गौड़ बंगाल से आई रे चाल के एक ब्राह्मण की जाई,रे खाटू में देखि शयाम तेरी संकलाई...(God bangal se aai re chal ke) ब्राह्मणी के घर माय , कमी ना धन धान की । सारी बाता ठाट हो रया, इँछा थी संतान की । भक्ता से सुनी चर्चा श्याम भगवान की , ब्राह्मणी पति से बोली ,सुणो पीया म्हारी बात, खाटू में ह् श्याम धणी, गठ जोड़े की देवा जात, पुत्र को वरदान मांगू, थे भी चालो म्हारे साथ,,2हाआ थे भी चालो 2no. दोहा नित उठ पूजा ज्योतिषी , पूज्या देव तमाम , एक पुत्तर के कारण में , पड्यो भांझनी नाम, अर्ज मान ल्यो थे पीव म्हारी , खाटू में है श्याम बिहारी, आशा पुरे दाता व्थारी , जल्दी सी करो थे चढाई रे,,, गौड़ बंगाल से....(God bangal se) रथड़े में बैठ गया , नाम ले गणेश को, घणा दिना से चाव लाग्यो, मरुधर देश को, मनडे में विश्वाश म्हारे , खाटू के नरेश को, दोनु मानस चाल पड्या, घर मंजला घर कूंचा, खाटू हाले खारडे में दोपहरी में जाय पहुंच्या, बड़ी बड़ी जॉन्टी खड़ी, बड़ा बड़ा खड्या रूंख ,,हा हा हाजी दोफारी को तावड़ो , धाड़ी मिलग्या चार, धन की पेटी लूट ली जी,भाई दियो विप्र ने मार, धाड़ी लूट लियो ह् रथ ने, कुण जाणे दाता तेरी गत ने पड़यो तड़फतो देख्यो कंत ने, कुरजा ज्यूँ कुरजाई रे, हो श्याम धणी दातार, गयो करतार,उम्र मेरी बाली,महाराज में आई बेटो लैण , पत्ती दे चाली , मेरी सास नणद रही बर्ज, पुत्र की गरज,ब्रंजता चाली,महाराज में आई भरण ने गोद, मांग होई खाली, में पाछी किस बिद जाँऊ, में खाय जहर मर जाँऊ पति के संग जल मर जाँऊ दुनिया में नाम कर जाउ ।। सासुजी सुनेगा मेरी, कुछ ना रहे बाकी । गेल को इतिहास बाबा, जँगा जँगा भरे साखी ।ई जद जद भीड़ पड़ी, नारियों की लाज्ज राखी,। गणिका,अहिल्या,भिलनी, कुबड़ी और कर्मा बाई । नानी बाई को भात जिस्यो, भरे कोणी सागी भाई, मेरी बात राख धणी, साँचो जाण शरण आई, दोरपति की लाज रखी , मेरो राख सुहाग । बन में अबला लूट गई,रे भाई जाग धनिडा जाग,, ब्राह्मण को मुख जोवन लागि, धीरज मन को खोवण लागे, बिलख 2 कर रोवण लागि,, आखिर जात लुगाई,,, देखी श्याम तेरी सुणो भगत की अर्ज,इंद्र स्यु गरज,सिंघासन धुज्यो,,,,महाराज तेरा भगत करे अरदास, श्याम ने पूजयो,। काच्ची निंद्रा गई टूट, सांवरो उठ, सम्भाल्यो घोड़ो, में बिछुड्यो देऊ रे मिलाय,भगत को जोड़ो, झठ पाँव पागड़े घाल्यो, घोड़ो पवन बेग से चाल्यो, धणी लियो हाथ में भालो संग में अंजनी को लालो, भगत पुजारी तेरा , खड्या हाथ जोड़ के, दोफ़ारी में चाल्यो धणी , सिंघासन ने छोड़ के , डरे मत बेटी तेरो बाबो आवे दौड़के , टिबड़े से ढल्यो जद लीले ने ललकार के । दुश्मना की रान्त काटी मारी तलवार के । ब्राह्मण कन आयो धणी ,डाकू ने मार के, ब्राह्मण सुत्यो ताल में, सिर धड़ हो रया दोय, देख दशा भरतार की रे भाई रही ब्राह्मणी रोय श्याम धणी तेरे आवे आडो मोर पंख को दे दियो झाड़ो ब्राह्मण बदल्यो झठ पसवाड़ो , डूबेड़ी नाव ने तिराइ , ब्राह्मण किन्यो