इंद्रप्रस्थ नगर मुगलों ने बनाया पुराना किला -Purana Qila का सच - महाभारत का सच पुराना किला में मौजूद

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  • Опубликовано: 5 окт 2024
  • इंद्रप्रस्थ नगर मुगलों ने बनाया पुराना किला - Purana Qila का सच - महाभारत का सच पुराना किला में मौजूद
    पुराना किला नई दिल्ली में यमुना नदी के किनारे स्थित प्राचीन दीना-पनाह नगर का आंतरिक किला है। इस किले का निर्माण शेर शाह सूरी ने अपने शासन काल में 1540 से 1545 के बीच करवाया था। किले के तीन बड़े द्वार हैं तथा इसकी विशाल दीवारें हैं। इसके अंदर एक मस्जिद है जिसमें दो तलीय अष्टभुजी स्तंभ है। हिन्दू साहित्य के अनुसार यह किला इंद्रप्रस्थ के स्थल‍ पर है जो पांडवों की विशाल राजधानी होती थी। जबकि इसका निर्माण अफ़गानी शासक शेर शाह सूरी ने 1540 से 1545 के बीच कराया गया, जिसने मुगल बादशाह हुमायूँ से दिल्ली का सिंहासन छीन लिया था। ऐसा कहा जाता है कि मुगल बादशाह हुमायूँ की इस किले के एक से नीचे गिरने के कारण दुर्घटनावश मृत्यु हो गई।
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    इतिहास
    कहा जाता है कि दिल्ली को सर्वप्रथम पांडवों ने अपनी राजधानी इन्द्रप्रस्थ के रूप में बसाया था वह भी ईसापूर्व से 1400 वर्ष पहले, परन्तु इसका कोई पक्का प्रमाण नहीं हैं। आज दिख रहे पुराने किले के दक्षिण पूर्वी भाग में सन 1955 में परीक्षण के लिए कुछ खंदक खोदे गए थे और जो मिट्टी के पात्रों के टुकड़े आदि पाए गए वे महाभारत की कथा से जुड़े अन्य स्थलों से प्राप्त पुरा वस्तुओं से मेल खाते थे जिससे इस पुराने किले के भूभाग को इन्द्रप्रस्थ रहे होने की मान्यता को कुछ बल मिला है। भले ही महाभारत को एक धर्मग्रंथ के रूप में देखते हैं लेकिन बौद्ध साहित्य “अंगुत्तर निकाय” में वर्णित महाजनपदों यथा काशी, कोशल अंग, मगध, अस्मक, अवन्ति, गांधार, चेदी आदि में से बहुतों का उल्लेख महाभारत में भी मिलता है जो इस बात का संकेत है कि यह ग्रन्थ मात्र पौराणिक ही नहीं तथापि कुछ ऐतिहासिकता को भी संजोये हुए हैं।
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    महाभारत का इंद्रप्रस्थ
    महाभारत में उल्लेखित पांडवों की राजधानी इंद्रप्रस्थ सम्भवतः इसी स्थान पर थी। पुराने किले में विभिन्न स्थानों पर शिलापटों पर यह वाक्य लिखे हैं। पांडवों की राजधानी इंद्रप्रस्थ कहां थी? इस बात को लेकर लोगों में बहस होती रही है। लेकिन खुदाई में मिले अवशेषों के आधार पर पुरातत्वविदों का एक बड़ा वर्ग यह मानता है कि पांडवों की राजधानी इसी स्थल पर रही होगी।
    यद्यपि पुरातत्वविदों के पास इस बात के पुख्ता प्रमाण नहीं हैं, लेकिन खुदाई के दौरान यहां मिले बर्तनों के अवशेषों से किले के आसपास पांडवों की राजधानी होने की बात को बल मिलता है। यहां खुदाई में ऐसे बर्तनों के अवशेष मिले हैं, जो महाभारत से जुडे़ अन्य स्थानों पर भी मिले हैं। इसके अलावा महाभारत से जुडे़ प्रसंग और प्राचीन परंपराएं भी इस ओर संकेत करती हैं, कि यहां पांडवों की राजधानी रही होगी।
    भारत में बहुत कम नगर ऐसे हैं, जो दिल्ली की समान पुराने हों। इतिहासकारों के अनुसार पूर्व ऐतिहासिक काल में जिस स्थल पर इंद्रप्रस्थ बसा हुआ था, उसके ऊंचे टीले पर 16 वीं शताब्दी में पुराना किला बनाया गया। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने इस किले की कई स्तरों पर खुदाई की है। खुदाई में प्राचीन भूरे रंग से चित्रित मिट्टी के विशिष्ट बर्तनों के अवशेष मिले हैं, जो महाभारत काल के हैं। ऐसे ही बर्तन अन्य महाभारत कालीन स्थलों पर भी पाए गए हैं। इस बारे में एक तथ्य यह भी है कि इंद्रप्रस्थ के अपभ्रंश इंद्रपरत के नाम का एक गांव वर्तमान शताब्दी के प्रारंभ तक पुराना किला में स्थित था। राजधानी नई दिल्ली का निर्माण करने के दौरान अन्य गांवों के साथ उसे भी हटा दिया गया था। दिल्ली में स्थित सारवल गांव से 1628 ईस्वी का संस्कृत का एक अभिलेख प्राप्त हुआ है। यह अभिलेख लाल किले के संग्रहालय में उपस्थित है। इस अभिलेख में इस गांव के इंद्रप्रस्थ जिले में स्थित होने का उल्लेख है।
    वहीं महाभारत के अनुसार कुरु देश की राजधानी गंगा के किनारे हस्तिनापुर में स्थित थी। जब पांडवों और उनके चचेरे भाई कौरवों के बीच संबंध बिगड़ गए तो कौरवों के पिता धृतराष्ट्र ने पांडवों को यमुना के किनारे खांडवप्रस्थ का क्षेत्र दे दिया। वहां उन्होंने समुद्र जैसे गड्ढों द्वारा घिरे हुए एक नगर को बनाया और उसकी रक्षात्मक प्राचीरें बनाई। विद्वानों का मत है कि पुराना किला की रूपरेखा भी इसी प्रकार की थी। इससे भी स्पष्ट होता है कि इंद्रप्रस्थ एक नगर का नाम था, जो पुराना किला के स्थान पर बसा था और जिस क्षेत्र में यह स्थित था, उस क्षेत्र का नाम खांडवप्रस्थ था। कहा जाता है कि कौरवों पर अपनी विजय के बाद पांडवों ने राजधानी इंद्रप्रस्थ को भगवान कृष्ण से संबंधित किसी यादव वंशज को सौंप दिया।
    एक और प्रसंग है, जिसके अनुसार पांडवों ने कौरवों से पांच गांव मांगे थे। ये वे गाँव थे जिनके नामों के अंत में पत आता है। जो संस्कृत के प्रस्थ का हिंदी साम्य है। ये पत वाले गांव हैं इंदरपत, बागपत, तिलपत, सोनीपत और पानीपत हैं। यह परम्परा महाभारत पर आधारित है। जिन स्थानों के नाम दिए गए हैं। उनमें ओखला नहर के पूर्वी किनारे पर दिल्ली के दक्षिण में लगभग २२ किलोमीटर दूरी पर तिलपत गांव स्थित है। इन सभी स्थलों से महाभारत कालीन भूरे रंग के बर्तन मिले हैं।

