बंद रखते है जुबा लब नहीं खोला करते, चांद के सामने तारे नहीं बोला करते, फासला कितना है इस डाल से उस डाली का इतना उड़ने के लिए पर नहीं खोला करते, ❤वह जनाब वाह गजल सम्राट नईम अख्तर साहब क्या खूब रख रखाव हैं अल्फाजों का,
चेहरे पे झुर्रियां हैं तो क्या, ज़ज्बात में जिंदगी का सवेरा है l इस क़दर ज्वां है वो शख्स नई नस्लों के दिलों में धड़कता है ll बुरहानपुर की भारत की धरती के सम्मानित महान शायर " नईम अख्तर खादमी " जी को सपरिवार ढेरों सलाम और लम्बी उम्र स्वस्थ-खुशहाल जिंदगी के लिए दुवाऐं l ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤ ईश्वर पाल शर्मा- देहरादून l ❤❤❤❤❤❤❤❤
نعیم اختر کاذمی صاحب اللّٰہ تعالٰی آپ سے راضی رھے کیا خوبصورت ،با معنی اور ادبی شاعری ادب کے ساتھ سنائی دل خوش ھو گیا آپ کا بہت بہت شکریہ،اصغر محمود پاکستان سے
वो उस अकेले अधनंगे इंसान का फैसला नहीं था,पूरे देश की राजनीति का था,वो तो अलग करना चाहता ही नहीं था मगर संघी मानसिकता के कुछ लोगों ने मजबूर कर दिया और अगर ऐसा न होता तो न जाने कितनी करोड़ जानें और जातीं
तारीफ़ के लिए भी वो अपनी इंसान ख़रीद लेते हैं और कुछ चाहें तो वो क्या से क्या कर जाएं । हम तो हैं ख़ाक से बतर यहाँ कोई बताये की कहाँ जाएं और मर जाएं।। अशोक
जनाब पार्टीशन के समय संविधान की कल्पना भी नहीं की गई थी और आपने इतना बड़ा गप्प मारा जो हज़म नहीं हो रहा है ! !! सुधार की जरूरत है और थोड़ा पढ़ने की कोशिश करना !!
दिखाई नहीं देता पर वह मुझ में समाया हुआ है उसकी खुशबू से पता चलता है कि वह आया हुआ है डर लगता है कहीं वह छोड़ ना दे मुझको सफर चांद रातों के लिए वह मुझे पराया हुआ है
ابرارکاشف مشاعرہ میں اتنا لمبا بھاشن نہیں دیا جاتا کہ مشاعرہ کا مزہ ھی کرکرا کردیا ۔تم جیسے خوشامدی لوگ کیا جانیں آزادی کی نعمت کیا ھوتی ھے۔ھمارے بزرگوں نے اپنی جانوں کی قربانی دے کر اس ملک پاکستان کو بنایا ھے ھم ہر صبح اللہ کے کرم سے آزادی کی سانس کے ساتھ جاگتے اور سوتے ھیں۔ھم آزادی سے مسجد میں نماز پڑھتے ھیں اپنی ساری مذھبی رسومات آزادی سے بغیر کسی خو ف و خطر کے ساتھ انجام دیتے ہیں ۔ھماری فوج ھماری حفاظت کرتی ھے دشمن ٹیڑھی آنکھ سے ھماری طرف دیکھنے کی جرت بھی نھیں کرسکتا۔ھم ایٹمی طاقت ہیں ۔اب ایٹمی طاقت کیا ہوتی ہے یہ بھی بتا ؤں؟اب خود سمجھ لو کہ تمہارے دادا نے غلطی کی یا۔۔۔۔؟
पानियों पर कागज़ की कश्ती का 'सफ़र ' बच्चों को भी मालूम l चुल्हे पर काठ की हांडी का ' हश्र' किसकों नहीं मालूम ll मंसूबे जो भी है तेरे यकीनन तारीफ़ के काबिल तो नहीं l जहनियत ही क़ातिलों सी तेरी इंसानियत उसमें शामिल नहीं ll जिंदगी मोहब्बत के लिए थोड़ी सी है यारों l नफरत को दिलों में घर मत बनाने दो यारों ll
वाह बढ़िया साहब लेकिन खुद को राजनीति से दूर ही रखे / हम सब भारतीय है चाहे हिंदू हो या मुस्लिम / और हिंदू मुस्लिम पर राजनीति करने वाले गलत लोग है चाहे कोई भी पार्टी हो
जब अबेडकर, नेहरु ने आपकी इबादत गाहो काआबाद रहने का वादा किया था तो आपने हमारी इबादत गाहे, मंदिर क्यों तोडे। अगर तौड भी दी थी तो अब हमारे हवाले कयो नही कर देते।
Aise hi kisse sunakar ye gumrah karte aye....ghazal ka shauk hame bhi hai...izzat hame bhi hai sabkee.. Par Dil me jhank kar dekhe kitna fark rakhte hai ye, juban par shahad see boli aur dimag me sar tun se juda ka khayal rakhte hai ye
Advani ko us hi ke chele ne milk ke bhare glass se ek Makhkhi man kar hamesha ke lie bahar kar dia Ye ah kanhi ka na raha na koi uska koi zikr kabhi karega ...
