मैडम जी अपने जानकारी में सुधार कर लीजिए;- 1. सभी सतनामी पंजाब से नहीं आए नारनौल युद्ध में पराजय के बाद देश के विभिन्न भागों में पलायन हुआ जिसमें से कुछ सतनामी छत्तीसगढ़ आए, इन्हीं के वंशजों में गुरु घासीदास जी का जन्म हुआ. जबकि उस समय भी छत्तीसगढ़ में सतनामी रहते थे और वे यहीं के मूल निवासी थे. सतनामी सिर्फ पंजाब या छत्तीसगढ़ में नहीं बल्कि देश विदेश के विभिन्न क्षेत्रों में निवास करते हैं. 2. सतनामी चमार नहीं हैं, सन 1820 में सतनामी क्रांति हुआ और विभिन्न कथित जाति वर्ग के लाखों लोग अपने पूर्व जाति का त्याग कर सतनामी बनने लगे. जिसमें सबसे अधिक संख्या अहिर, तेली, कुर्मी, आदिवासी, तुरानी के साथ ही कम संख्या में ब्राम्हण, क्षत्रिय व कथित निम्न जाति के लोग सामिल हुए. इसका ऐतिहासिक रिकॉर्ड है. छत्तीसगढ़ में चमार कोई जाति नहीं है बल्कि एक गाली है किसी को अपमानित करने और नीचा दिखाने का. और यह काम सतनामी क्रांति के आंधी को रोकने के लिए किया गया जब लोग अपने जाति को छोड़कर सतनामी बनना शुरू किए तो उन्हें चमार कहकर अपमानित किया जाता था ताकि सतनामी बनना रुक जाए, जब इसमें भी सफल नहीं हुए तो सभी सतनामियों को चमार कहना शुरू कर दिए, लेकिन सतनामियों ने अपने को सिर्फ सतनामी माना, उनका संबंध चमड़े के कार्य से कभी नहीं रहा. एक बार सोंच कर देखिए कि अन्य जातियों के लोग चमार क्यों बनेंगे? ऐतिहासिक रिकॉर्ड को छोड़िए, तेलासी गांव जाइए वहां आज भी अहिर [रावत/यादव] और तेली से सतनामी बने लोगों से प्रत्यक्ष रूप से मिल सकते हैं. अपने गलती का सुधार करें, गुरु का आशीर्वाद आप पर बना रहे. सतनाम! गुरु का आशीर्वाद आप पर बना रहे, सतनाम!
सतनामी नारनौल जिला महेंद्रगढ़ हरियाणा के रहने वाले थे। ये लोग गुरु रविदास जी को अपना आदर्श मानते थे। जब वहां पर औरंगजेब की सेना के साथ विद्रोह हुआ तो वहां की उच्च जातियों ने भी सतनामियों का विरोध किया था। क्योंकि ये लोग हिन्दू धर्म के विरुद्ध देवी देवता व मूर्ति पूजा के खिलाफ थे। यहां की उच्च जातियों ब्राह्मण, बणिया , राजपूत व अहीर आदि ने इस संघर्ष में मुगलों का साथ दिया था। इस विद्रोह को दबाने के लिए औरंगजेब ने बहुत से सतनामियों को मार दिया गया और कुछ बचे हुए सतनामी वसा से अपने आप को छिपा कर दुसरी जगह चले गए। हमारा परिवार भी उन्हीं में से एक है। जो नारनौल से छिपकर रोहतक आ गये थे। फिर किसी कारणवश हमारे पूर्वजों ने रोहतक छोड़कर जीन्द में अपना ठिकाना बनाया। सन्त घासीदास जी उन्हीं सतनामियों में से एक थे।
इस लडकी को सतनाम धर्म के बारे में कुछ जानकारी नहीं है फर्जी बात कर रही हैं। हम छत्तीसगढ़ वासी हैं पूरे देश समाज के लोग हैं पहले हम बुद्धिस्ट थे सिरपुर बाबा जी ससुराल हैं, बुद्ध धम्म की कई विरासत है। 1862 में बालक दास जी हत्या के बाद सतनाम धर्म से परिवर्तित कर सतनामी जाति बनाया समाज के कुछ गुलाम लोग जो ब्राह्मणों से मिलकर समाज को तोड़ा और समाज में उच्च नीच का भाव डाला गया हैं। गुरु प्रथा यानी ब्राह्मण प्रथा है।
अरे तुम इस तरह से कैसे बोल सकती हो मैडम जब तुमको सतनामी समाज के बारे में जानकारी नही है तो मत बोलिए ये सतनामी समाज औरंगजेब को लगातार चार बार पराजित किया है ऐसा समाज है आज तुम इतना बोल रही हो ना हमारी बदौलत सतनामी समाज और हमारे बाबा गुरु विश्ववंदनी गुरु घासीदास और संविधान निर्माता बाबा साहब भीमराव अंबेडकर तुम्हारे पूर्वज रहे हैं रिपोर्टर हो ना इन्ही के वजह से ज्यादा बोलने से पहले हमारी इतिहास जान लेती तो अच्छा होता
@@mukeshsahu7637 अरे साहू तुम तो ऐसे बोल रहे हो मानो तुम्हाते बहनों के घर ख़ुश तुम्हारी बहनों का चड्डी निकाल खाल निकलने का काम किया हो तेरी माँ का इज्जत लिये लिया हो। क्या दुश्मन किए है जो बोल रहा हैं।कि अपने बीवी को इज्जत लुटवाते हो
@@nehapatle7979 Miss Neha ji koi Mr sahu ne jisne mere comment me reply Kiya tha uske liye bola hu ki "tum to bolo hi mt" Pr vo usko delete krke bhg gya😆
सतनामी समाज को बदनाम करने वालो ये बताओ अपने सगी बहन बेटियों का बलात्कार कर जेल में बंद हैं वो कौन सा धर्म से है अनेकों उदाहरण दे सकता हूं मेरे पास जानकारी है.