Комментарии • 36

  • @dhaneshwartiwari2477
    @dhaneshwartiwari2477 2 года назад +3

    दिल्ली नगर इंद्रप्रस्थ है जो पांडवों की राजधानी थी

  • @pavanpandit7437
    @pavanpandit7437 2 года назад +2

    शेरशाह ने घंटा का निर्माण कराया था ।

  • @akbarsinghyadav8792
    @akbarsinghyadav8792 2 года назад +3

    Indraprashth kingdom was given to bajranabh who was the grand son of lord krishna, by the king of hastinapur maharaja yudhisthir .it is written in holy book bhagwat puran.latter the other generation of king bajranabh were shifted to (gandhar afganishtan) to protect the borders of hastinapur capitals.

  • @rashidaukani5287
    @rashidaukani5287 2 года назад +2

    👍👌🙏

  • @madanlaljangir8883
    @madanlaljangir8883 2 года назад +15

    अगर 1947 के बाद कुछ लोगों ने षड्यंत्र करके भारत के इतिहास को छिपाकर दूसरे मुगलों का इतिहास प्रचारित किया अब सरकारों में इतनी हिम्मत नहीं झूठे इतिहास को बदला जाए और सही इतिहास का पता करके उसको लागू किया जाई पहले तो पाठ्यक्रमों में ही झूठा इतिहास को बताया गया

    • @rajkumar18011
      @rajkumar18011 2 года назад

      Muglo ne sab banaya brahmano ne kya banaya jo bharat sarkar ki income ho

    • @adhiramsarkar8707
      @adhiramsarkar8707 2 года назад

      Ok ok o 🙏 the day I of oo on of ok ok o oo

  • @pharmaguruji7384
    @pharmaguruji7384 2 года назад +1

    Jai Ho

  • @indranidutta1945
    @indranidutta1945 2 года назад +3

    Humayun was barely there in india and he built a quila, so too sher shah! !!!? even the Grand Trunk Road attributed to sher shah has been conclusively proved to be a pre-existing road system if I’m not mistaken predating the Mahabharata and which the Buddha took to reach Kashi. Shame that we are taking so much time to reclaim our history