चेत,रयो ह् देख, हाथ में भालो,,,,,महाराज एजी बो खड्यो सामने आप, भगत रखवालो, श्याम कहे सुण बिप्र ,छोड़ दे फ़िक्र, घरा थे चालो,,,,,,महाराज,एजी बो मारणियो सँ बड़ो बचावन हालो, ब्राह्मणी उठी रे हरसाई, धणी की माया दरसाई झठ पड़ी चरण में आई, मन भोत घणी तरसाई, बाबो बोले ह देर होगी माफ़ करदे, बोल रयो खाटू नाथ ।। पीताम्बर से आंसू पुछ्या, धरयो ह् सर पर हाथ,।। मुख सेती मांगले , सो देऊ इण स्यात,।। अन्न धन का भंडार भरे, भू बेटा से आंगणो ।।ं ज्ञान को प्रकाश करदे,। ह्रदय में चानङो , मरया पछै मुक्ति दे दे, और कांई मांगणो, अन्न धन दिन्या मोकला, पुत्र घणो परिवार, दूजो जग में ह् कोण ह् जी श्याम जिस्यो दातार , श्याम नाम को मार्ग झिणो, श्याम नाम को अम्रत पीनो, ब्रज मोहन को गाँव ह् रिणो, प्रभु जी की करी रे बड़ाई रे,, देखी श्याम तेरी SHYAM BHAJAN LYRICS गोड़ बंगाल से आई रे चाल के भजन लिरिक्स(god bangal se aai re chal ke bhajan lyrics)
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हे नाथ नारायण वासुदेवा श्री कृष्णा गोविंद हरे जय श्री राम ओम नमः शिवाय
जय श्री श्याम बाबा की जय हो श्री नाथ जी महाराजश्री की 🙏🙏🌺🌺
जय श्री नाथ जी महाराज की
जय श्री नाथजी महाराज🙏
Naru bhaiji ki awaaj me bahut hi sunder bhajan
Ratinath. Ji. Maharaj. Ki. Jai. Ho
आप के हर भजन ज्ञान के भंडार है जी
Jai shree ratinath Ji Maharaj ki Jai
जय हो नाथ जी महाराज की
Jai shree nath ji Maharaj ki
Jai shree shyam je
Jai Shree Shyam 🙏🙏🙏
3ii3i3333a33iiiiiIaiiiIiiIiiiiiiiiiii9iiiiiiiiiIiIiiiII39iI9IIIi3iii33333333333i333i33i3ii8iiiiI9999iI893333333333333333333333333333333333333333333333333333333333333333333333333333333333333333333333333333333333333333333333i3i3333333333333333i33333333333333333333333333333333333333333333333333333333333333i33333333333i333333IiIiiiiiiiiIi333333333333333333333333333333i393I3i3333ii33i3ii3i3i3i333i33i3i3i33I39393i33i333ii33333333333333333A
Jai ho Shri Rati Nath ji maharaj ki
Jay Shri Sardana Ji Maharaj ki
Jay Shri Nath Ji Maharaj
Shyam naam ko Amrit pino 🙏
Jai shree.Nath ji.Jai
महाराज महाराज आपकी जय हो,🙏🏾🙏🏽🌹🌹
Jai shree nath ji
Nice bhajan
Jay shri nathji jhunjhunu
चरण स्पर्श महाराज जी ।
Jai shree shyam
Jai ho
कृपया लिरिक्स भी डालो।भजन बहुत ही संदर है
जय श्री नाथ जी महाराज की 🌹🌹
Jai Shree Nathji ki
ये स्वर नारू भाईजी के है ना कि बाबाजी के
जय श्री नाथजी महाराज की
🙏🏻🚩
Jai shri shyam🙏🙇♂️🙇♂️❤
RamNiwas Tain
Nice Bhajan
Jaishri
Nathki
Govind.halwai
Nice
गौड़ बंगाल से आई रे चाल के एक ब्राह्मण की जाई,रे
खाटू में देखि शयाम तेरी संकलाई...(God bangal se aai re chal ke)
ब्राह्मणी के घर माय ,
कमी ना धन धान की ।
सारी बाता ठाट हो रया,
इँछा थी संतान की ।
भक्ता से सुनी चर्चा श्याम भगवान की ,