सतनामी छत्तीसगढ़ के संत पंडित गुरुवंश वा राजा हैं यहां गुरु वंश ने राज पाठ चलाया है यहां प्राचीनतम मुख्य रूप से कृषि को महत्व दिया है यहां 30/50/80/100 एकड़ जमीन वाले जमीदार गोटिया मालगुजार है।एक ओर बात यह कि यहां अनेको राजा दशरथ है 3पत्नी 4/5 पत्नी रखने वाले महान पुरुष ❤ है। सतनाम धर्म में नशा मांस मदिरा का कोई स्थान नहीं है। देवी जी आपने चमड़े का कार्य सतनामी से जोड़ा है यह गलत है यह शासन की अति मूर्खता कार्य है क्योंकि चमड़े का कार्य करने वाले हिंदू धर्म में एक जाति हैं उन्हें विशेष सम्मान अधिकार महत्व देने में सरकार विफल है जो समाज के अभिन्न अंग है।यह भी ना भूलना की भारत में कृषि के साथ चमड़े का वस्तु उतना ही प्राचीन है, और उतना ही प्राचीन है भारत में वो लोग।
सतनामी समाज के बारे में गलत जानकारी देने के लिए मैडम को माफी मांगनी चाहिए कृपया करके मीडिया से निवेदन है कि गलत जानकारी नहीं देना चाहिए जानकारी नहीं है तो सतनामी समाज एक अपने समाज का ब्रांड है जहां गलत होता है वहां पहुंच जाता है कृपया करके किसी भी समाज से जोड़ के ना देखें सतनामी समाज एक अपना ही समाज का महान ब्रांड है किसी के सामने झुकता नहीं है हमारा इतिहास पढ़ कर देख लो सही जानकारी मिलेगा तो आप इस समाज को सुबह शाम पूजा करोगे
मैडम सतनामी के बारे गलत जानकारी देना आपकी सेहत के लिए ठीक नहीं हमारा समाज कभी भी चमड़े। का काम नहीं किया और गलत नही सहा ऐसा ना हो अगला आंदोलन आप के ऊपर हों जायेगा जुबान को लगाम दो
हम लोग हमेशा संविधान पर चलती है इसलिए हम लोग कुछ भी कर सकते हैं जय सतनाम जय गुरु बालक दास साहब आप लोग को जानते है आलोक का अधिकार क्या है हमारा सादा झंडा का और बड़ा बड़ा राजनीति को एक बात बोलना चाहता हूं आप लोग लालच करना बंद कीजिए मारेगा तो आपके कोई काम नहीं आएगा आपका ध्यान दो कहानी सिर्फ गरीब व्यक्ति का साथ दो हर व्यक्ति को अपने ही समझो आपकी लोग का बच्चा समझो यह है हमारा संविधान भीम भाई
नो गेंद असन तोड़ मुंह हा दिखत हे वो जैसे पाए वैसे बोल दिए ।। संत गुरू घासीदास बाबा के माता पिता के नाम भी तोला पता हे ।। तोला तोर खुद के बाप दादा के पांच पीढ़ी के नाम पता ही जो बाबा के इतिहास बताए आए हस। न्यूज ट्रेंडिंग मा हे ता मुंह उठाके कुछ भी मत बोल समझ गए ।। वीडियो डिलीट कर चुप चाप
1756 मे जब हमारे बाबा गुरू घासीदास जी जनम लिए तो ये 1857 कहाँ से ला रही है.. और चमड़ा के काम मोची मन के हरय हमर नहीं ये पूरा जग जानत हे.... छत्तीसगढ़ के मालगुजार मे गिनती अगर आथे त सतनामी के नाम जरूर शामिल करें जाथे.. अउ आप कोन से तर्क से पंजाब कनेक्शन केहे हव सबूत के साथ बताओ जनता ला..... ❓
बाबा जी का जन्म सन 1756 मे हुआ था ना की 1665 या 1857 ओर ना ही इस्का पजब से कोई जुड़ाओ है आपकी रीपोर्ट पूरी तरह से झुटी है पहले खुद जाच किजीये उसके बाद दूसरो को ज्ञान देवे 🙏जय सतनाम 🙏
Aapka dil se Dhanyawad Hm Satnamiyon parichit karane k liye duniya k samne, but chhattisgarh me satnami 1700 years tk complete aa chuke the,baba Guru Ghasidas Ji k Janm in year 18Desembar1756 h ,1800 nhi h vo year
जब तुम्हे जानकारी नहीं है तो क्यों बक बक कर रही है सतनामी को गलत सालत बता कर....सतनामी धर्म है एक सतनाम।को मानने वाले...जितने तुम नाम गिना रहे हो उसे कोई लेना देना नही सतनाम गुरुओं का..समझे और अपना विडियो डिलीट कर अन्यथा तुम्हारे ऊपर एफआईआर कराया जायेगा
Tumhe Satanmi samaj ke bare me kuchh bhi sahi jankari nahi pata hamere samaj ne 13 bar aurangjeb ko haraya hai.. galat jankari falane keep wajah se tum par F.I.R bhi ho jayega
बहुत गलत वर्णन है आपत्तिजनक बात बताई है जब भी सतनामी के बारे में दुसरे जाति के लोग बताते है सतनामियो का अपमान करने के उद्देश्य से बताते हैं और सभी बातों को खुद से जोड लेते हैं कभी भी सतनामी चमड़े से जुड़े कार्य नहीं किया है । बल्कि कुछ कौम के लोग कई प्रकार के अपवित्र जीवन जीते थे वे सतनामी बनकर उच्च जीवन शैली को अपनाये हैं सतनामी मनुष्य को सुधारा है जीवन शैली को उच्च बनाया है । सतनामियों का कार्य पवित्रता भरा उच्च आचरण भरा होता है सत का पूजक होता है सच्चा कार्य सच आचरण करता है ध्यान साधना परोपकार सेवा ये सतनामी के आचरण में होता है इस विडियो को तुरंत डिलिट करें इसमें गलत बयान है जानकारी गलत दिया गया है जानकारी नहीँ है तो विडियो न बनायें गलत प्रचार न करें इन्हीं बातों से सतनामी का भावना आहत होता है ।
आप अपनी जबान पे लगाम रख कर न्यूज बनाए और आप को जानकारी नहीं है तो कुछ भी ना बोले चमड़े काम कोन करता है और करता था उसे देख लो समझ लो फिर बोलना मेरी समाज से निवेदन है कि इसके ऊपर भी कार्य वही होनी चाहिए
कौशिक ma,am प्रदेश में सतनामियों की जनसंख्या वर्तमान गणना के अनुसार लगभग 30से 35 लाख है। क्योंकि कुल एससी 13प्रतिशत बताया गया है। ज्यादातर सतनामी देश के तमाम प्रदेशों में कामकाज के लिए पलायन पर रहते हैं जिसके चलते 2011 की जनगणना में आंकड़े कम पाए गए हैं। कृपया सुधार कर लें और दूसरी बात सतनामी समाज के लोग मूलतः कृषक हैं ,cg में अग्रेजों के शासनकाल में कुल81 सतनामी मालगुजार थे रायपुर का पुराना गजेटियर का अध्ययन कर लीजिए। आपने पहले बोला की ये लोग पिछडे वर्ग में गिने जाते थे,आप इस समाज के बारे में जो बोले हैं की जब पंजाब से आए तो चमड़े के भी काम करते थे ये बिलकुल गलत है।ये समाज विशुद्ध कृषक,निर्गुणधारा के मानने वाले अति तार्किक और पाखंड कर्मकांड के विरोधी हैं। कबीर और गुरु बाबाघासीदास जी के सिध्दांतों पर चलने वाले हैं ।,हमारी आपत्तियों पर सुधार कर सतनामियो के गौरवशाली इतिहास को रखिए। इस समाज को अपमानित करने का काम हिंदू लेखक शुरू से करते आ रहे हैं आप सुधार करें अन्यथा आपके विरुद्ध सामाजिक अंदोदन किया जा सकता है।
