@कौन है उज्जैनी वीर और 52वीर जानिए पुरा इतिहास koun hai ujjaini veer or 52 veer janiye pura etihas
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- Опубликовано: 19 сен 2024
- @कौन है उज्जैनी वीर और 52वीर जानिए पुरा इतिहास koun hai ujjaini veer or 52 veer janiye pura etihas
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वीरों के वीर महाकाल है उज्जैन में हर-हर महादेव हर-हर गंगे ओम् नमः शिवाय ❤❤❤❤❤❤❤
हमारे अंदाज कुछ अलग है
क्योंकि हम उज्जैनी वीर और धोणेरी वीर मामाजी के भक्त है।
बहुत सो के इस विषय पर अलग अलग मत है पर हकीकत यही है। Dhaneri veer का भी एक अलग वीडियो बनाया है जिसमे पुरा इतिहास बताया है आप मेरे चैनल पर जाकर देखे।
हुक्म उज्जैनी वीर भुर सिंह राठौड़ जीने किरवा मामाजी कहते हैं उनका वीडियो बनाओ सा ❤❤
मैंने जो बाते सुनी है उसमें उजैन के राजा वीर विक्रम आदित्य को ही उजैनी वीर कहा गया है। जो की महाकाल के भक्त थे और उनकी कुलदेवी हरसिद्धि मां (हिंगलाज माता) उनकी भी पूजा उनके मंदिर में करते हैं। आप जहा कही भी उजैनी वीर का मंदिर है वह देख सकते हैं। और सबसे बड़ी बात कि वीर को कोई वश में नहीं कर सकता ये किसी के भी दबाव में आकर कोई गलत काम नहीं करते ये हमेशा सच का साथ देते हैं ये मेरा मानना है
🔺 ये मैने जो सुना है उसे जानकर लिखा है कोई गलती हो तो क्षमा चाहता हूं 🙏
जय श्री उज्जैनी वीर 🙏📿🚩
मै भी पहली यही जानता था पर जब पढ़ा जाना और खोजा तो पता चला कि महा काल 52 वीरो मे सबसे बड़े वीर है। वीरो की सिद्धि प्राप्त करते थे तब अधिकतर वीर सिद्ध के वशी भूत हो कर कार्य करते थे
Right
बिल्कुल भाईसाब आपकी बात शत प्रतिशत सही है , वीर विक्रमदित्य को ही उज्जैन वीर मामाजी कहते है
@@SurTarang123और विक्रमादित्य महाकाल और मां हिंगलाज ( वर्तमान पाकिस्तान) के उपासक थे इन्होंने हिंगलाज मां को अपने सिर पर बैठा कर वांकल धाम विरात्रा(बाड़मेर) में बसाया था ।।
Aapki bat shi hai
Bahut achha gyan diya aapne aapko bahut bahut dhanyavaf
Thanks
उज्जैनी वीर भुर सिंह राठौड़ थे और वो उज्जैन के पास वीर हुए थे और वो अपनी बहन के लिए लड़े थे... और उनके भांजे ने उनको ये उपाधि दी थी की आप मेरे मामा हो पर आज आप जगत के मामा केलाओं है...... जय मामाजी री 🙏🙏🚩🚩
राईट
जय महाकाल
उज्जैनी वीर मामाजी का नाम भूरसिंह जी था जो राठौड़ थे इनका जन्म उज्जैन में हुआ और उन्होंने उज्जैन की गायों की रक्षा की थी फिर उन्होंने महाकालेश्वर की तपस्या की थी इसलिए आज भी मां हिंगालज और महाकालेश्वर की पूजा मामाजी के साथ होती है और मामाजी जी का प्रथम पाठ स्थान राजस्थान में बागोल पाली में है फिर किरवा आए और फिर हिंगोला में 52 वीरो की बैठक बुलाई और मुंबई से जैन को एक रात्रि में लाने का प्रस्ताव रखा जो बिठा दलजी गांगजी धोनारी वीरों ने उठाया और वीरों ने एक रात्रि में जैन को हिंगोला लाकर दलजी गोगजी ने अपनी वीरता का परिचय दिया तभी से उज्जेनी वीर मामाजी ने हिंगोला का राज धोनारी वीरों को दिया और आदि गादी का राज किरवा में दिया आज भी उज्जैनी वीर और धोनारी वीर मामाजी का मंदिर साथ में होते है
और धोनारी वीरों ने हिला डाकू को मारकर गायों की रक्षा की थी
🙏🙏
सुनी हुई कथा बताई है सा कुछ गलती हुई हो तो बताना ताकि आगे गलती दोराई ना जाए
जय उज्जैनी अवतार की🙏🙏
मैंने सप्ताह भर पहले ही भूरसिंह राठौड़ पर पुरा वीडियो बनाया है आप मेरे चैनल sur Tarang पर जाकर देखे।
Jay ho ujjaini veer ki.