Intro jhoot se bhara ...aur ek bebasee dikha raha Partition dharm ke base par hua .aur us adhnange insan ne desh kodhoka diya...secular he aaj gale kee haddi ban gaya
आपके दादा संविधान के विश्वास पर रुक गए हैं तो आप सभी मुसलमान को संविधान पर विश्वास रखना चाहिए संविधान में जो लिखी हुई सभी बातों का अमल करना वहां कुरान और अल्लाह ना आना चाहिए
khadmi sahib. BILKUL NUHEE. een janaab ko * gulutfuhumee * hai ki GANGA JAMUNA * TUHJIB hai BHARAT MEI. BEWAKOOF AAP SUBO ( MOMINO) KO BUNAAYE. UB AUR NUHEE. RAJENDRA SINGH.
बंद रखते है जुबा लब नहीं खोला करते, चांद के सामने तारे नहीं बोला करते, फासला कितना है इस डाल से उस डाली का इतना उड़ने के लिए पर नहीं खोला करते, ❤वह जनाब वाह गजल सम्राट नईम अख्तर साहब क्या खूब रख रखाव हैं अल्फाजों का,
Maimakhtar
Ertugrulseason5episode70
😮m
L
Alfazo ka nhi alfaaz ko alfaaz jama hai lafz ki
माशा अल्लाह इस अंदाज और इस आवाज को सुनकर गजल k बादशाह मेंहदी हसन साहब की याद आ गई😢
वही मखमली आवाज और वही रूहानी अंदाज❤
चेहरे पे झुर्रियां हैं तो क्या, ज़ज्बात में जिंदगी का सवेरा है l
इस क़दर ज्वां है वो शख्स नई नस्लों के दिलों में धड़कता है ll
बुरहानपुर की भारत की धरती के सम्मानित
महान शायर " नईम अख्तर खादमी " जी को सपरिवार ढेरों सलाम और लम्बी उम्र स्वस्थ-खुशहाल जिंदगी के लिए दुवाऐं l
❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
ईश्वर पाल शर्मा- देहरादून l
❤❤❤❤❤❤❤❤
Ýý9a
Very good. Gata rho..kus rho.. yunus .p. usa
Excellent sher
By shAyer Naim sb
जिनको सूरज मेरी चौखट से मिला करता था
अब वोह देते हैं खैरात में उजाले मुझको 👌🙏
वाहवा क्या बात है, शुक्रगुजार यूं!
मेरे तलुओं में ये चुभन कैसी, कोई कांटों पर चल रहा होगा।बहुत खूबसूरत।
Bahouth khoob. Bahouth dinou'n ke baad Naim bhai ko sunna. ❤
Kiya baat hai Nayeem sir
bhut khoob
प्रोग्राम की निजामात जो सहाब कर रहे है उनकी तहजीब को स्लाम।और अल्लाताला उन्हे सेहत और लंबी उम्र दे।
نعیم اضتر بہتریں ترنم اور غزل کا منفرد شاعر۔۔۔۔۔۔کامیاب مشاعرہ۔۔۔ انتظاميہ کو دلی مبارکباد
بھت خوبصورت غزل۔نعیم اختر صاحب۔ماشاءاللہ۔اللہ آپکی ذہانت میں مزید اضافہ فرمائے۔اور آپکو تندرستی عطا فرمائے۔آمین۔ثم آمین۔
बहुत ख़ूब.. लाजवाब 💐
Ma sha Allah. Bohot badhiya bohot umdah
बहुत ही सुन्दर 🎉
Wah.wah.janab.kiya.baat❤
तंग आ गया हूं पांव के इन आंबलो से मैं,जी खुश हुआ है राह को पुरखार देखकर....