मेरे ख्याल से यह न्यूज़ चैनल ही घटिया है सतनामी समाज ने चमड़े का काम कभी नहीं किया सतनामी समाज और छत्तीसगढ़ का राजा है भाई छत्तीसगढ़ में जितने भी जमीन हैं सभी सतनामी की जमीन है सतनामी समाज ही था जो सबसे पहले किसानी काम किया था। छत्तीसगढ़ में ऐसा कोई भी समझ नहीं है जो सतनामी के घर नौकर न लगा हो
बिल्कुल सही कहा आपने।इस आंदोलन का पंजाब से क्या लेना देना है ,बहाना से सतनामी के इतिहास बता रही है ताकि जाने हम लोग कौनहै अंदर में गुस्सा है सतनामियो के लिए इस एंकर के अंदर
@@mainamanjur6938 याने की छुवा छूत चरम पर था ,ये सब ब्राम्हनों के द्वारा बनाए गए घटिया सोच के कारण संभव था न उसका कारण एक ही था मूर्ति पूजा नहीं करना पाखंड वाद में नही चलना मांस मटन नही खाना, इस लिए ब्राम्हण के झोला नही भरते थे ,सतनामी खुद फैसला लेते है अपने काम खुद निपटाते है दूसरे की बताए रास्ते में चलना पसंद नही करते है , सतनामी सबसे बड़े पंडित भी है, ब्राम्हण के सिवाय दूसरे समाज में पंडित नही है सब परजीवी है वेलोग जैसे कह देगा वैसे मान लेते है आंख बंद करके खुद में सक्ती नही होते ,कबीर साहेब ने गुरु घासीदास बाबा ने कहा है जो मिट्टी पत्थर के मूर्ति अपने ऊपर बैठे हुए मक्खी मच्छर को नही भगा सकते वो तुम्हे क्या देगा बाबू हो ,इस लिए ब्राम्हण लोग दूसरे समाज वालों के अंदर ये जहर कूट कूट कर भर दिया था वे लोग उन लोगो के जाल में उलझ गए थे , अब कैसे कुछ नही होता है सतनामी घर खाने से आज तक कोई मरा है ,जब पानी को छू देने से पानी में छूत लग जाते थे तो सतनामी जैसे सक्ती साली आदमी कोई हो ही नहीसकता है , पानी के रंग तुरंत बदलना चाहिए था , भाई जी ये सब न डाक्टर भीम राव अम्बेडकर की देन है जिसे आप फलों कर रहे हो पूरा देश 24 घंटे फलों करते है, जय सतनाम जी
सतनामी के इतिहास कोई दो ढाई साल पुराना नहीं है। सतनामी का इतिहास सृष्टि के प्रारम्भ से हैं। जिसको सोलह गुरुओं ने सिलसिले वार आगे बढ़ाता गया। जिसको गुरु घासीदास बाबा जी ने और उसके बाद उनके पुत्रों ने जिसका नाम - बालब्रह्मचारी गुरु अमरदास बाबा, बलिदानी राजा गुरु बालकदास जी, गुरु गोसाई आगर दास जी सतनामी शुरू से सभी प्रदेशों में निवासरत थे। और सतनामी कभी चमड़े की काम नहीं किया।गलत संदेश न फैलाएं। विडियो की वो लाईन कट करें।
ये वही लोग है जो हमारे समाज को कुछ भी बोल बोल के पुरा लांछन लगा के रख दिये है । हमारा सम्बन्ध कभी रविदास सम्प्रदाय से नई रहा न ही बौद्धों से । सतनामी समाज से विशेष आग्रह है कि ऐसे फालतू के लोगो और फालतू के न्यूज़ से दूर रहे ये सब चमचे है ।
स्वाति कौशिक जी जब आपको किसी मुद्दे या धार्मिक संगठन,या किसी समुदाय की वास्तविक जानकारी नही है।तो गलत और असंवैधानिक बात नही करनी चाहिए।हम आपके द्वारा कहे गए शब्दों की कड़ी निंदा करते हैं।सतनामी कभी भी चमड़े के व्यवसाय नही किया करते।आपको शर्म आनी चाहिए।
@@RajBaghel-w8jगुरु रविदास महाराज जी को सतनामी मानों भाई सारे गुरु रविदास मंदिर को सतनामी करो क्योंकि गुरु रविदास महाराज जी महान संत हैं जो भी चमार कहेगा गुरु रविदास महाराज जी को लठ्ठ मारों क्योंकि जब चमारों के अंश बता रहे हैं तो गुरु रविदास महाराज जी के मंदिर सारे सतनामी समाज के नाम करवाओ इन का पिछवाड़ा तोड़ो जो हिन्दू धर्म के लोग ऐसे बोलते हैं फिर तो पूरा कब्जा करो गुरु रविदास मंदिर पर सतनामी भाईयों जिस मंदिर में पंडित बिठा रखा है गुरु रविदास महाराज जी के वहां के पंडित को बाहर फेंके क्योंकि वहां का पूजारी सिर्फ सतनामी ही बनेगा सतनामी समाज को फायदा है इसमें जय सतनामी समाज जय गुरु रविदास महाराज जी जय गुरु घासीदास महाराज जी गुरु रविदास महाराज जी ने भी सतनाम जाप कराया है इसलिए गुरु रविदास महाराज जी भी चमार नहीं है वो भी सतनामी है इन को ऐसे ही सिधा करेंगे हम लोग
वीर भान राम और बजरंग बली को मानने के लिए बोलते थे । लेकिन गुरु घासी दास में किसी भी देवी देवता को न मानकर , अपने भीतर के देवता को जानो पहचानो , जात पात , छूत अछूत हिंसा को त्याग करने की आदेश दिया और सतनामियो ने भलीभांति मानते aa रहे है । चमार शब्द का उपयोग आप nhi कर सकते हो हमारे लिए जानकारियां नही रहती तो trp ke liye kuch bhi mat bolo
हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई मे से कौन सा धर्म इनका है मैडम आपने नहीं बताया हमारे यहां तो गाय बैल और बकरी के चमड़े का। चप्पल,बाजा,और किसानों के लिए चमड़े का रस्सी आदि बनाते थे रेडीमेंट चप्पल आदि समानों ने ईनका रोजगार छीन लिया है 💯💯💯💯
Collector ke pas aplication lekar Gaye waha par puliswalo ne dande se sar ko mara jisse aavedak ka sar fut gaya aur behosh ho gaya itne me samaj ke logo me gussa aa gaya aur danga suru ho Gaya ab aap log faisla kare agar pulish wale ne ye kand nahi Kiya hota to yesi naubat nahi aati isliye collector aur sp ne kand ko karwaya sp aur collector ke upar karywahi kiya jaye nuksan ki bharpai usi se kiya jaye
मैडम जी अपने जानकारी में सुधार कर लीजिए;-
1. सभी सतनामी पंजाब से नहीं आए नारनौल युद्ध में पराजय के बाद देश के विभिन्न भागों में पलायन हुआ जिसमें से कुछ सतनामी छत्तीसगढ़ आए, इन्हीं के वंशजों में गुरु घासीदास जी का जन्म हुआ. जबकि उस समय भी छत्तीसगढ़ में सतनामी रहते थे और वे यहीं के मूल निवासी थे. सतनामी सिर्फ पंजाब या छत्तीसगढ़ में नहीं बल्कि देश विदेश के विभिन्न क्षेत्रों में निवास करते हैं.
