शिव शक्ति स्वरूप सदाशिव गुरुको कोटि कोटि नमन।जैसा हमने सुना है कि कलि यानि काल के द्वारा उत्पन क्रोध के अति प्रवाह के प्रभाव के वशीभूत दक्ष शिवजी को देखते ही अतिक्रोधित हो जाते और शिवजी को अपमानित करने की चेष्टा करते थे।
Murkhon shiv ji guru ni h parmeshvar hai , param bhagwan hai. Vahi vishnu hai aur vishnu hi krishn h ,aur vahi brahma hai ,vo koi guru vuru ni h ,iskon valon.
Satayam shivam sundarum, shiv ji hi parambrahma jyoti swaroop, nirakar ishver hai. Jiska koi naa adi hai or na koi ant vo nirakar ishver hai or sakar bhi bo hi hai. Ye baat jo apne boli satya, satya, satya hai.. Aap dhaniy ho jo apne shiv ji ke nirakar or sakar dono roopo ka varnan kya. Om namah shivay, Har Har Mahadev...
Badi achhi jankari Di Aapne ! Bahut hi suljhe huye tarike se aap sari jaankari dete hain,, aap pr Shivji ki kripa hai tabhi unke baare me itna kuchh or itni saral Vidhi se batate hain ! Aap sawasth rahen ,aisi meri Shivji se prarthna hai ! Sir agali video me aap Om ke rehsya ke baare me btayen !
Shakti bhavaani durgaa adi shakti mata vashno .. Sir inki utapati kaha se h Apke iske bare me kya vichar h Shiv par barrm h Inke sath shakti kaise aati h kon lata h kya jrurat pad ti h shakti ki Barmaa ko kaise pta bhavani se vo parbhavit honge Barma to khud shiv ki yugo tapsya krte h puhhte h kya krna h kya nhi Mata ki uppati kese huyi fir ye vichar mel nhi kha rhe
Are pehle hi vedio main sir ne bta Diya hai bhai Shiv nirakar se hi shakti ki utpatti hoti hai shiv ko jab sansar ka srajan karna hota hai to vo apne urja shakti se ek Shakti utpann karte hai jise adishakti kehte hai kyunki vo pratham shakti Hoti hai jo sakar hoti hai ye samast sansar prakriti adishakti hi to hai aur shakti ki jarurat brahma ko padti hai sansar ki Rachna ke liye kyunki Bina stree ke sansar nhi chal Sakta santulan nhi ban Sakta hai aur kyunki Brahma shiv ki Tapasya karte hai to Shiv unhe vo urja saup dete hai aur baad main tab bhi brahma ko santushti nhi Hoti hai to vo parambrahma se unka sakshat sakar roop Lene ke liye kehte hai aur tab utpanna hote hai shankar maheshwar mahadev
वैज्ञानिकों के अनुसार पृथ्वी व अन्य ग्रह सूर्य के बिग-बैंग के बाद हुआ है। परन्तु हमारे ग्रंथों के अनुसार निराकार ब्रह्म ही सबका कारक है। प्रभास नामक वसु के पुत्र हैं विश्वकर्मा। ये देवशिल्पी हैं, इनका एक नाम त्वष्टा भी है। इनकी पुत्री संज्ञा ही सूर्य की पत्नी हैं।
शिवजी निराकार ब्रह्म हैं और देवी शक्ति उनकी अर्धांगिनी हैं। उन्हीं देवी शक्ति को जगतजननी, भवानी भी कहते हैं। अलग-अलग समय पर अलग-अलग रूप लेकर देवी शक्ति ने राक्षसों का संहार किया। जैसे महिषासुर को मारने के लिए दुर्गा रूप लिया, रक्तबीजासुर को मारने के लिए माँ काली का रूप लिया। परन्तु जब कोई उन्हें अपनी पुत्री के रूप में प्राप्त करने के लिए तप करता है तब दक्ष के तप से सती और पर्वत राज हिमाचल के तप से पार्वती का जन्म हुआ। अर्थात देवी शक्ति ने ही अलग-अलग रूपों में अवतार लिए।
