कैसे एक साधारण लकड़ी में प्रकट हुए भगवान जगन्नाथ|Unveiling Mysteries of Lord Jagannath "Yogi Prabhu"

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  • Опубликовано: 11 фев 2025
  • In this beautiful Lord Jagannath story, you will come to know who is lord Jagannath and how he appeared. Must watch full katha of lord Jagannath. we have explained the values of honesty, devotion and sincerity of Lord Jagannath devotees. Lord Jagannath's story will take you on a journey of lord Jaganath to his childhood .This will reveal the secret of how Lord Jagannath comes to Jagannath Puri ji (Orrisa) .Hear this Lord Jagannath story full in Hindi and got to know the lord Jagannath pastimes. If you like this video please SUBSCRIBE to our channel and hit the LIKE button to regularly get updates.
    भगवान जगन्नाथ जी के बारे में कई गूढ़ रहस्य है जिससे आज तक हम अनजान है आइए जानते हैं
    भगवान जगन्नाथ जी विष्णु जी (कृष्ण जी )को ही कहा गया है क्योंकि जब श्री कृष्ण जी एक वृक्ष के नीचे विश्राम करने के लिए लेट गए l एक बलिया नाम के भील शिकारी ने श्री कृष्ण जी के पैर में लगे पदम को हिरण की आंख जानकर वृक्ष की झुरमटो के अंदर से विषाक्त तीर मार दिया। जिस कारण से श्री कृष्ण जी की मृत्यु हुई लेकिन मृत्यु से कुछ समय पहले श्री कृष्ण जी ने शिकारी से कहा मैं कुछ समय का मेहमान हूं मेरा एक कार्य कर दे मेरे रिश्तेदार पांडवों को संदेश भेज दो कि यादव आपस में लड़ कर मर रहे हैं शीघ्र जाओ।जब अर्जुन तथा युधिष्ठिर आदि पांचो पांडव पहुंच गए तब कृष्ण जी ने अर्जुन से कहा कि मेरे शरीर को जलाकर इसकी राख को कास्ट की पेटी यानी संदूक बनवा कर उस में डाल कर पूर्ण रूप से बंद कर देना और समुद्र में बहा देना। ऐसा ही किया गया। कुछ समय उपरांत व पेटी बहकर उड़ीसा में पुरी के पास समुद्र के किनारे पहुंच गई। उड़ीसा का राजा इंद्र दमन था जो श्री कृष्ण जी का परम भक्त था श्री कृष्ण जी ने राजा को स्वपन में दर्शन दिए तथा बताया कि मेरे शरीर की राख एक कास्ट की पेटी( संदूक )में डालकर द्वारका में बहाई गई थी जो अब पूरी( उड़ीसा में आ गई है। समुद्र के किनारे लगी है उसको निकालकर वही समुंदर के किनारे जगन्नाथ नाम से मंदिर बनवा दे। राजा इंद्र दमन ने श्री कृष्ण जी की बात को मान कर मंदिर बनवा दिया श्री कृष्ण जी के कहने पर ही मंदिर का नाम जगन्नाथ रखा गया था

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