2. सतनामी चमार नहीं हैं, सन 1820 में सतनामी क्रांति हुआ और विभिन्न कथित जाति वर्ग के लाखों लोग अपने पूर्व जाति का त्याग कर सतनामी बनने लगे. जिसमें सबसे अधिक संख्या अहिर, तेली, कुर्मी, आदिवासी, तुरानी के साथ ही कम संख्या में ब्राम्हण, क्षत्रिय व कथित निम्न जाति के लोग सामिल हुए. इसका ऐतिहासिक रिकॉर्ड है. छत्तीसगढ़ में चमार कोई जाति नहीं है बल्कि एक गाली है किसी को अपमानित करने और नीचा दिखाने का. और यह काम सतनामी क्रांति के आंधी को रोकने के लिए किया गया जब लोग अपने जाति को छोड़कर सतनामी बनना शुरू किए तो उन्हें चमार कहकर अपमानित किया जाता था ताकि सतनामी बनना रुक जाए, जब इसमें भी सफल नहीं हुए तो सभी सतनामियों को चमार कहना शुरू कर दिए, लेकिन सतनामियों ने अपने को सिर्फ सतनामी माना, उनका संबंध चमड़े के कार्य से कभी नहीं रहा. एक बार सोंच कर देखिए कि अन्य जातियों के लोग चमार क्यों बनेंगे? ऐतिहासिक रिकॉर्ड को छोड़िए, तेलासी गांव जाइए वहां आज भी अहिर [रावत/यादव] और तेली से सतनामी बने लोगों से प्रत्यक्ष रूप से मिल सकते हैं.
अपने गलती का सुधार करें, गुरु का आशीर्वाद आप पर बना रहे. सतनाम!
गुरु का आशीर्वाद आप पर बना रहे, सतनाम!
सतनामी नारनौल जिला महेंद्रगढ़ हरियाणा के रहने वाले थे। ये लोग गुरु रविदास जी को अपना आदर्श मानते थे। जब वहां पर औरंगजेब की सेना के साथ विद्रोह हुआ तो वहां की उच्च जातियों ने भी सतनामियों का विरोध किया था। क्योंकि ये लोग हिन्दू धर्म के विरुद्ध देवी देवता व मूर्ति पूजा के खिलाफ थे। यहां की उच्च जातियों ब्राह्मण, बणिया , राजपूत व अहीर आदि ने इस संघर्ष में मुगलों का साथ दिया था। इस विद्रोह को दबाने के लिए औरंगजेब ने बहुत से सतनामियों को मार दिया गया और कुछ बचे हुए सतनामी वसा से अपने आप को छिपा कर दुसरी जगह चले गए। हमारा परिवार भी उन्हीं में से एक है। जो नारनौल से छिपकर रोहतक आ गये थे। फिर किसी कारणवश हमारे पूर्वजों ने रोहतक छोड़कर जीन्द में अपना ठिकाना बनाया। सन्त घासीदास जी उन्हीं सतनामियों में से एक थे।
इस लडकी को सतनाम धर्म के बारे में कुछ जानकारी नहीं है फर्जी बात कर रही हैं। हम छत्तीसगढ़ वासी हैं पूरे देश समाज के लोग हैं पहले हम बुद्धिस्ट थे सिरपुर बाबा जी ससुराल हैं, बुद्ध धम्म की कई विरासत है। 1862 में बालक दास जी हत्या के बाद सतनाम धर्म से परिवर्तित कर सतनामी जाति बनाया समाज के कुछ गुलाम लोग जो ब्राह्मणों से मिलकर समाज को तोड़ा और समाज में उच्च नीच का भाव डाला गया हैं। गुरु प्रथा यानी ब्राह्मण प्रथा है।
😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂@@madanlaldhanwal6011
अरे तुम इस तरह से कैसे बोल सकती हो मैडम जब तुमको सतनामी समाज के बारे में जानकारी नही है तो मत बोलिए ये सतनामी समाज औरंगजेब को लगातार चार बार पराजित किया है ऐसा समाज है आज तुम इतना बोल रही हो ना हमारी बदौलत सतनामी समाज और हमारे बाबा गुरु विश्ववंदनी गुरु घासीदास और संविधान निर्माता बाबा साहब भीमराव अंबेडकर तुम्हारे पूर्वज रहे हैं रिपोर्टर हो ना इन्ही के वजह से ज्यादा बोलने से पहले हमारी इतिहास जान लेती तो अच्छा होता
😂😂😂😂😂 muslaman ko jindabaad
अरे टूरि तोला satnam समाज के बारे म जानकारी नई हे त ऊलजलूल मत गोटिया पूरा जानकारी कर फ़ेर बात करना ठिक हे noni
मेडम गलत जानकारी न फैलाये और इस वीडियो को डिलीट करें
Report karo iske channel ko delete hoga tab samajh aayega k galat jankari de rahi h bahot
आज कल ऐसे ऐरेगैरे समाचार वालों की बाढ़ आ गया है।
इस चैनल वालों को सबक सिखाना चाहिए
गलत जानकारी परोस रहे हैं जनता के बीच में
चमड़े का कार्य कभी भी नही किया गलत जानकारी मत दो
सतनामी लोग कभी चमड़े का काम नही करते।
इस महिला को मानसिक बीमारी हैं।कोई इसका इज्जत न लूट ले। वास्तव में यही ब्रम्हा की पुत्री भी हैं और उसकी बीवी भी
@@mukeshsahu7637 अरे साहू तुम तो ऐसे बोल रहे हो मानो तुम्हाते बहनों के घर ख़ुश तुम्हारी बहनों का चड्डी निकाल खाल निकलने का काम किया हो तेरी माँ का इज्जत लिये लिया हो।
क्या दुश्मन किए है जो बोल रहा हैं।कि अपने बीवी को इज्जत लुटवाते हो
@@nehapatle7979 Miss Neha ji koi Mr sahu ne jisne mere comment me reply Kiya tha uske liye bola hu ki "tum to bolo hi mt"
Pr vo usko delete krke bhg gya😆
@@vinaylahare3090 😂
@@vinaylahare3090 aisi bologe tbi Inka muh band hoga bhai
सतनामी समाज को बदनाम करने वालो ये बताओ अपने सगी बहन बेटियों का बलात्कार कर जेल में बंद हैं वो कौन सा धर्म से है अनेकों उदाहरण दे सकता हूं मेरे पास जानकारी है.
