आसपास के नजदीकी लोगो से, मौका मिलते ही, ऐसी ही घटना कारित कर ने की संभावना होती है ... ये तों एक पहलु है मालती जोशी ने कहानी में क्या विचार उकेरने का प्रयास किया समझ नहीँ आया बालिका ने अगर अपना बचाव ना किया होता वह सब गुजर जाता जिस से उसे ही शायद आत्मघात करना पड़ता ये तों कहानीं का प्रसंग है कहानींकार जैसे विचार आये बैसा लिखते है अन्यथा तों गंगाधर की आत्महत्या पर, उस अबोध बालिका को, उससे घृणा करतें हुए उसका मरना उचित ही होना कहना था माँ से नफरत का कोई कारण है ही नहीँ माँ ने क्या किया? माँ उस प्रसंग को किसी को नहीँ बताने दें रही तों इसमें क्या गलत है लड़की को यही बात समझ क्यों नहीँ आई ये लेखिका ही जाने बालिका क्यों गंगाधर के घिनोने कार्य के बाद भी उसकी आत्महत्या के लिये स्वयं को जिम्मेदार मान रहीं है लेखिका ने इस का कारण स्पष्ट नहीं किया
शिवानी जी के बाद इतनी सशक्त एवं संवेदनशील भाषा मालती जोशी जी की ही लगी , ऊपर से होने में सुगन्ध तो वाचन है , शान्त एवं मधुर आवाज़ । मन आनंदित हो जाता है । धन्यवाद
मालती जोशी जी की समस्त रचनाओं में यह कहानी सर्वश्रेष्ठ है। इसे लगभग पचास वर्ष पूर्व पढ़ा था पर अभी तक मानस पटल पर अंकित थी। आज पुन: सुन कर मन भावुक हो गया।
Bhut achi kahani hai .Mann bhar aya .
SUNDER KAHANI
मालती जोशी जी कहानी,और उस पर आपकी आवाज़ का जादू सच में कहानी में जान डाल देता है,दिल करता है कि सुनते ही रहे,और कहानी कभी खत्म ही ना हो 🙏🙏🙏
Thank you Neetu ji...aap log itna pyar dete ho ..Tahe Dil se aapka shukriya..I m grateful 🙏❤️😊🌷
मन को ब्यथित कर गई ये कहानी
मधुर मनमोहक आवाज
Thank You So Much Sunita Ji...😊🌹🙏
आसपास के नजदीकी लोगो से, मौका मिलते ही, ऐसी ही घटना कारित कर ने की संभावना होती है ... ये तों एक पहलु है
मालती जोशी ने कहानी में क्या विचार उकेरने का प्रयास किया समझ नहीँ आया
बालिका ने अगर अपना बचाव ना किया होता वह सब गुजर जाता जिस से उसे ही शायद आत्मघात करना पड़ता
ये तों कहानीं का प्रसंग है कहानींकार जैसे विचार आये बैसा लिखते है अन्यथा तों गंगाधर की आत्महत्या पर, उस अबोध बालिका को, उससे घृणा करतें हुए उसका मरना उचित ही होना कहना था
माँ से नफरत का कोई कारण है ही नहीँ माँ ने क्या किया?
माँ उस प्रसंग को किसी को नहीँ बताने दें रही तों इसमें क्या गलत है लड़की को यही बात समझ क्यों नहीँ आई ये लेखिका ही जाने
बालिका क्यों गंगाधर के घिनोने कार्य के बाद भी उसकी आत्महत्या के लिये स्वयं को जिम्मेदार मान रहीं है लेखिका ने इस का कारण स्पष्ट नहीं किया
शिवानी जी के बाद इतनी सशक्त एवं संवेदनशील भाषा मालती जोशी जी की ही लगी , ऊपर से होने में सुगन्ध तो वाचन है , शान्त एवं मधुर आवाज़ । मन आनंदित हो जाता है । धन्यवाद
😊🌹🙏Thank You Dear Urmila Ji...Itne Sundar shabd kehne ke liye 😊🌹Dil Se Abhar aur pyar...🙏
Long story or v achi lagti hai aapki aawaj me
Thank you so much..itna pyar dete ho aap log.. 🙏😊❤️🌷
Sweet voice
मालती जोशी जी की समस्त रचनाओं में
यह कहानी सर्वश्रेष्ठ है। इसे लगभग पचास वर्ष पूर्व पढ़ा था पर अभी तक
मानस पटल पर अंकित थी। आज पुन:
सुन कर मन भावुक हो गया।
Malti joshi ji ki sabhi rachnayen ek se badhakar ek hai.. kahani dharyapurvak sunane ke liye aapka bahut bahut dhanyawad Abha ji😊🙏🙏
Bahut sundar
Thank you ❤️😊🙏🌷
Acchi kahani .
धन्यवाद अर्चना जी .. अपना कीमती वक़्त देके कहानी सुनने के लिए ..🙏🌹
Too long story but liked the way you narrate it, seems as if we are watching a movie, a real life story
🙏Thank you ...it's a huge compliment for me🌹
मालती जोशी जी की कहानियां पढने लगो तो छोड़ने का मन ही नही होता कहानी बांध लेती है
और आपके सुनाने का अंदाज भी बहुत सुन्दर है।
Har story kuch sochne ko majbur kar deti he ,kase koi aikele rah sake ,man darta he ,duniyan matlabi he, daraavani he ,
Ye samajh me nahin aaya ki beti maa se nafrat kiun karne lagi.
कहानी पसंद नही आई, शोषण कराने वाले को सजा होनी ही चाहिए
Smita Ji saja to use mil gai thi usne atmhatya kar li thi glani ke karan 😊🙏🌹...