स्थानीय कृषि विभाग से सलाह लेनी चाहिए।
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Комментарии • 9

  • @princemaurya4111
    @princemaurya4111 Год назад +2

    👌बहुत बढ़िया...
    .
    हर हर महादेव शिवशम्भू 🙏🚩🚩🚩

  • @imtiyazansari1613
    @imtiyazansari1613 Год назад +2

    Rohit Sharma jarkhand se bol rahe adrak ko jameen mein bone ke bad upar se powal dhakna chahie ya nahin

    • @naturelovefarming8572
      @naturelovefarming8572 Год назад +2

      Ha dhak dena chahiye

    • @The_future_farmar
      @The_future_farmar  Год назад +2

      Note.
      पोवाल की छत अदरक को बारिश, तेज धूप, भीषण तापमान, या अचानक मौसमी परिवर्तनों से सुरक्षा प्रदान कर सकती है। यह अदरक को जलने से, प्रकृतिक आपदाओं से और कीट-रोगों से बचा सकती है। इसके अलावा, पोवाल अदरक की विकास और उच्चतम उत्पादकता के लिए मांसपेशियों को स्थिर रखने में मदद कर सकती है।
      कुछ उच्च गर्मी वाले इलाकों में पोवाल का उपयोग अदरक के लिए अवश्यक नहीं होता है, क्योंकि यहां उच्च तापमान में पोवाल उष्णकटिबंधीय बन सकती है और पर्यावरणीय प्रभाव देशी उगाही के उत्पादन पर हो सकता है।
      (सायद आप को आप के प्रश्न का उत्तर मिल गया है)

  • @naturelovefarming8572
    @naturelovefarming8572 Год назад +1

    Without chemical fertilizers pesticides bina kheti ki ja sakti hai

    • @The_future_farmar
      @The_future_farmar  Год назад +1

      Ji haa sir ki ja sakti hai | organic farming kar ke jishme जैविक उर्वरक, जैविक कीटनाशक ka upyog kar ke!

    • @The_future_farmar
      @The_future_farmar  Год назад +1

      Organic farming par bhi me jald video banaunga

  • @SatpalSingh-us3rm
    @SatpalSingh-us3rm Год назад +1

    भाई बीज ही नहीं मिलती