दाग कहाँ से लागा चुनर में | निर्गुण भजन | गायक - विजय कुमार"अनजान" | गीतकार - कबीरदास जी

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  • Опубликовано: 13 янв 2025
  • यह निर्गुण भजन कबीर साहेब द्वारा रचित है।
    इसमें व्यक्ति अपने पंच भौतिक शरीर मे अनेक कर्मों द्वारा
    दाग लगाता है, और जीवात्मा को कर्म बंधन मे उलझाकर
    रक्खा है। जब जीवात्मा की सच्ची नेह गुरु भगवान् से लग जाती है तो उसे इस संसार रूपी भवसागर से मुक्ति मिल जाती है।
    Singer-- vijay kumar"anjan"
    LYRICS-- Kabirdas ji
    Musicians -- suresh"chulbul"(keyboard), sangam tiwari"durbasa"(octopaid), vijay kumar"anjan"(Tabla)
    Video recording -- Dev film production
    sound -- saroj sound sindhaura bajar , varanasi .
    video editing-- pradeep"deep"
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