अहोई अष्टमी व्रत कथा।अहोई आठें व्रत की पौराणिक कथा।सूनी गोद को भरने वाली अहोई माता की सम्पूर्ण कथा।।
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- Опубликовано: 7 фев 2025
- अहोई अष्टमी व्रत कथा।।अहोई आठें व्रत की पौराणिक कथा।।सूनी गोद को भरने वाली अहोई माता की सम्पूर्ण कथा।। दोस्तों,आज हम आपको अहोई अष्टमी के व्रत की कथा सुनाने जा रहे हैं। आप सभी से अनुरोध है। कि इस कथा को ध्यानपूर्वक सुनियेगा। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को, सभी माताएं अपने बच्चों की सलामती के लिए, अहोई अष्टमी का व्रत और पूजन करतीं हैं।पौराणिक मान्यता के अनुसार,जिस वार को दीपावली का त्योहार मनाया जाता है। उसके ठीक आठ दिन पहले,उसी वार को अहोई अष्टमी का व्रत किया जाता है।अहोई अष्टमी से 45 दिनों तक ‘ॐ पार्वतीप्रियनंदनाय नमः’ का 11 माला जाप करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। मान्यता है, कि संतान कामना की इच्छा रखने वाले लोगों की भी इच्छा भी पूर्ण हो जातीं हैं। दोस्तों, हमें उम्मीद है,कि आप सबको हमारी यह विडियो अच्छी जरूर पसन्द आयेगी। इसलिए हमारा आप सभी श्रोताओं से अनुरोध है, कि इस कथा को
सुनने के बाद, विडियो को लाईक करके हमारे चैनल को भी सबस्क्राइब जरूर कर लीजिएगा। ताकि हमारी अगली विडियो का नोटिफिकेशन आपके पास सबसे पहले पहुंच सके। धन्यवाद दोस्तों।।#धर्मज्ञान हिन्दी कहानियां।।
#अहोईअष्टमी व्रत कथा। अहोई आठें व्रत कथा।।
अहोई माता का चमत्कार। अहोई अष्टमी व्रत की कथा।।