टीम दृष्टि आई ए एस का धन्यवाद , अभी तक किसान आंदोलनों से जुड़े वीडियो देखें हैं , खासकर स्टडी से संबंधित उनसे ज्ञात हुआ है कि यह बिल किसानों के खिलाफ है । बुद्धिजीवी वर्ग भी इस बात को स्वीकार कर रहा है , किसान और विपक्ष भी एकजुट हो चूका है इसके बावजूद सरकार टस से मस नहीं हुई और बिल पारित कर दिए , विकास दिव्यकीर्ति सर का इस पर एक विस्तृत वीडियो बनना चाहिए ।
Vikash दिव्यकृती sir से आग्रह है कि कृषि विधेयक, जो अब कानून बन गया है पर एक विस्तृत लेक्चर लें तथा कृषि इतिहास के सभी पहलुओं पर चर्चा करें।अब तक गठीत सभी समितियों पर चर्चा करें। एक कृषि प्रधान देश का हर किसान सरल भाषा में इस कानून की असलियत को समझ सके और निर्णय ले सके। बड़ी कृपा होगी। सादर
ये बिल किसान विरोधी है और पूंजीपतियों के हित में..... जमाखोरी और कालाबाजारी को बढ़ावा मिलेगा जिससे आम आदमी को आर्थिक हानि होगी .....सरकार का पूंजीवाद की ओर एक और सशक्त कदम। इससे गरीबी तो नही खत्म होगी गरीब जरूर खत्म हो जाएंगे। long live invisible hand🙌
Vikas sir ko ek detail class Dena chahiye is topic pr Jisse sbko ek clear information mile ...nhi toh bhtt channels political party k oppose or support krte hue explain kr rhe h bill ko..jisse kafi log mislead horhe
सरकार किसानों की मूल समस्या से नजरें घुमा कर फैसले ले रहीं हैं तभी ये बिल किसानों के हित के विपरीत है। सरकार को इन बिलों पर पुनर्विचार करना चाहिए अथवा MSP गारन्टी एक्ट लेकर आना चाहिए।
नहीं बिकेगा , व्यापारियों की पकड़ मज़बूत है , किसान के पास ट्रांसपोर्ट की सुविधा और होल्डिंग कैपेसिटी की कमी है इस वजह से किसान कमजोर ही साबित होगा । निजी मंडियोंं का उद्भव होगा , बिचौलिए इस राह में से नहीं हट सकते क्योंकि वो खुद किसान और उपभोक्ताओं के बीच एक कड़ी है जो एक दूसरे को जोड़ने का काम करते हैं ।
एम एस पी को हटाने की बजाय इसको निजी क्षेत्र में भी लागू करना चाहिए था ताकि व्यापारियों के चंगुल से और अपने फसली उत्पादों को खराब होने से बचाया जा सकता था , मगर इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया , हम अक्सर देखते हैं , देश भर में किसान कभी आलू , कभी प्याज , टमाटर सड़कों पर फैंकने को मजबूर हो जाता है क्योंकि निजी क्षेत्र में भाव शून्य तक आ जाते हैं और सरकार भी एम एस पी बहुत कम फसलों में दे रही है और कुछ फसलों की गारंटी देकर भी किसानों से खरीद नहीं कर रही है तो इस देश का किसान आखिर क्या करें ? अब किसान जागरूक होकर सड़कों पर उतर आए तो हम उसे राजनीति करार देते हैं ।
@@EnlightenBharat sarkar kuch bhi kre usko media kuch nhi bolti or agr am janta kuch bhi kre use (politics khel rahi hai) kaha jata hai.... Jai kisan jai javan sirf nara hi reh gya or kuch nhi.....😔 kisan ki koi nhi sunta ....kisan ki cheekh ek kisan hi sun skta hai srkar nhi....
@@ishumeena6545 मैंने तीन - चार सालों से अखबार और मीडिया चैनलों को देखना बंद कर दिया हैं और सीधे ही स्टडी बेस्ड वीडियो को देखना पसंद करता हूं जहां मुझे तटस्थता नज़र आती है , पक्ष - विपक्ष , लाभ - हानि , महत्व और उसका आगामी प्रभावों के बारे में जानकारी मिलती हैं इससे मुद्दों को लेकर अपनी समझ भी बढ़ती है और हम किसी भी मामले में क्रिटिकल भूमिका निभा सकते हैं , एक जागरूक नागरिक होने के नाते हम देश की जनता के साथ खड़ा रहना पसंद करेंगे क्योंकि सरकार का स्रोत ये ही जनता है , हम उसे नज़र अंदाज़ नहीं कर सकते हैं
This law will eventually finish all APMCs mandi which decides the msp rate & the rate forms the basis of rate comparison outside mandi. Bt when mandis will start collapsing, the private player will then decide the rate of crops & exploit them.
APMC Should be the key players between Farmers and Private Corporates The Contract Farming should also be done between APMC and Corporates based on the contract they also can ordered the Farmers to crop as per.... APMC should organized the farmers and on behalf of the Farmers APMC should deal with the corporates. Here the new bill can increase the hold of private sector on farming which may leads the higher price of Agriculture Product in retail market and lower profit to Farmers. It can also increase hoarding to increase price. The threat of farmers are true.
जीवन में सिर्फ एक बार मध्य प्रदेश के शरबती गेहूँ की रोटी खाकर देखिये, और अगले दिन पंजाब और हरयाणा के pesticide वाले गेहूं की रोटी खाकर देखिये, आपको एक झटके में समझ में आ जायेगा कि पंजाब के किसान के लिए MSP क्यों जीवन और मरण का प्रश्न बन गया है !!