Apko bahut pta h... ..shiv ji shamshan me rahte hai.. kailash me rahte hai.. or Narayan kabhi. Shamshan me nhi rahte kyunki vo shamshan ko Ashudh mante h..apne dekha h kanhi.. shiv ji or devi kali or unke ansh ke alava..koi or devta shamshan ki bhumi ko ashudh mante h
सदा शिव पृथ्वी हो ना हो लेकिन शिव सदा हैं मैं आप से एक बात जानना चाहता हूं ये सिर्फ भारत में ही है जिसने दुनिया बनाई उसे दुसरे देशों में क्यों नहीं जानते।
दूसरे देशों में से अधिकतर कलयुग में ही उभरे हैं, और भारत कलयुग में गुलाम हो गया। इसलिए दूसरे देश भारत के ज्ञान को नहीं मानते, क्योंकि भारत अपनी रक्षा ही नहीं कर पाया तो उसके ज्ञान को कैसे माने। मैं अपने कई वीडियो में बता चुका हूँ कि भारत में धर्म के साथ खिलवाड हुआ है इसलिए भारत गुलाम हुआ। परन्तु एक ना एक दिन दुनिया को भारत का ज्ञान मानना ही पङेगा।
Sir aapne es video me bataye ki manusya ki utpatti bramha ji ne ki & science kahta hai homosephienc se manusya ki utpatti hui kya sahi hai dono me ek video prastut kijiye 🙏
सर ये बताए कि देवियों कि उत्तपत्ति कैसे हुई। और आपने ये तो बता दिया कि शक्ति शिव के साकार रूप कि पत्नी है एवं उन्हीं के जितनी शक्तिशाली है पर क्या निराकार रूप कि भी कोई पत्नी हे या कोई और शिव के निराकार रूप जितना शक्तिशाली है।
शास्त्रों के अनुसार जिसका जन्म होता है, फिर उसका विकास होता है और अन्त में नाश होता है तो वह जीवात्मा है। परन्तु पेड़-पौधे जङ तत्व है और पशु, पक्षी और मानव आदि चेतन तत्व हैं। कोई भी पौधा उगता है, विकास होता है और फिर अन्त तो उसमें आत्मा बताई जाती है, परन्तु उनके पत्ते, फल और फूल उसी पौधे के हिस्से हैं, उनमें अलग से आत्मा नहीं होती। द्वापरयुग में कृष्ण जी ने बाल्यावस्था में अपने आंगन के दो पेङों को गिराया था। उन्हीं दो पेङों में से दो देवआत्माएँ मुक्ति पाकर देव लोक में गई। उन दोनों आत्माओं को एक ऋषि के श्राप के कारण जङ योनी मिली थी।
किसी भी शुक्ल पक्ष के सोमवार से 16 सोमवार तक व्रत रखो और 17वें सोमवार को सुबह शिव आराधना करके सामान्य भोजन ग्रहण करो। अभी सावन के महीने आरम्भ करना अति उत्तम रहेगा। व्रत में एक समय नमक रहित अन्न का भोजन खाना होता है। फल आदि खा सकते हैं।
सत्य प्रकाश sir, आत्मा यानी कि परमात्मा का अंश। जब आत्मा नारी का शरीर धारण करता है तो बह नारी कहलाता है। पुरुष का शरीर धारण करता है तो वह पुरुष कहलाता है। जिस भी प्राणी का शरीर धारण करता है आत्मा वह उस धारण किया हुआ शरीर की वजह से पहचाना जाता है, तो फिर आगर परमात्मा स्वयं शिव है तो फिर वह कौन सा स्वरूप में रहता है? यानी कि वह कौन सा तत्व से बना है? Please reply sir.
Guruji maine apke Sab video download karke dekha jab bi samay mila,,, kyuki sabse alag aur sach laga. To main yeh janna chahta ho ki ,,,,ap ne kaha kalyug mein pustak aur guru se sahi gyan nahi milta,,,ese mein maine apko manme hi mere gyan ka guru samaj liya kisiku guru nihi banaya,,,to itne se mukhs ke raste mein chal sakta he ?