ब्राह्मणी पति से बोली ,सुणो पीया म्हारी बात,
खाटू में ह् श्याम धणी,
गठ जोड़े की देवा जात,
पुत्र को वरदान मांगू,
थे भी चालो म्हारे साथ,,2हाआ थे भी चालो
2no. दोहा
नित उठ पूजा ज्योतिषी , पूज्या देव तमाम ,
एक पुत्तर के कारण में , पड्यो भांझनी नाम,
अर्ज मान ल्यो थे पीव म्हारी ,
खाटू में है श्याम बिहारी,
आशा पुरे दाता व्थारी ,
जल्दी सी करो थे चढाई रे,,,
गौड़ बंगाल से....(God bangal se)
रथड़े में बैठ गया ,
नाम ले गणेश को,
घणा दिना से चाव लाग्यो,
मरुधर देश को,
मनडे में विश्वाश म्हारे ,
खाटू के नरेश को,
दोनु मानस चाल पड्या,
घर मंजला घर कूंचा,
खाटू हाले खारडे में
दोपहरी में जाय पहुंच्या,
बड़ी बड़ी जॉन्टी खड़ी,
बड़ा बड़ा खड्या रूंख ,,हा हा हाजी
दोफारी को तावड़ो ,
धाड़ी मिलग्या चार,
धन की पेटी लूट ली जी,भाई
दियो विप्र ने मार,
धाड़ी लूट लियो ह् रथ ने,
कुण जाणे दाता तेरी गत ने
पड़यो तड़फतो देख्यो कंत ने,
कुरजा ज्यूँ कुरजाई रे,
हो श्याम धणी दातार,
गयो करतार,उम्र मेरी बाली,महाराज
में आई बेटो लैण ,
पत्ती दे चाली ,
मेरी सास नणद रही बर्ज,
पुत्र की गरज,ब्रंजता चाली,महाराज
में आई भरण ने गोद,
मांग होई खाली,
में पाछी किस बिद जाँऊ,
में खाय जहर मर जाँऊ
पति के संग जल मर जाँऊ
दुनिया में नाम कर जाउ ।।
सासुजी सुनेगा मेरी,
कुछ ना रहे बाकी ।
गेल को इतिहास बाबा,
जँगा जँगा भरे साखी ।ई
जद जद भीड़ पड़ी,
नारियों की लाज्ज राखी,।
गणिका,अहिल्या,भिलनी,
कुबड़ी और कर्मा बाई ।
नानी बाई को भात जिस्यो, भरे कोणी सागी भाई,
मेरी बात राख धणी,
साँचो जाण शरण आई,
दोरपति की लाज रखी ,
मेरो राख सुहाग ।
बन में अबला लूट गई,रे भाई
जाग धनिडा जाग,,
ब्राह्मण को मुख जोवन लागि,
धीरज मन को खोवण लागे,
बिलख 2 कर रोवण लागि,,
आखिर जात लुगाई,,,
देखी श्याम तेरी
सुणो भगत की अर्ज,इंद्र स्यु गरज,सिंघासन धुज्यो,,,,महाराज
तेरा भगत करे अरदास,
श्याम ने पूजयो,।
काच्ची निंद्रा गई टूट,
सांवरो उठ,
सम्भाल्यो घोड़ो,
में बिछुड्यो देऊ रे मिलाय,भगत को जोड़ो,
झठ पाँव पागड़े घाल्यो,
घोड़ो पवन बेग से चाल्यो,
धणी लियो हाथ में भालो
संग में अंजनी को लालो,
भगत पुजारी तेरा ,
खड्या हाथ जोड़ के,
दोफ़ारी में चाल्यो धणी ,
सिंघासन ने छोड़ के ,
डरे मत बेटी तेरो बाबो आवे दौड़के ,
टिबड़े से ढल्यो जद
लीले ने ललकार के ।
दुश्मना की रान्त काटी
मारी तलवार के ।
ब्राह्मण कन आयो धणी ,डाकू ने मार के,
ब्राह्मण सुत्यो ताल में,
सिर धड़ हो रया दोय,
देख दशा भरतार की रे भाई
रही ब्राह्मणी रोय
श्याम धणी तेरे आवे आडो
मोर पंख को दे दियो झाड़ो
ब्राह्मण बदल्यो झठ पसवाड़ो ,
डूबेड़ी नाव ने तिराइ ,
ब्राह्मण किन्यो चेत,रयो ह् देख,
हाथ में भालो,,,,,महाराज एजी
बो खड्यो सामने आप,
भगत रखवालो,
श्याम कहे सुण बिप्र ,छोड़ दे फ़िक्र,
घरा थे चालो,,,,,,महाराज,एजी
बो मारणियो सँ बड़ो बचावन हालो,
ब्राह्मणी उठी रे हरसाई,
धणी की माया दरसाई
