38. कठोपनिषद् 5/3-6 आत्मा शरीर के प्राणों के कैसे चलता है?
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- Опубликовано: 7 июн 2024
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आचार्य जी सादर नमस्ते 🙏🙏🌺🌻🌹🌻🌺🚩🕉️🌄🙏🙏🌳🌱
Great work guru dhanyvad 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
सादर नमस्ते आचार्य जी
ओम् , सादर प्रणाम आचार्य जी।
आचार्य जी सादर नमस्कार 🎉🎉🎉🎉
ये कोनसा श्लोक है ? आप बता सकते हो ?
भैया मेरा सवाल समझ आया तो जरूर वीडियो बनाना
सवाल
क्या जीव के अमरता के साथ मस्तिष्क का अमरता भी संभव है? तो ऐसे जीव का ज्ञान भी सदैव रह होगा
Budhi ek hi rahti hai jab tak Moksh nahi mil jaata. Nayi shristi banti hai to phir se budhi Manas tatva se banti hai. Yadi moksh nahi mila ho to uski nayi copy taiyar hoti hai nayi shristi ke time.
@@abhishekarya3314 Manas तत्व क्या है
@@abhishekarya3314 मोक्ष मिलने पर क्या आत्म लीन हो जाता है क्या
यदि नही तो उसमें सोचने वीरचरने की शक्ति तो होगी ही