Srijan | Mudra Rakshash

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  • Опубликовано: 18 дек 2024

Комментарии • 17

  • @adityavishal91
    @adityavishal91 4 года назад +6

    दलित चिंतन पर अद्भुत साक्षत्कार।
    सुखासीन समाज से उपेक्षित समाज, जिनके लिए अवकाश के दिन भी अवकाश नहीं होता। विचारणीय संवाद।

  • @satyendrasinghbhadauriya
    @satyendrasinghbhadauriya 2 года назад +1

    मुद्राराक्षस मेरे प्रिय साहित्यकार हैं। वे मेरे घनिष्ठ मित्र भी थे। यथार्थवादी लेखन में अविस्मरणीय लेखक। बहुत बहुत बधाई

  • @Adityakumar-qr1zh
    @Adityakumar-qr1zh Год назад

    An intelligent and aware interviewer extracting meaningful conversation

  • @amarsinghrathore2418
    @amarsinghrathore2418 4 года назад +2

    दिव्यम् भव्यम् । नितरां चेत: प्रसादयति।

  • @rambachanpal2210
    @rambachanpal2210 Год назад +1

    सादर नमन दादा

  • @RAJESHBhai9514
    @RAJESHBhai9514 4 года назад +2

    आप महान हैं सर 👌👌👌👌👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍👍

  • @Sham9561MK
    @Sham9561MK 4 года назад +2

    Thanks

  • @hindi_sahitya001
    @hindi_sahitya001 2 года назад +1

    बहुत सुंदर...

  • @pardeepjangra6856
    @pardeepjangra6856 4 года назад +3

    शुद्व हिंदी के सागर में गोते लगा कर बहुत अच्छा महसूस कर रहा हु, संवाद बिल्कुल उचित ह। इतने सारे subscriber होने के बावजूद दर्शक गायब है। ये एक चिंता और दुःख का विषय है।

  • @shubhambarot3596
    @shubhambarot3596 4 года назад +1

    धन्यवाद जी 🙏

  • @nirmalyadav7509
    @nirmalyadav7509 4 года назад +1

    बहुत खूब

  • @UmeshShukla-j8b
    @UmeshShukla-j8b Год назад

    Om namah shivaya om

  • @ManojSharma-cx7gp
    @ManojSharma-cx7gp Год назад

    ❤❤🙏

  • @rakeshnathanchor3427
    @rakeshnathanchor3427 6 месяцев назад

    दलित विमर्श के हस्ताक्षर मुद्राराक्षस

  • @येजीवनहै-ठ3ग
    @येजीवनहै-ठ3ग 4 года назад +2

    आप सर्वनाम नहीं, संज्ञा में बात करते हैं।