New ghazal Yei soch kar by Muhammad Ali

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  • Опубликовано: 22 ноя 2024

Комментарии • 8

  • @addisonernest4092
    @addisonernest4092 7 месяцев назад +2

    Sunny jimmy Khan sb k 7 sai enjoy kr k gaaty hn m.ali Khan sb .....

  • @AlokeshBagchi
    @AlokeshBagchi 8 месяцев назад +1

    ये सोच कर के ग़म के ख़रीदार आ गए
    हम ख़्वाब बेचने सर ए बाज़ार आ गए
    यूसुफ़ न थे मगर सर-ए-बाज़ार आ गए
    ख़ुशफहमियाँ ये थीं कि ख़रीदार आ गए
    हम कजअदा चिराग़ कि जब भी हवा चली
    ताको को छोड़कर सर-ए-दीवार आ गए
    फिर इस तरह हुआ मुझे मक्तल में छोड़कर
    सब चारासाज़ जानिब-ए-दरबार आ गए
    अब दिल में हौसला न सकत बाज़ुओं में है
    अब के मुक़ाबले पे मेरे यार आ गए
    आवाज़ दे के ज़िन्दगी हर बार छुप गयी
    हम ऐसे सादादिल थे कि हर बार आ गए
    सूरज की दोस्ती पे जिन्हें नाज़ था फ़राज़
    वो भी तो ज़ेर-ए-साया-ए-दीवार आ गए - अहमद फ़राज़
    मायने
    कजअदा = जिसमें कोई संकोच न हो, मक्तल = वध स्थल, चारासाज़ = हकीम, जानिब-ए-दरबार = दरबार की और, सकत = बल/ताकत, ज़ेर-ए-साया-ए-दीवार = दीवार की छाया में
    Read more: www.jakhira.com/2022/02/ye-sochkar-ke-gham-ke-kharidar-aa-gaye.html#ixzz8TZDH7ApR
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  • @AlokeshBagchi
    @AlokeshBagchi 8 месяцев назад +1

    ما شاء الله

  • @harisjimmy5552
    @harisjimmy5552 8 месяцев назад

    Qabilay tareef performance ji 🎉

  • @AlokeshBagchi
    @AlokeshBagchi 8 месяцев назад +1

    Huzur Muhammad Sahib.. Ustad Tari Sahib ke saath isse phir record karein. Please ...!

  • @AlokeshBagchi
    @AlokeshBagchi 8 месяцев назад +1

    Tabla Nawaaz , aap ki bandish kaan mein khatak raha hai Ji

    • @nabeelgill2297
      @nabeelgill2297 4 месяца назад

      Isko bass kinar ka PATA hai thaap Ka PATA hi nai