तात्या की मुलाकात साईं बाबा से और चाँद पाटिल बने साईं भक्त | Best of Saibaba Stories

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  • Опубликовано: 9 фев 2025
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    एक दिन तात्या अपने माता से पूछता है की उसके बड़े भैया कहाँ है वो हमसे मिलने भी नहीं आते हैं मैं उन्हें मना कर ले आऊँगा। तात्या जंगल में साई को ढूँढने के लिए निकल पड़ता है और उन्हें कहता है की वो भी उनसे मिले बिना घर नहीं जाएगा। साई उसकी बात सुनकर वहाँ आते हैं और उसे अपने बारे में बताते हैं की मैं ही तुम्हारा भाई हूँ। तात्या को खोजते हुए बायजा और पाटिल के साथ गाँव वाले आते हैं। साई और तात्या एक दूसरे के साथ बातें करते हैं और खेलते हैं। साई बाबा से मिलने की बात को तात्या सभी को बताता है तो कुलकरनी उसका मज़ाक़ उड़ता है। तात्या सभी को साई के दिए हुए दो पैसे दिखता है जिसमें से एक पैसा श्रद्धा का है और दूसरा सबूरी का।
    नबिला को देखने के लिए चाँद पाटिल अपनी पत्नी के साथ आते हैं और उसका रिश्ता सलीम के साथ पक्का कर देते हैं। चाँद पाटिल को रास्ते में डाकू घेर लेते हैं और उनका सारा सामान लूट लेते हैं। चाँद पाटिल अपने घर चले जाते हैं। चाँद पाटिल अपनी पत्नी को डाके की बात छुपाने के लिए कहते हैं। चाँद पाटिल जंगल में अपनी घोड़ी को खोजने के लिए जाते हैं। जंगल में उसे साई मिलते हैं वो चाँद पाटिल को उसकी घोड़ी दिखाते हैं तो वो उसे पकड़ने के लिए जाता है लेकिन वो भाग जाती है। चाँद पाटिल फिर से साई के पास आते हैं तो साई उसे कहते हैं की अपनी घोड़ी को पुकारो वो तुम्हारे पास अवश्य आ जाएगी। चाँदी पाटिल अपनी घोड़ी को पुकारते हैं तो वो उसके पास वापस आ जाती है। चाँद पाटिल को प्यास लगती है तो साई उसे अपने चमत्कार से ज़मीन से पानी निकल कर पिलाते हैं। साई को चाँद पाटिल अपने भांजे सलीम की शादी के लिए निमंत्रण देता है। चाँद पाटिल के पिता की तबियत अचानक से ख़राब हो जाती है। चाँद पाटिल की पत्नी सलीम को वैद्य को लाने के लिए भेजती है। साई बाबा चाँद पाटिल के साथ उसके गाँव की ओर चलते हैं। चाँद पाटिल के पिता को दिल का दोरा पड़ता है। वैद्य की दवा का कोई असर नहीं होता और उसकी हालत और भी ख़राब हो जाती है चाँद पाटिल की पत्नी उनके ससुर की तबियत ख़राब होने का समाचार भेजते हैं। साई बाबा और चाँद पाटिल दोनों उसके गाँव में पहुँच जाते हैं। चाँद पाटिल के पिता चमत्कारी रूप से ठीक हो जाते हैं। चाँद पाटिल अपने भांजे की बारात को ले जाने की तैयारी करता है। चाँद पाटिल बारत लेकर चल पड़ता है इसका समाचार शिरडी भी भेज दिया जाता है। साई बाबा भी बारात के साथ शिरडी आते हैं। बारत का स्वागत किया जाता है। साई बाबा चाँद पाटिल को सलीम का नबिला के साथ निकाह करने के लिए कह कर खंडोबा मंदिर जाते हैं। साई बाबा मंदिर के बाहर ही बैठ जाते हैं महालसापति साई को आदर सहित कहते हैं की आप मंदिर से चले जाए। महालसापति साई को मुस्लिम समझ बैठते हैं इसलिए वो साई को जाने को कहते हैं। साई महालसापति को याद दिलाते हैं की 10 साल पहले तुम हाई मुझे इस मंदिर में लेकर आए थे। महालसापति साई को पहचान लेते हैं और साई नाम से पुकारते हैं और क्षमा माँगते हैं। पाटिल साई को देख कर अपने घर जाते हैं और बायजा को सारी बात बताते हैं। बायजा अपने बेटे साई को देखने के लिए मंदिर की ओर जाती है। साई अपनी मा की आवाज़ सुन मंदिर के बाहर आ जाते हैं। दोनो एक दूसरे के गले लग जाते हैं और ख़ुशी से रोने लगते हैं। साई से बायजा मिल कर बहुत खुश होती है और साई को शिरडी में ही रुकने के लिए मना लेती हैं। साई भी शिरडी में रुकने के लिए राज़ी हो जाते हैं।
    Music And Lyrics - Ravinder Jain
    Associate Director - Mayur Vaishnav, Madan Sinha
    Co-Producer - Subhash Sagar, Prem Sagar, Jyoti Sagar
    Co-Director - Anand Sagar, Moti Sagar
    Writer - Ramanand Sagar
    Producer - Ramanand Sagar
    Director - Ramanand Sagar
    In association with Divo - our RUclips Partner
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