गलत सज़ा का जिम्मेदार कौन है?
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- Опубликовано: 28 июн 2024
- Who is responsible for wrong punishment?
I like to share and discuss complex issues in simple words for you.
About Vijay Sardana:
➢Advocate, Supreme Court of India, Delhi High Court, National Green Tribunal and Tribunals
➢25 years of experience in leadership positions in the corporate world, including financial & commodity markets
➢Independent Director on Corporate Boards & on Expert Committees Techno-legal, Techno-commercial & Techno-Economic Policy Expert
➢Agribusinesses Value Chain Investment Strategy & Trade Advisor
➢Research & Innovation Management Advisor
Alumni of PGDM (IIM, Ahmedabad), LLB, M.Sc. (Food Tech) (CFTRI), B.Sc. (Dairy Tech), IPR (WIPO); PGD in Arbitration, Intl. Trade Laws & Alt. Dispute Resolution (ILI, New Delhi), ESG (CFI, US); Intl. Trade Laws (UNCITRAL, Vienna), Contract Law (Yale, USA); Justice (Harvard), International Environmental Laws; Negotiation Strategy (Michigan), Bankruptcy Law (Moscow), Ph.D (Circular Bio-economy) (in progress) (JGU)
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जब ED के पास सबूत नहीं था तो कोर्ट ने जेल कैसे भेज दिया। जेल तो कोर्ट के आदेश से होता है।
@@anandeshwartripathi9880 Jai kisne bheja?
सरकारी सभी कामकाज के लिए ओनलाइन प्लेटफार्म पर डेटा पब्लिक अपलोड करादे कोम्पयुटर का सोफ्टवेयर ही बतायेगा कि कोनसे डोक्युमेंट अपलोड करना है कोनसे विभाग से संबंधित प्रमाण पत्र लेना है कोन सी साइट पर वह प्रमाण पत्र मिलेगा सब डोक्युमेंट अपलोड करने के बाद सोफ्टवेयर से ही जांच हो जायेगी पब्लिक को जो सर्टिफिकेट या डोक्युमेंट या रीपोर्ट चाहिए वह ओनलाइन ही मिल जायें फेसलेस सरकारी कामकाज को पेपरलेस ओर फेसलेस बनाया जाय 12:51
दाल मे काला बादमे आता हे जैसे सुप्रीम कोर्ट मे भी मन बनाया था चाहे कुछ भी हो जमानत तो देनी ही हे लोवर कोर्ट मे भी बगैर सबूत देखे जमानत देदी गईं अब प्लान बी काम कररहा हे ईडी की ही इमेज खराब करो तो सरकार की अपने आप होगी अब ईडी को खुद की शाख कैसे बचानी हे वो जाने खेल यही हे 99 सीट आई अब तो सरकार बदली जायेगी यह सोच हे
USA ke court main sabse pehle evidence ki janch hoti hai.india main bhi aisa hota practically.
ED के अधिकारीओ ने यदि सबूत नही पेश किए थे तो फिर जेल क्यों भेजा गया। ये तो अंदर ही कुछ गड़बड़ी दिख रही है।
अगर हेमंत सोरेन ने कुछ नही किया तो फिर नऊ समन तक भाग क्यों रहे थे ?
Maal khule dil se pahuncha hai janaab..