Kya baate hai bro superb ans
सतनामी छत्तीसगढ़ के संत पंडित गुरुवंश वा राजा हैं यहां गुरु वंश ने राज पाठ चलाया है यहां प्राचीनतम मुख्य रूप से कृषि को महत्व दिया है यहां 30/50/80/100 एकड़ जमीन वाले जमीदार गोटिया मालगुजार है।एक ओर बात यह कि यहां अनेको राजा दशरथ है 3पत्नी 4/5 पत्नी रखने वाले महान पुरुष ❤ है। सतनाम धर्म में नशा मांस मदिरा का कोई स्थान नहीं है। देवी जी आपने चमड़े का कार्य सतनामी से जोड़ा है यह गलत है यह शासन की अति मूर्खता कार्य है क्योंकि चमड़े का कार्य करने वाले हिंदू धर्म में एक जाति हैं उन्हें विशेष सम्मान अधिकार महत्व देने में सरकार विफल है जो समाज के अभिन्न अंग है।यह भी ना भूलना की भारत में कृषि के साथ चमड़े का वस्तु उतना ही प्राचीन है, और उतना ही प्राचीन है भारत में वो लोग।
इसके खिलाफ कड़ी कार्यवाही करनी चाहिए।जिससे इसके न्यूज़ चैनल का लाइसेंस रद्द हो।
सतनामी समाज के इतिहास की जानकारी नही है तो गलत जानकारी मत दो
इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाय।
अगर आपको जानकारी नहीं है तो आप न्यूज़ नहीं बनाया नहीं तो आपके ऊपर FIR किया जाएगा
सतनामी समाज के बारे में गलत जानकारी देने के लिए मैडम को माफी मांगनी चाहिए कृपया करके मीडिया से निवेदन है कि गलत जानकारी नहीं देना चाहिए जानकारी नहीं है तो सतनामी समाज एक अपने समाज का ब्रांड है जहां गलत होता है वहां पहुंच जाता है कृपया करके किसी भी समाज से जोड़ के ना देखें सतनामी समाज एक अपना ही समाज का महान ब्रांड है किसी के सामने झुकता नहीं है हमारा इतिहास पढ़ कर देख लो सही जानकारी मिलेगा तो आप इस समाज को सुबह शाम पूजा करोगे
आपने गलत बोला है वीडियोडिलीट करें आगे जाकर हिंसा के कार्य बन जाएगा
मैडम जी आप अधूरा जानकारी दे रही हो सतनाम पंथ और रोहिदास दोनों ही अलग अलग विचारधारा है
सतनामी समाज कभी भी चमड़े का काम नहीं किया है
खा सकते हैं
@@parsadipaikra7123 तू खाता है ना चमड़े को
तू अच्छे से खा
मेरे घर और मेरे समाज वाले अधिकतम लोग नही खाते
मेरे पास पुरुप है समझे
Samne me aa kar bol dekh n ek bad ki aulad hai to@@parsadipaikra7123
इस महिला को मानसिक बीमारी हैं।कोई इसका इज्जत न लूट ले। वास्तव में यही ब्रम्हा की पुत्री भी हैं और उसकी बीवी भी
Video delete Karo nahi to aapke upar एफ आई आर hoga
चमड़े काम करने तुम खुद हो काट के खाने वाले तुम खुद हो और दूसरे को बोल रहे हो...
आप लोग सही और सोच समझकर वीडियो बनाइये..... आप जैसे लोगों की सोच की वजह लोगों में आक्रोश होता है.... क्योंकि हमारे साथ हमेशा भेदभाव किया जाता है
स्वाति कौशिक जी ठीक ठीक जानकारी रखिए
समाज कभी चमड़े का व्यपार नहीं किए है
Ye sb jankari kaha se lato ho bhai
Satanami samaj kabhi bhi chamde ka kam ni kiya h😡🤬🤬
हमारे समाज के लोगों से निवेदन है की इस तरह की गलत जानकारी देने वाले को कडी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए जय जय सतनाम
मैडम सतनामी के बारे गलत जानकारी देना आपकी सेहत के लिए ठीक नहीं हमारा समाज कभी भी चमड़े। का काम नहीं किया और गलत नही सहा ऐसा ना हो अगला आंदोलन आप के ऊपर हों जायेगा जुबान को लगाम दो
छत्तीसगढ़ मे सतनामीयों की संख्या 30-40 लाख है...