@@he-man9723 bhai phele gov. Schools me pdkr hi bhaut se officers bnte the Or private schools ki fees m kitna competition h Agar gov. School p itna dhyan de to unki halat acchi kyu ni ho skti
@@chauhankings8801 govt. Schools ki hakat puchle 60 saal se kaise the or ab 6 saal m kya halat h dekho..new restrictions on teachers..new education policy..or private schools pe govt. Paise nai lagati tumhare or mere jaise lagate h...All westren countries m check kro more than 90% private h..reason behind development
दरअसल, हमारे यहां पंचायत स्तर पर स्थपित साधन सहकारी समिति की स्थिति दयनीय है. संबंधित अधिकारी आते नहीं आते हैं तो फायदा केवल गाव के उच्च वा धनाढ्य लोगों को लाभ मिलता है.. जोकि एक बहुत बड़ी समस्या है किसानों के दुगुनी आय के सम्बंध में ये एक बहुत बड़ी समस्या है.
Govt should strengthen APMC's. A government structure for agricultural marketing is only way to increase Farmer's income. Privatization is not solution of Farmer's Problems..
Are you crazy? That is not a government's job, what makes you think a government can run an enterprise like that efficiently? This whole socialist ideology has been proved wrong again and again in multiple countries yet you want the govt. to be involved in such a massive industry? There is SOOO much wrong with what you just said, I can't even think of a place to start with.
@@gurpratapwarring1342 गुरप्रतापजी जादा टाइम वेट कोई नहीं करवा रहा वो उसकी चॉईस है अगर बाजार भाव कम है तो और अगर उनको माल तुरंत बेचना है तो वो किसी भी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को पहले पूरा पैसा लेकर माल देंगे ऐसा प्रावधान है नये कानून मे जो बहोत ही शानदार है नही तो अभी मंडी के आडात के तलवे चाटने पडते है अपने खुद के पैसे के लिए उसमे भी तोलाई माल उतारने की मजदूरी लेवी और पता नहीं क्या क्या काट कर किसान के हाथ मे बाबाजी का ठुल्लु देते है जो इस कानूनों से बदल गया है अब कंपनियां आकार माल लेगी मजदूरी वो देंगे टैक्स वो देंगे और किसान को पैसे भी पूरे एडवांस्ड देंगे तो स्वाभाविक है कि बहोत बड़े राजनीतिक विरोध होना है इसका क्योंकि ये सामान्य मानवीय की सोच रहा है धंधे की नही
varun_ghate ... Bhai company to usi rate m khridegi jo contract k time price tay hua hain... Or agr market m fsl k rate bdh gye to kisan chah kr bhi market m bdhe huye rate pr nhi bech skta.. Use km rate m company ko hi bechnaa pdega...
@@bhatia4310 भाई कंपनी पैसे कमाने के लिए खोलता है कोई वो कमाते है तो इसी देश के नागरिकों पगार देकर रोजगार भी देंगे अगर जीवन मे नजरिए सही हो तो अच्छाई दिखेगी और गलत रहा तो बुराई ही अच्छी लगेगी किसानों के हित एक किसान से बेहतर कोई नहीं जान सकता है contact फार्मिंग महाराष्ट्र मे 2008 से चल रहीं है जितने किसानों उसका फायदा लिया है आज वो खुशहाल है पर नकारात्मक राजनीति से प्रभावित होकर जितने लोगों ने उसका विरोध किया आज उन्हीं किसानों पर महाराष्ट्र मे भुखमरी बेरोजगारी गरीबी आने पर आत्महत्या करने जैसे कदम उठाने पड रहे है ये मे नही कह रहा सरकारी विभागों की रिपोर्ट मे ये सब बातें है अगर समय के साथ नही बदलेंगे तो समय तुम्हारे लिए रुकेगा नहीं
जो देशवासी, देश के किसानों के साथ नही है, उसको देश के किसानों द्वारा उगाया गया अन्न-अनाज-सब्जी-फल नही खरीदना और खाना चाहिए। देश के किसानों को भी ऐसे लोगों को अन्न नही देना चाहिए। जय किसान, जय संविधान, जय भीम
Do they have to go door to door? 50 % of the country is agriculture-dependent, there is a reason why these people are in the parliament, we wanted them to make laws for us. Also what makes you think the farmers are more knowledgeable than economists and supply chain experts?
Upay ye heki... Sarkar or kishan ke alava koy bhi.. Company's mal store nahi kar sakti...or fasal uganese pehle company ke sath ki jane vali deal ki security ki guarantee honi chaiye... Or msp ka kuch karna chaiye... Jis se kishan suraksit mehsus kare
Y bills puri tarike se kisano ki isthiti nhi sudhar payegi... Blki long term m iske bure parinam dekhne ko mil skte h Kiski sambhawana jada h... I think is bill ki jgh p current situation p sudhar ki Jani chahiye...kisano ki fasal ko sarkari institution se jodne ki jrurat h n ki private companies pr kisano ki jindgi ko jo ki unki jindgi hoti h , depend nhi ki Jani chahiye...long term p y kisano ka shosan hi kregi... Because krishi Mandi ja tb tk sayad Khtm ho jayegi.. Is bills k kuch points shi h bt Isse kisano se Jada private and big companies ko hi fayda hoga
सरकार मंडियों के अलावा खुले बाजार में भी न्यूनतम समर्थन मूल्य लागू कर दे इससे किसानों को जहां भी उचित मूल्य मिलेगा फसल वहां पर बेच सकेगा और इससे फायदा यह है होगा की प्राइवेट सेक्टर में कोई कम कीमत पर फसल बेचने को मजबूर नहीं होगा किसान और ना ही कोई खरीददार अपनी मनमानी नहीं करेगा
Food company direct buy from fermers.. No middle men, no commission..ex:amul direct buy milk from dairy fermers, paid good money.. 36 miilon milk buy from fermers
In full support of the Agri bill, govt organizations do not have expertise to drive a massive industry. We have 6 middlemen between farmer and the consumer at the moment according to the stats, if a bigger more streamlined player can cut the gap between farmer's price and consumers cost while also providing storage capacity will improve farmer's profit and stabilize the prices too. People hating on this bill need to look at the stats, we have massive potential to export, we need the private players to do it. This is not a zero-sum game.