मोक्ष का अर्थ है इच्छाओं से छुटकारा पा लेना। इच्छाओं से छुटकारा पाने के लिए सही मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है। यदि मन में चाहत है तो सब संभव है। मैने भी किसी मानव को अपना गुर नहीं बनाया, बल्कि श्री बदरीनाथ जी को ही अपना गुरु माना है। अतः जब कोई सहयोग ना मिले तो ईश्वर को ही अपना गुरु बनाना चाहिए। मुझे जो अनुभव हुआ वो मैं अपने वीडियो के माध्यम से बताता हूँ। आगे भी बताता रहूंगा।
Dhanyabat mujhe mark dharsan dene keliye,,,,,apke jankari pakar mujhe bhi esa hi anubhav hua,,, Satya ki mark me chalne ki kusis kar raha ho....khlumwo
गुरुजी प्रणाम गुरजी मैं माँ दुर्गा का मंत्र ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडाये विच्चे का जप करता हूँ अपने मन से आपके विचार से क्या यह ठीक होगा मैंने यह नाम किसी गुरु से नही बल्कि दुर्गा सप्तसती से लिया है मैं उसी का पाठ करता हूँ दुर्गा सप्तसती एवं माँ दुर्गा मुझे अत्यंत प्रिय है हमारे परंपरागत गुरु कबीर पंथी है मुझे कबीर साहब उतना प्रिय नही है जितना माँ दुर्गा मैं कबीर पंथ का मंत्र नही लेना चाहता और ओ मुझे दुर्गा माँ का मंत्र देंगे नही ऐसे में मैं क्या करूँ क्या माँ दुर्गा का मंत्र जारी रखु और मुझे उस मंत्र से जो लाभ मिलता है मिलेगा की नही कृपया समाधान बताएं।
यदि तुम्हारा माँ दुर्गा में इतना मन लग गया है कि तुम अपने परंपरागत गुरु को भी नहीं मानते तो तुम्हें माँ दुर्गा की भक्ति प्राप्त हो चुकी है। कबीर दास को ज्ञान तो था, परन्तु वह भगवान नहीं है। जब हम पर दायित्वों का बोझ होता है तब तक मंत्र आदि में ध्यान नहीं लग पाता। यदि हम सच्चाई पर रहते हुए अपनी जिम्मेदारी के कार्य करते हैं तो यही बङी बात है। जब माँ भवानी को लगेगा कि मंत्र की आवश्यकता है तो वे स्वयं निर्देश दे देंगी।
शिव शक्ति स्वरूप सदाशिव गुरुको कोटि कोटि नमन।जैसा हमने सुना है कि कलि यानि काल के द्वारा उत्पन क्रोध के अति प्रवाह के प्रभाव के वशीभूत दक्ष शिवजी को देखते ही अतिक्रोधित हो जाते और शिवजी को अपमानित करने की चेष्टा करते थे।
Murkhon shiv ji guru ni h parmeshvar hai , param bhagwan hai. Vahi vishnu hai aur vishnu hi krishn h ,aur vahi brahma hai ,vo koi guru vuru ni h ,iskon valon.
Ati Sunder Gurudev....Naman
Aum Namah Shivay🌹🌹🙏🌹🌹🕉️
Har har Mahadev ohm namo hari harae
Sir mai aapki videos dekhta hoon aur hame bahut real lagta hai aapka explanation,Har har Mahadev 🙏🙏
🌸Om Namah Shivay🌸 Jai Mata Parvati🌸
🌷🙏 हर हर महादेव🙏🌷
🌷 🙏ओम नमः शिवाय🙏🌷
बहुत अच्छा ज्ञान ।अमृत है ।उस निराकार परब्रह्म की साकार उपासना यही से की जा सकती है।
Har Har Mahadev..
Jai Bhawani
Apko koti koti pranam🙏🙏🙏🙏🙏🙏.....OM NAMAH SHIVAY 🙏🙏🙏🙏......
Har Har Mahadev
Satguru koti _koti Naman. In your Absence we would have been totally ignoreñt.