इसीलिए भाग रहे थे । छः महीने जेल में बिना कुछ ग़लत करे
जज साहब जो कह दिया उसी को सच मान लेना जल्दबाजी होगी क्योंकि ऐसे अनेकों उदाहरण हैं कि एक अदालत आजिवन कारावास का सजा देता है और दूसरा बाइजजत बरी कर रहे हैं
बिल्कुल सही।
केजरीवाल व हेमंत दोनो की स्वीकृत जमानत फैसलों में न्याय का बिन्दु मात्र भी नहीं दिखता है। जमकर भ्रटाचार राशि का लेनदेन हुआ होगा। जाँच एजेंसी को सुप्रीम कोर्ट में इनके विरुद्ध याचिका दायर करना चाहिए।
परवनना और यदुरपपा को जमानत मिली तो ठीक है
अभी हाल ही में कोर्ट ने कहा मेरे पास समय नहीं इतने सबुत देखने के लिए मुझे जमानत देनी है फिर अधिकारी क्या करें।
देश की जनता को अब जजों पर विश्वास नहीं रहा है
न्यायालय का महिमामंडन करने वालों को यह भी बताना चाहिए कि अदालतों में जो करोड़ों मामले लंबित हैं उन जजों की जिम्मेदारी कौन तय करेगा? गरीब लोग सुनवाई के अभाव में जेल में सालों से सड़ रहे हैं। केजू के मामले की मनचाही सुनवाई हो रही है। अदालतों की केजू ने औकात बता दी है। पैसा फेंको तमाशा देखो।
मोदी जी ? भ्रष्टाचार तो खत्म कर दिया। आप कीस दुनिया की बात कर रहे हैं
Ed के पास सबूत है लेकिन हमारे देश की जज करप्ट है
कोर्ट ने 2500 महीलाओं का यौन शौषण करने वाले परवनना को जमानत दे दी , नाबालिगों का यौन शौषण करने वाले यदुरपपा को जमानत दी तो कोर्ट इमानदार थी । जिन पर झुठे केस उन को जमानत दी तो कोर्ट बेइमान।
इन बातो से जनता का भरोसा सरकारों से उठ जाता है और रिश्वत का बाजार सुचार रूप से चलता रहता है और जनता मजबूर हो जाती है
आपने बहुत सटीक विश्लेषण किया है, प्रत्येक व्यक्ति की जिम्मेदारी निर्धारित होना चाहिए, चाहे लिए लोकतंत्र कोई भी स्तंभ हो, जिम्मेदारी के ही अभाव में झूठ और मनगढ़ंत विमर्श का धंधा ख़ूब फल-फूल रहा है।
सबसे पहले नेताओं की जवाबदेही तय होनी चाहिए
बिल्कुल सजा मिलनी चाहिए करप्ट अधिकारी को
सोरेंन लोक सभा में प्रचार नहीं कर पाया, उसको जमानत तो दी नहीं केजरी को दे दी थी
दोनों पर झुठे केस हैं । असली केस वाले प्रफुल पटेल , अजीत पवार , ?
सर, इस तरह का प्रावधान उन लोगो के खिलाफ होना चाहिए जो झूठे और फर्जी केस करते है, झुटी गवाही देते है,अपनी व्यग्तिगत लड़ाई में गलत मुकदमे करते है जैसे sc st act aur भी कई और। इसमें निर्दोष को तो मुसीबत झेलनी ही पड़ती है भले ही वो jhuta मुकदमा हो।
मुख्यमंत्री होते हुए खुद की कंपनी को ठेका दिया था उस केस का क्या होगा।
ईडी ने अपील के लिये समय मांगा कोर्ट ने नही दिया । राहुल को अपील के लिये एक माह का समय मिला । और केश का पता नहीं । बहुत होशियार है और चुप बैठे हैं कहाँ है केश । कृपया विचार करें। धन्यवाद ।
यदि ईडी के पास सबूत नहीं थे तो फिर कोर्ट ने हैमंत सोरेन को पिछले पांच महीने से जेल में क्यों रखा था और तो और सुप्रीम कोर्ट ने भी क्यों जमानत याचिका खारिज की क्या जज नही बिक सकता।
नेता तो कभी गलत होही नहीं सकते, कोर्ट तो काभिभी गलत निकाल दे नहीं सकते..... ..... जो कूच गलात होता है वह आम् जनता से ही होता हैं और उन को तुरंत शिक्षा होना जरुरी है
घोटला तो हुआ होगा सोरेन का बाप खुद रिश्वत लेने के चक्कर मे जेल गया था
Kanoon to Banna chahynirdo
Kanoon to Banna chahiye Nirdosh ko jail bhejne per padadhikari ko saja dena chahiye
जज के फैसले भी विश्वसनीय नही है आज पैसा पर सब बीक रहे है कानुन सही नही है
सिर्फ़ और सिर्फ़ 1% लोगो को खून या कत्ल करने पर सजा मिलती हैं बाक़ी छूट जाते हैं तो कोर्ट को ही बंद कर देना चाहिए।
यही बात हाल महाराष्ट्र मे चल रहा है। आज जो पब और हाॅटेल्स पर बुलडोझर सरकारी अधिकारी चला रहे है, वह मुख्यमंत्री के आदेश की सुचना का राह देख रहा धे। क्यु इसके पहले उन्हाळी ड्युटी नही थी।
जेल भेजने वाले जज को जेल में भेजना चाहिए या फिर जिसने अभी जमानत दिया उसको। न्याय व्यवस्था ने देश का विश्वास खो दिया है।
Sardana ji I am a UK resident,I am sad justice system in India is just a crap.