MashaAllah, JajakAllah VA Khaira.
Wah Wah umda kalam 🎉❤
نعیم اختر کاذمی صاحب اللّٰہ تعالٰی آپ سے راضی رھے کیا خوبصورت ،با معنی اور ادبی شاعری ادب کے ساتھ سنائی دل خوش ھو گیا آپ کا بہت بہت شکریہ،اصغر محمود پاکستان سے
Mashallah heart touching portry.
Beutiful Voice Sir
Waah.waah.
آپ کلام سننے سے بہت سے مسائل اور واقعات، نظر وبصر کے زاویوں میں آجاتے۔ ہیں
voice so bautiful besides thoughts
काशिफ मीयां आपकी आवाज़ में एक गज़ब की रवानगी और खूबसूरती है। आपकी नजामत तो कंपेयर नहीं हो सकती
Woh mere paas Aana chahta hai magar koi bahana chahta hai 👌
Excellent Naeem sir, Salutes 👍🙏
beshàk sao takke ki baat kya baat hai wa wa wa❤❤❤
Bahut koub subhanallah
Kya khane naeem saheb wah wah
Uffffffffffff Aaaafreeeeen
Samdar bhi kitana bhara hai apni
pyas bhuja nahi sakata.....whah bhot khub
Bahut khoob ji 👍🙏💕
Bahot aala
Very nice Naeem saheb dhanyavad
खादिम साहब..... उसने इस काम पे लगाया हुआ है 👍
Shandaasaaar
Bahut badhiea ❤
❤
Bahut khoob
MOHABBAT ka paigam
Lootnewalo Loot Lo
Bilkul sahi baat kahi hai ji❤
लाजवाब,सर।
Aamin...
SUPER
Heart and mind attracking tone
नेहरु,अंबेडकर और गाँधी ने भारत में मुस्लिम भाईयों को सारी सुविधाएँ प्रदान कर दी तो पाकिस्तान जाने वाले लोग कौन थे?
Naim akhar khadmi sahab burhanpur walo ke Liye nahi balki pure hindustan walo ke Liye ek Tohfa he
DIL KO KHUSH KADIYA NAIM SAHAB ALLAH SALAMAT RAKKHE
वाह!क्या तीर चलाए हैं!!
Ba khubi andaj hai janab aap ka maja a gaya
bhut khub ❤❤❤❤ Nawab ahmad ansari
Lajawab ❤
जब ऐसा ही करना था तो
उस अधनंगे इंसान ने हमे
क्यों दर बदर किया बटवारा करके
क
वो उस अकेले अधनंगे इंसान का फैसला नहीं था,पूरे देश की राजनीति का था,वो तो अलग करना चाहता ही नहीं था मगर संघी मानसिकता के कुछ लोगों ने मजबूर कर दिया और अगर ऐसा न होता तो न जाने कितनी करोड़ जानें और जातीं
Jinnah mc kiya
❤ excellent
Thanks for listening
V nice
ऐ वतन तेरे लिए उढाते कितने गम ओर तुफानों में चराग जलाते हैं हम 20:44
बेवक़ूफ़ों के भाग जाने से
होशियारों का तख़्त छिन जाता
~जावेद जहद
Kay khubh bola naeem sahab sahi bola
Very.nice
بہت خوب۔
नईम सहाब लाखो कोहीनुर मे से कोहीनुर है।अल्लाताला उन्हे सेहत और लंबी उम्र दे।
यह है खुदा की नियामत सुभान अल्लाह।
उतर जाता है जूनून उमर की सीढ़ी से।
यही तो देख रहा, अपनी तीन पीढ़ी से।
❤❤❤ naeem shab burhanpur8 ❤
Ibrar kasif sir
I salut you
Nai sahab aap aaj si siyasat per bahut bada Tanz kar rahe ho
Nice
तारीफ़ के लिए भी वो अपनी इंसान
ख़रीद लेते हैं
और कुछ चाहें तो वो क्या से क्या
कर जाएं ।
हम तो हैं ख़ाक से बतर यहाँ
कोई बताये की कहाँ जाएं
और मर जाएं।।
अशोक
نعیم اختر صاحب آپ کے لفظ نہایت فائدہ ثابت ہونے
Nayeem bhai aap to bahut kamzor ho gai hai.allah pak apko sehat ata kare
Good
Babut khub kayaa shair hai
Ganab nayeem sb lagawab allah aap ko lambi umar de
जनाब पार्टीशन के समय संविधान की कल्पना भी नहीं की गई थी और आपने इतना बड़ा गप्प मारा जो हज़म नहीं हो रहा है !