Sr ek question tha ans dena ---kya government teacher RUclips video bna sakta h qki esse wo paisa kmata h but government teacher ko tution nahi pdana hota h
@@singletrackstudio1222 ambani aur adani rolebadh rha hai kyuki woh har jagah invest kar rahe hai uske upr investors ke returns ko lekr koi pressure nhi hai.. Baaki saari industries ke board members aur investors bechne pe down sizing mei lage hai
Well explained in brief however there must have some explanation about land aquistion as well. Overall it was good resource of authentic knowledge for me.
ध्यान रहे कि अध्यादेश में केंद्र सरकार ने इस बात की कोई गारंटी नहीं दी है कि खरीददार द्वारा किसानों की उपज की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर होगी। सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करने की कोई गारंटी नहीं दे रही है। किसानों को 'वन नेशन, वन मार्किट' नहीं बल्कि 'वन नेशन, वन रेट' ( एक राष्ट्र, एक दाम ) चाहिए। नए कानून में रेट की बात क्यों नहीं की गई है? ये इसलिए कि बड़े व्यापारी और कंपनियां अपनी मनमर्जी से रेट तय कर मजबूर किसानों से उनकी कृषि उपज खरीद सकें। मंडी व्यवस्था खत्म होने से व्यापारियों की मनमानी और बढ़ जाएगी। वे औने-पौने दाम पर किसानों की फसल खरीदेंगे क्योंकि किसानों के पास कोई विकल्प नहीं होगा।
New bill mujhe kisano ka hitker nhi lgta hai isse phle bhi kisano k halat jada ache n h mujhe lgta h her kisano ko her sal loan dena chahiye or farm se related seminar rkhne chahiye qki aaj bhi bht se kisan h jo uneducated h or alg alg kheti k liye tips dene chaiye kisan mazboot to bharat mazboot,,, jai jawan jai kisan
समय पर यह साबित हुआ है कि जिस सुधार में कॉन्ट्रैक्ट जुड़ जाता है उसमें हमेशा कमजोर पक्ष को नुकसान होता है अब व्यापारी या पूंजीपति वर्ग उस कॉन्ट्रैक्ट का सहारा लेकर किसान का और शोषण करने का प्रयास करेंगे और ऐसे में डीएम ने एसडीएम लेवल के अधिकारी भी कुछ नहीं कर पाएंगे । इसका एक बहुत अच्छा उदाहरण अमेरिका में लीज पर फोन दिए जाने से लिया जा सकता है। जब कोई व्यक्ति लीज पर फोन उस कंपनी से लेता है तब संपूर्ण लीज पीरियड के लिए बाध्य हो जाता है कि वह कंपनी के साथ रहे या बचे हूए लीज को जमा उनका पूरा का पूरा भुगतान करें जो कि एक मध्यमवर्गीय व्यक्ति के लिए संभव नहीं होता और उसमे बधकर रह जाता है।
Wishing for Pollution free, Pesticide free (Cancer Free) Indian Agriculture by 2025 with: 1. Net-metering Solar panelled boundary walls with night lighting, solar pumps & drip/spray nutritious irrigation. 2. All electric tractor, rotavator, harvester, thresher like farm equipments. 3. Grains/Paddy stubble compost maker and compost distribution grid. 4. Farmville like visible e-marketplace where everyone can see online what others are growing very transparently with real time Navic/Bhuvan GPS satellites and soil health card reports. Here every farmer can put a price tag well before the crop mature, so that buyers, cultivators can line-up. 5. Online GPS network for all government and private warehouses with transparent capacities, costs and facilities like nitrogen chambers and dehumidifiers. Here also every farmer can put a price tag including warehousing fees for off-seasonal revenues. 6. Crop insurance settlement ratio is at par with world standards. 7. All corrupt subsidies are converted into direct bank transfers/production linked incentives and liquidity control via Kisan Credit Cards and cash credit accounts. For intellectuals & policymakers refinement and promotion..🙏
I think these 3 bills are not good for farmers. Government just want to leave their duties to support poor farmers and these bills are mostly support private companies. Indian farmers are not as strong as private companies and they can't fight for their rights from these companies. It is govt duties to help and facilitate poor farmers and in India mostly farmers are small farmers.🙏
How? All the farmers have to do is back out of the contract if they do not get the deal they want. Also we need massive infrastructure investment in agriculture, massive innovation is needed too. Has ANY government ANYWHERE in the world ever successful in running a commercial enterprise?
direct codes hain , kisaan seedha court jaa skta hai anuj bhaijan apki galat information hai ek baar fir se padhein official paperwork kripaya aaj tak , republic tv , ndtv aadi na dekhein sirf bill ko khud padhkar hi behes kren aage JaiSachchaKisaan JaiJawan JaiBharat JaiRamLalaKi🇮🇳🇮🇳🇮🇳🙏🙏🙏
@@anujprajapati2425 bhai aapne study nhi ki aap sirf ravish kumar ke dalle ho me aap jaise dehsdrohi aur andhbhakt aur ganwar pe apna samay nhi barbaad kr skta , aap sirf dharti pe bojh hain aur deshdrohi hain , toh ab aap aage kuch bhi bolein me reply nhi krunga , kyuki aadhi knowledge 0 knowledge se khatarnaak toh suna tha , pr aapko dekhke pata lg gya ki aap jaise desh drohi ki 0 knowledge bhi khatarnaak hai , deshdrohi ho aap
Jai Hind, Farmers and soldiers are our back bone very important. We have to support both. I request and urge all the readers and subscription members to download pdf of all 3 farm bill and read it by yourself. Search in this name THE FARMERS (EMPOWERMENT AND PROTECTION) AGREEMENT ON PRICE ASSURANCE AND FARM SERVICES ACT, 2020 Guidelines price assurance and farm services Act, 2020 .pdf search the script of original farm bill talked in lok sabha. Read in your own regional language along with English the farm bill. This is one of the best solution. By reading your understanding and supporting the right cause. Thanks
प्रिय व्यूअर, इस संबंध में जानकारी के लिए आप इस लिंक www.drishtiias.com/hindi/online-pendrive-courses/hindi-literature-online-course पर क्लिक करें। धन्यवाद।
Jis tarah hamare purvj kisani krke apni puri jrurte puri krte the.aaj ka kisan agr kisani krna chod de puri desh ki janta bhukhi mregi . Kisano ke hit ko dekate huye sarkarne kisan kanun bill rdd Krna chahiye.
