👉नीतिवचन 24:9 👉मूर्खता का विचार भी पाप है, और ठट्ठा करनेवाले से मनुष्य घृणा करते हैं। 👉यहाँ बुद्धि के दो नियम हैं। पहला, मूर्खतापूर्ण विचार परमेश्वर की दृष्टि में पाप हैं। मनुष्य सोचते हैं कि उनकी कल्पनाएँ उनकी अपनी हैं, परन्तु वे भूल जाते हैं कि ऐसे विचार परमेश्वर के विरुद्ध पाप हैं, जो उन सब को देखता है। दूसरा, करनेवाले व्यक्ति से, जो ताड़ना और उपदेशकों का तिरस्कार करता है, भले मनुष्य घृणा करते हैं, क्योंकि वह बहुत झगड़ा खड़ा करता है, और उसे दूर कर देने से ही आनन्द और शान्ति मिलती है (नीतिवचन 22:10)। 👉ये दोनों खंड आपस में किस प्रकार संबंधित हैं? बुद्धि आलसपूर्ण हठ करनेवाले मूर्ख की पहुँच से इतने ऊँचे पर है कि वह उसे पा नहीं सकता, इसलिए उसके पास दूसरों को देने के लिए कुछ भी मूल्यवान बात नहीं है (नीतिवचन 24:7)। परन्तु जो मनुष्य आगे बढ़कर बुराई की कल्पना करता है, वह केवल मूर्ख ही नहीं, अपितु दुष्ट भी है (नीतिवचन 24:8)। मूर्खता का विचार करना और उसकी योजना बनाना पाप है, परन्तु अधिकार और शिक्षा का तिरस्कार करना और भी बुरा है, इसलिए ठट्ठा करनेवालों से अधिकांश लोग घृणा करते हैं। 👉फरीसियों की दृष्टि में, बुरे विचारों से कोई फर्क नहीं पड़ता, जब तक कि व्यक्ति वास्तविक पाप नहीं करता, और इस प्रकार उन्होंने पाखंड को बढ़ावा दिया। उनके लिए, यदि वास्तविक हत्या या वास्तविक व्यभिचार से बचा जाता है, तो अपने मन में किसी व्यक्ति से घृणा करना या दूसरे की पत्नी के लिए वासना रखना ठीक था (मत्ती 5:21,27)। परन्तु यीशु ने कहा कि अनुचित क्रोध या दूसरी स्त्री पर वासना से भरी दृष्टि रखना भी उसकी दृष्टि में हत्या और व्यभिचार है (मत्ती 5:22,28)। वह पवित्र प्रभु परमेश्वर है। उसके सामने थरथराओ, यहाँ तक कि जब आप अपने मन में गुप्त विचारों को आने देते हैं तब भी। 👉मूर्खता वह हर प्रकार का आचरण है जिसमें परमेश्वर या बुद्धि की कोई परवाह नहीं कीं जाती, जो कि पाप है (नीतिवचन 19:3; 22:15; भजन 14:1)। यहां तक कि मूर्खतापूर्ण बातों - गंदी, तुच्छ, या ठट्ठापूर्ण बातें - की भी निंदा की गई हैं, और परमेश्वर इसके लिए इस जगत का न्याय करेगा (इफिसियों 5:3-7)। परमेश्वर को मूर्खता से घृणा है। वह जानता है कि मनुष्य का मन उसके चरित्र और आचरण का स्रोत है, इसलिए वह मनों को परखता है (मत्ती 12:34-35; 15:18-20)। 👉यौन कल्पनाएँ करना एक स्वाभाविक और सामान्य हैं, परन्तु परमेश्वर उनकी निन्दा करता है। यौनाचार के पाप मूर्खता है (उत्पत्ति 34:7; व्यवस्था 22:21; 2 शमूएल 13:12), और ऐसी मूर्खता के विचार करना पाप है। अय्यूब ने कहा कि वह किसी कुँवारी पर आँखें नहीं लगाएगा (अय्यूब 31:1), और सुलैमान ने चेतावनी दी कि पराई स्त्रियों की लालसा अपने मन में भी न करना (नीतिवचन 6:25)। परमेश्वर मनुष्य के चाल चलन पर ध्यान करता है, जिसमें यौन सम्बन्ध भी शामिल है (नीतिवचन 5:21)। 