Jay Siva
Mujhe apki. Bhagwan. Shiv bhakti. Ko. Dekh. Ke. Asa. Feel. Ho. Raha h apko. Bhagwan. Shiv ek. Insaan. Ki. Tarah
Apke. samne. Aake apko. Dharsan. De chuke h 😍😍😍😍 aur apke ghar. Bhi. Ajneebi sanyasi ban. Ke. Apke. Ghar m. Kahna. Kha chuke. H aur. Apko. Aur. Apki. Patni. Ko. Asward. De. Chuke. h
Kyuki. M. Parabharam. Shiv ji ka bhakt. Hu😍😍
हर हर महादेव। और गुरु जी को प्रणाम
Guruji ko Namaskar,, Kripiya Prabhu shree Bholenath ji ka aur gyaan deejiye hum sab shiv bhakto ko 🙏🏻🙏🏻
मैंने शिवजी से संबंधित कई वीडियो बनाए हैं, description box में उनके लिंक दिए गए हैं वहाँ से उन्हें देख सकते हैं।
Secrets of Hindu Dharm Guruji Maine saare video dekh liye hai..Kripya aur videos upload kare bhole baba k..🙏🏻🙏🏻
सर कृपा करके शिवजी के अघोरी भक्तों के बारे में जानकारी देने की कृपा करें और अघोरी साधू ऐसे क्यों रहते है
@@aashishjoshi9 aghori bhkakt nahi pakhandi hai unhe bas nashe karne ka legal karan mil gaya hai
Thanks sir for giving information, muje bhot Accha lgta hai spiritual knowledge gain krna,
Om Namoh narayan,
Har har mahadev 🚩🚩🚩🙏🙏🚩🚩
Har Har Mahadev
@@dheerajbansal6782 apne thik kaha
Jaiii Shiv-Shakti 🚩
Jay mahakal har har Mahadev 🙏🙏🙏🙏🙏
Jai Sada shiv
🕉️ नमः शिवाय🙏🌹🔱🚩
जय भोलेनाथ जय जगदम्बा
Bahut sunder Katha ji Jai siyaram ❤
Satayam shivam sundarum, shiv ji hi parambrahma jyoti swaroop, nirakar ishver hai. Jiska koi naa adi hai or na koi ant vo nirakar ishver hai or sakar bhi bo hi hai. Ye baat jo apne boli satya, satya, satya hai.. Aap dhaniy ho jo apne shiv ji ke nirakar or sakar dono roopo ka varnan kya. Om namah shivay, Har Har Mahadev...
Jay shiv shakti 🙏🙏🙏
Om Namah shivaye 🙏 🙏 Jai bholenath 🙏 🙏 Jai Shiv Shambhu 🙏 🙏 Jai Shiv Shankar 🙏 🙏 Jai bholenath 🙏 🙏 Har Har Mahadev 🙏🙏
Wah guruji itne saral se Bhagwan Shiv ke bare me bataya jiska mujhe nahi pata tha.thanks a lot .Please continue make similar videos in future.👍👍👍.
जय हिन्द जय भवानी 🚩🇮🇳
OmNamahShivay guruji bahot jabardast abhyas hai apka. Aisehi videos dalte rahiye.🙏
Kaash ISKCON jaise shiv virodhiyon ke liye bhi veerbhadra dubara avtarit ho jae. Har har mahadev.
Is tarah sant ,saral bhasa me samjhane ke liye dhnyawad.
SatyaPrakashji Aapka Dhanyavaad. Bahut Gyaani Hai Aap. Aap Jitne Hosake Video Banake Hamara Maar-darshan Karte Rahiye.
Badi achhi jankari Di Aapne ! Bahut hi suljhe huye tarike se aap sari jaankari dete hain,, aap pr Shivji ki kripa hai tabhi unke baare me itna kuchh or itni saral Vidhi se batate hain ! Aap sawasth rahen ,aisi meri Shivji se prarthna hai ! Sir agali video me aap Om ke rehsya ke baare me btayen !
जय श्री महाकाल
Guru ji har har mhadev
JAI BABA _JAI MAA
Aapko atyadhik Dhanyawaad guruji aapne Shiv katha humen bataye.