Nice analysis, sir...officials of ED responsible for detain of Soren in judicial custody must be given exemplary punishment
सोरेन अगर सही है तो अदालत को ईडी के अधिकारियों पर कठोर दंडातमक सजा भी आबशयक किया जाना चाहिए
"सब मिले हुए हुए हैं जी".......जिसका जहां जोर और रौब है व़ो नेता, अधिकारी, इंस्पेक्टर अपने "तरीकों"से काम करता है।कोई फँसे,कोई बचे,इन्हेँ कोई फर्क नहीं पड़ता।
भ्रष्टाचार मिटाने में सभी को कड़ी दर कड़ी अपना सहयोग कानूनी तरीक़े से अवश्य देना चाहिए।यदि हम किसी छोटे भ्रष्टाचारी की शिकायत उसके ऊपर के अधिकारी के पास लेकर जाते हैं तो पता चलता है कि वही अधिकारी और भी "बड़े वाला"है।इसलिये पीड़ित छोटेवाले से ही "सेटिंग गेटिंग"कर अपने कामकाज में लग जाता है।......वंदेमातरम😊
जब बड़े फँसते है तब आपको क़ानून दिखाई दिया
न्यायलयों में जब तक ईमानदारी नही होगी न्याय की उम्मीद करना व्यर्थ है।
कानून और न्यायिक व्यवस्था में आमूल चूल परिवर्तन और सुधार की जरूरत है
जमानत दिया है निर्दोष नही साबित किया है। एफआईआर रद्द नही किया है।सोरेन को जमीन खरीदने के लिए आप ने उधर दिया था क्या।
We sanatanaes are thankless that voted for antinational elements. BJP should bring UCC and repeal worship act and wagfboard with out delay Jai Shri Ram
एक दम सही बात है
Sardana sab.Your videos are really very logical.Koti koti Naman आपकों. Hariom
Sab to fir aise department hi bandh karana chahiye. No police,, No ed or cbi. The need is of reform in judiciary.
न्यायिक कार्य सबसे बड़ा है अहंकार से ग्रसित है
Bjjp leaders deceive sorenji due to bjjp threaten to Sorrento support to bjjp. Punishment is given to wrong doing officer.i salute to Vijay ji ,god bless u for your daring truthful speech
आजकल हम हर रोज फिल्म " गंगाजल " देख रहे हैं।
जब ED के पास सबूत नहीं था तब गिरफ्तार क्यों कि और सबुत थे तो पैरवी ठीक से क्यों नहीं किया। अफसरों पर कार्रवाई होनी चाहिए।
ईडी सीबीआई हो या कोई भी राष्ट्रपति से लेकर चपरासी तक नौकरशाही से लेकर बिजनेसमैन तक सबके संपत्ति और धन दौलत की जांच नियमित अंतराल पर चेकिंग होते रहना जरूरी है
सोरेनजी ५-६ महीने जेल मे रहे, सबुत देखकर कोर्ट ने ही ऊन्हे जेल भेजा तथा रखा, अब कोर्ट ही ऊन्हे सबुतो के अभाव मे बरी कर दिया।
कुल मिला कर न्यायिक व्यवस्था मे आमुलचुल परिवर्तन की आवष्यकता है।
@@prakashjaiswal1720 पूरी दाल भयंकर काली लग रही है
कोठे की कार्यशैली पर भी दो शब्द बोलते। ये भी हो सकता है कि जज बिक गया हो!!!
@@user-tb5cd3uf3p धन दौलत बिट क्वाइन बहुत कीमती होता है।
Sardhana ji aapne aaj bhut h aachha mudda uthaya h ish Bharat desh me aisa he hota h bhut he change karne ke jarurat h
अगर ई डी ने गलत ढंग से गिरिफ्तार किया था तो फ़िर न्यायालय ने बिना उस्को समझे जेल कैसे भेजा? जेल तो न्यायालय भेजता है
I appreciate Sri Sardana the way in which he put up his comments/opinions to eradicate the corruption. Thanks.
