तानसेन ने अलाप से टेढ़ा कर दिया शिवजी का मंदिर। बेहट tansen ke allap se tedha ho gaya shiv mandir...

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  • Опубликовано: 16 окт 2024
  • तानसेन ने अलाप से टेढ़ा कर दिया शिवजी का मंदिर। बेहट tansen ke allah se tedha ho gaya shiv mandir...
    संगीत सम्राट तानसेन की नगरी ग्वालियर के लिए कहावत प्रसिद्ध है कि यहाँ बच्चे रोते हैं तो सुर में, और पत्थर लुढ़कते हैं तो ताल में। इस नगरी ने पुरातन काल से आज तक एक से बढ़कर एक संगीत प्रतिभाएं संसार को दी हैं और संगीतकार सूर्य तानसेन इनमें सर्वोपरि हैं।[1]
    तानसेन को संगीत का ज्ञान कैसे प्राप्त हुआ? तानसेन हरिदास के साथ वृन्दावन संगीत की शिक्षा ग्रहण की। तानसेन ने मानसिंह की विधवा पत्नी मृगनयनी से संगीत की शिक्षा प्राप्त की।
    प्रारम्भ से ही तानसेन मे दूसरों की नकल करने की अपूर्व क्षमता थी। बालक तानसेन पशु-पक्षियों की तरह- तरह की बोलियों की सच्ची नकल करता था और हिंसक पशुओं की बोली से लोगों को डराया करता था। इसी बीच स्वामी हरिदास से उनकी भेंट हो गयी । उनसे मिलने की भी एक मनोरंजक घटना है।
    उनकी अलग-अलग बोलियों को बोलने की प्रतिभा को देखकर वो काफी प्रभावित हुए। स्वामी जी ने उन्हें उनके पिता से संगीत सिखाने के लिए माँग लिया।इस तरह तानसेन को संगीत का ज्ञान हुआ। 1586 में तानसेन की मृत्यु आगरा में हो गई। और संगीतकार तानसेन की इच्छा अनुसार मोहम्मद गौस के मकबरे के समीप तानसेन का मकबरा बनाया गया जो ग्वालियर में हैं।
    / piyush_32vlogs

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