Vo bhi batao saa
JAY UJJAINI VEER VIKRAMADITYA
जय वीर
मारवाड़ के अलावा एसे देवस्थान कई भी देखने को नहीं मिलते मारवाड़ संतों की भूमि मारवाड़ सुरों की भूमि मारवाड़ में ये मामाजी राठौड़ ही कियो होते हे इन्हें कमध्वज होने घमंड होता हे किया इसकी कोई वजह
ओर भी खूब हुए है
हुक्म उज्जैनी वीर भुर सिंह राठौड़ जीने किरवा मोमाजी कहते है उनका वीडियो बनाओ सा ❤❤
हुक्म उज्जैनी वीर भुर सिंह राठौड़ जीने किरवा मामाजी कहते हैं उनका वीडियो बनाओ सा ❤❤
सादर प्रणाम जानकारी अच्छी लगी पर एक शंका है के राजस्थान मे तो घोड़े पर सवार मूर्ती होती है वो क्यो
मामा जी की मूर्ति है जो घोड़े पर होती है। वीर की मूर्ति घोड़े पर नही होती पर आज कल अपवाद मे कही कही ऐसा भी दिखता है।
Hkm banao saa
जरूर कोशिश करूँगा
Hkm
Rog
Right
UJJAINI VEER MAHARAJA VIKRAMADITYA HE
Ujjani veer bhur singh rathore ko kaha jaata hai
ऐसा भी कहते है
Tho Hkm bhur singh rathore kon the saa
वीर योद्धा थे
Ujjaini veer bhursih rathod hai
Yes
Ujjain veer momaji vo he jiska nam bhursinh rathod veervikram he ssab or pita ka nam dolsinh rathod or mata ka nam mansadevi he vo parmar rathod he mahakal mahadev to unko mela tha or vaha se mahakaal mahadev ujjain momaji ke sath me he
Or ujjain momaji 52 veero me patavi he or aadi gadi ra patavi dhani dhonari veer he ❤❤❤
ऐसी कई लोक कथा ऐ है
Veer vikramaditya ke pitaji ka naam raja Gandharv sen hai bhai saab
नही भाईसाब उज्जैन वीर , वीर विक्रमदित्य थे जिनके पिताजी का नाम गंधर्व सेन था वोही उज्जैन वीर मामाजी महाराज के नाम से प्रसिद्ध है और आधी गादी के पाटवी धोनेरी वीर(दलजी गोगजी मामाजी महाराज) है
Shree Ujjanj veer mamaji or veer vikramdvitya maharaj ke itihas me bhut si jankariya vanchit hai or bhut sara confusion. Bhi hai koi kehta hai unka nam bhur Singh ji Rathore tha koi veer vikramdvitya koi bhur Singh ji ko inka pota batata hai lekin kisi ke pas purn itihas ni h is bare me
Bagdaram ji Bedal or premaram ji jat ki. Katha me h bhut Singh ji Rathore ke bare me sir
Shahid vo hote he jo Islam ke Lia ladte hua marte he vo. Or Harare dharm ne use veergati ko prapt karna kahoge harsh hoga Kripya is par jarur sochiaga
जरूर
उज्जैन विर महादेव का गोप बालक के मामा बन कर आएं थे अतः महाकाल सदाशिव नागेन्द्र नागेश्वरनाथ विश्वनाथ कासी नाथ महादेव ही उज्जैन मामाजी कहलाए है
बिल्कुल सही