MPMLA case में आप शक के आधार पर अरेस्ट नहीं कर सकते हैं जबकि CRPC में investigating officers केवल शक के आधार पर अरेस्ट कर sakta है l MPMLA केस में इसीलिए investigating officers substantial proof के बाद ही अरेस्ट करते हैं l MPMLA case में यह भी प्राविधान है कि यदि investigating officers बिना substantial evidence के अरेस्ट करता है तो investigating officers को दो साल की सजा का प्राविधान है।
सही मुद्दा उठाया🎉 jai maharastra❤
सहमत ऐसे अधिकारियों को सजा मिलनी चाहिए
गलत गिरफ्तार करने वाले ED CBI officers ko punishment milna chahiye
बिलकुल accountability होना चाहिए
भारतीय कानून एवं संहिता में भ्रष्टाचार को मिटाने के लिए कर्मचारी एवंजांच अधिकारी की स्पष्ट जिम्मेदारी होना चाहिए ,।जरूरी है कानून स्पष्ट और न्याय संगत होना चाहिए ताकि बेवकूफ होकर आदमी न्याय की अपेक्षा कर सके लोकतंत्र में जनता से चुनिवी सरकार का यह मौलिक कर्तव्य है इसके लिए विपक्ष को भी आगे आकर कानून बनाने में सहयोग करना चाहिए
हर सरकारी कर्मचारी की जिम्मेदारी ,जवाबदेही और मासिक लक्ष्य (Target) तो तय होना ही चाहिए और उसी अनुसार उसके वेतन और प्रमोशन का निर्धारण भी होना चाहिए।
आपका प्रस्तुतिकरं एक पक्षीय है, क्योंकि ED का पक्ष आपने नहीं रखा है।
It's a very nice interpretation. It should be mandatory to hold the officers responsible. Accountability has to be there otherwise it will continue like this.
जब तक राजनीति में कामचोर, licchad, shaitaan, devil, rakshah ,गैरजिम्मेदार लोग रहेगा ये सब chalega कोई samadhan नहीं h ,manoranjan ठीक है
कंद-मूल मिठाई पर निर्भर है
महोदय आप जो सुझाव दे रहे हैं ,हैं तो उचित किन्तु आज के नेताओं से यह आशा रखना निरर्थक है।क्योंकि उनका किसी को न्याय देना उद्देश्य ही नहीं हैं।
न्यायालय न्यायाधीश भी अब विश्वसनीय नहीं रहे। अजीब फैसला उड़िसा मे हुआ है।
लोकतंत्र की संरचना ही ऐसी है जिसमें भ्रष्टाचार गतिमान ही रहेगा। सन् 1947 आजादी के बाद से अब तक यही देखने में है। हर एक अपराध के पुख्ता सबूत उपलब्ध कराने के कौन से उपाय है। सरकारी कार्मिक भ्रष्टाचार में लिप्त होने का मुख्य कारण सरकार का संरक्षण होना है। आज की जरूरत जिला स्तर पर लोक सेवको के विरूद्ध सुनवाई को न्यायाधिकरण की है।
यह तो कपिल सिब्बल का कमाल है। आप कानून के जानकार हैं। जेल कोर्ट भेजता है एडी नहीं । क्या ऊस जज को जेल भेजा जणा चाहिये।
तन्त्र के अक्षम, भ्र्ष्ट,कामचोर व निकम्मे दोषी अधिकारियों व कर्मचारियों के विरुद्ध भी कार्यवाही अवश्य होनी चाहिए।
पिछले महिने बरेली हायकोर्ट M.P. मे झुठा रेप केस मे,एक लडकीने पाच साल बेगुनाहको जेल भेज दिया था बादमे वो कंप्लेंट झुठी बताई तो,कोर्टने उस लडकीको पाच साल जेलमे भेज दिया और ४/५ लाख का जुर्माना भी लगा दिया,तो कहनेका मतलब ये है की,कोर्ट ही ऐसा सज्ञान लेनेलगी तो बडा बदलाव आ सकता है,
Your suggestions for reducing corruption are very correct.