टीम दृष्टि आई ए एस का धन्यवाद , अभी तक किसान आंदोलनों से जुड़े वीडियो देखें हैं , खासकर स्टडी से संबंधित उनसे ज्ञात हुआ है कि यह बिल किसानों के खिलाफ है । बुद्धिजीवी वर्ग भी इस बात को स्वीकार कर रहा है , किसान और विपक्ष भी एकजुट हो चूका है इसके बावजूद सरकार टस से मस नहीं हुई और बिल पारित कर दिए , विकास दिव्यकीर्ति सर का इस पर एक विस्तृत वीडियो बनना चाहिए ।
Pdf bhi provide krty h kya ye channel current affairs ka?
@@dayanchalart Ha App h.. Drishti Ka aap par Dekhiye
@@EnlightenBharat dear mene drishti all download kiya huaa h bt pta nhi h ki pdf kha se lena h current affairs ka can u tell me step by step 🙂
Vikash sir plz describe deeply
Bilkul sahi....sir plz analyze the matter deeply
हीरो अच्छा काम करे तो अवार्ड,
अधिकारी अच्छा काम करें तो प्रमोशन,
लेकिन अगर देश के अन्नदाता अच्छी ,
फसल उगाते हैं तो दाम आधे हो जाते हैं ॽ
Who is farmers ..belonged only panjab or haryana
@@gsgroupindia5912 I am farmer
@@gsgroupindia5912 Sahi kaha. Main mp ss hu aur yha kissano ko bill se koi dikkat nhi h..
Ji ha ye hai hmara India
Jai ho bhrasht netao
@@shikhayadav8730 aisha kanoon khi nhi hai
Vikash दिव्यकृती sir से आग्रह है कि कृषि विधेयक, जो अब कानून बन गया है पर एक विस्तृत लेक्चर लें तथा कृषि इतिहास के सभी पहलुओं पर चर्चा करें।अब तक गठीत सभी समितियों पर चर्चा करें। एक कृषि प्रधान देश का हर किसान सरल भाषा में इस कानून की असलियत को समझ सके और निर्णय ले सके।
बड़ी कृपा होगी।
सादर
ये बिल किसान विरोधी है और पूंजीपतियों के हित में..... जमाखोरी और कालाबाजारी को बढ़ावा मिलेगा जिससे आम आदमी को आर्थिक हानि होगी .....सरकार का पूंजीवाद की ओर एक और सशक्त कदम। इससे गरीबी तो नही खत्म होगी गरीब जरूर खत्म हो जाएंगे। long live invisible hand🙌
Absolutely right 👌 bro
Punjipatiyon ko badhawa mila h tv to hmare Desh ka GDP -23% pe chala gya or Ambani ka income 35% badh gya
Modi ji ne to kaha tha ki lockdown me jo jaha h wahi rahega.....
GDP tum itna niche kaise chali gayi😅
@@priyanjalikumari2875 kyuki kmae km krcha jyada hua he
@@priyanjalikumari2875 kyuki net use bda he online gaming or online pdae se
Vikas sir ko ek detail class Dena chahiye is topic pr
Jisse sbko ek clear information mile ...nhi toh bhtt channels political party k oppose or support krte hue explain kr rhe h bill ko..jisse kafi log mislead horhe
Already video di hui hai vikash sir ne detail me..
Thank you for drishti IAS teem good evening mam 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Ye bill Aamir ko aur Aamir ,garib ko aur garib banane ka tarike ka example hai. Jai jawan Jai kisan
सरकार किसानों की मूल समस्या से नजरें घुमा कर फैसले ले रहीं हैं तभी ये बिल किसानों के हित के विपरीत है।
सरकार को इन बिलों पर पुनर्विचार करना चाहिए अथवा MSP गारन्टी एक्ट लेकर आना चाहिए।
Jub BIHAR me ye prayog asafal rah chuka hai to fir bantadhar karne ki kya jarurat hai. Well analysis by dristi team.
किसान को चाहिये 5 साल खेती केवल आपने खाने भर का करें सरकार को खुद पता चल जायेगा आन्दोलन की जरूरत ही नहीं होगी
Good 👍 bhi
Kisan ko ek hone ki zarurat he
अगर अनाज सही मूल्य पर बिक ही जाता तो MSP की जरूरत ही क्या थी, बाहर सही मूल्य ना मिलना और किसान को एक गारन्टी ही तो दी गयी थी MSP के रूप में।
नहीं बिकेगा , व्यापारियों की पकड़ मज़बूत है , किसान के पास ट्रांसपोर्ट की सुविधा और होल्डिंग कैपेसिटी की कमी है इस वजह से किसान कमजोर ही साबित होगा । निजी मंडियोंं का उद्भव होगा , बिचौलिए इस राह में से नहीं हट सकते क्योंकि वो खुद किसान और उपभोक्ताओं के बीच एक कड़ी है जो एक दूसरे को जोड़ने का काम करते हैं ।
एम एस पी को हटाने की बजाय इसको निजी क्षेत्र में भी लागू करना चाहिए था ताकि व्यापारियों के चंगुल से और अपने फसली उत्पादों को खराब होने से बचाया जा सकता था , मगर इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया , हम अक्सर देखते हैं , देश भर में किसान कभी आलू , कभी प्याज , टमाटर सड़कों पर फैंकने को मजबूर हो जाता है क्योंकि निजी क्षेत्र में भाव शून्य तक आ जाते हैं और सरकार भी एम एस पी बहुत कम फसलों में दे रही है और कुछ फसलों की गारंटी देकर भी किसानों से खरीद नहीं कर रही है तो इस देश का किसान आखिर क्या करें ? अब किसान जागरूक होकर सड़कों पर उतर आए तो हम उसे राजनीति करार देते हैं ।
@@EnlightenBharat sarkar kuch bhi kre usko media kuch nhi bolti or agr am janta kuch bhi kre use (politics khel rahi hai) kaha jata hai....