सतनामी समाज के बारे में आपको
नालेज नही है तो क्यों बोल रहे हो मैडम ,, आप गलत बोल रहे हो ,
हम लोग हमेशा संविधान पर चलती है इसलिए हम लोग कुछ भी कर सकते हैं जय सतनाम जय गुरु बालक दास साहब आप लोग को जानते है आलोक का अधिकार क्या है हमारा सादा झंडा का और बड़ा बड़ा राजनीति को एक बात बोलना चाहता हूं आप लोग लालच करना बंद कीजिए मारेगा तो आपके कोई काम नहीं आएगा आपका ध्यान दो कहानी सिर्फ गरीब व्यक्ति का साथ दो हर व्यक्ति को अपने ही समझो आपकी लोग का बच्चा समझो यह है हमारा संविधान भीम भाई
सुन री न्यूज वाली लड़की सतनामी समाज का इतिहास बताने का तेरे को कोई अधिकार नहीं है. पहले तू अपना खानदान का इतिहास बता
छत्तीसगढ़़ में जो भी लोक गायक हैं उसमें से अधिकतर लोग सतनामी ही हैं
हरियाणा इतिहास है सतनामी 1672
यदि पहले दोनों आरोपी को जेल भेजा दिया होता तो ऐसा नहीं होता
Chamde ka kam kon karata h pata h tujhe pahale satnami ke bare me sanhi se jan. Le
नो गेंद असन तोड़ मुंह हा दिखत हे वो जैसे पाए वैसे बोल दिए ।। संत गुरू घासीदास बाबा के माता पिता के नाम भी तोला पता हे ।। तोला तोर खुद के बाप दादा के पांच पीढ़ी के नाम पता ही जो बाबा के इतिहास बताए आए हस।
न्यूज ट्रेंडिंग मा हे ता मुंह उठाके कुछ भी मत बोल समझ गए ।। वीडियो डिलीट कर चुप चाप
अरे मैडम तेह कोन समाज के हरस पहिली तोर समाज के बारे मे बात तब सतनामी समाज के बारे मे बोल बे ये गलत बात मत बोल
1756 मे जब हमारे बाबा गुरू घासीदास जी जनम लिए तो ये 1857 कहाँ से ला रही है..
और चमड़ा के काम मोची मन के हरय हमर नहीं ये पूरा जग जानत हे....
छत्तीसगढ़ के मालगुजार मे गिनती अगर आथे त सतनामी के नाम जरूर शामिल करें जाथे..
अउ आप कोन से तर्क से पंजाब कनेक्शन केहे हव सबूत के साथ बताओ जनता ला..... ❓
गलत जानकारी वाला वीडियो जो भी बनाते है उस पर एफ आई आर होना चाहिए हमारे गुरु घासीदास बाबा जी संत शिरोमणी थे, हैं और रहेंगे
जय सतनाम 👍👏🙏
इस घटना का सी बी आई जाच होगा और दोसी को फांसी हो जय जय सतनाम साहेब सतनाम
बाबा जी का जन्म सन 1756 मे हुआ था ना की 1665 या 1857 ओर ना ही इस्का पजब से कोई जुड़ाओ है आपकी रीपोर्ट पूरी तरह से झुटी है पहले खुद जाच किजीये उसके बाद दूसरो को ज्ञान देवे 🙏जय सतनाम 🙏
तुम जिस प्रदेश से आए है बात रहे उस प्रदेश में और उसके आसपास प्रदेसो में सतनामी सामान्य श्रेणी में आते...तुम कहा अविदास और चमड़े में जोड़ रही हो
Aapka dil se Dhanyawad Hm Satnamiyon parichit karane k liye duniya k samne, but chhattisgarh me satnami 1700 years tk complete aa chuke the,baba Guru Ghasidas Ji k Janm in year 18Desembar1756 h ,1800 nhi h vo year
जब तुम्हे जानकारी नहीं है तो क्यों बक बक कर रही है सतनामी को गलत सालत बता कर....सतनामी धर्म है एक सतनाम।को मानने वाले...जितने तुम नाम गिना रहे हो उसे कोई लेना देना नही सतनाम गुरुओं का..समझे और अपना विडियो डिलीट कर अन्यथा तुम्हारे ऊपर एफआईआर कराया जायेगा
Yaha ke Satnami kbhi chamda kaam nhi krtey thy...suru..se..Kishan..h
Tumhe Satanmi samaj ke bare me kuchh bhi sahi jankari nahi pata hamere samaj ne 13 bar aurangjeb ko haraya hai.. galat jankari falane keep wajah se tum par F.I.R bhi ho jayega
बहुत गलत वर्णन है आपत्तिजनक बात बताई है जब भी सतनामी के बारे में दुसरे जाति के लोग बताते है सतनामियो का अपमान करने के उद्देश्य से बताते हैं और सभी बातों को खुद से जोड लेते हैं कभी भी सतनामी चमड़े से जुड़े कार्य नहीं किया है । बल्कि कुछ कौम के लोग कई प्रकार के अपवित्र जीवन जीते थे वे सतनामी बनकर उच्च जीवन शैली को अपनाये हैं सतनामी मनुष्य को सुधारा है जीवन शैली को उच्च बनाया है । सतनामियों का कार्य पवित्रता भरा उच्च आचरण भरा होता है सत का पूजक होता है सच्चा कार्य सच आचरण करता है ध्यान साधना परोपकार सेवा ये सतनामी के आचरण में होता है इस विडियो को तुरंत डिलिट करें इसमें गलत बयान है जानकारी गलत दिया गया है जानकारी नहीँ है तो विडियो न बनायें गलत प्रचार न करें इन्हीं बातों से सतनामी का भावना आहत होता है ।
जय सतनाम
झुठवादी इतिहास मत परोसिए महोतरमा ! गुरु घासीदास के इतिहास विरासत को संघी विचारों में मत लपेटीए
Full details Diya kro
जब तुमको कोई जानकारी ही नहीं और आ गई बकलोली करने तुरंत विडियो डिलीट करो नहीं तो सारी ठिकरा तुम्हारे उपर फुट जायेगा
Satnami samaj ak yodha Jo sat ke rah me chalte hai aur apne hak adhikar ke liye ladai karte hai jai satnam
सतनामी की बारे में पुरी जानकारी आपको नहीं है। गलत विडीयो मत बनाया करो नही कानूनी कार्रवाई में फस जाओगे।