!! सुधार की जरूरत है और थोड़ा पढ़ने की कोशिश करना !!
1947 में किताब तो नहीं रही होगी लेकिन रोकने की कोशिश नहीं की गई ऐसा कोई नहीं कह सकता । जैसे आज कुछ भी कहकर उसे ही सच बताया जा रहा है ।
भाई संविधान का ड्राफ्ट तो ready था...
100% Sahi bol rahe hain aap @@jayaprakashmahato6220
Very nice sir asal baat bhoola nahi karte
Juban meethe aur Dil dimag me sar tun se juda kee baat kartee hai ...secular hi nasoor ban gaya aaj
Bhut Achcha jiyo
ध्यान रहे, हम सब आप, सनातनी थे।
हम में से कुछ लोगो ने धर्मांतरण कर लिया,कुछ कुर्बान हो गए,और कुछ बचे रह गए।
हम सब का डीएनए एक ही है
Aaj bhi ham sab sanatni ha lakin sab nahi samajhta
दिखाई नहीं देता पर वह मुझ में समाया हुआ है
उसकी खुशबू से पता चलता है कि वह आया हुआ है
डर लगता है कहीं वह छोड़ ना दे मुझको सफर
चांद रातों के लिए वह मुझे पराया हुआ है
ابرارکاشف مشاعرہ میں اتنا لمبا بھاشن نہیں دیا جاتا کہ مشاعرہ کا مزہ ھی کرکرا کردیا ۔تم جیسے خوشامدی لوگ کیا جانیں آزادی کی نعمت کیا ھوتی ھے۔ھمارے بزرگوں نے اپنی جانوں کی قربانی دے کر اس ملک پاکستان کو بنایا ھے ھم ہر صبح اللہ کے کرم سے آزادی کی سانس کے ساتھ جاگتے اور سوتے ھیں۔ھم آزادی سے مسجد میں نماز پڑھتے ھیں اپنی ساری مذھبی رسومات آزادی سے بغیر کسی خو ف و خطر کے ساتھ انجام دیتے ہیں ۔ھماری فوج ھماری حفاظت کرتی ھے دشمن ٹیڑھی آنکھ سے ھماری طرف دیکھنے کی جرت بھی نھیں کرسکتا۔ھم ایٹمی طاقت ہیں ۔اب ایٹمی طاقت کیا ہوتی ہے یہ بھی بتا ؤں؟اب خود سمجھ لو کہ تمہارے دادا نے غلطی کی یا۔۔۔۔؟
Very good sir
पानियों पर कागज़ की कश्ती का 'सफ़र ' बच्चों को भी मालूम l
चुल्हे पर काठ की हांडी का ' हश्र' किसकों नहीं मालूम ll
मंसूबे जो भी है तेरे यकीनन तारीफ़ के काबिल तो नहीं l
जहनियत ही क़ातिलों सी तेरी इंसानियत उसमें शामिल नहीं ll
जिंदगी मोहब्बत के लिए थोड़ी सी है यारों l
नफरत को दिलों में घर मत बनाने दो यारों ll
वाह बढ़िया साहब लेकिन खुद को राजनीति से दूर ही रखे / हम सब भारतीय है चाहे हिंदू हो या मुस्लिम / और हिंदू मुस्लिम पर राजनीति करने वाले गलत लोग है चाहे कोई भी पार्टी हो
जो भी जाति धर्म के आधार पर भेद रखेगा उसको प्रकृति और ईश्वर द्वारा दंड मिलेगा ही
نعیم اختر صاحب کے بیشتر اشعار اُن کی اپنی ذات ہی کے گرد طواف کرتے ہیں...
