मेनका ने क्या कुकर्म किये विश्वामित्र की तपस्या भंग करने के लिए

Поделиться
HTML-код
  • Опубликовано: 5 сен 2024
  • मेनका ने क्या कुकर्म किये विश्वामित्र की तपस्या भंग करने के लिए #JapTapVrat
    मेनका स्वर्गलोक की सर्वश्रेष्ठ अप्सराओं में से एक है। यह उल्लेख किया गया है कि उसने ऋषि विश्वामित्र की तपस्या भँंग की। नारद मुनि ने देवराज इंद्र को बताया कि पृथ्वीलोक में एक ऋषि वन में घोर तपस्या में लीन हैं।
    उनकी तपस्या में किसी भी विघ्न से कोई असर नहीं पड़ रहा है। यह सुनकर इंद्र को अपने इंद्रलोक की सत्ता जाने का भय सताने लगा। कई सालों से तपस्या में बैठे विश्वामित्र का शरीर पत्थर की तरह कठोर हो चुका था। उन पर मेनका की उपस्थिति या खूबसूरती का कोई असर नहीं पड़ा।
    वह काम को अपने वश में कर चुके थे।अप्सरा मेनका जिस योजना के साथ धरती पर आई थी, वह काम तो सफल हो गया था। ऋषि की तपस्या भंग हो चुकी थी लेकिन अब वह भी मन में उनके प्रति प्रेम का अनुभव करने लगी थी।
    उनके साथ गृहस्थ आश्रम बिताने के कुछ वर्षों बाद मेनका ने एक पुत्री को जन्म दिया। अब संन्यासी विश्वामित्र पूरी तरह से गृहस्थ बन चुके थे।
    मेनका ने इसके बाद ऋषि विश्वामित्र को बताया कि वह स्वर्गलोक की अप्सरा है और उनकी तपस्या भंग करने के लिए देवताओं ने उन्हें धरती पर भेजा था। यह सुनकर विश्वामित्र बहुत दुखी हुए।
    मेनका ने अपनी पुत्री को वहीं छोड़कर उनसे विदा ले ली। विश्वामित्र ने उस कन्या को जंगल में एक ऋषि के आश्रम में छोड़ दिया। बाद में वही कन्या शकुंतला नाम से जानी गई।
    Mail ID:- info@vianetmedia.com

Комментарии • 168