सतनामी कभी चमड़े का काम नही किया इस शब्द को तुरंत हटाओ नही तो एक्शन लिया जाएगा
Good information,,🙏🙏
वर्तमान में छत्तीसगढ़ में करीब 40 लाख से ज्यादा सतनामी समाज के लोग रहते हैं।
इन सब लोगो ने मिलकर ठेका ले रखा हमारे समाज को बदनाम करने का
कहा से डाटा एकत्रित किये हो आप ? कब सतनामी चमड़े का काम किया कोई जानकारी हो तो बताओ
मैडम फालतू भाषण मत करो जानकारी नहीं है तो मत बोलो अपना समाज देखो ठीक है ना
मैडम तुम जो बोल रहे हो ओ तुम्हें खुद को मालूम नहीं है बकवास बात कर रही हो
आप अपनी जबान पे लगाम रख कर न्यूज बनाए और आप को जानकारी नहीं है तो कुछ भी ना बोले चमड़े काम कोन करता है और करता था उसे देख लो समझ लो फिर बोलना
मेरी समाज से निवेदन है कि इसके ऊपर भी कार्य वही होनी चाहिए
सतनाम जाति नहीं निति है, जन आंदोलन से विकसित धर्म संस्कृति है।
मानव मानव एक समान ke बारे में कुछ नही बताया क्या क्या जानकारी है आप को जानते नही हो तो बोलो मत हमारे समाज के बारे में
Jab satnami samaj ke bare ni jante ho to apna bakwaas band kar aapke upar F.I.R hona chahiye aapke upar chamde kam ni Karta
गलत सलत जानकारी mt डालो मोबाइल हैं तो कुछ भी डाल दोगी
कौशिक ma,am प्रदेश में सतनामियों की जनसंख्या वर्तमान गणना के अनुसार लगभग 30से 35 लाख है। क्योंकि कुल एससी 13प्रतिशत बताया गया है। ज्यादातर सतनामी देश के तमाम प्रदेशों में कामकाज के लिए पलायन पर रहते हैं जिसके चलते 2011 की जनगणना में आंकड़े कम पाए गए हैं। कृपया सुधार कर लें और दूसरी बात सतनामी समाज के लोग मूलतः कृषक हैं ,cg में अग्रेजों के शासनकाल में कुल81 सतनामी मालगुजार थे रायपुर का पुराना गजेटियर का अध्ययन कर लीजिए। आपने पहले बोला की ये लोग पिछडे वर्ग में गिने जाते थे,आप इस समाज के बारे में जो बोले हैं की जब पंजाब से आए तो चमड़े के भी काम करते थे ये बिलकुल गलत है।ये समाज विशुद्ध कृषक,निर्गुणधारा के मानने वाले अति तार्किक और पाखंड कर्मकांड के विरोधी हैं। कबीर और गुरु बाबाघासीदास जी के सिध्दांतों पर चलने वाले हैं ।,हमारी आपत्तियों पर सुधार कर सतनामियो के गौरवशाली इतिहास को रखिए। इस समाज को अपमानित करने का काम हिंदू लेखक शुरू से करते आ रहे हैं आप सुधार करें अन्यथा आपके विरुद्ध सामाजिक अंदोदन किया जा सकता है।
आंकड़े कम पाए गए हैं पढ़ें।
आपको जानकारी नहीं है तो क्यों बता रही हो और इस वीडियो को तुरंत डिलीट करो
राजा गुरु बालक दास बाबा जी के बारे में तो आपने बोला ही नहीं है आप
रेमटी तोला इतिहास पता नई ये कुछ भी जानकारी मत दे
मेरे ख्याल से यह न्यूज़ चैनल ही घटिया है सतनामी समाज ने चमड़े का काम कभी नहीं किया सतनामी समाज और छत्तीसगढ़ का राजा है भाई छत्तीसगढ़ में जितने भी जमीन हैं सभी सतनामी की जमीन है सतनामी समाज ही था जो सबसे पहले किसानी काम किया था। छत्तीसगढ़ में ऐसा कोई भी समझ नहीं है जो सतनामी के घर नौकर न लगा हो
बिल्कुल सही कहा आपने।इस आंदोलन का पंजाब से क्या लेना देना है ,बहाना से सतनामी के इतिहास बता रही है ताकि जाने हम लोग कौनहै अंदर में गुस्सा है सतनामियो के लिए इस एंकर के अंदर
अपने समाज को देख ले पहले,जब पहले छुआ छूत प्रथा थी तो तुम्हारे यहां कोई पानी भी नहीं पिता था तो नौकर कैसे रहेंगे रे 😡😡😡
@@mainamanjur6938 याने की छुवा छूत चरम पर था ,ये सब ब्राम्हनों के द्वारा बनाए गए घटिया सोच के कारण संभव था न उसका कारण एक ही था मूर्ति पूजा नहीं करना पाखंड वाद में नही चलना मांस मटन नही खाना,
इस लिए ब्राम्हण के झोला नही भरते थे ,सतनामी खुद फैसला लेते है अपने काम खुद निपटाते है दूसरे की बताए रास्ते में चलना पसंद नही करते है , सतनामी सबसे बड़े पंडित भी है, ब्राम्हण के सिवाय दूसरे समाज में पंडित नही है सब परजीवी है वेलोग जैसे कह देगा वैसे मान लेते है आंख बंद करके खुद में सक्ती नही होते ,कबीर साहेब ने गुरु घासीदास बाबा ने कहा है जो मिट्टी पत्थर के मूर्ति अपने ऊपर बैठे हुए मक्खी मच्छर को नही भगा सकते वो तुम्हे क्या देगा बाबू हो ,इस लिए ब्राम्हण लोग दूसरे समाज वालों के अंदर ये जहर कूट कूट कर भर दिया था वे लोग उन लोगो के जाल में उलझ गए थे , अब कैसे कुछ नही होता है सतनामी घर खाने से आज तक कोई मरा है ,जब पानी को छू देने से पानी में छूत लग जाते थे तो सतनामी जैसे सक्ती साली आदमी कोई हो ही नहीसकता है , पानी के रंग तुरंत बदलना चाहिए था , भाई जी ये सब न डाक्टर भीम राव अम्बेडकर की देन है जिसे आप फलों कर रहे हो पूरा देश 24 घंटे फलों करते है,
जय सतनाम जी
@@mainamanjur6938mere gar me yadav log gobar uthane aate hai bhais ka😂😂
Tumko satnami ki itihas nhi malum hai .