झठ पड़ी चरण में आई,
मन भोत घणी तरसाई,
बाबो बोले ह
देर होगी माफ़ करदे,
बोल रयो खाटू नाथ ।।
पीताम्बर से आंसू पुछ्या,
धरयो ह् सर पर हाथ,।।
मुख सेती मांगले ,
सो देऊ इण स्यात,।।
अन्न धन का भंडार भरे,
भू बेटा से आंगणो ।।ं
ज्ञान को प्रकाश करदे,।
ह्रदय में चानङो ,
मरया पछै मुक्ति दे दे,
और कांई मांगणो,
अन्न धन दिन्या मोकला,
पुत्र घणो परिवार,
दूजो जग में ह् कोण ह् जी
श्याम जिस्यो दातार ,
श्याम नाम को मार्ग झिणो,
श्याम नाम को अम्रत पीनो,
ब्रज मोहन को गाँव ह् रिणो,
प्रभु जी की करी रे बड़ाई रे,,
देखी श्याम तेरी
SHYAM BHAJAN LYRICS
गोड़ बंगाल से आई रे चाल के भजन लिरिक्स(god bangal se aai re chal ke bhajan lyrics)
जय श्री नाथ जी की
जय श्री श्याम बाबा की जय हो श्री नाथ जी महाराजश्री की 🙏🙏🌺🌺
जय श्री श्याम बाबा की जय हो श्री नाथ जी महाराजश्री की 🙏🙏🌺🌺
Bolo nathji maharaj ki jav ho
Devi Singh God Rajput
😅
Sarswati ka vardan h g

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गोड़ बंगाल से आई रे चाल के एक ब्राह्मण की जाई रे, खाटू मैं देखी श्याम तेरी संकलाई (God bangal se aai re chal ke ek brahman ki jai re khatu mein dekhi shyam teri sAnklai
by Bhajan on Thursday, October 03, 2019
गौड़ बंगाल से आई रे चाल के एक ब्राह्मण की जाई,रे
खाटू में देखि शयाम तेरी संकलाई...(God bangal se aai re chal ke)
ब्राह्मणी के घर माय ,
कमी ना धन धान की ।
सारी बाता ठाट हो रया,
इँछा थी संतान की ।
भक्ता से सुनी चर्चा श्याम भगवान की ,
ब्राह्मणी पति से बोली ,सुणो पीया म्हारी बात,
खाटू में ह् श्याम धणी,
गठ जोड़े की देवा जात,
पुत्र को वरदान मांगू,
थे भी चालो म्हारे साथ,,2हाआ थे भी चालो
2no. दोहा
नित उठ पूजा ज्योतिषी , पूज्या देव तमाम ,
एक पुत्तर के कारण में , पड्यो भांझनी नाम,
अर्ज मान ल्यो थे पीव म्हारी ,
खाटू में है श्याम बिहारी,
आशा पुरे दाता व्थारी ,
जल्दी सी करो थे चढाई रे,,,
गौड़ बंगाल से....(God bangal se)
ब्राह्मण जद बात मानी,
सासु सुसरा अंट गया
दौरानी जिठानी देवर-
जेठ सारा नट ग्या,
खाटू घणो दूर लागे
सारा घर का नटग्या,
पुत्तर को भी बीयोग सेती
सुणो म्हारा सासुजी,
कालजो उफ़ान आवे ,
सूखे कोणी आँसु जी,
लाग्यो ह् उमाओ म्हारे,
में तो खाटू ज्यासु जी,,
देवर जिठानी ननद ने,
यु कहती समझाय,
घर में दोलत धन घणो जी
कुण पिसे कुण खाय,
आने जाने में दिन दस लागे
खाण पीवण ने ले ल्यो सागे
कुन जाणे के होसी आगे,
सास नणद समझाई रे,
खाटू में देखी ,
रथड़े में बैठ गया ,
नाम ले गणेश को,
घणा दिना से चाव लाग्यो,
मरुधर देश को,
मनडे में विश्वाश म्हारे ,
खाटू के नरेश को,
दोनु मानस चाल पड्या,
घर मंजला घर कूंचा,
खाटू हाले खारडे में
दोपहरी में जाय पहुंच्या,
बड़ी बड़ी जॉन्टी खड़ी,
बड़ा बड़ा खड्या रूंख ,,हा हा हाजी
दोफारी को तावड़ो ,
धाड़ी मिलग्या चार,
धन की पेटी लूट ली जी,भाई
दियो विप्र ने मार,