  • @rajanishpatel6415
    @rajanishpatel6415 2 года назад +3

    Jai shree ram ❤️

  • @MannuMuskanOfficial
    @MannuMuskanOfficial 2 года назад +1

    🙏🙏🙏🙏🙏🙏

  • @nituverma6569
    @nituverma6569 2 года назад +2

    O bhai mhabhart yudd Indonesia mein hua tha.brhmno ne mhabhart bna diya.lekin do bhaio ke beto ki bhut bdi ldai aor khun khraba hua tha.koi bi mha bhart nahi hua tha.
    India mein ek Krishna Raja peda hua tha.Ram bi Thailand mein peda huye thy.bha pe. 10 ekd mein Ayothya bni hui h

  • @AnuragSingh-om6nk
    @AnuragSingh-om6nk 2 года назад +1

    Iske andar masjid kahaan se ban gai

  • @surinderkumar7300
    @surinderkumar7300 2 года назад

    Inder prasat hai killa nahi 🚩🌄jai Sanatan darem ki🙏🙏🚩🌄

  • @dalpatsingh5262
    @dalpatsingh5262 2 года назад

    लाइक करो वीडियो लाइक करो

  • @RamavatarSunita
    @RamavatarSunita 2 года назад +2

    अंग्रेजों ने राज किया मुगलों ने राज किया हमारे देश में आर्यों ने कितने साल राज किया क्या बता सकते हैं इसको आज तक कोई नहीं सच्ची बता ता है

    • @ramrakheanekonchakhearamra9979
      @ramrakheanekonchakhearamra9979 2 года назад +1

      Hindu he vo sab aarya he

    • @goswamiyogeshwar2028
      @goswamiyogeshwar2028 2 года назад +1

      लगता है तुम किसी यूरोपियन देश से आए हो जो आर्य कौन थे ये नहीं जानते ।आर्य भारतीय थे और कहीं से आए नहीं बल्कि यहां से बाहर गए ।और अपने साथ संस्कृत ले गए ।आज भी दुनिया भर की भाषाओं में संस्कृत के शब्द मिल जाते हैं। ईरान यानी आर्यान (आर्यों की बस्ती) से इंडोनेशिया तक सभी आर्य ही हैं जिन्होंने बाद में आसुरी मजहब बनाया और तलवार की नोक पर फैलाया । धर्म शांति का प्रतीक है न कि अत्याचार का

    • @yashwantsingh5568
      @yashwantsingh5568 2 года назад +1

      Aryo ka to desh hi thha ye,hm sb arya he h

  • @fukhankhan256
    @fukhankhan256 2 года назад

    Yh to

  • @rameshsinha5159
    @rameshsinha5159 2 года назад +2

    एक नंबर के झुट जो

  • @badrinarayanchaturvedi4196
    @badrinarayanchaturvedi4196 2 года назад

    Bhartiya rashtriy vichardhara wale itihaaskar Satya swikar Karen ki hinduon ki kayarta aur bevkufi ke Karan aapas mein yuddh karna foot ke Karan musalman angrejon dut ch
    Videshi aakrama karyon ne hindutv Ka satyanash Kar Diya

  • @VinodKumar-bj1xy
    @VinodKumar-bj1xy 2 года назад

    Apna dimag Laga Kar Soch ki mahajanpadon ka Nirman isapur satvin Shatabdi mein hua tha aur Mahabharat mein ine mahajanpadon ke naam likhe hue hain To MHA Bharat kab likha gaya hoga

  • @badrinarayanchaturvedi4196
    @badrinarayanchaturvedi4196 2 года назад

    Bampanthi itihaaskaaron ne sirf musalmanon angrejon ko bhi ishwar man Karke ulta sidha itihaas likh diya jismein neech kamin lutere hatyare aur balatkar Akbar ko mahan bataya Gaya Shivaji ko maharana Pratap ko Shahid bhagat Singh ko chandrashekhar Azad ko andekha Kar Diya

  • @udaybhanosho
    @udaybhanosho 2 года назад

    Fake information

  • @upendrashanbhag600
    @upendrashanbhag600 2 года назад

    GANGAJAL SE SAF KARNA THHA.

  • @rajkumar18011
    @rajkumar18011 2 года назад +1

    Muglo ne bharat me purana kila lalkila kutubminar Taj Mahal sab banaya muglo se pahley bharat ke moolniwasiyo ko kon gulam bana raha tha kisney budh ki sanskriti ko nast kiya itihash me ye nahi bataya itihash sahi nahi likha gaya jai bheem

  • @mehboobsubhanikhilari3590
    @mehboobsubhanikhilari3590 2 года назад +1

    Jhutle bol rahe ho

  • @ashimadutta9834
    @ashimadutta9834 2 года назад

    Musalmani nam change karo

  • @chhayabhavsar4701
    @chhayabhavsar4701 2 года назад

    Koi killa nahi ye to indr prst hai