why camera distract from shayar poor camera man
जब अबेडकर, नेहरु ने आपकी इबादत गाहो काआबाद रहने का वादा किया था तो आपने हमारी इबादत गाहे, मंदिर क्यों तोडे। अगर तौड भी दी थी तो अब हमारे हवाले कयो नही कर देते।
WhatsApp university's thinking. Come out from WhatsApp University and follow the truth, which helps you to understand and save our country.
😂😂🎉😢😢😢😢😅
@walimohammad7525khoob bachate ho desh ko sab jante hai
मेरे भाई आपको ग़लत उलझाया गया
क्या बकवास करते हो बीजेपी का इतिहास न पढा कर अगर मुसलमान ने मंदिर तोड़े होते एक भी मंदिर नही बचा होता।
1947 में संविधान था ही नहीं। संविधान में सेक्युलर शब्द भी नहीं था। वो तो इंदिरा गांधी ने इमरजेंसी लगाकर संविधान में जबरदस्ती सेक्युलर शब्द घुसाया है !
Aise hi kisse sunakar ye gumrah karte aye....ghazal ka shauk hame bhi hai...izzat hame bhi hai sabkee..
Par Dil me jhank kar dekhe kitna fark rakhte hai ye, juban par shahad see boli aur dimag me sar tun se juda ka khayal rakhte hai ye
Advani ko us hi ke chele ne milk ke bhare glass se ek Makhkhi man kar hamesha ke lie bahar kar dia Ye ah kanhi ka na raha na koi uska koi zikr kabhi karega ...
Intro jhoot se bhara ...aur ek bebasee dikha raha
Partition dharm ke base par hua .aur us adhnange insan ne desh kodhoka diya...secular he aaj gale kee haddi ban gaya
Aap ke dada ne Pakistan banne ka vote Kiya tha ye bhi bata do.
If Dada voted for Pakistan don't mean anything!
यदि ऐसा है तो पाकिस्तान क्यों लिया, क्या ये किसी साजिश के तहत यहाँ रह गये दुबारा बंटवारा करवाने के लिये?
Right brother
Bjp k supporter lgte ho
Hansi jb tk rahi mere labon p
Kayi peshaniyon p bl raha hai
आपके दादा संविधान के विश्वास पर रुक गए हैं तो आप सभी मुसलमान को संविधान पर विश्वास रखना चाहिए संविधान में जो लिखी हुई सभी बातों का अमल करना वहां कुरान और अल्लाह ना आना चाहिए
نعیم اختر صاحب کے آواز کا جادو سر چڑھ کر بولتا ہے
khadmi sahib.
BILKUL NUHEE.
een janaab ko * gulutfuhumee * hai ki GANGA JAMUNA * TUHJIB hai BHARAT MEI.
BEWAKOOF AAP SUBO ( MOMINO) KO BUNAAYE.
UB AUR NUHEE.
RAJENDRA SINGH.
Bhai kya baat hai
دیا آندھی میں میرا جل رہا ہے
مصرع ایسا ہو تو.....؟
Shayeri achhi h. . par gaddari ki boo aa rhi h. . or ye kyu aa rhi h ?
Correct kaha.
Intro bhi jhoot se bhara tha... Pakistan inke liye us adhnange insaan ne banaya tha...dharm ke adhar par tha partition
Nehru Gandhi ke karmon ki Saja Aaj pura Hindustan bhugat Raha hai
Sad
kiya mila tumeh savidhan ka fayeda schedule cast ko mila , muslim ki zuban aur culture chheen liya gaya haq aur batil ki baat
Afsana hai
لیکن تمہارے دادا اپنی ہی کتابوں کے بتائے ہوئے اصول کو بھول گئے تھے ۔
انور جلال پوری کا قول اپنے نام سے کیوں منسوب کر رہے ہیں ایسی امید نہیں تھی