👉ईर्ष्या, घृणा और अभिमान भी बड़े लोकप्रिय विचार हैं। पुरुषों और स्त्रियों को अपने मनों में दूसरों को तुच्छ समझना और खुद को ऊँचा उठाना अच्छा लगता है। वास्तव में, ईर्ष्या, घृणा और घमण्ड के अधिकतर पाप हृदय तक ही सीमित रहते हैं (याकूब 3:14-16)। लेकिन प्रभु परमेश्वर इन बुरे और मूर्खतापूर्ण विचारों को शैतानी हत्या और विद्रोह कहकर उनकी निंदा करता है। हे दुचित्तों, अपने मन को शुद्ध करो (याकूब 4:8)। 👉एक ठट्ठा करनेवाला दूसरों के लिए पीड़ा और एक समस्या है। ताड़ना और शिक्षा का उनका अहंकापूर्ण इनकार उन्हें शिक्षा देना असंभव बना देता है (नीतिवचन 9:7-8)। शिक्षकों और विरोधियों के प्रति उनका घमण्ड भरा द्वेष मेलमिलाप को असम्भव बना देता है (नीतिवचन 22:10)। उनसे बचना या उन्हें भगा देना अवश्य है । लोगों का उनसे घृणा करना स्वाभाविक और सही है, क्योंकि वे किसी भी अधिकारी के विरुद्ध निरंतर संघर्ष करते हैं और उनकी परेशानी का कारण बनते हैं। वे मूर्ख से भी बदतर हैं, क्योंकि वे अपनी अज्ञानता पर घमण्ड करते हैं (नीतिवचन 26:12)। 👉पाठक, यहाँ बुद्धि के दो विषय हैं। पहला, सबसे बढ़कर अपने मन की रखवाली करो, क्योंकि पाप का आरम्भ मन के मूर्खता के विचारों से होता है (नीतिवचन 4:23; याकूब 1:13-16)। प्रार्थना के द्वारा अपने मन और विचारों की जाँच करो ताकि वहाँ कोई बुराई प्रकट हो सके (भजन 139:23-24)। दूसरा, ठट्ठा करनेवाला बनने से बचने के लिए शिक्षा और डाँट को प्रिय जानो। पाने को इस महान परमेश्वर, उसके वचन और उसके नियुक्त शिक्षकों के सामने दीन बनो।🙏🏻💐😊
गजब खोरठा कॉमेडी
बधाई
मन प्रसन्न हो गईलो ददवा 👍👍
😂😂😂😂😂😂😂 mast comedy
Dil khush kar dali upendra bhaiya jhakas comedy
🎉🎉😅😅❤Nice🎉🎉😅😅❤
Good video 📷📸❤❤😂😊😅
गजब उपेंद्र भैया जी
Mst video
वाह उपेन्द्र भैया जी वीडियो देखकर बहुत ही आनंद प्राप्त हुआ 😊😊😊😊
Very nice video 📸📷🎉❤❤❤😅 दादव
Bahut achha laga comedy dekhne me yese hi video or upload kariyega ❤❤
🙏बहुत सुंदर प्रस्तुत 🙏🇮🇳🇮🇳🏏🏏
Ek no comedy dadawa
Jio ji bhar ke
Dil khush kar diya jhakash comedy😅❤😅❤
Jawahar Dada
Pura lalantop 😍😍😍
Mast hai bhaiya ❤️❤️❤️❤️❤️
😊❤😊 nice 💜
Bahut achha video laglo ho dadwa esi tarah se manoranjan dete ra
MAST MAST COMEDY UPENDAR JI THAKYOU
❤❤❤ mast laglo
Bahut badhiya,Dularwa pandey
Garda uda aaa___dali....ho....dadwa
Badi maja aaya ho dada
Super bro🎉🎉
Mja aagalo ho video dekh ke. 😅😅
😂😂😂😂😂
Mahendra khortha comedy jaisa kabhi nahi comedy Bana sakte hai aaplog
Badi maza ailo 😂
Laa zawab acting hai aap logo ka 👍👍👍👍👍👍
Bahut achha video Upendra Bhaiya
Wah kya baat h bahut sundar
बहुत मजा यह लो दादा वाह दुलरवापांडे वाला mast laglo
पर्दाफाश।।। 😅😅😅
Jay Jharkhand
गजब का पत्रा है
mja aa gaya
😂😂😂😂😂😂 last wala maar 😂😂😂
Super duper comedy reality 😂😂❤❤😂😂❤❤
अबरी mst lagla comedy dekhe me
👉नीतिवचन 24:9
👉मूर्खता का विचार भी पाप है, और ठट्ठा करनेवाले से मनुष्य घृणा करते हैं।
