मेरी करुणा निधान निर छिर विवेकी यथार्थ ज्ञान दर्पण है जी मेरे प्यारे सद्गुरु देव जी की पावन चरनों में कोटि कोटि प्रणाम आपकी चरन रज शिष्या अंजनी उपमा 🙏🙏🙏
महाराज जी आपको मैं अपना आदर्श मानता हूँ लेकिन यह अर्थ गलत है, ईश्वर का अंश ही आत्मा है और ईश्वर आत्मा दोनों अमर हैं आपने आत्मा का उदाहरण लकड़ी और घड़े के पानी से दिया है जो सही नहीं है, आत्मा का उदाहरण परमात्मा से ऐसे जैसे समुद्र से कितना भी पानी निकाल लो लेकिन समुद्र का पानी कम नहीं होता ऐसे ही आत्मा और परमात्मा हैं, आत्मा अंश है और परमात्मा समुद्र जैसा अंशी है
कबीर स्वरूप करुणामय मेरे सदगुरु अभिलाष देव साहेब जी के पावन चरणों में कोटिश नमन ।❤
Bahut hi sundar vichar
🌹🌹🌹🌹🙏🙏🙏🙏
Saheb bandagi saheb
मेरी करुणा निधान निर छिर विवेकी यथार्थ ज्ञान दर्पण है जी मेरे प्यारे सद्गुरु देव जी की पावन चरनों में कोटि कोटि प्रणाम आपकी चरन रज शिष्या अंजनी उपमा 🙏🙏🙏
पूज्य गुरुदेव के चरणों में नमन करता हूं
मेरे प्यारे सद्गुरु देव जी की पावन चरणों में कोटिकोटि प्रणाम आपकी चरण शिष्या अंजनी उपमा कबीर कल्याण आश्रम लाफिन खुर्द महासमुंद छ०ग० 🙏🙏🙏
Jay Jay ho guru dev 🙏🕉️🙏
Saheb bandagi saheb bandagi saheb bandagi
साहेब बन्दंगी साहेब बन्दंगी साहेब बन्दंगी देवराज गुर्जर टोंक राजस्थान
स्वरूप लीन आचार्य सद्गुरु श्री अभिलाष साहेब जी के पावन चरणों में कोटि कोटि नमन त्रय बार साहेब बन्दगी साहेब बन्दगी साहेब बन्दगी
Saprem saheb bandagi saheb ji 🙏🙏🙏❤️
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Saheb bandagi guruji
Sehab Bandagi saheb bandagi saheb bandagi 👏
Bahut Sundar pravachan Sahib Ji ke Charanon Mein sat sat Naman Sahib Bandagi
Sahebje sprem bandgi
Saheb bandagi saheb bandagi
सद्गुरु ,आपके पावन चरणों की भक्ति पाकर
सद्गुरु आपके पावन चरणों की भक्ति पाकर मेरा जीवन धन्य हो गया है।
येसा ज्ञान की बात दुर्लभ है, अभिलाष साहेब जसा बिड़ला साहेब हैं, साहेब बंदगी, प्रणाम कोटि कोटि धमतरी छत्तीसगढ़ महेंद्र सोनखरचा
❤❤सतनाम❤❤साहेब बंदगि,जी,❤❤ना,आवो,ना,जावो,ना,जन्मे,ना,मेरे,सोई,नीज पियू,हमारा,हो,कहे,कबीर,अमर,कर,राखोजो,नींज होऐ,हमारा,हो,,सतनाम❤❤जी,गुरू,जी
महाराज जी आपको मैं अपना आदर्श मानता हूँ लेकिन यह अर्थ गलत है, ईश्वर का अंश ही आत्मा है और ईश्वर आत्मा दोनों अमर हैं आपने आत्मा का उदाहरण लकड़ी और घड़े के पानी से दिया है जो सही नहीं है, आत्मा का उदाहरण परमात्मा से ऐसे जैसे समुद्र से कितना भी पानी निकाल लो लेकिन समुद्र का पानी कम नहीं होता ऐसे ही आत्मा और परमात्मा हैं, आत्मा अंश है और परमात्मा समुद्र जैसा अंशी है
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Aatma hi Ishwar hai