मूल कमल जहां गणपत आसन है | कबीर दास जी भजन | निर्गुणी भजन | राजस्थानी भजन | मारवाड़ी भजन | कबीर वाणी

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  • Опубликовано: 13 дек 2024

Комментарии • 5

  • @DayaSevag
    @DayaSevag 5 месяцев назад +1

    Jay Ho ji guru ji

  • @rajphotostudio9689
    @rajphotostudio9689 2 года назад +2

    बहुत शानदार प्रस्तुति

  • @Singer_harphool_yogi
    @Singer_harphool_yogi 2 года назад +1

    Very good

    • @YogiNirguniBhajan
      @YogiNirguniBhajan  2 года назад

      महाराज की मधुर वाणी के भजनों को अधिक से अधिक लोगों तक प्रसारित करने का श्रम करावे

    • @ganeshlal6295
      @ganeshlal6295 2 года назад

      Very good