Jai kisan jai javan sirf nara hi reh gya or kuch nhi.....😔 kisan ki koi nhi sunta ....kisan ki cheekh ek kisan hi sun skta hai srkar nhi....
@@ishumeena6545 मैंने तीन - चार सालों से अखबार और मीडिया चैनलों को देखना बंद कर दिया हैं और सीधे ही स्टडी बेस्ड वीडियो को देखना पसंद करता हूं जहां मुझे तटस्थता नज़र आती है , पक्ष - विपक्ष , लाभ - हानि , महत्व और उसका आगामी प्रभावों के बारे में जानकारी मिलती हैं इससे मुद्दों को लेकर अपनी समझ भी बढ़ती है और हम किसी भी मामले में क्रिटिकल भूमिका निभा सकते हैं , एक जागरूक नागरिक होने के नाते हम देश की जनता के साथ खड़ा रहना पसंद करेंगे क्योंकि सरकार का स्रोत ये ही जनता है , हम उसे नज़र अंदाज़ नहीं कर सकते हैं
@@EnlightenBharat ...MSP को हटाया नही। लागू किया है। ...
This law will eventually finish all APMCs mandi which decides the msp rate & the rate forms the basis of rate comparison outside mandi. Bt when mandis will start collapsing, the private player will then decide the rate of crops & exploit them.
APMC Should be the key players between Farmers and Private Corporates
The Contract Farming should also be done between APMC and Corporates based on the contract they also can ordered the Farmers to crop as per....
APMC should organized the farmers and on behalf of the Farmers APMC should deal with the corporates.
Here the new bill can increase the hold of private sector on farming which may leads the higher price of Agriculture Product in retail market and lower profit to Farmers.
It can also increase hoarding to increase price.
The threat of farmers are true.
जीवन में सिर्फ एक बार मध्य प्रदेश के शरबती गेहूँ की रोटी खाकर देखिये, और अगले दिन पंजाब और हरयाणा के pesticide वाले गेहूं की रोटी खाकर देखिये, आपको एक झटके में समझ में आ जायेगा कि पंजाब के किसान के लिए MSP क्यों जीवन और मरण का प्रश्न बन गया है !!
दिव्यकीर्ति सर को इस विषय पर वीडियो बनानी चाहिए ....
प्राईवेट मंडी आने पर ,सरकारी मंडियो का वही हाल होगा जो आज सरकारी स्कूलों का हुआ है
Kya phle govt. Schools ki halat achi thi..nai..private k aane se employment generate hui..or fida bacho ka he hua..jo ki yaha kisano ka hoga.
Sarkari mandi me kya hota hai pta hai apko ?
@@he-man9723 bhai phele gov. Schools me pdkr hi bhaut se officers bnte the
Or private schools ki fees m kitna competition h
Agar gov. School p itna dhyan de to unki halat acchi kyu ni ho skti
@@chauhankings8801 govt. Schools ki hakat puchle 60 saal se kaise the or ab 6 saal m kya halat h dekho..new restrictions on teachers..new education policy..or private schools pe govt. Paise nai lagati tumhare or mere jaise lagate h...All westren countries m check kro more than 90% private h..reason behind development
मतलब पहले स्कूल की हालत बहुत अच्छा थी 😂😂😂
BPSC mains ke liye super important topic
अगर MSP को कानून बना दिया जाता है तो पूरा देश के किसानों को फायदा होगा अभी पुरे देश के किसानों को आंदोलन में शामिल होना चाहिए
Thanks sir 😊☺🙆
धन्यवाद दृष्टि टीम 💯✔😎
कोटी कोटी --------------प्रणाम सर 👍🙆
Hiiiii
Ye bilkul sahi hai ki contract farming se pvt companies pehle jo price bolti hai wo bad ma nahi deti hai
sahi kaha...isme farmes ka he loss h har trha se...yaad h na BSNL & JIO ka mamla...dekhlo aj ka haal ky h inka
भारतीय अर्थव्यवस्था पूंजीवाद की तरफ जा रही है।जो आम जनमानस के लिए अच्छा नही होगा।
fully well-defined structure all ways define supper humans
तिसरा कानून का भी विरोध पुरी तरह से करना चाहिये नहि तो गरिब लोग जी नही पायेगा.
Sahi sujhav hai sudhar or sosan rokne ke niyam niyam kisano ke hit me ho
Niyam me ye ho ki kisan apna phasl ka ret khud lgakr Campani ya dyapari co de
दरअसल, हमारे यहां पंचायत स्तर पर स्थपित साधन सहकारी समिति की स्थिति दयनीय है. संबंधित अधिकारी आते नहीं आते हैं तो फायदा केवल गाव के उच्च वा धनाढ्य लोगों को लाभ मिलता है.. जोकि एक बहुत बड़ी समस्या है किसानों के दुगुनी आय के सम्बंध में ये एक बहुत बड़ी समस्या है.
कितने लोग चाहते हैं कि विकास सर इस टॉपिक पर एक वीडियो बनाएं। Plz like Kare🙏🙏
Bna diya h..
अति उत्तम 👌👌, माननीय मेरा सुझाव है इन मह्त्वपूर्ण ऑडिओ आर्टिकल के साथ इसका पी डी एफ (PDF) भी उपलब्ध कराये.. इसपर विचार करें... 🙏🙏
Ryt
Yesss
For history optional, the best teacher in my opinion is Sandeepan sir at Chandigarh.
Year by year, the optional toppers are from his classes.
Es pr Vikas sir ki ek video class honi chahiye...kyu ki sir jyada ache se explain kr denge
Right
Govt should strengthen APMC's. A government structure for agricultural marketing is only way to increase Farmer's income. Privatization is not solution of Farmer's Problems..