Jai ho guru jee
कितनी सुंदर बातें बताई है आपने सर बहुत बहुत धंनयवाद 🙏और भी कुछ हिंदु धर्म के बारे में बताएँ कृपा
🙏ॐ नमो प्रभ्र्म सदाशिव,🙏जय माँ आदिशक्ति 🙏ॐ नमो नारायणा
HAR HAR MAHADEV
सर इस तरह की महत्वपूर्ण जानकारी देने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद
Jai Shiv Shambho
Om namah shivaya
Jai Shiv sambhu
ओउम नम. शिवाय
हर हर महादेव 🎊 🌄 🎉 💐 🌈 👑 🎊 💐 🌈 🎉 ♥️ 🌄 🎊
Om namah shivaay 🙏🙏🙏
Sir why dont you make videos pls make videos
Me riyans khan aap ki bate buhat acchi lagti h or batao purani bate snatan dharm ke bare me
shiv aur allah same hi hain
Har Har mahadev
So Beutiful sir .app recent new video daliye Sir.
Jay siv sambhu
Jay Bhavani Jay Bholenath
Jai ho Baba bhole nath
Thanks a lot, for providing such Divya Gyan with logic
Shakti bhavaani durgaa adi shakti mata vashno ..
Sir inki utapati kaha se h
Apke iske bare me kya vichar h
Shiv par barrm h
Inke sath shakti kaise aati h kon lata h kya jrurat pad ti h shakti ki
Barmaa ko kaise pta bhavani se vo parbhavit honge
Barma to khud shiv ki yugo tapsya krte h puhhte h kya krna h kya nhi
Mata ki uppati kese huyi fir ye vichar mel nhi kha rhe
Are pehle hi vedio main sir ne bta Diya hai bhai Shiv nirakar se hi shakti ki utpatti hoti hai shiv ko jab sansar ka srajan karna hota hai to vo apne urja shakti se ek Shakti utpann karte hai jise adishakti kehte hai kyunki vo pratham shakti Hoti hai jo sakar hoti hai ye samast sansar prakriti adishakti hi to hai aur shakti ki jarurat brahma ko padti hai sansar ki Rachna ke liye kyunki Bina stree ke sansar nhi chal Sakta santulan nhi ban Sakta hai aur kyunki Brahma shiv ki Tapasya karte hai to Shiv unhe vo urja saup dete hai aur baad main tab bhi brahma ko santushti nhi Hoti hai to vo parambrahma se unka sakshat sakar roop Lene ke liye kehte hai aur tab utpanna hote hai shankar maheshwar mahadev
Bilkul samaj aa gayi sir
Om namaha shivaya.
Om namaha shivay
Satya vachan. Jai bolea nath
Excellent video
True and fact knowledge.
Athi Sundar yesi hi video aage bhi banaye
Great explanation
बहुत सुंदर
App ek imandar admi admi ho Omkara
Pranam guruji NICE information. SIR आपका VIDEO आने में काफी LATE हो रहा है I
shiva gives surprise only
Jai omornath
Shubh sandhya vandan ji om namah shivay om
App Ko bahut bahut dhanyavad app Sada khus rahe
पृथ्वी का निर्माण कैसे हुआ और विश्वकर्मा जी के बारे में बताइए और बाकी दूसरे ग्रहों का निर्माण कैसे हुआ क्वेश्चन मार्क
वैज्ञानिकों के अनुसार पृथ्वी व अन्य ग्रह सूर्य के बिग-बैंग के बाद हुआ है। परन्तु हमारे ग्रंथों के अनुसार निराकार ब्रह्म ही सबका कारक है।
प्रभास नामक वसु के पुत्र हैं विश्वकर्मा। ये देवशिल्पी हैं, इनका एक नाम त्वष्टा भी है। इनकी पुत्री संज्ञा ही सूर्य की पत्नी हैं।
You are right.
Pranam guru ji
हर हर महादेव गुरूजी
bhut hi stik
🙏मां पार्वती और माँ काली के बारे में भी कुछ बताएं
शिवजी निराकार ब्रह्म हैं और देवी शक्ति उनकी अर्धांगिनी हैं। उन्हीं देवी शक्ति को जगतजननी, भवानी भी कहते हैं। अलग-अलग समय पर अलग-अलग रूप लेकर देवी शक्ति ने राक्षसों का संहार किया। जैसे महिषासुर को मारने के लिए दुर्गा रूप लिया, रक्तबीजासुर को मारने के लिए माँ काली का रूप लिया। परन्तु जब कोई उन्हें अपनी पुत्री के रूप में प्राप्त करने के लिए तप करता है तब दक्ष के तप से सती और पर्वत राज हिमाचल के तप से पार्वती का जन्म हुआ। अर्थात देवी शक्ति ने ही अलग-अलग रूपों में अवतार लिए।
Om namh sivav
Nice information thanks .
