एकादशी के दिन मृत्यु का होना पुण्यात्मा का प्रतीक है।मेरे विचारों में बैकुंठवासी मनमोहन जी ने पुण्य कार्य ही किए हैं उन्होंने कभी किसी को अपनी वाणी से शायद ही कठोर वचन कहे होंगे? उनकी कथनी करनी और रहनी सहज सरल अहिंसात्मक थी।उन्हें गोलोक या बैकुंठलोक की प्राप्ति होना चाहिए। जय श्रीकृष्ण राधे राधे जय सियाराम नमः शिवाय नारायण नारायण।
सादगी और शालीनता के उदाहरण।गंदी राजनीति से दूर।सौम्य सुशिक्षित सहज सरल व्यक्तित्व।
Jai shree Ram ♈♈♈
एकादशी के दिन मृत्यु का होना पुण्यात्मा का प्रतीक है।मेरे विचारों में बैकुंठवासी मनमोहन जी ने पुण्य कार्य ही किए हैं उन्होंने कभी किसी को अपनी वाणी से शायद ही कठोर वचन कहे होंगे? उनकी कथनी करनी और रहनी सहज सरल अहिंसात्मक थी।उन्हें गोलोक या बैकुंठलोक की प्राप्ति होना चाहिए। जय श्रीकृष्ण राधे राधे जय सियाराम नमः शिवाय नारायण नारायण।
Tumlogo ki dharmik wali bakaeti nhi jaegi
Desh dr. Sahab ko hamesa yaad kaega
Eswar apne charano me sthan de apko