👉यहाँ बुद्धि के दो नियम हैं। पहला, मूर्खतापूर्ण विचार परमेश्वर की दृष्टि में पाप हैं। मनुष्य सोचते हैं कि उनकी कल्पनाएँ उनकी अपनी हैं, परन्तु वे भूल जाते हैं कि ऐसे विचार परमेश्वर के विरुद्ध पाप हैं, जो उन सब को देखता है। दूसरा, करनेवाले व्यक्ति से, जो ताड़ना और उपदेशकों का तिरस्कार करता है, भले मनुष्य घृणा करते हैं, क्योंकि वह बहुत झगड़ा खड़ा करता है, और उसे दूर कर देने से ही आनन्द और शान्ति मिलती है (नीतिवचन 22:10)।
👉ये दोनों खंड आपस में किस प्रकार संबंधित हैं? बुद्धि आलसपूर्ण हठ करनेवाले मूर्ख की पहुँच से इतने ऊँचे पर है कि वह उसे पा नहीं सकता, इसलिए उसके पास दूसरों को देने के लिए कुछ भी मूल्यवान बात नहीं है (नीतिवचन 24:7)। परन्तु जो मनुष्य आगे बढ़कर बुराई की कल्पना करता है, वह केवल मूर्ख ही नहीं, अपितु दुष्ट भी है (नीतिवचन 24:8)। मूर्खता का विचार करना और उसकी योजना बनाना पाप है, परन्तु अधिकार और शिक्षा का तिरस्कार करना और भी बुरा है, इसलिए ठट्ठा करनेवालों से अधिकांश लोग घृणा करते हैं।
👉फरीसियों की दृष्टि में, बुरे विचारों से कोई फर्क नहीं पड़ता, जब तक कि व्यक्ति वास्तविक पाप नहीं करता, और इस प्रकार उन्होंने पाखंड को बढ़ावा दिया। उनके लिए, यदि वास्तविक हत्या या वास्तविक व्यभिचार से बचा जाता है, तो अपने मन में किसी व्यक्ति से घृणा करना या दूसरे की पत्नी के लिए वासना रखना ठीक था (मत्ती 5:21,27)। परन्तु यीशु ने कहा कि अनुचित क्रोध या दूसरी स्त्री पर वासना से भरी दृष्टि रखना भी उसकी दृष्टि में हत्या और व्यभिचार है (मत्ती 5:22,28)। वह पवित्र प्रभु परमेश्वर है। उसके सामने थरथराओ, यहाँ तक कि जब आप अपने मन में गुप्त विचारों को आने देते हैं तब भी।
👉मूर्खता वह हर प्रकार का आचरण है जिसमें परमेश्वर या बुद्धि की कोई परवाह नहीं कीं जाती, जो कि पाप है (नीतिवचन 19:3; 22:15; भजन 14:1)। यहां तक कि मूर्खतापूर्ण बातों - गंदी, तुच्छ, या ठट्ठापूर्ण बातें - की भी निंदा की गई हैं, और परमेश्वर इसके लिए इस जगत का न्याय करेगा (इफिसियों 5:3-7)। परमेश्वर को मूर्खता से घृणा है। वह जानता है कि मनुष्य का मन उसके चरित्र और आचरण का स्रोत है, इसलिए वह मनों को परखता है (मत्ती 12:34-35; 15:18-20)।
👉यौन कल्पनाएँ करना एक स्वाभाविक और सामान्य हैं, परन्तु परमेश्वर उनकी निन्दा करता है। यौनाचार के पाप मूर्खता है (उत्पत्ति 34:7; व्यवस्था 22:21; 2 शमूएल 13:12), और ऐसी मूर्खता के विचार करना पाप है। अय्यूब ने कहा कि वह किसी कुँवारी पर आँखें नहीं लगाएगा (अय्यूब 31:1), और सुलैमान ने चेतावनी दी कि पराई स्त्रियों की लालसा अपने मन में भी न करना (नीतिवचन 6:25)। परमेश्वर मनुष्य के चाल चलन पर ध्यान करता है, जिसमें यौन सम्बन्ध भी शामिल है (नीतिवचन 5:21)।
👉ईर्ष्या, घृणा और अभिमान भी बड़े लोकप्रिय विचार हैं। पुरुषों और स्त्रियों को अपने मनों में दूसरों को तुच्छ समझना और खुद को ऊँचा उठाना अच्छा लगता है। वास्तव में, ईर्ष्या, घृणा और घमण्ड के अधिकतर पाप हृदय तक ही सीमित रहते हैं (याकूब 3:14-16)। लेकिन प्रभु परमेश्वर इन बुरे और मूर्खतापूर्ण विचारों को शैतानी हत्या और विद्रोह कहकर उनकी निंदा करता है। हे दुचित्तों, अपने मन को शुद्ध करो (याकूब 4:8)।