Hello
Are you crazy? That is not a government's job, what makes you think a government can run an enterprise like that efficiently? This whole socialist ideology has been proved wrong again and again in multiple countries yet you want the govt. to be involved in such a massive industry? There is SOOO much wrong with what you just said, I can't even think of a place to start with.
Ya well define
किसान संग्रह नहीं कर सकता ऐ सरकार पूँजीपति के फायदे का कानून है
भाई कानून पढ़ ले संग्रह किसान नही कंपनी करेगी वो भी फ्री और जब कीमत बढ़ जाए तो किसान अपनी फसल बेच सकता है
@@Varun_modi_ka_Parivar kisan k pass jayada time tk fasal bechne ki jgh nhi hoti bhi
@@gurpratapwarring1342 गुरप्रतापजी जादा टाइम वेट कोई नहीं करवा रहा वो उसकी चॉईस है अगर बाजार भाव कम है तो और अगर उनको माल तुरंत बेचना है तो वो किसी भी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को पहले पूरा पैसा लेकर माल देंगे ऐसा प्रावधान है नये कानून मे जो बहोत ही शानदार है नही तो अभी मंडी के आडात के तलवे चाटने पडते है अपने खुद के पैसे के लिए उसमे भी तोलाई माल उतारने की मजदूरी लेवी और पता नहीं क्या क्या काट कर किसान के हाथ मे बाबाजी का ठुल्लु देते है जो इस कानूनों से बदल गया है अब कंपनियां आकार माल लेगी मजदूरी वो देंगे टैक्स वो देंगे और किसान को पैसे भी पूरे एडवांस्ड देंगे तो स्वाभाविक है कि बहोत बड़े राजनीतिक विरोध होना है इसका क्योंकि ये सामान्य मानवीय की सोच रहा है धंधे की नही
varun_ghate ... Bhai company to usi rate m khridegi jo contract k time price tay hua hain... Or agr market m fsl k rate bdh gye to kisan chah kr bhi market m bdhe huye rate pr nhi bech skta.. Use km rate m company ko hi bechnaa pdega...
@@bhatia4310 भाई कंपनी पैसे कमाने के लिए खोलता है कोई वो कमाते है तो इसी देश के नागरिकों पगार देकर रोजगार भी देंगे अगर जीवन मे नजरिए सही हो तो अच्छाई दिखेगी और गलत रहा तो बुराई ही अच्छी लगेगी किसानों के हित एक किसान से बेहतर कोई नहीं जान सकता है contact फार्मिंग महाराष्ट्र मे 2008 से चल रहीं है जितने किसानों उसका फायदा लिया है आज वो खुशहाल है पर नकारात्मक राजनीति से प्रभावित होकर जितने लोगों ने उसका विरोध किया आज उन्हीं किसानों पर महाराष्ट्र मे भुखमरी बेरोजगारी गरीबी आने पर आत्महत्या करने जैसे कदम उठाने पड रहे है ये मे नही कह रहा सरकारी विभागों की रिपोर्ट मे ये सब बातें है अगर समय के साथ नही बदलेंगे तो समय तुम्हारे लिए रुकेगा नहीं
Kya stock limit hatne se kala bajari nahi hogi
जो देशवासी, देश के किसानों के साथ नही है, उसको देश के किसानों द्वारा उगाया गया अन्न-अनाज-सब्जी-फल नही खरीदना और खाना चाहिए। देश के किसानों को भी ऐसे लोगों को अन्न नही देना चाहिए। जय किसान, जय संविधान, जय भीम
Vikash sir pls aap is topic pe ek lecture lenge to achchha hoga hamare liye
किसानों से पुछो उनकी क्या समस्या है कुर्सी पर बैठे कुछ नहीं होता 🙃🙃🙃
Do they have to go door to door? 50 % of the country is agriculture-dependent, there is a reason why these people are in the parliament, we wanted them to make laws for us. Also what makes you think the farmers are more knowledgeable than economists and supply chain experts?
@@demorvie chodo na......inn logo ka dimag poppu ke mutra aur gobar se bhara hua hain.....isliye inlogo ko samajh nhin ayega
@@demorvie Jo vote mangne ke liye har village me jate h vo unki problem solve krne ke liye nhi ja skte kya Bhai
@@hrgamers1918 Dude, farmers do not know macro economics, why do we have to ask them?
@@demorvie Haan lekin Bhai apni problem k bare me une jyada pta Hoga syad or une ye bhi pta Hoga ki vo kse thik ho skti h
सरकारों का सबसे अच्छा तरीका है किसी घटना को दबाने के लिए उससे बड़ी घटना पैदा कर दी जाए Krishi bill डाउन हाथरस अप.
Vikas sr is andolan pr ek video banay wo hi ache se smjha paenge
Upay ye heki... Sarkar or kishan ke alava koy bhi.. Company's mal store nahi kar sakti...or fasal uganese pehle company ke sath ki jane vali deal ki security ki guarantee honi chaiye... Or msp ka kuch karna chaiye... Jis se kishan suraksit mehsus kare
बहुत बेहतरीन जानकारी आप ने प्रादान किया
विकास सरसे अपील है कि आप इस बारे में वीडियो बनाए 🙏
Thank you Deepali maam.
Thank you Khushaal maam.
Thank you Team Drishti.