कोर्ट को भी सावधानी पूर्वक सभी उपलब्ध तथ्यों को देखकर ही, आरोपित को इडी/सीबीआई/ पुलिस/ज्युडिशियल कस्टडी में भेजना चाहिये।
Ji ekdam sahi...yahi law judges ke liye bhi laagu hona chahiye...
जिस तरह लालू , केजरीवाल और हेमंत सोरेन लुंज पुंज न्याय व्यवस्था के कारण पतली गली से निकल रहे है ... आने वाली कोई भी सरकारें ऐसे मामलो में हाथ नही डालेगी ...
I agree with your submission regarding accountability of public servants. Further I want submit that finally all the disputes reach before the Courts of law, where a huge backlog, so I want supplement with your submission that almost all types of civil cases should be Refer to arbitration, we have huge qualified arbitrators but not judges, due to lack infrastructure. Then most Courts time will spent on adjudication of Criminal matters, that will be able to dispose early.
अब जनता को भारत के न्यायाधीशों पर विस्वास नही रहा। सब रिश्वत खोर भर गये है
A very good analysis. Law should be enacted fixing accountability and provisions must be made for inaction/malicious actions of the Govt. servants.
Judiciary reform karo **
Time bond judgement ,
Officers ko bhi sajja do **
Sarkaree jami thee ?? Complain kon karta ??
Record kya kahta hai , Ranchi ka bacha bacha janta
hai ??
Sardana jee 2010 kee pahlee ye jamin kiskee thee ??
RACORD MEE BHI GHOTALA HUWA HOGA ??
New law protecting police😮 is in operation from today. The judicial system is also not looking at the damage to the person. For this Mamata Banerjee has placed her frank opinin on judiciary where the CJI was sharing a platform.Very appropriate argument against the loopholes.
I always appreciate you
Sirji court ab nam ki rah gayi hai court ke phaisle sab mili Bhagat ho Rahi hai
भारत में कभी एक भी अपराधी नहीं है, नेताजी तो बहुत दूर की बात है।
बंगाल में धंनजय को मौत की सजा संदिग्ध थी। वह तो इस दुनियाँ से चला गया लेकिन रहस्य गर्त में दब गए।
You are absolutely right Sir...👍👌💪🙏
जब हेमंत सोरेन के खिलाफ कोई सबूत नही थे तो सुप्रीम कोर्ट ने ऊस जमानात क्यू नही दी?सुप्रीम कोर्ट ने भी तो यह सवाल पूछे होंगे?फिर हायकोर्ट इस मतीचे पर कैसे पहुंचा?
VIJAY SARDANA SIR KO koti koti 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩
आपने एक महत्वपूर्ण समस्या की ओर आम जनता या सरकार का ध्यान आकर्षित किया है__झूठी केस में फसाने वाले सरकारी कर्मचारी से, दाद मांगने का प्रावधान होना चाहिए _ सौम्य सजा याने एक से तीन महीने तक निलंबन वगैरा वगैरा __ ed ki सुनवाई एक जज्ज के सामने या दो जज्जो के सामने हुई, यह बताया नही__
अश्वनी duve जी सही कहते हैं कि हर जिले या कोर्ट में पॉलीग्राफ टेस्ट मशीन लगाई जाय जिसे की सच्चाई सामने आ जाएगी पॉलीग्राफ टेस्ट ko अनिवार्य किया जाय
सरदाना जी, मैं बहुत पहले से इस पर गहन चिंतन में हूँ.. कि जो सरकारी अधिकारियों के लिए इम्युनिटी अंग्रेजों ने अपने अधिकारियों के लिए दी थी..
क्या अब अमृतकल में भारत के. पब्लिक सर्वेंट की भी प्रोफेशनल जिम्मेदारी यह नहीं होनी चाहिए.?? जैसे प्राइवेट कंपनी में।
यह सबसे पड़ा प्रश्न है. और भ्रष्टाचार नियंत्रण, उन्मूलन नही, में यह सबसे बड़ी बात है कि सरकारी तंत्र के अधिकारियों की इम्युनिटी हटाकर.. उन्हें प्रोफेशनल बनाया जाए। ॐ
न्यायधीश यांच्या मालमतेची चोकशी करून त्यांना सजा द्या तसेच त्यांच्या कार्यालयातील रजिष्टर यांच्या मालमतेची चोकशी करावी कारण तारीख वाढविण्यासाठी पैसा रजिष्ट्रार घेतात
I think suggestions made here are good & logical
हमारी न्याय प्रणाली पर विश्वास नहीं रहा आज कल देश मे
सरदाना जी जजो की accountability भी तय होनी चाहिए .