धाड़ी लूट लियो ह् रथ ने,
कुण जाणे दाता तेरी गत ने
पड़यो तड़फतो देख्यो कंत ने,
कुरजा ज्यूँ कुरजाई रे,
हो श्याम धणी दातार,
गयो करतार,उम्र मेरी बाली,महाराज
में आई बेटो लैण ,
पत्ती दे चाली ,
मेरी सास नणद रही बर्ज,
पुत्र की गरज,ब्रंजता चाली,महाराज
में आई भरण ने गोद,
मांग होई खाली,
में पाछी किस बिद जाँऊ,
में खाय जहर मर जाँऊ
पति के संग जल मर जाँऊ
दुनिया में नाम कर जाउ ।।
सासुजी सुनेगा मेरी,
कुछ ना रहे बाकी ।
गेल को इतिहास बाबा,
जँगा जँगा भरे साखी ।ई
जद जद भीड़ पड़ी,
नारियों की लाज्ज राखी,।
गणिका,अहिल्या,भिलनी,
कुबड़ी और कर्मा बाई ।
नानी बाई को भात जिस्यो, भरे कोणी सागी भाई,
मेरी बात राख धणी,
साँचो जाण शरण आई,
दोरपति की लाज रखी ,
मेरो राख सुहाग ।
बन में अबला लूट गई,रे भाई
जाग धनिडा जाग,,
ब्राह्मण को मुख जोवन लागि,
धीरज मन को खोवण लागे,
बिलख 2 कर रोवण लागि,,
आखिर जात लुगाई,,,
देखी श्याम तेरी
सुणो भगत की अर्ज,इंद्र स्यु गरज,सिंघासन धुज्यो,,,,महाराज
तेरा भगत करे अरदास,
श्याम ने पूजयो,।
काच्ची निंद्रा गई टूट,
सांवरो उठ,
सम्भाल्यो घोड़ो,
में बिछुड्यो देऊ रे मिलाय,भगत को जोड़ो,
झठ पाँव पागड़े घाल्यो,
घोड़ो पवन बेग से चाल्यो,
धणी लियो हाथ में भालो
संग में अंजनी को लालो,
भगत पुजारी तेरा ,
खड्या हाथ जोड़ के,
दोफ़ारी में चाल्यो धणी ,
सिंघासन ने छोड़ के ,
डरे मत बेटी तेरो बाबो आवे दौड़के ,
टिबड़े से ढल्यो जद
लीले ने ललकार के ।
दुश्मना की रान्त काटी
मारी तलवार के ।
ब्राह्मण कन आयो धणी ,डाकू ने मार के,
ब्राह्मण सुत्यो ताल में,
सिर धड़ हो रया दोय,
देख दशा भरतार की रे भाई
रही ब्राह्मणी रोय
श्याम धणी तेरे आवे आडो
मोर पंख को दे दियो झाड़ो
ब्राह्मण बदल्यो झठ पसवाड़ो ,
डूबेड़ी नाव ने तिराइ ,
ब्राह्मण किन्यो चेत,रयो ह् देख,
हाथ में भालो,,,,,महाराज एजी
बो खड्यो सामने आप,
भगत रखवालो,
श्याम कहे सुण बिप्र ,छोड़ दे फ़िक्र,
घरा थे चालो,,,,,,महाराज,एजी
बो मारणियो सँ बड़ो बचावन हालो,
ब्राह्मणी उठी रे हरसाई,
धणी की माया दरसाई
झठ पड़ी चरण में आई,
मन भोत घणी तरसाई,
बाबो बोले ह
देर होगी माफ़ करदे,
बोल रयो खाटू नाथ ।।
पीताम्बर से आंसू पुछ्या,
धरयो ह् सर पर हाथ,।।
मुख सेती मांगले ,
सो देऊ इण स्यात,।।
अन्न धन का भंडार भरे,
भू बेटा से आंगणो ।।ं
ज्ञान को प्रकाश करदे,।
ह्रदय में चानङो ,
मरया पछै मुक्ति दे दे,
और कांई मांगणो,
अन्न धन दिन्या मोकला,
पुत्र घणो परिवार,
दूजो जग में ह् कोण ह् जी
श्याम जिस्यो दातार ,
श्याम नाम को मार्ग झिणो,
श्याम नाम को अम्रत पीनो,
ब्रज मोहन को गाँव ह् रिणो,
प्रभु जी
हे नाथ नारायण वासुदेवा श्री कृष्णा गोविंद हरे मुरारी जय श्री राम🙏🙏🙏🙏🙏
जय श्री नाथ जी महाराज की
Shri nathji Maharaj ki Jai ho
JAi shree nath ji ki
Jay ho
जय श्री नाथ जी
Jay Shree nath ji ki
Jai shri nath ji maharaj ki
जय नाथजी की
Jai Shri Nath ji Maharaj
Bolo nath ji maharaj ki jav ho