Y bills puri tarike se kisano ki isthiti nhi sudhar payegi... Blki long term m iske bure parinam dekhne ko mil skte h Kiski sambhawana jada h... I think is bill ki jgh p current situation p sudhar ki Jani chahiye...kisano ki fasal ko sarkari institution se jodne ki jrurat h n ki private companies pr kisano ki jindgi ko jo ki unki jindgi hoti h , depend nhi ki Jani chahiye...long term p y kisano ka shosan hi kregi... Because krishi Mandi ja tb tk sayad Khtm ho jayegi.. Is bills k kuch points shi h bt Isse kisano se Jada private and big companies ko hi fayda hoga
Vikas sir ek video aap banaye is topic pr plzz.. 🙏
सरकार मंडियों के अलावा खुले बाजार में भी न्यूनतम समर्थन मूल्य लागू कर दे इससे किसानों को जहां भी उचित मूल्य मिलेगा फसल वहां पर बेच सकेगा और इससे फायदा यह है होगा की प्राइवेट सेक्टर में कोई कम कीमत पर फसल बेचने को मजबूर नहीं होगा किसान और ना ही कोई खरीददार अपनी मनमानी नहीं करेगा
आपकी बात में दम है।
कृषि बिल पर तटस्थ विश्लेषण...
I am a Farmer & I strngly support new Farm law
🙏🙏🙏 kya is bill k pass hone k baad big company ke haatho me agriculture industry jaa skti hai ??? Jisse market me monopoly create hogi???
Food company direct buy from fermers.. No middle men, no commission..ex:amul direct buy milk from dairy fermers, paid good money.. 36 miilon milk buy from fermers
Es topic par Vikas sir ka ek Vedio chahiye plzzzzzz🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Is this video available in english?
In full support of the Agri bill, govt organizations do not have expertise to drive a massive industry. We have 6 middlemen between farmer and the consumer at the moment according to the stats, if a bigger more streamlined player can cut the gap between farmer's price and consumers cost while also providing storage capacity will improve farmer's profit and stabilize the prices too. People hating on this bill need to look at the stats, we have massive potential to export, we need the private players to do it. This is not a zero-sum game.
Corporate sector ko badhawa dene wala bill hai.
I AM FARMER OF SON AND I KNOW THIS LAW IS TOTALLY DISSATISFIED
Okay, you are "farmer of son" !!!
Kisan BIL pr vikas sir k vichar chahiye tym na ho to Beshaq chota hi vedio bna dijiye sir
Agar amrit sir ki aawaz ho to mja aa Jaye....
Sr ek question tha ans dena ---kya government teacher RUclips video bna sakta h qki esse wo paisa kmata h but government teacher ko tution nahi pdana hota h
jai modi,. kissan ki madad krne k lea bhot bhot shukriya. 🙏❤
यह केवल उच्च वर्ग को देख रहीं हैं किसानों का और शोषण होगा
Shoshn garib ka hee hota hai..
Nhi bhai aisa nhi hoga unka fayda hoga
Bs galat ye h ki ambani adani ka role desh ki economy mai bdh rha h aur vo theek nhi h
Modi g yha galat kr rhe h
@@singletrackstudio1222 ambani aur adani rolebadh rha hai kyuki woh har jagah invest kar rahe hai uske upr investors ke returns ko lekr koi pressure nhi hai.. Baaki saari industries ke board members aur investors bechne pe down sizing mei lage hai
धन्यवाद् दृष्टि टीम
शुक्रिया
Well explained in brief however there must have some explanation about land aquistion as well. Overall it was good resource of authentic knowledge for me.
ध्यान रहे कि अध्यादेश में केंद्र सरकार ने इस बात की कोई गारंटी नहीं दी है कि खरीददार द्वारा किसानों की उपज
की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर होगी। सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करने की कोई गारंटी नहीं दे रही है।
किसानों को 'वन नेशन, वन मार्किट' नहीं बल्कि 'वन नेशन, वन रेट' ( एक राष्ट्र, एक दाम ) चाहिए। नए कानून में रेट की
बात क्यों नहीं की गई है? ये इसलिए कि बड़े व्यापारी और कंपनियां अपनी मनमर्जी से रेट तय कर मजबूर किसानों से
उनकी कृषि उपज खरीद सकें। मंडी व्यवस्था खत्म होने से व्यापारियों की मनमानी और बढ़ जाएगी।
वे औने-पौने दाम पर
किसानों की फसल खरीदेंगे क्योंकि किसानों के पास कोई विकल्प नहीं होगा।
Kisano ka kahna sahi hai sarkar isspar dhyan dena chahiy sarkari tantra itni active ni hai jo vivad ka niptara 1 ya 2 dinn me ho jay
Privatisation of agriculture nothing else,
Yes
सब हुडदंगीयोंपर और इनका सपोर्ट करने वाले नेताओंपर राष्ट्रद्रोह का मुकदमा चले!😢
वाह मोदी, देश तो बेच ही रहे थे, अब किसानों को ही बेच रहे हो चाय वाले
त्रिपाठी जी पढ़ाई पर ध्यान दो नहीं तो इसको छोड़ कर राजनीति में शामिल हो जाओगे। जैसा लिखते हो उससे यहीं लगता है के पप्पू ही हो।
New bill mujhe kisano ka hitker nhi lgta hai isse phle bhi kisano k halat jada ache n h mujhe lgta h her kisano ko her sal loan dena chahiye or farm se related seminar rkhne chahiye qki aaj bhi bht se kisan h jo uneducated h or alg alg kheti k liye tips dene chaiye kisan mazboot to bharat mazboot,,, jai jawan jai kisan
समय पर यह साबित हुआ है कि जिस सुधार में कॉन्ट्रैक्ट जुड़ जाता है उसमें हमेशा कमजोर पक्ष को नुकसान होता है अब व्यापारी या पूंजीपति वर्ग उस कॉन्ट्रैक्ट का सहारा लेकर किसान का और शोषण करने का प्रयास करेंगे और ऐसे में डीएम ने एसडीएम लेवल के अधिकारी भी कुछ नहीं कर पाएंगे । इसका एक बहुत अच्छा उदाहरण अमेरिका में लीज पर फोन दिए जाने से लिया जा सकता है। जब कोई व्यक्ति लीज पर फोन उस कंपनी से लेता है तब संपूर्ण लीज पीरियड के लिए बाध्य हो जाता है कि वह कंपनी के साथ रहे या बचे हूए लीज को जमा उनका पूरा का पूरा भुगतान करें जो कि एक मध्यमवर्गीय व्यक्ति के लिए संभव नहीं होता और उसमे बधकर रह जाता है।
SDM ki kya aokat hai private company k agge
Thank you so much Drishti IAS
💯💯
Good explanation
Wishing for Pollution free, Pesticide free (Cancer Free) Indian Agriculture by 2025 with:
1. Net-metering Solar panelled boundary walls with night lighting, solar pumps & drip/spray nutritious irrigation.
2. All electric tractor, rotavator, harvester, thresher like farm equipments.
3. Grains/Paddy stubble compost maker and compost distribution grid.
4. Farmville like visible e-marketplace where everyone can see online what others are growing very transparently with real time Navic/Bhuvan GPS satellites and soil health card reports. Here every farmer can put a price tag well before the crop mature, so that buyers, cultivators can line-up.