Satnami raja hai satnami
Vary goob jai bhim I love you I m from dubai live
पहले अपना हेड लाइन सुधार जो अमर गुफा में हूवा ओ क्या था बिकाऊ मीडिया
Pahle apne asli baap kon hai wo batao
Kay Kay godhiyat vo turi
इस महिला को मानसिक बीमारी हैं।कोई इसका इज्जत न लूट ले। वास्तव में यही ब्रम्हा की पुत्री भी हैं और उसकी बीवी भी
सतनामी के इतिहास कोई दो ढाई साल पुराना नहीं है। सतनामी का इतिहास सृष्टि के प्रारम्भ से हैं। जिसको सोलह गुरुओं ने सिलसिले वार आगे बढ़ाता गया। जिसको गुरु घासीदास बाबा जी ने और उसके बाद उनके पुत्रों ने जिसका नाम - बालब्रह्मचारी गुरु अमरदास बाबा, बलिदानी राजा गुरु बालकदास जी, गुरु गोसाई आगर दास जी
सतनामी शुरू से सभी प्रदेशों में निवासरत थे। और सतनामी कभी चमड़े की काम नहीं किया।गलत संदेश न फैलाएं। विडियो की वो लाईन कट करें।
Guru ghasi das baba ki jay 🏳️🏳️
ये वही लोग है जो हमारे समाज को कुछ भी बोल बोल के पुरा लांछन लगा के रख दिये है । हमारा सम्बन्ध कभी रविदास सम्प्रदाय से नई रहा न ही बौद्धों से । सतनामी समाज से विशेष आग्रह है कि ऐसे फालतू के लोगो और फालतू के न्यूज़ से दूर रहे ये सब चमचे है ।
एक दम सही जानकारी दिए हों मैडम जी 😊
दंगाइयों से पैसे वसूले गरीब भाईयो के गाड़ी जला दिये इन लोगों ने
Sahi kiya
Kuch galat bata rahe hai jitne सतनामी देख रहे है वीडियो को रिपोर्ट करें
Jay satnam 🏳️🏳️🏳️🏳️
स्वाति कौशिक जी जब आपको किसी मुद्दे या धार्मिक संगठन,या किसी समुदाय की वास्तविक जानकारी नही है।तो गलत और असंवैधानिक बात नही करनी चाहिए।हम आपके द्वारा कहे गए शब्दों की कड़ी निंदा करते हैं।सतनामी कभी भी चमड़े के व्यवसाय नही किया करते।आपको शर्म आनी चाहिए।
भईया इन एंकर नंबर दे सकते हो क्या .इससे पूछूंगा अपने सगी बहन बेटियों का बलात्कार kr जेल में है वो किस धर्म से है
आप जो भी प़चार कर रहे हैं जो पुर्ण गलत जानकारी दें रहे आप का कथन गलत और ठेस पहुंचाने वाले शब्द का उपयोग किया है जो घोर निंदनीय है
Jab kisi bhi chij ka pura gyan na ho to faltu ka bakwas nhi kiya karte Madam.... Muh 🤐band rakhna chahiye ...... Kisi ne bataya nhi kya apko ....
Madam sahi bat bol Rahi hai सतनामी समाज चमार जाति का ही अंश है
Sara kewat
कुछ भी पता नहीं है तो बोला भी मत करो😡
Sahi bol raha h chamar ka part h
@@RajBaghel-w8jगुरु रविदास महाराज जी को सतनामी मानों भाई सारे गुरु रविदास मंदिर को सतनामी करो क्योंकि गुरु रविदास महाराज जी महान संत हैं जो भी चमार कहेगा गुरु रविदास महाराज जी को लठ्ठ मारों क्योंकि जब चमारों के अंश बता रहे हैं तो गुरु रविदास महाराज जी के मंदिर सारे सतनामी समाज के नाम करवाओ इन का पिछवाड़ा तोड़ो जो हिन्दू धर्म के लोग ऐसे बोलते हैं फिर तो पूरा कब्जा करो गुरु रविदास मंदिर पर सतनामी भाईयों जिस मंदिर में पंडित बिठा रखा है गुरु रविदास महाराज जी के वहां के पंडित को बाहर फेंके क्योंकि वहां का पूजारी सिर्फ सतनामी ही बनेगा सतनामी समाज को फायदा है इसमें जय सतनामी समाज जय गुरु रविदास महाराज जी जय गुरु घासीदास महाराज जी गुरु रविदास महाराज जी ने भी सतनाम जाप कराया है इसलिए गुरु रविदास महाराज जी भी चमार नहीं है वो भी सतनामी है इन को ऐसे ही सिधा करेंगे हम लोग
सतनामी समाज के इतिहास को पहले अच्छे से जन लो
Pathano.aur.enme.kya.antar.hai.etne.dino.se.badiya.samajhate.the.unko
Abe andhe muslims Allahtala kuran ko pujte h aur Satnami Satnam ko
मैडम सतनामी समाज के प्रति अपने जो जानकारी प्राप्त है उसे अपडेट करे और सही जानकारी साझा करें सतनामी समाज कभी चमड़े का कार्य नहीं किए हैं
You said it right mam
सतनामी समाज चमड़े का कमी नही करता था। । चर्मकार लोगो को सतनामी समाज मे मिलाया जाता राहा है।
इस महिला को मानसिक बीमारी हैं।कोई इसका इज्जत न लूट ले। वास्तव में यही ब्रम्हा की पुत्री भी हैं और उसकी बीवी भी
Galat jankari faila rahi hai islliye satnami samaj ke log bakhulate hai soch samaj kr bola kro samjhi tum
Ye turi kaha milhi?????
Perfect jankari
वीर भान राम और बजरंग बली को मानने के लिए बोलते थे । लेकिन गुरु घासी दास में किसी भी देवी देवता को न मानकर , अपने भीतर के देवता को जानो पहचानो , जात पात , छूत अछूत हिंसा को त्याग करने की आदेश दिया और सतनामियो ने भलीभांति मानते aa रहे है । चमार शब्द का उपयोग आप nhi कर सकते हो हमारे लिए जानकारियां नही रहती तो trp ke liye kuch bhi mat bolo
हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई मे से कौन सा धर्म इनका है मैडम आपने नहीं बताया हमारे यहां तो गाय बैल और बकरी के चमड़े का। चप्पल,बाजा,और किसानों के लिए चमड़े का रस्सी आदि बनाते थे रेडीमेंट चप्पल आदि समानों ने ईनका रोजगार छीन लिया है 💯💯💯💯
Tumhare kuchh bhi bolne se nhi hoga ,Satnamiyon ko Badnam karne k liye to log a jane kyon aage hi rhte h
Fake bhi bahut h kami nhi h
Real me Satnami h vo kabhi bhi lather work nhi krega ,chahe bhukha mar jaye,
🙏🙏🙏🙏🙏🙏
❤😂 Anjali sukhla Beby suno Ashok Kumar mandavi cg BF karbala chouk DGG cg ki kahaniya
सतनामी समाज कभी चमड़े का काम नहीं किया हैं/गलत जानकारी मत दो
आधा खबर झूठा हैं
जब जानकारी नहीं है तो क्यों बोल रही हो फालतू मे😡😡😡
सतनामी समाज कभी चमड़े का काम नहीं किया है और यह मैडम पागल हो गया है गलत जानकारी बतारहा है 😡
Collector ke pas aplication lekar Gaye waha par puliswalo ne dande se sar ko mara jisse aavedak ka sar fut gaya aur behosh ho gaya itne me samaj ke logo me gussa aa gaya aur danga suru ho Gaya ab aap log faisla kare agar pulish wale ne ye kand nahi Kiya hota to yesi naubat nahi aati isliye collector aur sp ne kand ko karwaya sp aur collector ke upar karywahi kiya jaye nuksan ki bharpai usi se kiya jaye
जब सतनामी समाज के बारे में सही जानकारी नही है तो पता कर लो पहले स्वाति मैडम जय सतनाम
Es meadm ka mo no do bhai
Eske khilaf f I r to hona chahiye