Om nam Shivay
Om namah shivay.
The Great information.||Om Namha Shivaay||.
ना शिव संपूर्ण है ना नारायण
शिवनारायण, संपूर्ण परमात्मा हैं
Fir kon है sir
Apko bahut pta h... ..shiv ji shamshan me rahte hai.. kailash me rahte hai.. or Narayan kabhi. Shamshan me nhi rahte kyunki vo shamshan ko Ashudh mante h..apne dekha h kanhi.. shiv ji or devi kali or unke ansh ke alava..koi or devta shamshan ki bhumi ko ashudh mante h
सदा शिव पृथ्वी हो ना हो लेकिन शिव सदा हैं मैं आप से एक बात जानना चाहता हूं ये सिर्फ भारत में ही है जिसने दुनिया बनाई उसे दुसरे देशों में क्यों नहीं जानते।
दूसरे देशों में से अधिकतर कलयुग में ही उभरे हैं, और भारत कलयुग में गुलाम हो गया। इसलिए दूसरे देश भारत के ज्ञान को नहीं मानते, क्योंकि भारत अपनी रक्षा ही नहीं कर पाया तो उसके ज्ञान को कैसे माने।
मैं अपने कई वीडियो में बता चुका हूँ कि भारत में धर्म के साथ खिलवाड हुआ है इसलिए भारत गुलाम हुआ। परन्तु एक ना एक दिन दुनिया को भारत का ज्ञान मानना ही पङेगा।
Sir aapne es video me bataye ki manusya ki utpatti bramha ji ne ki & science kahta hai homosephienc se manusya ki utpatti hui kya sahi hai dono me ek video prastut kijiye 🙏
सर ये बताए कि देवियों कि उत्तपत्ति कैसे हुई। और आपने ये तो बता दिया कि शक्ति शिव के साकार रूप कि पत्नी है एवं उन्हीं के जितनी शक्तिशाली है पर क्या निराकार रूप कि भी कोई पत्नी हे या कोई और शिव के निराकार रूप जितना शक्तिशाली है।
Shiv aur shakti ek hai..bhai aur vo sadev ek hi rahenge
Sir aap yah jankari hamen kahan se de rahe hain kya aap bedo yah granthon se jankari de rahe hain, kripya reply mein bataen
Wonderful Video😍
Jay bholenaath
Sab Shanti rakho
kya satya prakash sir ved or puran me bhagabhan shiv ke nirakar hone ka praman hai please bataiya
Shiv mahapuran
Sir kya ghas durwa lata bel fool patti jaise palak bhaji me bhi aatma hoti hai
शास्त्रों के अनुसार जिसका जन्म होता है, फिर उसका विकास होता है और अन्त में नाश होता है तो वह जीवात्मा है। परन्तु पेड़-पौधे जङ तत्व है और पशु, पक्षी और मानव आदि चेतन तत्व हैं।
कोई भी पौधा उगता है, विकास होता है और फिर अन्त तो उसमें आत्मा बताई जाती है, परन्तु उनके पत्ते, फल और फूल उसी पौधे के हिस्से हैं, उनमें अलग से आत्मा नहीं होती।
द्वापरयुग में कृष्ण जी ने बाल्यावस्था में अपने आंगन के दो पेङों को गिराया था। उन्हीं दो पेङों में से दो देवआत्माएँ मुक्ति पाकर देव लोक में गई। उन दोनों आत्माओं को एक ऋषि के श्राप के कारण जङ योनी मिली थी।
Sir gita mainkrishna kehtai hai mujse sansar nikla.hai
OM 🌷🙏🎈🇮🇳🏹🕉🐿⚛️🌞🌺🌎👍🎈🐿
Sir solah somvar k vrat k bare me bta dijiye kaise ye vrat Lena h
किसी भी शुक्ल पक्ष के सोमवार से 16 सोमवार तक व्रत रखो और 17वें सोमवार को सुबह शिव आराधना करके सामान्य भोजन ग्रहण करो। अभी सावन के महीने आरम्भ करना अति उत्तम रहेगा। व्रत में एक समय नमक रहित अन्न का भोजन खाना होता है। फल आदि खा सकते हैं।
Secrets of Hindu Dharm thanks sir g
nice
शिव और शंकर अलग हैं बिलकुल सही जानकारी
Right information
सत्य प्रकाश sir, आत्मा यानी कि परमात्मा का अंश। जब आत्मा नारी का शरीर धारण करता है तो बह नारी कहलाता है। पुरुष का शरीर धारण करता है तो वह पुरुष कहलाता है। जिस भी प्राणी का शरीर धारण करता है आत्मा वह उस धारण किया हुआ शरीर की वजह से पहचाना जाता है, तो फिर आगर परमात्मा स्वयं शिव है तो फिर वह कौन सा स्वरूप में रहता है? यानी कि वह कौन सा तत्व से बना है? Please reply sir.