5. Online GPS network for all government and private warehouses with transparent capacities, costs and facilities like nitrogen chambers and dehumidifiers. Here also every farmer can put a price tag including warehousing fees for off-seasonal revenues.
6. Crop insurance settlement ratio is at par with world standards.
7. All corrupt subsidies are converted into direct bank transfers/production linked incentives and liquidity control via Kisan Credit Cards and cash credit accounts.
For intellectuals & policymakers refinement and promotion..🙏
I think these 3 bills are not good for farmers. Government just want to leave their duties to support poor farmers and these bills are mostly support private companies. Indian farmers are not as strong as private companies and they can't fight for their rights from these companies. It is govt duties to help and facilitate poor farmers and in India mostly farmers are small farmers.🙏
Janab kb Tak kisan majboor bna rhega ..kabhi to mainstream m aye ..
English me koi baat likh dene se genuine baat nhi kehlayega thik h ..
J model Bihar me fail ho chuka hai aap bihar k kisaan ki halat dekh skte hai
Thanks ma'am Ji 🙏🏿
बिल पर सरकार की सिक्योरिटी चाहिए
Thank you dristi team
Kisan bill pe Vikas Divyakirti sir ki 3 hr ki ek video hai use dekhe sari confusion dur ho jayegi.
Thank u so much sir
Why farmers can't go to court??
Kya BIRODH hai🙄😭😭😭
Kindly resume the audio of previous
It's not beneficially for Farmer. Bcz after 5 year, largest manufacturer apply monopolize on farmer.
Yes
How? All the farmers have to do is back out of the contract if they do not get the deal they want. Also we need massive infrastructure investment in agriculture, massive innovation is needed too. Has ANY government ANYWHERE in the world ever successful in running a commercial enterprise?
Very good explanation sir
Sir one concept talk on krishi bill or kisan aandolan
chat tapakrahi thi fir bhi vo barish ki duva magraha tha kisa zindabad,
Thanks team drishti
किसान कोर्ट नहीं जा सकता मतलब ????
कोर्ट जाने से कौन रोकेगा ????
direct codes hain , kisaan seedha court jaa skta hai
anuj bhaijan apki galat information hai
ek baar fir se padhein official paperwork
kripaya aaj tak , republic tv , ndtv aadi na dekhein
sirf bill ko khud padhkar hi behes kren aage
JaiSachchaKisaan
JaiJawan
JaiBharat
JaiRamLalaKi🇮🇳🇮🇳🇮🇳🙏🙏🙏
@@magicallyinsane4420 kisan civil court mein nhi jaa skta , pehle lows ko ache trha se read kro bhai
@@magicallyinsane4420 inn channel ko dekhna bnd kr do , ye galt information dete hain
@@anujprajapati2425 bhai aapne study nhi ki aap sirf ravish kumar ke dalle ho me aap jaise dehsdrohi aur andhbhakt aur ganwar pe apna samay nhi barbaad kr skta , aap sirf dharti pe bojh hain aur deshdrohi hain , toh ab aap aage kuch bhi bolein me reply nhi krunga , kyuki aadhi knowledge 0 knowledge se khatarnaak toh suna tha , pr aapko dekhke pata lg gya ki aap jaise desh drohi ki 0 knowledge bhi khatarnaak hai , deshdrohi ho aap
Jai Hind,
Farmers and soldiers are our back bone very important. We have to support both.
I request and urge all the readers and subscription members to download pdf of all 3 farm bill and read it by yourself.
Search in this name THE FARMERS (EMPOWERMENT AND PROTECTION) AGREEMENT ON
PRICE ASSURANCE AND FARM SERVICES ACT, 2020
Guidelines price assurance and farm services Act, 2020 .pdf
search the script of original farm bill talked in lok sabha.
Read in your own regional language along with English the farm bill.
This is one of the best solution. By reading your understanding and supporting the right cause.
Thanks
Mem only hindi literature optional ki pendrive fees kitne he please reply
प्रिय व्यूअर, इस संबंध में जानकारी के लिए आप इस लिंक www.drishtiias.com/hindi/online-pendrive-courses/hindi-literature-online-course पर क्लिक करें। धन्यवाद।
Jis tarah hamare purvj kisani krke apni puri jrurte puri krte the.aaj ka kisan agr kisani krna chod de puri desh ki janta bhukhi mregi . Kisano ke hit ko dekate huye sarkarne kisan kanun bill rdd Krna chahiye.
Thank you very much Mam😊& Drishti IAS Team...👍🏻
Very good explanation mem
Thank you so much
Good
Thank U So Much Drishti IAS
Kisan jindabad and jai hind
Prayag raj ki faculty kab open ho rhi hai....? Plz ab jaldi se open kare
nice
Thank you ma'am 👏👏👏
Please language ko easy bnaiye.. Too tough to understand... otherwise content is good
Msp ko mrp ki tarah fix rakho msp rate fix hi nhi h
Sahi Baat haii par hamein pura bill kya haii vo samajna chahiye
Shukriya g for powerful lecture
Is bill se large farmers to jhel lenge pr un small holding farmer jo india me 80% h unka kya hoga.
Woh normal kheti kr skte hai jaise aaj tak kr rhe the...
🙏🙏🙏thq for information