अब देश की अदालतों पर बिश्वास नहीं किया जा सकता।
क्या कोही अधिकारी किसीको जेल भेज सकता है ? कोर्ट के आदेश के बगैर किसी को जेल नही हो सकती।
जुडीशरी में भी भ्र्स्टाचारि घुसे हुए हैं..... **जयहिन्द**
Officers must be accountable for their wrongful act
इसके लिए भी कानून बनना चाहिए और जवाबदेही तय होनी चाहिए।
सरकारी सभी कामकाज के लिए ओनलाइन प्लेटफार्म पर डेटा पब्लिक अपलोड करादे कोम्पयुटर का सोफ्टवेयर ही बतायेगा कि कोनसे डोक्युमेंट अपलोड करना है कोनसे विभाग से संबंधित प्रमाण पत्र लेना है कोन सी साइट पर वह प्रमाण पत्र मिलेगा सब डोक्युमेंट अपलोड करने के बाद सोफ्टवेयर से ही जांच हो जायेगी पब्लिक को जो सर्टिफिकेट या डोक्युमेंट या रीपोर्ट चाहिए वह ओनलाइन ही मिल जायें फेसलेस सरकारी कामकाज को पेपरलेस ओर फेसलेस बनाया जाय 12:51
Yes you are right sir I hope government take an action like this subject and make the new law about 👍
Bahut hi achha सुझाव है।
अधिकारियों को पैसा वसूलने के लिए नेता लोग दबाव डालते हैं, ठेकेदारों से कमीशन लिया जाता है तभी तो सङकें और पुल बनते बनते ही टूट जाते हैं।
Yes sir, your suggestion are valid, send to pm, p.o, hm, other concerned departments
Agar kisi ne 9 Acre zamin ke kiye complaint nahi kiya to iska yah matlab hua ki zamin Aasman se aaya aur Sibu Soren/ Hemant Soren ke pocket me baith gaya. Sibu Soren koi Land Lord to nahi the. Aur 2010 me bhi inko zamin mili to len den to hua hoga. Kahan se aaya itna paisa Hemant Soren ke paas.
Gazab ka ligic diya hai High Court ke MeLords ne. Kahin murder hua ho aur dead body recover na ho to CRIME hua hi nahi. Wah re Court, lage raho...
हेमंत सोरेन के मामले में कोर्ट ने जो आज कहा है वह तो शुरू में ही कह सकता था कि सोरेन के खिलाफ एफ आई आर कहाँ है ? क्या इस मामले में कोर्ट को भी दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए ? आखिर कोर्ट ने दस्तावेज तो देखे ही होंगे ।
Billion salutes to you sir ji for suggestions!
जेल तो कोर्ट ने भेजा हे यदि ed सबूत नही थे तो जज जिमेददार हे जिसने जेल भेजा ही न की ED
आखिर जजों को न्याय मे गड़बड़ी की अपील आम जनता किसके पास करेगी! वे तो न्याय के महादानव बन बैठे है उनको क्या?
भारत में भ्रष्टाचार जब तक खत्म होगा नही, जब तक कड़ा संपत्ति नियंत्रण कानून लागू होता नही___भ्रष्टाचार नही कराने वालों की १% से भी कम है__.(लेकिन हम भ्रष्टाचार को, पैसे की लेन देन तक ही सीमित रखा है_ _)
Sir l am seeing ur all the videos.l think u richly deserve to be the adviser to pM Modiji. U know the pulse and remedy of all the subjects.Moreover u are an Engineer & IIM from Ahemdabad.I honestly salute u
Dear Mr Sardhana
You have raised this issue is very important.
In fact I wish, as you said you must pursue any MP of any party to bring private. Bill in Parliament and must do proper voting.
I have also suffered with such activities of inspector. You are senior advocate and file a pIL in SC to fight with system.
Hope you will take care of this issue..
Regards
K k agarwal
सबूत नहीं होता तो एससी में सोरेन को पहले ही जमानत मिल जाती।