शिव अभिन्न अंग है शक्ति। ये दोनों ही सृष्टि के मूलाधार हैं।
Ap bola ki ak ak putra karna hai par stri ke bare me to bataya nahi kripa karke bataye
How can I reach u
Guruji maine apke Sab video download karke dekha jab bi samay mila,,, kyuki sabse alag aur sach laga.
To main yeh janna chahta ho ki ,,,,ap ne kaha kalyug mein pustak aur
guru se sahi gyan nahi milta,,,ese mein maine apko manme hi mere gyan ka guru samaj liya kisiku guru nihi banaya,,,to itne se mukhs ke raste mein chal sakta he ?
मोक्ष का अर्थ है इच्छाओं से छुटकारा पा लेना। इच्छाओं से छुटकारा पाने के लिए सही मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है। यदि मन में चाहत है तो सब संभव है। मैने भी किसी मानव को अपना गुर नहीं बनाया, बल्कि श्री बदरीनाथ जी को ही अपना गुरु माना है। अतः जब कोई सहयोग ना मिले तो ईश्वर को ही अपना गुरु बनाना चाहिए। मुझे जो अनुभव हुआ वो मैं अपने वीडियो के माध्यम से बताता हूँ। आगे भी बताता रहूंगा।
Dhanyabat mujhe mark dharsan dene keliye,,,,,apke jankari pakar mujhe bhi esa hi anubhav hua,,,
Satya ki mark me chalne ki kusis kar raha ho....khlumwo
गुरुजी प्रणाम गुरजी मैं माँ दुर्गा का मंत्र ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडाये विच्चे का जप करता हूँ अपने मन से आपके विचार से क्या यह ठीक होगा मैंने यह नाम किसी गुरु से नही बल्कि दुर्गा सप्तसती से लिया है मैं उसी का पाठ करता हूँ दुर्गा सप्तसती एवं माँ दुर्गा मुझे अत्यंत प्रिय है हमारे परंपरागत गुरु कबीर पंथी है मुझे कबीर साहब उतना प्रिय नही है जितना माँ दुर्गा मैं कबीर पंथ का मंत्र नही लेना चाहता और ओ मुझे दुर्गा माँ का मंत्र देंगे नही ऐसे में मैं क्या करूँ क्या माँ दुर्गा का मंत्र जारी रखु और मुझे उस मंत्र से जो लाभ मिलता है मिलेगा की नही कृपया समाधान बताएं।
यदि तुम्हारा माँ दुर्गा में इतना मन लग गया है कि तुम अपने परंपरागत गुरु को भी नहीं मानते तो तुम्हें माँ दुर्गा की भक्ति प्राप्त हो चुकी है। कबीर दास को ज्ञान तो था, परन्तु वह भगवान नहीं है।
जब हम पर दायित्वों का बोझ होता है तब तक मंत्र आदि में ध्यान नहीं लग पाता। यदि हम सच्चाई पर रहते हुए अपनी जिम्मेदारी के कार्य करते हैं तो यही बङी बात है। जब माँ भवानी को लगेगा कि मंत्र की आवश्यकता है तो वे स्वयं निर्देश दे देंगी।
Thanks guru ji