👉एक ठट्ठा करनेवाला दूसरों के लिए पीड़ा और एक समस्या है। ताड़ना और शिक्षा का उनका अहंकापूर्ण इनकार उन्हें शिक्षा देना असंभव बना देता है (नीतिवचन 9:7-8)। शिक्षकों और विरोधियों के प्रति उनका घमण्ड भरा द्वेष मेलमिलाप को असम्भव बना देता है (नीतिवचन 22:10)। उनसे बचना या उन्हें भगा देना अवश्य है । लोगों का उनसे घृणा करना स्वाभाविक और सही है, क्योंकि वे किसी भी अधिकारी के विरुद्ध निरंतर संघर्ष करते हैं और उनकी परेशानी का कारण बनते हैं। वे मूर्ख से भी बदतर हैं, क्योंकि वे अपनी अज्ञानता पर घमण्ड करते हैं (नीतिवचन 26:12)।
👉पाठक, यहाँ बुद्धि के दो विषय हैं। पहला, सबसे बढ़कर अपने मन की रखवाली करो, क्योंकि पाप का आरम्भ मन के मूर्खता के विचारों से होता है (नीतिवचन 4:23; याकूब 1:13-16)। प्रार्थना के द्वारा अपने मन और विचारों की जाँच करो ताकि वहाँ कोई बुराई प्रकट हो सके (भजन 139:23-24)। दूसरा, ठट्ठा करनेवाला बनने से बचने के लिए शिक्षा और डाँट को प्रिय जानो। पाने को इस महान परमेश्वर, उसके वचन और उसके नियुक्त शिक्षकों के सामने दीन बनो।🙏🏻💐😊
🎉
बहुत निक वीडियो है।
Nice bro ❤
Mahendra is best khortha comedy
Bahut hi maja laglo ❤❤❤❤🎉🎉❤❤
Love you bhaiya Jee superhit. Comedy ❤️❤️❤️❤️❤️
Bahut shandaar upendra sir
One of the best youtube ❤❤
❤
Bahut hi behtarin comedy hai
It,s nice one and entertaining video
Super dupar comedy
Mst comedy 👍👍👍👍
बहुत बहुत बहुत अच्छा वीडियो है भाई
Upender or Mahendra Me achcha lagta hai dularva Pandey ka video
Bahut badiya
Bahut accha laga ❤❤😅
Real khortha
Bahut sundar dadwa
मस्त विडियो है
Bahut achcha Laga 👌👌👌👌
बहुत अच्छा लगा है
Your video is very nice 👍❤️❤️❤️❤️❤️
बड़ी बेस लागलो तोर कोमेडिया री भाईवा 😊😊😊😂😂❤❤❤
Super👌👌👌
Andhvishwas or pakhand par Achi katach kiya gya h. Jai Bhim . Jai Bharat
❤❤❤❤ Mazza aa galo
Super very good video
Very nice good 👍
Maza aa galow 😅😅😅😅😅
Sir main apka comedy Bachpan dekhte arhaa hu dekh kar sukn milta hai
0pu
Bahut best laglo ho dadwa ...Johar Jharkhand
Bahut sundar lag lagwa
Super upendra bhai
Bina mahendra ke adhura hai ye comedy
Yese hi video late rahe hai
Bahut achha laga (Dibrugarh Assam)
Mast video Ho da ❤❤❤
Bahut hard dada
Johar jharkhand
Super
Masst
Mast Khortha Comedy 👌
bahut jhakaas comedey he
Jabardast
बहुत बढ़िया
aaj kal k gaon wale pandit ase hi karte hi real video😅😅
Bahut Dino ke bad
Fantastic bhaiya
Bahut acha
Mast comedy
बहुत बहुत धन्यवाद आपका हर बार कुछ झलकियां खास है
Badi bes lagao ho dadayo
No 1 Comedy Helo ho dadwa
Upendra comedy very nice
जय झारखंडी
Very nice picture Upendra Mahendra bhaiya
Jio dada❤❤